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"ज़ख़्मी दुश्मनों में दम ले तो मरे न ले तो मरे" शब्द से संबंधित परिणाम

मरे

die

मरेलिया

مریل شخص (بطور تحقیر مستعمل) ۔

मरे दिल से

unwillingly

मरे पीछे

मरने के बाद

मरे न जिए बकर बकर करे

रुक : मरे ना पीछा छोड़े, जो आदमी हरवक़त तंग करे उसे भी कहते हैं, जब तक ज़िंदा है तंग करेगा

मरे न जिए हकर हकर करे

रुक : मरे ना पीछा छोड़े, जो आदमी हरवक़त तंग करे इस के मुताल्लिक़ कहते हैं, जब तक ज़िंदा है तंग करेगा

मरे हुए होना

फ़िदा होना, मोहित होना, आशिक़ होना

मरे जाएँ मलहारें गाएँ

पेट से फ़ाक़ा मगर कोई पर्वा नहीं

मरे के बा'द

मरने के बाद, मौत के बाद

मरे जाएँ मलहार गाएँ

पेट से फ़ाक़ा मगर कोई पर्वा नहीं

मरे माँ , जीवे मासी

अगर माँ मर जाये और ख़ाला जीती रहे तो बच्चे पुल जाते हैं क्योंकि उस की मुहब्बत भी माँ के बराबर होती है

मरे मुर्दे उखेड़ना

۔اگلی پچھلی باتوں کی بکھاں کرنا۔

मरे मुर्दे उखाड़ना

अगली पिछली बातों को छेड़ना

मरे हुओं पर मत रोओ बल्कि बेवक़ूफ़ों पर गिर्या करो

(तुर्की कहावत उर्दू में मुस्तामल) । मुरदे को रोने से बेहतर है बेवक़ूफ़ की बेवक़ूफ़ी का मातम करें

मरे पर सौ दुर्रे

मरे को सब मारते हैं

मरे का कोई नहीं, जीते जी के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

मरे की ख़बर लाना

मृत्यु का संदेश लाना, मौत का पैग़ाम लाना, मरने की ख़बर देना

मरे बावा की बड़ी बड़ी आँखें

बाद इवफ़ात बुज़ुर्ग की बज़रगदाशत ज़्यादा करना

मरे को मर जाने दे, हल्वा पूरी खाने दे

स्वार्थी अपना ही लाभ चाहता है

मरेच

काली मिर्च, मिर्च, मिर्च का पौधा

मरे को मारें शाह मँदार

ग़रीब के सब बदख़वाह होते हैं या मुसीबतज़दा पर एक और मुसीबत

मरे पर

मरने पर, मरने के बाद

मरे को मारें शाह मदार

۔مثل غریب کے سب بدخواہ ہوتے ہیں۔(فقرہ)چکروں نے پہلے ہی جان پر بنارکھی تھی بچے کی ضد اور مرے کو مارے شاہ مدار ہوگئی۔

मरे चोर पराए धन

जो दूसरों की संपत्ति निहारता है वह चोर है

मरेचा

رک : مرچا

मरेह-उल-फ़ुवाद

(طب) بیمار ، کمزور ، کمزور دل

मरे को मारे शामत-ज़दा

रुक : मरे को मारें शाह मदार जो ज़्यादा मुस्तामल है

मरे तो शहीद, मारे तो ग़ाज़ी

हर हालत में अच्छाई है

मरे न पीछा छोड़े

वृद्ध व्यक्ति के संबंध में कहते हैं जो बीमार हो और मरे नहीं

मरे पटे

एक अभिशाप वाक्यांश, एक कोसना, गाली

मरे होते

۔میری موجودگی میں۔؎

मरे चोर पराए धन पर

पराए माल की ख़ातिर जान देना हमाक़त है, बेगाना माल मारना आसान नहीं, चोर पराए माल पर अपनी जान खो देता है

मरे घोड़े का ना'ल नफ़ा'

जाती चीज़ में से जो हासिल हो जाये वही सही

मरेजाना

(نباتیات) بسنتی گلاب کے خاندان سے ایک جڑی بوٹی نیز ارغوانی یا سفید پھول جو خراب موسم کی آمد پر کھلنا بند ہو جاتے ہیں

मरे सो हम

मुसीबत सिर्फ़ हमारे लिए है

मरे हुए बैल के बड़े बड़े दीदे

रुक : मरे बावा की बड़ी बड़ी आँखें

मरे पे बेद

वक़्त गुज़र जाने पर कोशिश करने के मौके़ पर कहते हैं

मरे जाना

۱۔ मुज़्तरिब होना, फ़िक्रमंद होना नीज़ जल्दी करना

मरे बैठना

(किसी बात के लिए) तैयार और राज़ी होना

मरे को मारना

दुखी को और कष्ट देना

मरे को मारे शाह मदार

निर्धन का सब बुरा चाहने वाले होते हैं या दुखी एवं पीड़ित पर एक और मुसीबत

मरे पार या भरे पार

जो चाहे करे

माँ मरे

सौगंध के रूप में प्रयोग किया जाता है, अर्थात मेरी सलामती नहीं, मेरी बख़्शिश नहीं

ढोर-मरे

कोसना, बद्दुआ, श्राप, बदगोई

पड़ न मरे लड़ मरे

अज्ञानी झगड़ालू के बारे में कहते हैं, निठल्लेपन से बेरोज़गारी बेहतर है

डूब मरे

(कलमा-ए-तनफ़्फ़ुर) ग़ारत हो जा, दुनिया से मुंह छिपा ले, मुंह ना दिखा, दफ़ान हो जा, इस ख़जालत से तो बेहतर है कि मिर्जा (किसी बुराई की मज़म्मत में कहते हैं

लीपूँ ओटा मरे मोटा

आचार्य जी ब्रह्मनों के संबंध में कहते हैं

आसा जिए निरासा मरे

امید سے دل کو سہارا ملتا ہے، اور نا امید مرتا ہے

पेटू मरे पेट को, नामी मरे नाम को

पेटू का ध्यान हर समय खाने पर रहता है और प्रतिष्ठित को अपनी प्रतिष्ठिा एवं सम्मान का

तुम्हारे मरे देस पाक , हमारे मरे देस ख़ाक

शेखी भगारने के मौक़ा पर कहते हैं

तुम्हारे मरे देस ख़ाक , हमारे मरे देस पाक

फ़िरोतनी और आजिज़ी ज़ाहिर करने को कहते हैं

मर्द मरे नाम को, ना-मर्द मरे नान को

जवाँ-मर्द आदमी नेकनामी के लिए जान से गुज़र जाता है लेकिन कमीना आदमी रोटी के टुकड़ों पर मरता है

भूमियाँ तो भूमी पे मरे, तू क्यों मरे बुटेर

भुमिहार तो भुमि के लिए लड़ता है तो ए बटेर क्यों लड़ती है, जहाँ कोई चाहे न चाहे में लड़ाई मोल ले वहाँ कहते हैं

फिर कौन मरे कौन जिए

ज़िंदगी का कोई एतबार नहीं काम फ़ौरन करना चाहीए ये काम अभी करना चाहिए फिर का क्या भरोसा क्या हो

माँ मरे मौसी जिये

माँ और मौसी की मोहब्बत में कोई अंतर नहीं, माँ मर जाए तो मौसी बच्चों की देखभाल करती है

मा मरे माैसी जिये

यानी मा मर जाएगी तो ख़ाला पाल लेगी यानी मा और ख़ाला में कुछ फ़र्क़ नहीं है

आसा मरे निरासा जिए

प्रतीक्षा करने वाले का जीवन प्रतीक्षा के सदमे से कड़वा हो जाता है इस से तो प्रतीक्षा ना करने वाला अच्छा कि उस को प्रतीक्षा का सदमा नहीं उठाना पड़ता

जिए आसा मरे निरासा

उम्मीद पर जहां क़ायम है

कोसा जिए असीसी मरे

मरना जीना किसी की ख़ाहिश से नहीं बल्कि मुक़द्दर से होता है जिसे मरने की बददुआ दी जाये वो नहीं मरता जिस को जीने की दुआ दी जाये वो मर जाता है

फिर कौन मरे , कौन जिए

۔ مثل یعنی کام جلد ہونا چاہئے آئندہ نہیں معلوم کیا واقعہ پیش آئے۔

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ज़ख़्मी दुश्मनों में दम ले तो मरे न ले तो मरे के अर्थदेखिए

ज़ख़्मी दुश्मनों में दम ले तो मरे न ले तो मरे

zaKHmii dushmano.n me.n dam le to mare na le to mareزَخمی دُشمَنوں میں دَم لے تو مَرے نَہ لے تو مَرے

कहावत

ज़ख़्मी दुश्मनों में दम ले तो मरे न ले तो मरे के हिंदी अर्थ

  • हर हालत में बर्बादी है, बचने का रासता नहीं
  • किसी काम के करने या न करने में दोनों तरह से हानि होना, शत्रुओं में घिर कर हानि ही होती है
  • दोनों तरह से संकट, शत्रुओं को अगर मालूम हो जाए कि अभी यह ज़िंदा है तो वे मार डालेंगे और सांस लेना बंद कर दे तो स्वयं ही मर जाएगा

زَخمی دُشمَنوں میں دَم لے تو مَرے نَہ لے تو مَرے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ہر صُورت میں تباہی ہے، مفر کی صورت نہیں
  • کسی کام کے کرنے اور نہ کرنے میں دوںوں طرح سے نقصان ہونا، دشمنوں میں گِھر کر نقصان ہی ہوتا ہے
  • دونوں طرح سے مصیبت، دشمنوں کو معلوم ہو جائے کہ ابھی زندہ ہے تو وہ مار ڈالیں گے اور سانس لینا بند کر دے تو خود ہی مر جائے گا

Urdu meaning of zaKHmii dushmano.n me.n dam le to mare na le to mare

  • Roman
  • Urdu

  • har suu.orat me.n tabaahii hai, mufir kii suurat nahii.n
  • kisii kaam ke karne aur na karne me.n dono.n tarah se nuqsaan honaa, dushmno.n me.n ghar kar nuqsaan hii hotaa hai
  • dono.n tarah se musiibat, dushmno.n ko maaluum ho jaaye ki abhii zindaa hai to vo maar Daalenge aur saans lenaa band kar de to Khud hii mar jaa.egaa

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मरे

die

मरेलिया

مریل شخص (بطور تحقیر مستعمل) ۔

मरे दिल से

unwillingly

मरे पीछे

मरने के बाद

मरे न जिए बकर बकर करे

रुक : मरे ना पीछा छोड़े, जो आदमी हरवक़त तंग करे उसे भी कहते हैं, जब तक ज़िंदा है तंग करेगा

मरे न जिए हकर हकर करे

रुक : मरे ना पीछा छोड़े, जो आदमी हरवक़त तंग करे इस के मुताल्लिक़ कहते हैं, जब तक ज़िंदा है तंग करेगा

मरे हुए होना

फ़िदा होना, मोहित होना, आशिक़ होना

मरे जाएँ मलहारें गाएँ

पेट से फ़ाक़ा मगर कोई पर्वा नहीं

मरे के बा'द

मरने के बाद, मौत के बाद

मरे जाएँ मलहार गाएँ

पेट से फ़ाक़ा मगर कोई पर्वा नहीं

मरे माँ , जीवे मासी

अगर माँ मर जाये और ख़ाला जीती रहे तो बच्चे पुल जाते हैं क्योंकि उस की मुहब्बत भी माँ के बराबर होती है

मरे मुर्दे उखेड़ना

۔اگلی پچھلی باتوں کی بکھاں کرنا۔

मरे मुर्दे उखाड़ना

अगली पिछली बातों को छेड़ना

मरे हुओं पर मत रोओ बल्कि बेवक़ूफ़ों पर गिर्या करो

(तुर्की कहावत उर्दू में मुस्तामल) । मुरदे को रोने से बेहतर है बेवक़ूफ़ की बेवक़ूफ़ी का मातम करें

मरे पर सौ दुर्रे

मरे को सब मारते हैं

मरे का कोई नहीं, जीते जी के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

मरे की ख़बर लाना

मृत्यु का संदेश लाना, मौत का पैग़ाम लाना, मरने की ख़बर देना

मरे बावा की बड़ी बड़ी आँखें

बाद इवफ़ात बुज़ुर्ग की बज़रगदाशत ज़्यादा करना

मरे को मर जाने दे, हल्वा पूरी खाने दे

स्वार्थी अपना ही लाभ चाहता है

मरेच

काली मिर्च, मिर्च, मिर्च का पौधा

मरे को मारें शाह मँदार

ग़रीब के सब बदख़वाह होते हैं या मुसीबतज़दा पर एक और मुसीबत

मरे पर

मरने पर, मरने के बाद

मरे को मारें शाह मदार

۔مثل غریب کے سب بدخواہ ہوتے ہیں۔(فقرہ)چکروں نے پہلے ہی جان پر بنارکھی تھی بچے کی ضد اور مرے کو مارے شاہ مدار ہوگئی۔

मरे चोर पराए धन

जो दूसरों की संपत्ति निहारता है वह चोर है

मरेचा

رک : مرچا

मरेह-उल-फ़ुवाद

(طب) بیمار ، کمزور ، کمزور دل

मरे को मारे शामत-ज़दा

रुक : मरे को मारें शाह मदार जो ज़्यादा मुस्तामल है

मरे तो शहीद, मारे तो ग़ाज़ी

हर हालत में अच्छाई है

मरे न पीछा छोड़े

वृद्ध व्यक्ति के संबंध में कहते हैं जो बीमार हो और मरे नहीं

मरे पटे

एक अभिशाप वाक्यांश, एक कोसना, गाली

मरे होते

۔میری موجودگی میں۔؎

मरे चोर पराए धन पर

पराए माल की ख़ातिर जान देना हमाक़त है, बेगाना माल मारना आसान नहीं, चोर पराए माल पर अपनी जान खो देता है

मरे घोड़े का ना'ल नफ़ा'

जाती चीज़ में से जो हासिल हो जाये वही सही

मरेजाना

(نباتیات) بسنتی گلاب کے خاندان سے ایک جڑی بوٹی نیز ارغوانی یا سفید پھول جو خراب موسم کی آمد پر کھلنا بند ہو جاتے ہیں

मरे सो हम

मुसीबत सिर्फ़ हमारे लिए है

मरे हुए बैल के बड़े बड़े दीदे

रुक : मरे बावा की बड़ी बड़ी आँखें

मरे पे बेद

वक़्त गुज़र जाने पर कोशिश करने के मौके़ पर कहते हैं

मरे जाना

۱۔ मुज़्तरिब होना, फ़िक्रमंद होना नीज़ जल्दी करना

मरे बैठना

(किसी बात के लिए) तैयार और राज़ी होना

मरे को मारना

दुखी को और कष्ट देना

मरे को मारे शाह मदार

निर्धन का सब बुरा चाहने वाले होते हैं या दुखी एवं पीड़ित पर एक और मुसीबत

मरे पार या भरे पार

जो चाहे करे

माँ मरे

सौगंध के रूप में प्रयोग किया जाता है, अर्थात मेरी सलामती नहीं, मेरी बख़्शिश नहीं

ढोर-मरे

कोसना, बद्दुआ, श्राप, बदगोई

पड़ न मरे लड़ मरे

अज्ञानी झगड़ालू के बारे में कहते हैं, निठल्लेपन से बेरोज़गारी बेहतर है

डूब मरे

(कलमा-ए-तनफ़्फ़ुर) ग़ारत हो जा, दुनिया से मुंह छिपा ले, मुंह ना दिखा, दफ़ान हो जा, इस ख़जालत से तो बेहतर है कि मिर्जा (किसी बुराई की मज़म्मत में कहते हैं

लीपूँ ओटा मरे मोटा

आचार्य जी ब्रह्मनों के संबंध में कहते हैं

आसा जिए निरासा मरे

امید سے دل کو سہارا ملتا ہے، اور نا امید مرتا ہے

पेटू मरे पेट को, नामी मरे नाम को

पेटू का ध्यान हर समय खाने पर रहता है और प्रतिष्ठित को अपनी प्रतिष्ठिा एवं सम्मान का

तुम्हारे मरे देस पाक , हमारे मरे देस ख़ाक

शेखी भगारने के मौक़ा पर कहते हैं

तुम्हारे मरे देस ख़ाक , हमारे मरे देस पाक

फ़िरोतनी और आजिज़ी ज़ाहिर करने को कहते हैं

मर्द मरे नाम को, ना-मर्द मरे नान को

जवाँ-मर्द आदमी नेकनामी के लिए जान से गुज़र जाता है लेकिन कमीना आदमी रोटी के टुकड़ों पर मरता है

भूमियाँ तो भूमी पे मरे, तू क्यों मरे बुटेर

भुमिहार तो भुमि के लिए लड़ता है तो ए बटेर क्यों लड़ती है, जहाँ कोई चाहे न चाहे में लड़ाई मोल ले वहाँ कहते हैं

फिर कौन मरे कौन जिए

ज़िंदगी का कोई एतबार नहीं काम फ़ौरन करना चाहीए ये काम अभी करना चाहिए फिर का क्या भरोसा क्या हो

माँ मरे मौसी जिये

माँ और मौसी की मोहब्बत में कोई अंतर नहीं, माँ मर जाए तो मौसी बच्चों की देखभाल करती है

मा मरे माैसी जिये

यानी मा मर जाएगी तो ख़ाला पाल लेगी यानी मा और ख़ाला में कुछ फ़र्क़ नहीं है

आसा मरे निरासा जिए

प्रतीक्षा करने वाले का जीवन प्रतीक्षा के सदमे से कड़वा हो जाता है इस से तो प्रतीक्षा ना करने वाला अच्छा कि उस को प्रतीक्षा का सदमा नहीं उठाना पड़ता

जिए आसा मरे निरासा

उम्मीद पर जहां क़ायम है

कोसा जिए असीसी मरे

मरना जीना किसी की ख़ाहिश से नहीं बल्कि मुक़द्दर से होता है जिसे मरने की बददुआ दी जाये वो नहीं मरता जिस को जीने की दुआ दी जाये वो मर जाता है

फिर कौन मरे , कौन जिए

۔ مثل یعنی کام جلد ہونا چاہئے آئندہ نہیں معلوم کیا واقعہ پیش آئے۔

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