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यूँ ही के यूँ ही

اِسی طرح ، اُسی طرح ، جوں کے توں ، جیسا تھا ویسا ہی

यूँ ही हो

(دعائیہ کلمہ) خدا کرے اسی طرح ہو ، ایسا ہی ہو ، خدا کرے آج یوں ہی ہو

यूँ ही है

इसी तरह है, ऐसा ही है

है यूँ ही

इसी तरह है, है यही, यही बात है, सही बात ही ये है

यूँ ही सी

ذرا سی ، تھوڑی سی ، معمولی سی.

यूँ ही सा

ज़रा सा, थोड़ा सा, हल्का, नाममात्र, बराए नाम

यूँ ही से

थोड़े से, मामूली से, हल्क से

यूँ ही नहीं

ऐसे ही नहीं, बे कार नहीं, बे मक़सद नहीं

यूँ ही का यूँ ही रह जाना

इसी तरह रह जाना, जैसा है इसी हालत में पड़ा रह जाना, कुछ काम न आना (धन साधन आदि)

यूँ ही सही

इस तरह भी मंज़ूर है, ये भी स्वीकार है, ये भी क़ुबूल है, इस में भी इनकार नहीं, हम यूँ भी ख़ुश हैं, इसी तरह ठीक है, इसी तरह दरुस्त है

कुछ यूँ ही सा

واجبی سا، سرسری سا

यूँ ही रह जाना

ऐसे ही रह जाना, बिना कारण फंस जाना

तक़दीर यूँ ही थी

क़िस्मत में ऐसा ही लिखा था, ऐसा ही होना था, (नुक़सान के समय पर सांत्वना के लिए कहा जाता है)

चल यूँ ही सही

OK, agreed

यूँ ही टर्ख़ा दिया

ख़हाली खोला टाल दिया, नाकामयाब रुख़स्त क्या, कुछ ना दिया, नाकाम रखा, मतलब पूरा ना किया

तक़दीर का बदा यूँ ही था

इसी तरह भाग्य में लिखा था, प्रारब्ध ऐसा ही था, कर्म रेखा यही थी, यह काम ऐसे ही होना था

के साथ ही

immediately upon

यूँही का यूँ ही रह जाए

(अविर) को सुना: तुम्हारी सब दौलत ज़ाए होजाए, कुछ तेरे काम ना आए

तक़दीर का लिक्खा यूँ ही था

भाग्य का लिखा यही था, यही होना था, इसी तरह होना था, भाग्य में इसी तरह होना था

शेरों के शेर ही होते हैं

शूरवीरों के बच्चे शूरवीर होते हैं

मोची के मोची ही रहे

कंगाल के कंगाल ही रहे

मोची के मोची ही रहे

कंगाल के कंगाल ही रहे

दुल्हा ही के सर सहरा

जो सरदार होता है सब कुछ उसी के हाथ में होता है

पापी के मन में पाप ही बसे

उद्दंड व्यक्ति हर समय उद्दंडता ही की बातें सोचता रहता है

अपना है ही ना दूसरे के दानी

झूठ-मूठ की डींगें मारने वाला, दूसरे के माल पर दानी बनना

कुछ खो के ही सीखते हैं

हानि उठा कर के ही सीख मिलती है

कुछ खो ही के सीखते हैं

हानि उठा कर के ही सीख मिलती है

क़सम खाने ही के लिए है

दग़ाबाज़ लोग क़सम खाने की कुछ पर्वा नहीं करते, झूटों का मक़ूला है कि क़सम खाने कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता झूटी हो या सच्ची

दुल्हा ही के सर सेहरा है

जो सरदार होता है सब कुछ उसी के हाथ में होता है

हाथी के दाँत फ़क़त देखने ही के हैं

रुक : हाथी के दाँत खाने के और अलख

हमेशा रो के ही जनम गुज़रा

सदा रंज-ओ-ग़म में मुबतला रहते हैं, सदा मुसीबत ही में मुबतला रहे, हमेशा ही तंगदसत रहे

अभी तो बेटी बाप ही के घर है

अभी तक मुआमला क़ाबू से बाहर नहीं हुआ, अभी अवस्था में सुधार संभव है

अँगूठे के बा'द छँगुलिया ही आती है

आमतौर पर छोटे ही बड़ों की अनुसरण करते हैं (जिस तरह नापने में जहाँ पहला अँगूठा रखते हैं बाद में वहीं छँगुलिया रखते हैं)

मुर्ग़ी के ख़्वाब में दाना ही दाना

मनुष्य हर समय अपने ही मतलब की बात सोचता है

बेटी बाप ही के घर है

अभी क्रियान्वयन नहीं हुआ है, अभी कुछ नहीं बिगड़ा है, (उस अवसर पर बोलते हैं जब पूर्व-निर्धारित योजना में क्रियान्वयन से पहले कोई दोष या ख़राबी दिखाई दे)

सास के पूत सब ही बराबर

दोनों एक जैसे, दोनों में कोई अंतर नहीं

मुर्ग़ों के ख़्वाब में दाना ही दाना

जो आदमी के दिल में होता है वही ख़्वाब में दिखाई देता है, इंसान हर वक़्त अपने मतलब ही की बातें सोचता है, बिल्ली के ख़्वाब में छीचड़े

मलूले दिल के दिल ही में रहना

इच्छा पूरी न होना, ख़्वाहिश न पूरी होना

कश्ती लालच ही के सबब डूबती है

लालच से काम बिगड़ता है

जितना ज़मीन के ऊपर उतना ही नीचे

जितना ऊपर इतना ही नीचे

अच्छों के अच्छे ही होते हैं

अच्छे आदमी की संतान और वंशज भी अच्छे ही होते हैं

आज के थपे आज ही नहीं जलते

आज के थापे उपले आज ही नहीं जलते अर्थात उन्हें सूखने में समय लगता है

आज के थबे आज ही नहीं जलते

आज के थापे उपले आज ही नहीं जलते अर्थात उन्हें सूखने में समय लगता है

पिसनहारी के पूत को चबैना ही लाभ

आश्रित या निर्धन व्यक्ति को थोड़ा लाभ भी बहुत है

पिसनहारी के पूत को चना ही लाभ

आश्रित या निर्धन व्यक्ति को थोड़ा लाभ भी बहुत है

तुम ही बड़े बाप के बेटे सही

तुम ही बड़े दर्जे के हो

जले हुए तो यूँ ही कहा करते हैं

जिन को तकलीफ़ पहूँची हो वह तकलीफ़ देने वाले को बद-दुआएँ अर्थात श्राप देते हैं

सब ऐक ही नाव के सवार हैं

सब की हालत एक ही जैसी हो तो कहते हैं

रोटी ही के कार ने दर दर माँगें भीक , रोटी ही के वास्ते करें कार सब ठीक

रोटी की ख़ातिर भीक मांगते फिरते हैं और रोटी ही के लिए नौकरी करते हैं

किरिया और तरकारी खाने ही के लिए है

झूठी सौगंध खाए तो उसकी औचित्यता में कहते हैं

जितना ऊपर है उतना ही ज़मीन के नीचे

رک: جتنا اوپر اتنا ہی نیچے .

सुब्ह होती है शाम होती है, उम्र यूँ ही तमाम होती है

जीवन क्षणभंगुर है यूँ ही बीत जाता है, सुब्ह-शाम ही में जीवन समाप्त हो जाता है

सावन के अंधे को हरा ही हरा सूझे

सावन के अंधे को हर तरफ़ हरा-भरा नज़र आता है

हो ही के रहना

बहरहाल हो जाना, ज़रूर होना

कोल्हू के बैल को घर ही कोस पचास

ग़रीब मज़दूर को घर में मुसीबत रहती और नसीब की गर्दिश से ग़रीब हीराब-ओ-सरगरदां रहता है, मुसीबत के मारे को घर में भी आराम नहीं मिलता

बिल्ली के ख़्वाब में छीछड़े ही छीछड़े

जिस मज़ाक़ का आदमी होता है उसको वैसा ही ख़याल रहता है

बछ्ड़ा खूंटी ही के बल कूदता है

हर व्यक्ति पक्षधर के बल पर अकड़ता है, हर एक अपने ज़बरदस्त माध्यम पर विश्वास रखता है

सब ऐक ही थैली के बट्टे हैं

जहाँ सबके स्वार्थ एक जैसे हों अथवा सब एक जैसी ही बात कहते हों वहाँ कहा जाता है

कहते के साथ ही

بہت آسانی سے ، بلادقَت.

मुफ़्लिस की जवानी , जाड़े की चाँदनी यूँ ही जाती है

चीज़ का बे कार और बेफ़ाइदा ज़ाए होना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में यूँ ही के यूँ ही के अर्थदेखिए

यूँ ही के यूँ ही

yuu.n hii ke yuu.n hiiیُوں ہی کے یُوں ہی

یُوں ہی کے یُوں ہی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • اِسی طرح ، اُسی طرح ، جوں کے توں ، جیسا تھا ویسا ہی

Urdu meaning of yuu.n hii ke yuu.n hii

  • Roman
  • Urdu

  • i.isii tarah, isii tarah, juu.n ke tuu.n, jaisaa tha vaisaa hii

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यूँ ही के यूँ ही

اِسی طرح ، اُسی طرح ، جوں کے توں ، جیسا تھا ویسا ہی

यूँ ही हो

(دعائیہ کلمہ) خدا کرے اسی طرح ہو ، ایسا ہی ہو ، خدا کرے آج یوں ہی ہو

यूँ ही है

इसी तरह है, ऐसा ही है

है यूँ ही

इसी तरह है, है यही, यही बात है, सही बात ही ये है

यूँ ही सी

ذرا سی ، تھوڑی سی ، معمولی سی.

यूँ ही सा

ज़रा सा, थोड़ा सा, हल्का, नाममात्र, बराए नाम

यूँ ही से

थोड़े से, मामूली से, हल्क से

यूँ ही नहीं

ऐसे ही नहीं, बे कार नहीं, बे मक़सद नहीं

यूँ ही का यूँ ही रह जाना

इसी तरह रह जाना, जैसा है इसी हालत में पड़ा रह जाना, कुछ काम न आना (धन साधन आदि)

यूँ ही सही

इस तरह भी मंज़ूर है, ये भी स्वीकार है, ये भी क़ुबूल है, इस में भी इनकार नहीं, हम यूँ भी ख़ुश हैं, इसी तरह ठीक है, इसी तरह दरुस्त है

कुछ यूँ ही सा

واجبی سا، سرسری سا

यूँ ही रह जाना

ऐसे ही रह जाना, बिना कारण फंस जाना

तक़दीर यूँ ही थी

क़िस्मत में ऐसा ही लिखा था, ऐसा ही होना था, (नुक़सान के समय पर सांत्वना के लिए कहा जाता है)

चल यूँ ही सही

OK, agreed

यूँ ही टर्ख़ा दिया

ख़हाली खोला टाल दिया, नाकामयाब रुख़स्त क्या, कुछ ना दिया, नाकाम रखा, मतलब पूरा ना किया

तक़दीर का बदा यूँ ही था

इसी तरह भाग्य में लिखा था, प्रारब्ध ऐसा ही था, कर्म रेखा यही थी, यह काम ऐसे ही होना था

के साथ ही

immediately upon

यूँही का यूँ ही रह जाए

(अविर) को सुना: तुम्हारी सब दौलत ज़ाए होजाए, कुछ तेरे काम ना आए

तक़दीर का लिक्खा यूँ ही था

भाग्य का लिखा यही था, यही होना था, इसी तरह होना था, भाग्य में इसी तरह होना था

शेरों के शेर ही होते हैं

शूरवीरों के बच्चे शूरवीर होते हैं

मोची के मोची ही रहे

कंगाल के कंगाल ही रहे

मोची के मोची ही रहे

कंगाल के कंगाल ही रहे

दुल्हा ही के सर सहरा

जो सरदार होता है सब कुछ उसी के हाथ में होता है

पापी के मन में पाप ही बसे

उद्दंड व्यक्ति हर समय उद्दंडता ही की बातें सोचता रहता है

अपना है ही ना दूसरे के दानी

झूठ-मूठ की डींगें मारने वाला, दूसरे के माल पर दानी बनना

कुछ खो के ही सीखते हैं

हानि उठा कर के ही सीख मिलती है

कुछ खो ही के सीखते हैं

हानि उठा कर के ही सीख मिलती है

क़सम खाने ही के लिए है

दग़ाबाज़ लोग क़सम खाने की कुछ पर्वा नहीं करते, झूटों का मक़ूला है कि क़सम खाने कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता झूटी हो या सच्ची

दुल्हा ही के सर सेहरा है

जो सरदार होता है सब कुछ उसी के हाथ में होता है

हाथी के दाँत फ़क़त देखने ही के हैं

रुक : हाथी के दाँत खाने के और अलख

हमेशा रो के ही जनम गुज़रा

सदा रंज-ओ-ग़म में मुबतला रहते हैं, सदा मुसीबत ही में मुबतला रहे, हमेशा ही तंगदसत रहे

अभी तो बेटी बाप ही के घर है

अभी तक मुआमला क़ाबू से बाहर नहीं हुआ, अभी अवस्था में सुधार संभव है

अँगूठे के बा'द छँगुलिया ही आती है

आमतौर पर छोटे ही बड़ों की अनुसरण करते हैं (जिस तरह नापने में जहाँ पहला अँगूठा रखते हैं बाद में वहीं छँगुलिया रखते हैं)

मुर्ग़ी के ख़्वाब में दाना ही दाना

मनुष्य हर समय अपने ही मतलब की बात सोचता है

बेटी बाप ही के घर है

अभी क्रियान्वयन नहीं हुआ है, अभी कुछ नहीं बिगड़ा है, (उस अवसर पर बोलते हैं जब पूर्व-निर्धारित योजना में क्रियान्वयन से पहले कोई दोष या ख़राबी दिखाई दे)

सास के पूत सब ही बराबर

दोनों एक जैसे, दोनों में कोई अंतर नहीं

मुर्ग़ों के ख़्वाब में दाना ही दाना

जो आदमी के दिल में होता है वही ख़्वाब में दिखाई देता है, इंसान हर वक़्त अपने मतलब ही की बातें सोचता है, बिल्ली के ख़्वाब में छीचड़े

मलूले दिल के दिल ही में रहना

इच्छा पूरी न होना, ख़्वाहिश न पूरी होना

कश्ती लालच ही के सबब डूबती है

लालच से काम बिगड़ता है

जितना ज़मीन के ऊपर उतना ही नीचे

जितना ऊपर इतना ही नीचे

अच्छों के अच्छे ही होते हैं

अच्छे आदमी की संतान और वंशज भी अच्छे ही होते हैं

आज के थपे आज ही नहीं जलते

आज के थापे उपले आज ही नहीं जलते अर्थात उन्हें सूखने में समय लगता है

आज के थबे आज ही नहीं जलते

आज के थापे उपले आज ही नहीं जलते अर्थात उन्हें सूखने में समय लगता है

पिसनहारी के पूत को चबैना ही लाभ

आश्रित या निर्धन व्यक्ति को थोड़ा लाभ भी बहुत है

पिसनहारी के पूत को चना ही लाभ

आश्रित या निर्धन व्यक्ति को थोड़ा लाभ भी बहुत है

तुम ही बड़े बाप के बेटे सही

तुम ही बड़े दर्जे के हो

जले हुए तो यूँ ही कहा करते हैं

जिन को तकलीफ़ पहूँची हो वह तकलीफ़ देने वाले को बद-दुआएँ अर्थात श्राप देते हैं

सब ऐक ही नाव के सवार हैं

सब की हालत एक ही जैसी हो तो कहते हैं

रोटी ही के कार ने दर दर माँगें भीक , रोटी ही के वास्ते करें कार सब ठीक

रोटी की ख़ातिर भीक मांगते फिरते हैं और रोटी ही के लिए नौकरी करते हैं

किरिया और तरकारी खाने ही के लिए है

झूठी सौगंध खाए तो उसकी औचित्यता में कहते हैं

जितना ऊपर है उतना ही ज़मीन के नीचे

رک: جتنا اوپر اتنا ہی نیچے .

सुब्ह होती है शाम होती है, उम्र यूँ ही तमाम होती है

जीवन क्षणभंगुर है यूँ ही बीत जाता है, सुब्ह-शाम ही में जीवन समाप्त हो जाता है

सावन के अंधे को हरा ही हरा सूझे

सावन के अंधे को हर तरफ़ हरा-भरा नज़र आता है

हो ही के रहना

बहरहाल हो जाना, ज़रूर होना

कोल्हू के बैल को घर ही कोस पचास

ग़रीब मज़दूर को घर में मुसीबत रहती और नसीब की गर्दिश से ग़रीब हीराब-ओ-सरगरदां रहता है, मुसीबत के मारे को घर में भी आराम नहीं मिलता

बिल्ली के ख़्वाब में छीछड़े ही छीछड़े

जिस मज़ाक़ का आदमी होता है उसको वैसा ही ख़याल रहता है

बछ्ड़ा खूंटी ही के बल कूदता है

हर व्यक्ति पक्षधर के बल पर अकड़ता है, हर एक अपने ज़बरदस्त माध्यम पर विश्वास रखता है

सब ऐक ही थैली के बट्टे हैं

जहाँ सबके स्वार्थ एक जैसे हों अथवा सब एक जैसी ही बात कहते हों वहाँ कहा जाता है

कहते के साथ ही

بہت آسانی سے ، بلادقَت.

मुफ़्लिस की जवानी , जाड़े की चाँदनी यूँ ही जाती है

चीज़ का बे कार और बेफ़ाइदा ज़ाए होना

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