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क़मर

चाँद, चंद्र, चंद्रमा, शशि, राकेश (विशेषतः तीसरी रात्री के बाद 'चाँद' पहली और दोसरी के चाँद को 'हिलाल' कहा जाता है)

क़मर्या

क़मर-चेहरा

क़मर-जल्वा

क़मर-तल'अत

ख़ूबसूरत, हसीन, चन्द्रप्रभ, चन्द्रकान्त, चन्द्रप्रभा, चन्द्रकान्ता, चाँद-जैसी प्रभा वाला या वाली

क़मर-दर-'अक़रब

क़मरी

चाँद से सम्बन्ध रखने वाला, चन्द्रमास, हिंदी या इस्लामी महीना जो चाँद के हिसाब से होता है, चान्द्रमास

क़मर-सुम

जिसके पाँव या खुर चाँद की तरह (चौड़े गोल और सुंदर) हों

क़मर-बोस

चाँद को चूमने वाला, चाँद को चुम्मा देने वाला

क़मर-वश

चांद जैसा, अर्थात: हसीन

क़मरी-माह

चंद्र मास

क़मरैन

चाँद और सूरज, चन्द्र-सूर्य

क़मर-पैकर

चाँद जैसे शरीर वाला या वाली, चांदी जैसे शरीर वाला, चंद्रांग, चंद्रांगना, प्रतीकात्मक: सुंदर, खुबसूरत

क़मर-ख़दम

वह बड़े लोग जिनका चाँद भी ग़ुलाम हो, अर्थात; राजाओं वोला अंदाज़, रईसाना चाल ढाल और तौर तरीक़े वाला

क़मर-नवर्द

क़मरी-महीना

क़मर-दाग़

क़मर-रिकाब

जिसकी सवारी चाँद की तरह हो (महबूब की तारीफ़ में)

क़मर-सूरत

सुंदर, ख़ूबसूरत, हसीन

क़मर-शमाइल

क़मर-ए-चहार-दहुम

चौदहवीं का चाँद, पूर्ण चंद्रमा, पूरा चाँद

क़मरी-साल

चांद्र-वर्ष, अरबी वर्ष जो चांद के हिसाब से होता है और मुहर्रम से शुरू होने वाला यह अरबी वर्ष अब हिजरी वर्ष कहलाता है

क़मर मुहाक़ में आना

चन्द्रमास महीने की अंतिम तीन रातों में चंद्रमा का ग़ायब होना, ये तिथियाँ शुभ कार्यों के लिए अशुभ समझी जाती हैं

क़मरी-गाड़ी

चाँद गाड़ी, वो गाड़ी जिस पर बैठ कर अंतरिक्ष यात्री चाँद पर घूमते थे

क़मरी-हुरूफ़

क़मरी-तक़्वीम

वो किताब जिसमें साल भर की तारीखें, सितारों के कक्षा और ग्रहण आदि का बयान चांद के हिसाब से होता है, क़मरी या हिज्री कलनडर

कुर्रा-ए-क़मर

चंद्रमा का गोला

'अक्स-ए-क़मर

रश्क-ए-मेहर-ओ-क़मर

जिस पर चाँद और सूर्य भी इर्ष्यालू हों

दौर-ए-क़मर

चाँद के चारों ओर गोल घेरा, चाँद की मंज़िल

सैर-ए-क़मर

चाँद की सैर, चाँद तक पहुँचना, चंद्रलोक की सैर करना।

रश्क-ए-क़मर

ऐसा सुंदर जिसे देख कर चाँद को भी ईर्ष्या हो,

कश्फ़-ए-क़मर

जिर्म-ए-क़मर

इम्तिला-क़मर

(खगोल विद्या) चाँद का पूरा या संपूर्ण होना

ज़र-ओ-क़मर

नूर-ए-क़मर

चांद का नूर, चांद की छिटकती हुई चांदनी

ज़िया-ए-क़मर

मनाज़िल-ए-क़मर

नक्षत्र, जिनकी संख्या 28 है; 1. अश्विनी (शुर्तन-नत्ह), 2. भरणी (बुतैन), 3. कृत्तिका (सुरैया), 4. रोहिणी (दबरान), 5. मृगशिरा (हक़अः), 6. आर्द्रा (हनअः), 7. पुनर्वसु (ज़िराअ), 8. पुष्य (नस्रः), 9. श्लेषा (तर्फः), 10. मघा (जब्हः), 11. पूर्वा फाल्गुनी (जुब्रः), 12. उत्तरा फाल्गुनी (सर्फः), 13. हस्त (अव्वा), 14. चित्रा (सिमाक), 15. स्वाती (अफ़रः), 16. विशाखा (जुबाना), 17. अनुराधा (इक्लील), 18. ज्येष्ठा (क़ल्ब), 19. मूल (शौलः), 20. पूर्वापाढ़ा (नआइम), 21. उत्तराषाढ़ा (बल्दः), 22. श्रवण (सा'-देज़ाबेह), 23. धनिष्ठा (बुला'), 24. शतभिषा (आबियः), 25. पूर्वा भाद्रपद (सऊद), 26. उत्तरा भाद्रपद (मुक़द्दम),27. रेवती (मुअख्खर)

सलसबील-ए-क़मर

(संकेतात्मक) चाँदनी

शक़्क़-ए-क़मर

चाँद के निकलते समय आकाश पर चाक जैसी रेखा

तश्कीलात-ए-क़मर

चन्द्रमा की भिन्न-भिन्न रूप धारण करने की स्थिति

औज-ए-मदार-ए-क़मर

पृथ्वी से चंद्रमा तक की दूरी जो 252970 मील है

निज़ाम-ए-शम्स-ओ-क़मर

सूरज और चांद का विधान

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में वाहिद-मुतकल्लिम के अर्थदेखिए

वाहिद-मुतकल्लिम

vaahid-mutakallimواحِد مُتکَلِّم

वज़्न : 221122

टैग्ज़: व्याकरण व्याकरण

English meaning of vaahid-mutakallim

Noun, Masculine

  • the pronoun that the speaker uses for himself

Roman

واحِد مُتکَلِّم کے اردو معانی

اسم، مذکر

  • (قواعد) ضمیر واحد متکلم ، وہ ضمیر جو کلام کرنے والا اپنے لیے استعمال کرے ۔

Urdu meaning of vaahid-mutakallim

  • (qavaa.id) zamiir vaahid mutakallim, vo zamiir jo kalaam karne vaala apne li.e istimaal kare

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क़मर

चाँद, चंद्र, चंद्रमा, शशि, राकेश (विशेषतः तीसरी रात्री के बाद 'चाँद' पहली और दोसरी के चाँद को 'हिलाल' कहा जाता है)

क़मर्या

क़मर-चेहरा

क़मर-जल्वा

क़मर-तल'अत

ख़ूबसूरत, हसीन, चन्द्रप्रभ, चन्द्रकान्त, चन्द्रप्रभा, चन्द्रकान्ता, चाँद-जैसी प्रभा वाला या वाली

क़मर-दर-'अक़रब

क़मरी

चाँद से सम्बन्ध रखने वाला, चन्द्रमास, हिंदी या इस्लामी महीना जो चाँद के हिसाब से होता है, चान्द्रमास

क़मर-सुम

जिसके पाँव या खुर चाँद की तरह (चौड़े गोल और सुंदर) हों

क़मर-बोस

चाँद को चूमने वाला, चाँद को चुम्मा देने वाला

क़मर-वश

चांद जैसा, अर्थात: हसीन

क़मरी-माह

चंद्र मास

क़मरैन

चाँद और सूरज, चन्द्र-सूर्य

क़मर-पैकर

चाँद जैसे शरीर वाला या वाली, चांदी जैसे शरीर वाला, चंद्रांग, चंद्रांगना, प्रतीकात्मक: सुंदर, खुबसूरत

क़मर-ख़दम

वह बड़े लोग जिनका चाँद भी ग़ुलाम हो, अर्थात; राजाओं वोला अंदाज़, रईसाना चाल ढाल और तौर तरीक़े वाला

क़मर-नवर्द

क़मरी-महीना

क़मर-दाग़

क़मर-रिकाब

जिसकी सवारी चाँद की तरह हो (महबूब की तारीफ़ में)

क़मर-सूरत

सुंदर, ख़ूबसूरत, हसीन

क़मर-शमाइल

क़मर-ए-चहार-दहुम

चौदहवीं का चाँद, पूर्ण चंद्रमा, पूरा चाँद

क़मरी-साल

चांद्र-वर्ष, अरबी वर्ष जो चांद के हिसाब से होता है और मुहर्रम से शुरू होने वाला यह अरबी वर्ष अब हिजरी वर्ष कहलाता है

क़मर मुहाक़ में आना

चन्द्रमास महीने की अंतिम तीन रातों में चंद्रमा का ग़ायब होना, ये तिथियाँ शुभ कार्यों के लिए अशुभ समझी जाती हैं

क़मरी-गाड़ी

चाँद गाड़ी, वो गाड़ी जिस पर बैठ कर अंतरिक्ष यात्री चाँद पर घूमते थे

क़मरी-हुरूफ़

क़मरी-तक़्वीम

वो किताब जिसमें साल भर की तारीखें, सितारों के कक्षा और ग्रहण आदि का बयान चांद के हिसाब से होता है, क़मरी या हिज्री कलनडर

कुर्रा-ए-क़मर

चंद्रमा का गोला

'अक्स-ए-क़मर

रश्क-ए-मेहर-ओ-क़मर

जिस पर चाँद और सूर्य भी इर्ष्यालू हों

दौर-ए-क़मर

चाँद के चारों ओर गोल घेरा, चाँद की मंज़िल

सैर-ए-क़मर

चाँद की सैर, चाँद तक पहुँचना, चंद्रलोक की सैर करना।

रश्क-ए-क़मर

ऐसा सुंदर जिसे देख कर चाँद को भी ईर्ष्या हो,

कश्फ़-ए-क़मर

जिर्म-ए-क़मर

इम्तिला-क़मर

(खगोल विद्या) चाँद का पूरा या संपूर्ण होना

ज़र-ओ-क़मर

नूर-ए-क़मर

चांद का नूर, चांद की छिटकती हुई चांदनी

ज़िया-ए-क़मर

मनाज़िल-ए-क़मर

नक्षत्र, जिनकी संख्या 28 है; 1. अश्विनी (शुर्तन-नत्ह), 2. भरणी (बुतैन), 3. कृत्तिका (सुरैया), 4. रोहिणी (दबरान), 5. मृगशिरा (हक़अः), 6. आर्द्रा (हनअः), 7. पुनर्वसु (ज़िराअ), 8. पुष्य (नस्रः), 9. श्लेषा (तर्फः), 10. मघा (जब्हः), 11. पूर्वा फाल्गुनी (जुब्रः), 12. उत्तरा फाल्गुनी (सर्फः), 13. हस्त (अव्वा), 14. चित्रा (सिमाक), 15. स्वाती (अफ़रः), 16. विशाखा (जुबाना), 17. अनुराधा (इक्लील), 18. ज्येष्ठा (क़ल्ब), 19. मूल (शौलः), 20. पूर्वापाढ़ा (नआइम), 21. उत्तराषाढ़ा (बल्दः), 22. श्रवण (सा'-देज़ाबेह), 23. धनिष्ठा (बुला'), 24. शतभिषा (आबियः), 25. पूर्वा भाद्रपद (सऊद), 26. उत्तरा भाद्रपद (मुक़द्दम),27. रेवती (मुअख्खर)

सलसबील-ए-क़मर

(संकेतात्मक) चाँदनी

शक़्क़-ए-क़मर

चाँद के निकलते समय आकाश पर चाक जैसी रेखा

तश्कीलात-ए-क़मर

चन्द्रमा की भिन्न-भिन्न रूप धारण करने की स्थिति

औज-ए-मदार-ए-क़मर

पृथ्वी से चंद्रमा तक की दूरी जो 252970 मील है

निज़ाम-ए-शम्स-ओ-क़मर

सूरज और चांद का विधान

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