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काम को काम सिखाता है

काम करने ही से आता है, अभ्यास से कौशल पैदा होता है, मनुष्य अनुभव से सीखता है

काम से काम है

۔اپنے مطلب سے غرض ہے اور کسی بات کی پرواہ نہیں۔ ؎

काम अपना ही काम है

जो काम स्वयं किया जाए वही अच्छा होता है

ख़ाम को काम सिखा लेता है

जिसको काम नहीं आता काम पड़ने पर सीख जाता है, अनुभव आदमी को परिपक्व बनाता है, तजरबा आदमी को पक्का बना देता है

काम को नाँ , खाने को हाँ

काम चोर काम करने पर आमादा नहीं होता मगर खाने पर मौजूद रहता है

आदमी को आदमी से सौ दफ़'आ काम पड़ता है

जब कोई किसी का काम करने से बचे तो उसे मनाने के लिए कहते हैं कि मनुष्य ही मनुष्य के काम आता है

है आदमी है काम नहीं आदमी नहीं काम

इंसान के दम क़दम से काम है, इंसान नहीं होता तो काम भी नहीं होता, सारी रौनक इंसान के दम से है, करने वाले के लिए बहुत काम होता है जो न करना चाहे उस के लिए कुछ काम नहीं

क्या काम है

۔کچھ کام نہیں۔ کیا واسطہ۔ کیا علاقہ۔ شادی کے موقع پر رنج کی باتوں کا کیا کام ہے۔ ؎

कार को कार सिखाता है

काम करने ही से आता है, अभ्यास से कौशल पैदा होता है, मनुष्य अनुभव से सीखता है

मेरा काम है

यह मेरा पद है मैं ज़िम्मेदार हूँ

क्या बड़ा काम है

आसान काम है, बहुत सरल है, कुछ मुश्किल नहीं, इस काम में कोई दिक़्क़त नहीं

ज़ब्त को काम फ़रमाना

बर्दाश्त करना, ज़ब्त करना

ग़ैरत को काम फ़रमाना

غیرت کھانا

देखे को बुढी काम को आँधी

औरत तो बुढ़िया है मगर काम बहुत करती है

शैतान का काम वरग़लाना है

शैतान धोखा देकर पाप कराता है

ख़ुदा से काम है

बंदा और अल्लाह के दरमयान ताल्लुक़ है , मुराद : आलिम नज़ा, दम-ए-वापसीं

ख़ुदा काम आता है

ईश्वर ही मदद करता है

ख़ुदा काम आता है

۔خدا مدد کرتا ہے۔ ع

काम को कोढ़ी, मुँह बज्र

जो काम करने से बचे या दूर भागे परंतु खाने के लिए उपस्थित हो उसके प्रति कहते हैं

खाने को बिस्मिल्लाह काम को न'ऊज़ुबिल्लाह

काम चोर, काम से बचने के लिए बहाने बाज़ी और खाने को सब से पहले मौजूद

अल्लाह से काम पड़ा है

जान के लाले पड़े हैं (गंभीर आपदा और संकट के अवसर पर)

ख़ुदा से काम पड़ा है

इस की रहमत पर भरोसा है

खाने को बिस्मिल्लाह काम को अस्तग़्फ़िरुल्लाह

काम चोर, काम से बचने के लिए बहाने बाज़ी और खाने को सब से पहले मौजूद

काम चोर, निवाले को हाज़िर

सुस्त या स्वार्थी व्यक्ति जो काम से जी चुराए और खाने के समय आ जाए, अकर्मण्य

कान पड़ी काम आती है

सुनी सुनाई बात कभी न कभी काम आ ही जाती है, सुनी हुई अच्छी बात किसी वक़्त याद आ सकती है

काम चोर निवाले को हाज़िर

उसके संबंध में कहते हैं जो काम के समय टल जाए और खाने के लिए हाज़िर हो जाए

मछली के जाए को कौन तैरना सिखाता है

अपने पुश्तैनी या ख़ानदानी काम से हर व्यक्ति स्वयं अच्छी तरह परिचित होता है, उसे किसी से सीखने की ज़रूरत नहीं

मछली के पूत को कौन तैरना सिखाता है

अपने पुश्तैनी या ख़ानदानी काम से हर व्यक्ति स्वयं अच्छी तरह परिचित होता है, उसे किसी से सीखने की ज़रूरत नहीं

आदमी के काम आदमी आता है

एक मनुष्य दूसरे मनुष्य की सहायता करता है

क़ाज़ी की मूँछ है बेगार का काम

यह कहावत अन्यायी न्यायाधीशों के संबंध में कही जाती है कि वे वादी और प्रतिवादी से मज]दूरी लिया करते हैं

कोई जिए कि मरे उन को अपने काम से काम

۔मक़ूला। ख़ुदग़रज़ आदमी की निसबत कहते हैं जिस को किसी के रंज विरह हित की पर्वा ना हो।

दोस देना दूसरे को काम करना ख़ुद

स्वयं अपराध करना और आरोप दूसरे पर लगाना, ख़ुद क़सूर करना इल्ज़ाम दूसरे को लगाना

काम को ऊँ हूँ , खाने को हूँ हूँ

रुक : काम चोर नवाले हाज़िर

काम दूल्हा दुल्हन ही से पड़ता है

आपस का मामा आपस ही में तै होजाता है

आदमी का आदमी से काम निकलता है

आदमी ज़रूरत के वक़्त आदमी ही से संपर्क करता है

किस काम को निकला था

जब ग़फ़लत या भूल या बीख़ोदी के सबब अपने असल मक़सूद को भूल कर आदमी दूसरा काम कर बैठता है तो अफ़सोस के साथ ये कलिमा ज़बान पर लाता है

गाड़ी भर आश्नाई काम की नहीं मगर रत्ती भर नाता काम आता है

ज़रा सी क़राबत बहुत सी दोस्ती पर ग़ालिब होती है, वक़्त पड़ने पर रिश्तेदार ही काम आते हैं, बुरे वक़्त पर अपने ही साथ देते हैं

जा से जा को काम सोई ता को राम

जिस से तुझे काम पड़े वही तेरा ख़ुदा है

चाम प्यारा नहीं, काम प्यारा है

मनुष्य की क़दर काम से होती है, शक्ल-ओ-सूरत से नहीं

ज़बान हिलाने से काम निकलता है

थोड़ी सी कोशिश से काम होता है

दिन का काम रात को अंजाम देना

असमय काम करना, बेवक़्त काम करना

जिस का काम उसी को सुहाए

जिस ने जो काम सीखा है वही उसे अच्छी तरह कर सकता है दूसरे के बस का नहीं

कुत्ते को मस्जिद से क्या काम

बुरे आदमी को नेक काम से कोई ताल्लुक़ नहीं होता

खोटा पैसा बुरे वक़्त के काम आता है

ज़रूरत के वक़्त नाकारा और निकम्मी चीज़ भी काम आ जाती है, किसी वस्तु को निकम्मी समझकर मत फेंको, किसी समय वह भी काम आ सकती है

जिस का काम उसी को सोहे

जिस ने जो काम सीखा है वही उसे अच्छी तरह कर सकता है दूसरे के बस का नहीं

जिस का काम उसी को साजे

जिस ने जो काम सीखा है वही उसे अच्छी तरह कर सकता है दूसरे के बस का नहीं

गृहस्ती का काम राँड का चर्ख़ा है

गृहस्ती का धुंद ख़त्म नहीं होता

खोटा पैसा बुरे वक़्त में काम आता है

ज़रूरत के वक़्त नाकारा और निकम्मी चीज़ भी काम आ जाती है, किसी वस्तु को निकम्मी समझकर मत फेंको, किसी समय वह भी काम आ सकती है

वक़्त पर गाँठ का पैसा ही काम आता है

मनुष्य को अपव्यय अर्थात आवश्यकता से अधिक ख़र्च नहीं करना चाहिए बल्कि रुपया जमा करना चाहिए

दस्तार गुफ़तार अपने ही काम आती है

अपनी पगड़ी और अपनी ज़बान दोनों का ख़याल करने में अपना ही भला है

नाम क्या शकर-पारा, रोटी खाए दस-बारा, पानी कितना है मटका सारा, काम करने को लड़का बिचारा

खाता बहुत है परंतु काम नहीं करता

आदमी प्यारा नहीं काम प्यारा होता है

निकम्मे आदमी को कोई पसंद नहीं करता, मेहनती और काम करने वाले आदमी को हर कोई महत्व देता है

मुफ़्लिसी में खोटा पैसा काम आता है

ज़रूरत पर वो चीज़ भी काम आती है जिसे आदमी नाचीज़ समझ कर फेंक देता है, यगाना कैसा ही बुरा क्यों ना हो आड़े वक़्त में ज़रूर मदद है।

चाम प्यारा नहीं, काम प्यारा होता है

मनुष्य की क़दर काम से होती है, शक्ल-ओ-सूरत से नहीं

दस्तार गुफ़तार अपनी ही काम आती है

अपनी पगड़ी और अपनी ज़बान दोनों का ख़याल करने में अपना ही भला है

खोटा पैसा बुरे वक़्त पर काम आता है

ज़रूरत के वक़्त नाकारा और निकम्मी चीज़ भी काम आ जाती है, किसी वस्तु को निकम्मी समझकर मत फेंको, किसी समय वह भी काम आ सकती है

खोटा पैसा कभी काम आता है

रुक : खोटा, पैसा बुरे वक़्त के काम आता है

खोटा पैसा भी काम आता है

ज़रूरत के वक़्त नाकारा और निकम्मी चीज़ भी काम आ जाती है, किसी वस्तु को निकम्मी समझकर मत फेंको, किसी समय वह भी काम आ सकती है

खोटा पैसा खोटा बेटा वक़्त पर काम आता है

अपनी निकम्मी चीज़ भी कभी आवश्यकता के समय काम आ जाती है

मुफ़्त में निकले काम तो काहे को दीजिए दाम

जो चीज़ मुफ़्त या निशुल्क मिलती हो उस पर रुपया नहीं ख़र्च करना चाहिए

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में उस्ताद के अर्थदेखिए

उस्ताद

ustaadاُسْتاد

स्रोत: फ़ारसी

वज़्न : 221

बहुवचन: असातिज़ा

टैग्ज़: शिक्षा

उस्ताद के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन

  • शिक्षक, अध्यापक, (किसी ज्ञान या कला का) सिखाने वाला

    उदाहरण वाल्मीकि लव और कुश के उस्ताद थे

  • प्रोफ़ेसर
  • नेता
  • (साहित्य) पद्य एवं गद्य की त्रुटियों का सुधार करने वाला
  • दोस्त, मित्र, मियाँ (सम्मान एवं श्रद्धा के शब्द की जगह और उनके अर्थ में )
  • नपुंसक, ख़्वाजासरा
  • ( अवामी) नाई, हज्जाम, सार्वजनिक स्नानागार में कार्यरत (नाई) मालिश करने वाला, मालिशिया, बावर्ची, दलाल, हम्मामी, मदक या चांडू पिलाने वाला
  • तवायफ़ आदि को गायन, नृत्य आदि कलाओं की शिक्षा देने वाला, प्रायः 'जी' के साथ प्रयुक्त
  • किसी काम का आरंभ करने वाला, संस्थापक, अविष्कारक
  • गुरु, आचार्य, पथप्रदर्शक, मार्गदर्शक, धर्माचार्य, धार्मिक नेता, इमाम, पीर

विशेषण

शे'र

English meaning of ustaad

Noun, Masculine, Singular

اُسْتاد کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مذکر، واحد

  • معلم، آموز گار، (کسی علم یا فن کا) سکھانے والا

    مثال بالمیکی لَو اور کُش کے استاد تھے

  • پروفیسر
  • قائد، رہنما
  • (ادب) شعر یا کلام نثر پر اصلاح دینے والا
  • دوست، میاں (احترام و خلوص کے الفاظ کی جگہ اور ان کے معنوں میں)
  • (عوامی) نائی، حجام، باورچی، دلاک، حمامی، مدک یا چانڈو پلانے والا
  • طوائف کو گانا بجانا سکھانے والا، عموماً جی کے ساتھ
  • خواجہ سرا، نامرد
  • کسی کام کا آغاز کرنے والا، بانی، موجد
  • گرو، پیر و مرشد، امام

صفت

  • چالاک، عیار، حرّاف، شعبدہ باز، مداری
  • کامل، ماہر، آزمودہ کار (کسی فن، علم یا صناعت وغیرہ میں)

Urdu meaning of ustaad

  • Roman
  • Urdu

  • muallim, aamoz gaar, (kisii ilam ya fan ka) sikhaane vaala
  • profaisar
  • qaa.id, rahnumaa
  • (adab) shear ya kalaam nasr par islaah dene vaala
  • dost, miyaa.n (ehtiraam-o-Khuluus ke alfaaz kii jagah aur un ke maaano.n me.n
  • (avaamii) naa.ii, hajjaam, baavarchii, dalaak, hammaamii, madak ya chaanDo pilaane vaala
  • tavaa.if ko gaanaa bajaanaa sikhaane vaala, umuuman jii ke saath
  • Khavaajaasraa, naamard
  • kisii kaam ka aaGaaz karne vaala, baanii, muujid
  • guru, piir-o-murshid, imaam
  • chaalaak, ayyaar, harraaf, shebdaa baaz, madaarii
  • kaamil, maahir, aazmuudaakaar (kisii fan, ilam ya sanaaat vaGaira me.n

उस्ताद के पर्यायवाची शब्द

उस्ताद से संबंधित रोचक जानकारी

शब्द 'उस्ताद' फ़ारसी से उर्दू में आया। इसका सफ़र ज़रतुश्त धर्म की किताब 'अवेस्ता' से शुरू हुआ जो प्राचीन ईरानी भाषा में थी और उसके समझने वाले भी बहुत कम थे। 'अवेस्ता' के जानने वाले को 'अवेस्ता वैद' कहा जाता था। शब्द 'वैद' आज भी 'हकीम' या 'ज्ञानी' के लिए इस्तेमाल होता है। समय के साथ साथ यह शब्द पहले 'अवेस्ता विद' हुआ फिर 'उस्ताद' हो गया। शुरू में यह शब्द धार्मिक ग्रंथों के समझने समझाने वालों के लिए ही इस्तेमाल होता था, बाद में यह हर तरह की शिक्षा देने वालों के लिए आम हो गया और फिर हर कला के विशेषज्ञ को भी उस्ताद कहा जाने लगा। यह शब्द हिंदुस्तानी क्लासिकी संगीत के बड़े कलाकारों के नाम का हिस्सा ही बन गया। अब आम बोलचाल में यह शब्द नित नए ढंग से मिलता है। चालाकी करना 'उस्तादी दिखाना' बन गया है। बेतकल्लुफी से यार दोस्त भी एक दूसरे को उस्ताद कह कर संबोधित करते हैं। हिंदुस्तानी फ़िल्मों में भी भांति भांति के अच्छे-बुरे पात्र 'उस्ताद' के रूप में नज़र आते हैं और 'उस्तादों के उस्ताद', 'दो उस्ताद' और 'उस्तादी उस्ताद की' जैसे नामों वाली फ़िल्में भी मिल जाती हैं। शागिर्द हैं हम मीर से उस्ताद के रासिख़ उस्तादों का उस्ताद है उस्ताद हमारा

लेखक: अज़रा नक़वी

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काम को काम सिखाता है

काम करने ही से आता है, अभ्यास से कौशल पैदा होता है, मनुष्य अनुभव से सीखता है

काम से काम है

۔اپنے مطلب سے غرض ہے اور کسی بات کی پرواہ نہیں۔ ؎

काम अपना ही काम है

जो काम स्वयं किया जाए वही अच्छा होता है

ख़ाम को काम सिखा लेता है

जिसको काम नहीं आता काम पड़ने पर सीख जाता है, अनुभव आदमी को परिपक्व बनाता है, तजरबा आदमी को पक्का बना देता है

काम को नाँ , खाने को हाँ

काम चोर काम करने पर आमादा नहीं होता मगर खाने पर मौजूद रहता है

आदमी को आदमी से सौ दफ़'आ काम पड़ता है

जब कोई किसी का काम करने से बचे तो उसे मनाने के लिए कहते हैं कि मनुष्य ही मनुष्य के काम आता है

है आदमी है काम नहीं आदमी नहीं काम

इंसान के दम क़दम से काम है, इंसान नहीं होता तो काम भी नहीं होता, सारी रौनक इंसान के दम से है, करने वाले के लिए बहुत काम होता है जो न करना चाहे उस के लिए कुछ काम नहीं

क्या काम है

۔کچھ کام نہیں۔ کیا واسطہ۔ کیا علاقہ۔ شادی کے موقع پر رنج کی باتوں کا کیا کام ہے۔ ؎

कार को कार सिखाता है

काम करने ही से आता है, अभ्यास से कौशल पैदा होता है, मनुष्य अनुभव से सीखता है

मेरा काम है

यह मेरा पद है मैं ज़िम्मेदार हूँ

क्या बड़ा काम है

आसान काम है, बहुत सरल है, कुछ मुश्किल नहीं, इस काम में कोई दिक़्क़त नहीं

ज़ब्त को काम फ़रमाना

बर्दाश्त करना, ज़ब्त करना

ग़ैरत को काम फ़रमाना

غیرت کھانا

देखे को बुढी काम को आँधी

औरत तो बुढ़िया है मगर काम बहुत करती है

शैतान का काम वरग़लाना है

शैतान धोखा देकर पाप कराता है

ख़ुदा से काम है

बंदा और अल्लाह के दरमयान ताल्लुक़ है , मुराद : आलिम नज़ा, दम-ए-वापसीं

ख़ुदा काम आता है

ईश्वर ही मदद करता है

ख़ुदा काम आता है

۔خدا مدد کرتا ہے۔ ع

काम को कोढ़ी, मुँह बज्र

जो काम करने से बचे या दूर भागे परंतु खाने के लिए उपस्थित हो उसके प्रति कहते हैं

खाने को बिस्मिल्लाह काम को न'ऊज़ुबिल्लाह

काम चोर, काम से बचने के लिए बहाने बाज़ी और खाने को सब से पहले मौजूद

अल्लाह से काम पड़ा है

जान के लाले पड़े हैं (गंभीर आपदा और संकट के अवसर पर)

ख़ुदा से काम पड़ा है

इस की रहमत पर भरोसा है

खाने को बिस्मिल्लाह काम को अस्तग़्फ़िरुल्लाह

काम चोर, काम से बचने के लिए बहाने बाज़ी और खाने को सब से पहले मौजूद

काम चोर, निवाले को हाज़िर

सुस्त या स्वार्थी व्यक्ति जो काम से जी चुराए और खाने के समय आ जाए, अकर्मण्य

कान पड़ी काम आती है

सुनी सुनाई बात कभी न कभी काम आ ही जाती है, सुनी हुई अच्छी बात किसी वक़्त याद आ सकती है

काम चोर निवाले को हाज़िर

उसके संबंध में कहते हैं जो काम के समय टल जाए और खाने के लिए हाज़िर हो जाए

मछली के जाए को कौन तैरना सिखाता है

अपने पुश्तैनी या ख़ानदानी काम से हर व्यक्ति स्वयं अच्छी तरह परिचित होता है, उसे किसी से सीखने की ज़रूरत नहीं

मछली के पूत को कौन तैरना सिखाता है

अपने पुश्तैनी या ख़ानदानी काम से हर व्यक्ति स्वयं अच्छी तरह परिचित होता है, उसे किसी से सीखने की ज़रूरत नहीं

आदमी के काम आदमी आता है

एक मनुष्य दूसरे मनुष्य की सहायता करता है

क़ाज़ी की मूँछ है बेगार का काम

यह कहावत अन्यायी न्यायाधीशों के संबंध में कही जाती है कि वे वादी और प्रतिवादी से मज]दूरी लिया करते हैं

कोई जिए कि मरे उन को अपने काम से काम

۔मक़ूला। ख़ुदग़रज़ आदमी की निसबत कहते हैं जिस को किसी के रंज विरह हित की पर्वा ना हो।

दोस देना दूसरे को काम करना ख़ुद

स्वयं अपराध करना और आरोप दूसरे पर लगाना, ख़ुद क़सूर करना इल्ज़ाम दूसरे को लगाना

काम को ऊँ हूँ , खाने को हूँ हूँ

रुक : काम चोर नवाले हाज़िर

काम दूल्हा दुल्हन ही से पड़ता है

आपस का मामा आपस ही में तै होजाता है

आदमी का आदमी से काम निकलता है

आदमी ज़रूरत के वक़्त आदमी ही से संपर्क करता है

किस काम को निकला था

जब ग़फ़लत या भूल या बीख़ोदी के सबब अपने असल मक़सूद को भूल कर आदमी दूसरा काम कर बैठता है तो अफ़सोस के साथ ये कलिमा ज़बान पर लाता है

गाड़ी भर आश्नाई काम की नहीं मगर रत्ती भर नाता काम आता है

ज़रा सी क़राबत बहुत सी दोस्ती पर ग़ालिब होती है, वक़्त पड़ने पर रिश्तेदार ही काम आते हैं, बुरे वक़्त पर अपने ही साथ देते हैं

जा से जा को काम सोई ता को राम

जिस से तुझे काम पड़े वही तेरा ख़ुदा है

चाम प्यारा नहीं, काम प्यारा है

मनुष्य की क़दर काम से होती है, शक्ल-ओ-सूरत से नहीं

ज़बान हिलाने से काम निकलता है

थोड़ी सी कोशिश से काम होता है

दिन का काम रात को अंजाम देना

असमय काम करना, बेवक़्त काम करना

जिस का काम उसी को सुहाए

जिस ने जो काम सीखा है वही उसे अच्छी तरह कर सकता है दूसरे के बस का नहीं

कुत्ते को मस्जिद से क्या काम

बुरे आदमी को नेक काम से कोई ताल्लुक़ नहीं होता

खोटा पैसा बुरे वक़्त के काम आता है

ज़रूरत के वक़्त नाकारा और निकम्मी चीज़ भी काम आ जाती है, किसी वस्तु को निकम्मी समझकर मत फेंको, किसी समय वह भी काम आ सकती है

जिस का काम उसी को सोहे

जिस ने जो काम सीखा है वही उसे अच्छी तरह कर सकता है दूसरे के बस का नहीं

जिस का काम उसी को साजे

जिस ने जो काम सीखा है वही उसे अच्छी तरह कर सकता है दूसरे के बस का नहीं

गृहस्ती का काम राँड का चर्ख़ा है

गृहस्ती का धुंद ख़त्म नहीं होता

खोटा पैसा बुरे वक़्त में काम आता है

ज़रूरत के वक़्त नाकारा और निकम्मी चीज़ भी काम आ जाती है, किसी वस्तु को निकम्मी समझकर मत फेंको, किसी समय वह भी काम आ सकती है

वक़्त पर गाँठ का पैसा ही काम आता है

मनुष्य को अपव्यय अर्थात आवश्यकता से अधिक ख़र्च नहीं करना चाहिए बल्कि रुपया जमा करना चाहिए

दस्तार गुफ़तार अपने ही काम आती है

अपनी पगड़ी और अपनी ज़बान दोनों का ख़याल करने में अपना ही भला है

नाम क्या शकर-पारा, रोटी खाए दस-बारा, पानी कितना है मटका सारा, काम करने को लड़का बिचारा

खाता बहुत है परंतु काम नहीं करता

आदमी प्यारा नहीं काम प्यारा होता है

निकम्मे आदमी को कोई पसंद नहीं करता, मेहनती और काम करने वाले आदमी को हर कोई महत्व देता है

मुफ़्लिसी में खोटा पैसा काम आता है

ज़रूरत पर वो चीज़ भी काम आती है जिसे आदमी नाचीज़ समझ कर फेंक देता है, यगाना कैसा ही बुरा क्यों ना हो आड़े वक़्त में ज़रूर मदद है।

चाम प्यारा नहीं, काम प्यारा होता है

मनुष्य की क़दर काम से होती है, शक्ल-ओ-सूरत से नहीं

दस्तार गुफ़तार अपनी ही काम आती है

अपनी पगड़ी और अपनी ज़बान दोनों का ख़याल करने में अपना ही भला है

खोटा पैसा बुरे वक़्त पर काम आता है

ज़रूरत के वक़्त नाकारा और निकम्मी चीज़ भी काम आ जाती है, किसी वस्तु को निकम्मी समझकर मत फेंको, किसी समय वह भी काम आ सकती है

खोटा पैसा कभी काम आता है

रुक : खोटा, पैसा बुरे वक़्त के काम आता है

खोटा पैसा भी काम आता है

ज़रूरत के वक़्त नाकारा और निकम्मी चीज़ भी काम आ जाती है, किसी वस्तु को निकम्मी समझकर मत फेंको, किसी समय वह भी काम आ सकती है

खोटा पैसा खोटा बेटा वक़्त पर काम आता है

अपनी निकम्मी चीज़ भी कभी आवश्यकता के समय काम आ जाती है

मुफ़्त में निकले काम तो काहे को दीजिए दाम

जो चीज़ मुफ़्त या निशुल्क मिलती हो उस पर रुपया नहीं ख़र्च करना चाहिए

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