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तुम तो 'अक़्ल के पीछे लठ लिये फिरते हो

कोई बेवक़ूफ़ी या नुक़्सान का काम करे तो कहते हैं

'अक़्ल के पीछे लठ लिए घूमना

अक़ल काम दुश्मन होना, बे अकली की बातें करना

'अक़्ल के पीछे सोंटा लिए फिरना

अक़ल काम दुश्मन होना, बे अकली की बातें करना

'अक़्ल के पीछे डंडा लिए घूमना

अक़ल काम दुश्मन होना, बे अकली की बातें करना

'अक़्ल के पीछे लठ लिए दोड़ना

अक़ल काम दुश्मन होना, बे अकली की बातें करना

तुम आग के जले हुए को सेंकते हो

'अक़्ल के पीछे लाठी लिए घूमना

अक़ल काम दुश्मन होना, बे अकली की बातें करना

तुम तो जब माँ के पेट से भी नहीं निकले होगे

इस मौक़ा पर बोलते हैं जब ये जतलाना मंज़ूर हो कि ये बहुत पुरानी बात है, तुम्हारे पैदा होने से पहले की बात है

आगे रोक पीछे ठोक, ससुरा सरके न जाए तो क्या हो

आगे जा नहीं सकता पीछे से डंडा पड़ता है, करे तो क्या करे, जहाँ किसी ओर रास्ता न मिले तो बिना-साहस हो जाता है

तुम तो कुछ जानते ही नहीं, औंधे मुँह दूध पीते हो

तुम तो अभी बाल-आयु में हो, बहुत भोले बनते हो, बच्चों जैसी बातें करते हो

तुम गूदड़ों के ला'ल हो

बावजूद नादारी सब को अज़ीज़ हो

क़ाज़ी जी तुम क्यूँ दुबले हो शहर के अंदेशे से

असमय चिंता करने वाले के संबंधित बोलते हैं, दूसरों की चिंता में ख़ुद परेशान होना

किस सटर-पटर में फिरते हो

किस फ़िक्र में चक्कर लगा रहे हो, किस सोच बिचार और फिक्रो तरद्दुद में हो

सुगंद लगाऊँ तो उभ मरूँ, उभ मरूँ पहने तन साड़ी हार चंबेली का भारी लगत, तुम जानत हो तन की सखवारी

इस औरत पर तंज़ है जो अपने को नाज़ुक ज़ाहिर करे और लिबास और ज़ेवर को भी भारी बताए

सुगंध लगाऊँ तो उभ मरूँ, उभ मरूँ पहने तन साड़ी हार चंबेली का भारी लगत, तुम जानत हो तन की सखवारी

इस औरत पर तंज़ है जो अपने को नाज़ुक ज़ाहिर करे और लिबास और ज़ेवर को भी भारी बताए

अभी तो तुम माँ का दूध पीते हो

अभी तुम्हें अनुभव नहीं है, अभी बच्चे हो, अभी नासमझ हो

दवा के लिए ढूँडो तो नहीं मिलती

बहुत नादिर या नाक़ाबिल-ए-हुसूल चीज़ के मुताल्लिक़ कहते हैं

तुम्हीं तुम हो

दवा के लिए ढूँडो तो भी नहीं मिलती

दवा के लिए ढूँडो तो भी नहीं मिलता

या किसी को कर रखो तुम या किसी के हो रहो

लोगों से अलग थलग नहीं रहना चाहिए या किसी को दोस्त बनाए या ख़ुद किसी का दोस्त बने, या किसी को अपना दोस्त बनाए या किसी का दोस्त बन जाए अलग थलग रह कर गुज़ारा नहीं होता

उड़े-उड़े फिरते हो

दिखाई नहीं देते, मिलते नहीं

हमेशा के लिए ख़ामोश हो जाना

मर जाना

साजन हम तुम ऐक हैं देखत के हैं दो, मन से मन को तौल दो मन कदी न हो

हम तुम असल में एक हैं भले ही दो दिखाई देते हैं

तेली के तीनों मरें, ऊपर से टूटे लठ

किसी का नुक़्सान हो हमें किया

मा'लूम नहीं तुम कौन हो

तजाहुल एआर फ़ाना के मौक़ा पर मुस्तामल, यानी बहुत आदमी हो

आज मैं हूँ और तुम हो

पूछ-ताछ और प्रतिकार के प्रयास में कोई कसर न छोड़ूँगा

बरसे सावन तो हों पाँच के बावन

साइन के महीने की बारिश से किसानों को बहुत फ़ायदा पहन है

तुम डाल-डाल तो हम पात-पात

तुम्हारी चालों से हम ख़ूब वाक़िफ़ हैं, हम तुम्हें ख़ूब समझते हैं और तुम से कुछ ज़्यादा ही होशयार हैं

पीछे-पीछे हो लेना

तआक़ुब में जाना, टोह लेने के लिए जाना

तुम क्यों फाटे में पाँव देते हो

तुम क्यों दूसरे के झगड़े में दख़ल देते हो

अभी तुम साहिब-ज़ादे हो

अभी तुम नौजवान हो, अभी तुम अनुभवी हो

तुम से फिरे तो ख़ुदा से फिरे

पहले घर में तो पीछे मस्जिद में

रुक : अव्वल ख़वेश बादा दरवेश

अफ़लातून के नाती बने फिरते हैं

अपनी बुद्धि पर बड़ा घमंड करते हैं, बड़े अहंकारी हैं

हम तो डूबे हैं सनम तुम को भी ले डूबेंगे

हम ख़ुद तो फँसे हैं तुम को भी फँसाएगे, इसका उपयोग तब किया जाता है जब यह कहा जाता है कि एक व्यक्ति स्वयं मुसीबत में है और दूसरों को भी मुसीबत मे डालेगा

तुम डाल डाल तो मैं पात पात

तुम तौ ज़मीन के क़लाबे मिलाते हो

भागतों के आगे , मारतों के पीछे

बुज़दिल इंसान मौक़ा से भाग जाने में पहल करता है और लड़ने में सब से पीछे रहता है (ऐसे बुज़दिल आदमी के लिए मुस्तामल जो बहादुर बनता है)

तस्मे के लिये भैंस मारना

अपने थोड़े से फ़ायदे के लिए दूसरे का बड़े से बड़ा नुक़्सान कर देना या अदना बात के वास्ते बड़ा नुक़्सान उठाना

बरात पीछे धौंसा 'ईद के पीछे टर

वह काम जो समय निकल जाने के बाद हो, असमय काम, अनुचित अवसर पर काम

बारह बरस के बा'द घूरे के भी दिन फिरते हैं

अपना तो तन पहले ढाँको दूसरे को नंगा पीछे कहना

अव्वल अपने ऐब दूर करो दूसरे को बुरा फिर कहना

मार के पीछे सँवार

कभी घूरे के दिन भी फिरते हैं

ज़माना बदलता रहता है, कभी ग़रीबों और कमज़ोरों का ज़माना भी बदल जाता है, उन के भी अच्छे दिन आ जाते हैं, ग़रीब और कमज़ोर हमेशा ग़रीब कमज़ोर नहीं रहते, बारह बरस में घूरे के भी दिन फिर जाते हैं

तुम थूकते हो हम थूकते भी नहीं

हम को तुम से भी अधिक घृणा है, जब किसी व्यक्ति को किसी वस्तु अथवा किसी अन्य व्यक्ति से संबंधित अधिक घृणा दर्शाना हो तो कहते हैं

दूसरों के पीछे भागे फिरना

ख़ुद पर भरोसा करने के बजाय दूसरों की ख़ुशामद में लगे रहना

साथ के लिये भात चाहिये

बे ख़र्च किए रफ़ीक़ नहीं मिलता

पीठ के पीछे फेंकना

रुक : पीठ के पीछे डाल देना

ये दिन सब के लिये है

मरना सब को है, ये दिन लाज़िमी है , रुक : ये दिन सब को धरा है

लड़तों के पीछे, भागतों के आगे

बोदे और डरपोक आदमी की निसबत बोलते हैं

वही हम हैं वही तुम हो

हम तुम एक दूसरे के क़दीमी वाक़िफ़ कार हैं, हम तुम एक जैसे हैं, हम में और तुम में कोई फ़र्क़ नहीं, जो हम हैं वही तुम इस लिए आपस में लड़ना झगड़ना नहीं चाहिए नीज़ हम दोनों में से कोई नहीं बदला है

लड़तों के पीछे , भागतों के आगे

किस जोड़ तोड़ में फिरते हो

किस फ़िक्र और तरद्दुद में लग रहे हो

'अक़्ल के पुत्ले हो

(तनज़्ज़ा) बहुत अहमक़ हो

तुम भी कोरे चालीस सेरे बेवक़ूफ़ हो

तुम बेहद बेवक़ूफ़ हो

पिया मेरा अंधा किस के लिये करूँ सिंगार

जब कोई कद्रदान ना हो तो क्यों मेहनत करूं (आम तौर पर औरत अपने नाक़द्र शनाश ख़ावंद की निसबत बोला करती हैं)

जब आँख बंद कर ली पीछे कुछ ही हो

जब कूद मुर्ग़ए तो फिर कुछ ही हुआ करे

मार के पीछे सँवार होना

रुक : मार पीछे संवार होना

'अक़्ल गुद्दी के पीछे होना

नासमझ और मूर्ख होना, बेवक़ूफ़ होना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में तुम तो 'अक़्ल के पीछे लठ लिये फिरते हो के अर्थदेखिए

तुम तो 'अक़्ल के पीछे लठ लिये फिरते हो

tum to 'aql ke piichhe laTh liye phirte hoتُم تو عَقْل کے پِیچھے لَٹھ لِیے پِھرْتے ہو

कहावत

तुम तो 'अक़्ल के पीछे लठ लिये फिरते हो के हिंदी अर्थ

  • कोई बेवक़ूफ़ी या नुक़्सान का काम करे तो कहते हैं
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تُم تو عَقْل کے پِیچھے لَٹھ لِیے پِھرْتے ہو کے اردو معانی

  • کوئی بیوقوفی یا نقصان کا کام کرے تو کہتے ہیں

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