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रूई के धोके में कहीं कपास न निगल जाना

आसान के धोके धोके में कहीं मुश्किल में ना पड़ जाना, हर काम सोच समझ कर करना चाहिए ज़ाहिर से धोका नहीं खाना चाहीए

रूई के धोके कहीं कपास न निगल जाना

आसान के धो के में कहीं मुश्किल में ना पड़ जाना - हर काम सोच समझ कर करना चाहिए - ज़ाहिर से धोका नहीं खाना चाहिए

दही के धोके में कपास चबाया हुआ

धोका खाया हुआ, छला हुआ मनुष्य

रूई के भुलावें कपास मत निगलो

आसान के धो के में कहीं मुश्किल में ना पड़ जाना - हर काम सोच समझ कर करना चाहिए - ज़ाहिर से धोका नहीं खाना चाहिए

कच्ची खाना दाँत न लगाना, ठोस निगल जाना

(अम) हकीम कोई बूटी दवा के तौर पर दें तो कहते हैं कि दवा को चबाए बगै़र निगल जाना

घर में सूत न कपास जुलाहे से लठम लठा

रुक : स्वत ना कपास अलख, इस के मुताल्लिक़ कहते हैं जो ख़्वाहमख़्वाह लोगों से झगड़ा करे

दही के धोके कपास चबा जाना

अच्छी चीज़ देख कर धोका खा जाना

दही के धोके कपास खा जाना

अच्छी चीज़ देख कर धोका खा जाना

कहीं न कहीं

किसी न किसी जगह, किसी न किसी स्थान पर

न ख़ान में , न ख़ान के ऊँटों में

कोई हैसियत नहीं, किसी शुमार क़तार में नहीं

उड़ के खील भी मुँह में न जाना

न किसी के लेने में , न देने में

रूई कानों में ठूँसना

कानों में रूई ठूँसना देना

कानों में तेल डाल कर बैठ रहना, किसी बात के सुनने में तजाहुल करना, बहरा बन जाना

कानों में रूई ठूँस लेना

कानों में रूई डालना

कानों में रोई ठोंस॒ना

धोके में पड़्ना

रुक : धोका खाना

सूत न कपास और कोली से लट्ठम लट्ठा

सूत न कपास और जुलाहे से लट्ठम लट्ठा

सूत न कपास और कोली से लट्ठम लट्ठा

किसी चीज़ का ना वजूद है ना आसार या अस्बाब (इस मौक़ा पर मुस्तामल जब कि कोई बे वजूद बात को हक़ीक़त-ए-मफ़रूज़ा समझ कर उस की बुनियाद पर कोई काम या गुफ़्तगु करे)

सूत न कपास और जुलाहे से लट्ठम लट्ठा

किसी चीज़ का ना वजूद है ना आसार या अस्बाब (इस मौक़ा पर मुस्तामल जब कि कोई बे वजूद बात को हक़ीक़त-ए-मफ़रूज़ा समझ कर उस की बुनियाद पर कोई काम या गुफ़्तगु करे)

सरक न चुंगी डाल के भुस में

रुक : भुस में चुनगी डाल अलख

शेर के मुँह में जाना

शेर के मुँह में जाना

अपनी जान ख़तरे में डालना, मुश्किल या परेशानी में गिरफ़्तार होना

निन्नानवें के फेर में आ जाना

रुपया जमा करने की फ़िक्र में पड़ जाना , लालच में फँसना , लालच के सबब मुसीबत में फँसना

कानों में रूई देना

कानों में तेल डाल कर बैठ रहना, किसी बात के सुनने में तजाहुल करना, बहरा बन जाना

कान में रूई दे के बैठना

बे-ख़बर होना, ग़ाफ़िल होना, बेफ़िकर होना

उड़ के दाना भी मुँह में न जाना

मौत के पंजे में आ जाना

मौत के चंगुल में फंस जाना, ऐसे मौक़ा पर आजाना जहां मरने का यक़ीन हो जाये

जिस राह न जाना उस के कोस क्या गिनना

जिस बात से कुछ ग़रज़ नहीं उस की फ़िक्र अबस है

मौत के मुँह में जाना

बड़े ख़तरे में पड़ना, बड़ी मुसीबत या ख़तरे का सामना करना, बड़े अभियान पर जाना

ख़ुशी के मारे फूल जाना, फूले न समाना

बहुत ज़्यादा ख़ुश होना, निहायत बश्शाश होना

भंग के भाड़े में जाना

व्यर्थ होना, बेकार जाना

दलदल में फँस के रह जाना

सांसारिक संबंधों और झगड़ों में फँस जाना

धोके में रखना

झूटे आसरे पर रखना, झूटा वादा करना

कहीं ऐसा न हो जाए

ख़िलाफ़-ए-तवक़्क़ो बात ना हो जाये उमूमन अंदेशे के मौक़ा पर बोलते हैं

मुँह के मुँह में रह जाना

कहने वाली बात कह ना पाना, कहने से रह जाना

क़ज़ा के मुँह में जाना

ख़तरनाक जगह या काम के लिए जाना

आए कहीं के

रुक: आए बड़े कहीं के

निन्नानवे के फेर में आ जाना

۱۔ रुपया बढ़ाने की फ़िक्र में पड़ जाना नीज़ कंजूसी पर कमर बांधना

धोके में डालना

फ़रेब में फँसाना, धोखा देना

धोके में आना

रुक : धोका खाना

मुँह में भूनी खील तक न जाना

रुक : मुँह में उड़कर खेल का दाना तक ना जाना, कुछ ना खाना

धोके में रहना

ख़ुशफ़हमी या ग़लतफ़हमी में मुबतला रहना

कहीं नज़र न लग जाए

(तंज़न) ऐसे शख़्स मी मज़म्मत या हजव जिस का फे़अल, मुतकल्लिम की तबीयत या तवक़्क़ो के ख़िलाफ़ हो

आए बड़े कहीं के

बिना किसी अधिकार के हस्तक्षेप करना, अभिमान, डींग मारने या बड़ापन जताने के उत्तर में व्यंग्यात्मक रूप में प्रयुक्त

रूई कानों में दे रखी है

कुछ सुनता ही नहीं करता, जब कोई व्यक्ति सुनी अन-सुनी करे तो कहते हैं

कहीं कव्वों के कोसे से ढोर मरते हैं

किसी के बुरा चाहने से बुरा नहीं होता

उस्तादी छोड़ कर खेल के मैदान में आ जाना

मौत के सैलाब में बह जाना

मर जाना, फ़ना हो जाना, नीस्त-ओ-नाबूद होना

के नज़दीक न जाना

किसी के लेने देने में न होना

उफ़ : होना

हँसी के मारे पेट में बल पड़ जाना

निहायत हँसना, बहुत हँसना, हंसी के मारे पेट दुखने लगना, हंसते हंसते बे-ताब हो जाना

रेश्मी-कपास

चौंरी निगल गया

(मज़ाक़न) उस शख़्स को कहते हैं जिस की डाढ़ी पतली और बहुत लंबी हो

हाथ न गले नाक में प्याज़ के डले

۔मिसल।(ओ) कमज़र्फ़ और ज़रा सी चीज़ पर इतराने वाली की निसबत बोलती हैं

न हाथों के , न बातों के

जो किसी की कही ना सुनता हो, ना मानता हो, ऐसे शख़्स के मुताल्लिक़ कहते हैं

गोरी तेरे संग में गई 'उमरिया बीत, अब चाली संग छोड़ के ये न रीत प्रीत

मरते समय आदमी आत्मा से कहता है कि हे प्रेमिका तेरे साथ आयु बीत गई, अब तू साथ छोड़ रही है तो ये प्रेम के विरुद्ध है

खील उड़ कर मुँह में न जाना

मुँह में खील उड़ कर न जाना

खाने को कुछ ना मिलना, फ़ाक़ा होना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में रूई के धोके में कहीं कपास न निगल जाना के अर्थदेखिए

रूई के धोके में कहीं कपास न निगल जाना

ruu.ii ke dhoke me.n kahii.n kapaas na nigal jaanaaرُوئی کے دھوکے میں کَہیں کَپاس نَہ نِگَل جانا

कहावत

रूई के धोके में कहीं कपास न निगल जाना के हिंदी अर्थ

  • आसान के धोके धोके में कहीं मुश्किल में ना पड़ जाना, हर काम सोच समझ कर करना चाहिए ज़ाहिर से धोका नहीं खाना चाहीए
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رُوئی کے دھوکے میں کَہیں کَپاس نَہ نِگَل جانا کے اردو معانی

  • آسان کے دھوکے دھوکے میں کہیں مُشکل میں نہ پڑ جانا ، ہر کام سوچ سمجھ کر کرنا چاہیے ظاہر سے دھوکا نہیں کھانا چاہئے

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