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जब-तब

गाहे-गाहे, कभी-कभी, वक़्त बे-वक़त, मौक़ा बे-मौक़ा

जब का तब

جب ، جس وقت ؛ عین وقت پر

जब जैसा, तब तैसा

जैसा समय, वैसा काम

जब फेंका तब पाँचे तीन

सख़्त बदक़िस्मत आदमी हैं पांसे मैन तीन पाँच बहुत कम दर्जे के शुमार होते हैं

जब तक साँस, तब तक आस

अंतिम साँस तक जीवन की आस रहती है

जब न तब

frequently, indiscriminately, never, not at all

जब बावा मरेंगे तब बैल बटेंगे

सरअंजाम किसी काम का ऐसे वाअदे पर करना जिस का सरदसत वक़ूअ दुशवार हो या एक काम को दूसरे काम के होने पर मौक़ूफ़ रखना जिस के सरअंजाम होने का यक़ीन ना हो

जब तक जीना, तब तक सीना

उम्र भर कठोर परिश्रम करना पड़ता है, उम्र भर मज़दूरी करना और खाना

जब चने थे तब दाँत न थे, जब दाँत हुए तब चने नहीं

जवानी में निर्धनता थी आनंद न उठाया, दीर्घायु में धन मिला अब आनंद उठाने का बल ही नहीं

जब तक साँस, तब तक आस बाक़ी

अंतिम साँस तक जीवन की आस रहती है

जब तक साक़ी, तब तक आस

As long as there is a cup-bearer or protector, there is a hope.

जब लग साक़ी तब लग आस

जब तक देने वाला मौजूद है तब तक उम्मीद है

नदी किनारे रूखड़ा जब तब होय विनास

नदी किनारे का पेड़ एक दिन बह कर बनारस पहुँचेगा

नदी किनारे रूखड़ा जब तब होय बनारस

नदी किनारे का पेड़ एक दिन बह कर बनारस पहुँचेगा

जब तक साँस, तब तक आस बाक़ी है

अंतिम साँस तक जीवन की आस रहती है

अंध तब पतयाए जब दो आँखें पाए

इच्छा पूरी हो जाए तो संतुष्टी हो, काम हो जाए तो जानें

जब भए सौ, तब भाग गया भौ

क़र्ज़ का डरजब तक थोड़ा हो होता है, जब बहुत होजाए जाता रहता है

जब करी आस तब आई तेरे पास

कोई भी बिना उम्मीद के किसी से नहीं मिलता

जब से उगे बाल, तब से यही हवाल

शुरू से ही यही हालत है, बहुत पुरानी आदत है, बचपन से यही करतूत हैं

जब देखो तब हाज़िर मियाँ मिट्ठू का अटाला

रोज़ रोज़ आने वाले के हक़ में बोलते हैं

जब से जामे बाल तब से यही अहवाल

शुरू से ही यही हालत है, बहुत पुरानी आदत है, बचपन से यही करतूत हैं

जब से जामे बाल तब से यही हवाल

शुरू से ही यही हालत है, बहुत पुरानी आदत है, बचपन से यही करतूत हैं

आयतवार तब जानिये जब हटी लीपें बानिये

वास्तव में छुट्टी उस दिन समझना चाहिये जब बनिये दुकान की लिपाई करें

जब तक क बाबू तब तक करूँ अपने क़ाबू

ख़ुशामद करने वाला दूसरे को अपने क़ाबू मैन कर लेता है

जब दिन आए भले तब लड्डू मारे चले

जब क़िस्मत खुले तो अच्छी से अच्छी चीज़ मिल जाती है

जाट मरा तब जानिए जब तेरहवीं हो जाए

a troublemaker can be a source of trouble even if he is out of sight

दर्ज़ी का लड़का जब तक जियेगा तब तक सियेगा

इंसान को मआश के लिए उम्र भर जद्द-ओ-जहद करनी पड़ती है, अगर कमाते नहीं तो गुज़र बसर कैसे हो

लड़के को जब भेड़िया ले गया तब टट्टी बाँधी

जब हानि हो चुकी तब सावधानी शुरू की

बाँदी जब शादी करती है तब ऐसी ही करती है

तुच्छ या डींगें मारने वाला व्यक्ति शादी आदि में अपनी स्थिति या क्षमता से अधिक काम करता है

जब से उगे बाल, तब से यही हाल

शुरू से ही यही हालत है, बहुत पुरानी आदत है, बचपन से यही करतूत हैं

मेव मरा तब जानिये जब वा का तीजा हो

मेव अर्थात जाट बहुत हठ-जीव होते हैं ऐसी बातें प्राय: एक जाति दूसरी जातियों के प्रति कहती है

जब से जमे बाल तब से यही हाल

शुरू से ही यही हालत है, बहुत पुरानी आदत है, बचपन से यही करतूत हैं

जाट मरा तब जानिए जब तीजा हो जाए

a troublemaker can be a source of trouble even if he is out of sight

तब लग झूट न बोलीए जब लग पार बसाए

जहां तक होसके झूट नहीं बोलना चाहिए

जब तक दम है, तब तक ग़म है

दुख और चिंता जान के साथ हैं, साथ नहीं छोड़ते अर्थात जीवन में दुखों से बचने का कोई उपाय नहीं

जब तक रिकाबी में भात, तब तक मेरा तेरा साथ

मतलब की दोस्ती है, जब तक मतलब निकलता रहेगा, साथ रहेगा, अपना मतलब ख़त्म हुआ और दोस्ती ख़त्म

हुक़्क़ा भर बड़ों को दीजे जब सुलगते तब आप ही पीजे

हुक्के को सुलगाने में देर और ज़ोर लगता है इस वासे अगर बुज़ुर्गों को हुक़्क़ा भर कर दिया जाये तो एक तो उन की इज़्ज़त हुई और जब तक अपनी बारी आए वो अच्छी तरह सुलग जाता है और मज़ेदार हो जाता है

जब ऐसे हो तब ऐसे हो

हमेशा एक जैसे होते हैं

अहीर से तब गुन निकले बालू से जब घी

कमीने और ओछे से कुशलता या निपुणता नहीं होती

जब भी तीन और अब भी तीन, जब पाए तब तीन ही तीन

बहुत भाग्यहीन हैं, हर समय तीन काने हैं

अहीर से तब गुन निकले जब बालू से घी

कमीने और ओछे से कुशलता या निपुणता नहीं होती

अहीर से जब गुन निकले बालू से तब घी

कमीने और ओछे से कुशलता या निपुणता नहीं होती

सत्तू मन भत्तू जब घोले तब खाए धान बिचारे भले कोटे खाए चले

जब कोई चालाक किसे-ए-कम समझ को अपनी लफ़्फ़ाज़ी और चर्बज़बानी से फांस कर फ़ायदा उठाता है या बेवक़ूफ़ बनाता है तो कहते हैं

सत्तू मन भत्तू जब गलबा तब खाए धान बिचारे भले कोटे खाए चले

जब कोई चालाक किसे-ए-कम समझ को अपनी लफ़्फ़ाज़ी और चर्बज़बानी से फांस कर फ़ायदा उठाता है या बेवक़ूफ़ बनाता है तो कहते हैं

जब तक बहू कुवारी तब तक सास वारी , बहू आई गोद में लाड गया हौज़ में

रुक : जब तक बहू रही कुंवारी सास रही वारी . . .

जब तक ऊँट पहाड़ के नीचे नहीं आता, तब तक वह जानता है मुझ से ऊँचा कोई नहीं

जब तक किसी मनुष्य का अपने से अधिक योग्य व्यक्ति से पाला नहीं पड़ता तब तक वह अपने को ही सब से बड़ा समझता है

ऊँट जब तक पहाड़ के नीचे नहीं जाता, तब तक ही जानता है मुझ से ऊँचा कोई नहीं

जब तक किसी मनुष्य का अपने से अधिक योग्य व्यक्ति से पाला नहीं पड़ता तब तक वह अपने को ही सब से बड़ा समझता है

साईं अपने चित्त की भूल न कहिये कोय, तब लग मन में राखिये जब लग कारज होय

अपने दिल का भेद भूल कर भी किसी को नहीं बताना चाहिये जब तक काम न हो जाए उसे दिल में रखना चाहिये

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में रीत के अर्थदेखिए

रीत

riitرِیت

स्रोत: संस्कृत

वज़्न : 21

टैग्ज़: हिंदू धर्म

रीत के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • शुद्ध शब्द 'रीति' है
  • कोई कार्य करने का ढंग, प्रकार, तरह, ढब
  • प्रथा, रिवाज, परंपरा, रस्म, परिपाटी
  • चलन, दस्तूर, तौर तरीक़ा, क़ायदा, नियम
  • साहित्य में किसी विषय का वर्णन करने में विशेष पदरचना अर्थात् वर्णों की वह योजना जिससे ओज, प्रसाद या माधुर्य गुण आता है
  • पीतल
  • लोहे की मैल, मंडूर
  • जले हुए सोने की मैल
  • प्रवृत्ति, स्वभाव
  • गति में आना, चलना या बहना
  • प्रशंसा, स्तुति

शे'र

English meaning of riit

Noun, Feminine

  • rite, custom, fashion, manners, habit

رِیت کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مؤنث

  • مذہبی رسم و رواج ، رہن سہن کے آداب.
  • (ہندو) مذہبی فرائض یا رسوم کی ادائیگی کا معینہ عمل اور اس کے ساتھ پڑھے جانے والے بول وغیرہ.
  • بچّے کی پیدائش یا شادی بیاہ کے موقع پر ادا کی جانے والی رسومات.
  • چلن ، دستور ، طور طریق ، قاعدہ.
  • رسم و رواج.
  • سلیقہ ، ترتیب ، تدبیر.

Urdu meaning of riit

  • Roman
  • Urdu

  • mazahbii rasm-o-rivaaj, rahan sahn ke aadaab
  • (hinduu) mazahbii faraa.iz ya rasuum kii adaayagii ka muayynaa amal aur is ke saath pa.Dhe jaane vaale bol vaGaira
  • bachche kii paidaa.ish ya shaadii byaah ke mauqaa par ada kii jaane vaalii rasuumaat
  • chalan, dastuur, taur tariiq, qaaydaa
  • rasm-o-rivaaj
  • saliiqa, tartiib, tadbiir

रीत के यौगिक शब्द

रीत से संबंधित कहावतें

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जब-तब

गाहे-गाहे, कभी-कभी, वक़्त बे-वक़त, मौक़ा बे-मौक़ा

जब का तब

جب ، جس وقت ؛ عین وقت پر

जब जैसा, तब तैसा

जैसा समय, वैसा काम

जब फेंका तब पाँचे तीन

सख़्त बदक़िस्मत आदमी हैं पांसे मैन तीन पाँच बहुत कम दर्जे के शुमार होते हैं

जब तक साँस, तब तक आस

अंतिम साँस तक जीवन की आस रहती है

जब न तब

frequently, indiscriminately, never, not at all

जब बावा मरेंगे तब बैल बटेंगे

सरअंजाम किसी काम का ऐसे वाअदे पर करना जिस का सरदसत वक़ूअ दुशवार हो या एक काम को दूसरे काम के होने पर मौक़ूफ़ रखना जिस के सरअंजाम होने का यक़ीन ना हो

जब तक जीना, तब तक सीना

उम्र भर कठोर परिश्रम करना पड़ता है, उम्र भर मज़दूरी करना और खाना

जब चने थे तब दाँत न थे, जब दाँत हुए तब चने नहीं

जवानी में निर्धनता थी आनंद न उठाया, दीर्घायु में धन मिला अब आनंद उठाने का बल ही नहीं

जब तक साँस, तब तक आस बाक़ी

अंतिम साँस तक जीवन की आस रहती है

जब तक साक़ी, तब तक आस

As long as there is a cup-bearer or protector, there is a hope.

जब लग साक़ी तब लग आस

जब तक देने वाला मौजूद है तब तक उम्मीद है

नदी किनारे रूखड़ा जब तब होय विनास

नदी किनारे का पेड़ एक दिन बह कर बनारस पहुँचेगा

नदी किनारे रूखड़ा जब तब होय बनारस

नदी किनारे का पेड़ एक दिन बह कर बनारस पहुँचेगा

जब तक साँस, तब तक आस बाक़ी है

अंतिम साँस तक जीवन की आस रहती है

अंध तब पतयाए जब दो आँखें पाए

इच्छा पूरी हो जाए तो संतुष्टी हो, काम हो जाए तो जानें

जब भए सौ, तब भाग गया भौ

क़र्ज़ का डरजब तक थोड़ा हो होता है, जब बहुत होजाए जाता रहता है

जब करी आस तब आई तेरे पास

कोई भी बिना उम्मीद के किसी से नहीं मिलता

जब से उगे बाल, तब से यही हवाल

शुरू से ही यही हालत है, बहुत पुरानी आदत है, बचपन से यही करतूत हैं

जब देखो तब हाज़िर मियाँ मिट्ठू का अटाला

रोज़ रोज़ आने वाले के हक़ में बोलते हैं

जब से जामे बाल तब से यही अहवाल

शुरू से ही यही हालत है, बहुत पुरानी आदत है, बचपन से यही करतूत हैं

जब से जामे बाल तब से यही हवाल

शुरू से ही यही हालत है, बहुत पुरानी आदत है, बचपन से यही करतूत हैं

आयतवार तब जानिये जब हटी लीपें बानिये

वास्तव में छुट्टी उस दिन समझना चाहिये जब बनिये दुकान की लिपाई करें

जब तक क बाबू तब तक करूँ अपने क़ाबू

ख़ुशामद करने वाला दूसरे को अपने क़ाबू मैन कर लेता है

जब दिन आए भले तब लड्डू मारे चले

जब क़िस्मत खुले तो अच्छी से अच्छी चीज़ मिल जाती है

जाट मरा तब जानिए जब तेरहवीं हो जाए

a troublemaker can be a source of trouble even if he is out of sight

दर्ज़ी का लड़का जब तक जियेगा तब तक सियेगा

इंसान को मआश के लिए उम्र भर जद्द-ओ-जहद करनी पड़ती है, अगर कमाते नहीं तो गुज़र बसर कैसे हो

लड़के को जब भेड़िया ले गया तब टट्टी बाँधी

जब हानि हो चुकी तब सावधानी शुरू की

बाँदी जब शादी करती है तब ऐसी ही करती है

तुच्छ या डींगें मारने वाला व्यक्ति शादी आदि में अपनी स्थिति या क्षमता से अधिक काम करता है

जब से उगे बाल, तब से यही हाल

शुरू से ही यही हालत है, बहुत पुरानी आदत है, बचपन से यही करतूत हैं

मेव मरा तब जानिये जब वा का तीजा हो

मेव अर्थात जाट बहुत हठ-जीव होते हैं ऐसी बातें प्राय: एक जाति दूसरी जातियों के प्रति कहती है

जब से जमे बाल तब से यही हाल

शुरू से ही यही हालत है, बहुत पुरानी आदत है, बचपन से यही करतूत हैं

जाट मरा तब जानिए जब तीजा हो जाए

a troublemaker can be a source of trouble even if he is out of sight

तब लग झूट न बोलीए जब लग पार बसाए

जहां तक होसके झूट नहीं बोलना चाहिए

जब तक दम है, तब तक ग़म है

दुख और चिंता जान के साथ हैं, साथ नहीं छोड़ते अर्थात जीवन में दुखों से बचने का कोई उपाय नहीं

जब तक रिकाबी में भात, तब तक मेरा तेरा साथ

मतलब की दोस्ती है, जब तक मतलब निकलता रहेगा, साथ रहेगा, अपना मतलब ख़त्म हुआ और दोस्ती ख़त्म

हुक़्क़ा भर बड़ों को दीजे जब सुलगते तब आप ही पीजे

हुक्के को सुलगाने में देर और ज़ोर लगता है इस वासे अगर बुज़ुर्गों को हुक़्क़ा भर कर दिया जाये तो एक तो उन की इज़्ज़त हुई और जब तक अपनी बारी आए वो अच्छी तरह सुलग जाता है और मज़ेदार हो जाता है

जब ऐसे हो तब ऐसे हो

हमेशा एक जैसे होते हैं

अहीर से तब गुन निकले बालू से जब घी

कमीने और ओछे से कुशलता या निपुणता नहीं होती

जब भी तीन और अब भी तीन, जब पाए तब तीन ही तीन

बहुत भाग्यहीन हैं, हर समय तीन काने हैं

अहीर से तब गुन निकले जब बालू से घी

कमीने और ओछे से कुशलता या निपुणता नहीं होती

अहीर से जब गुन निकले बालू से तब घी

कमीने और ओछे से कुशलता या निपुणता नहीं होती

सत्तू मन भत्तू जब घोले तब खाए धान बिचारे भले कोटे खाए चले

जब कोई चालाक किसे-ए-कम समझ को अपनी लफ़्फ़ाज़ी और चर्बज़बानी से फांस कर फ़ायदा उठाता है या बेवक़ूफ़ बनाता है तो कहते हैं

सत्तू मन भत्तू जब गलबा तब खाए धान बिचारे भले कोटे खाए चले

जब कोई चालाक किसे-ए-कम समझ को अपनी लफ़्फ़ाज़ी और चर्बज़बानी से फांस कर फ़ायदा उठाता है या बेवक़ूफ़ बनाता है तो कहते हैं

जब तक बहू कुवारी तब तक सास वारी , बहू आई गोद में लाड गया हौज़ में

रुक : जब तक बहू रही कुंवारी सास रही वारी . . .

जब तक ऊँट पहाड़ के नीचे नहीं आता, तब तक वह जानता है मुझ से ऊँचा कोई नहीं

जब तक किसी मनुष्य का अपने से अधिक योग्य व्यक्ति से पाला नहीं पड़ता तब तक वह अपने को ही सब से बड़ा समझता है

ऊँट जब तक पहाड़ के नीचे नहीं जाता, तब तक ही जानता है मुझ से ऊँचा कोई नहीं

जब तक किसी मनुष्य का अपने से अधिक योग्य व्यक्ति से पाला नहीं पड़ता तब तक वह अपने को ही सब से बड़ा समझता है

साईं अपने चित्त की भूल न कहिये कोय, तब लग मन में राखिये जब लग कारज होय

अपने दिल का भेद भूल कर भी किसी को नहीं बताना चाहिये जब तक काम न हो जाए उसे दिल में रखना चाहिये

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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