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पूछो पूरब बताए पच्छिम

रुक : पूछो दिन की बताए रात की

आप खाए बिल्ली को बताए

चालाक आदमी या लड़का, स्वयं मिठाई-पूड़ी हड़प जाए और दूसरे का नाम ले कि उसने खाया

अंधे को अंधा रास्ता क्या बताए

जो खुद ही भटका हुआ है वह दूसरों का नेतृत्व क्या करेगा

पूछो दिन की बताए रात की

सवाल कुछ जवाब कुछ (ऊल-जुलूल बातें करने वाले के लिए कहते हैं)

डोमनी का पूत चपनी बजाए, अपनी ज़ात आप ही बताए

काम से असलियत का पता चलता है

डोम बजाए चपनी और ज़ात बताए अपनी

आदमी की असलियत उस की कथनी और करनी से ज़ाहिर हो जाती है

उत से अंधा आए इत से अंधा जाए, अंधे से अंधा मिला कौन बताए राह

जहाँ दोनों ही अंधे हों तो रास्ता कौन बताए अर्थात जहाँ सब अनपढ़ या अनभिज्ञ हों वहाँ कौन किसी कि दिशा-निर्देश करे

गीदड़ औरों को शुगून बताए आप अपनी गर्दन कुत्तों से तुड़वाए

अपनी मुसीबत की फ़िक्र नहीं औरों को तदबीर बताते फिरते हैं, औरों को नसीहत अपने फ़ज़ीहत

उसी राह चल तू जो गुरु तुझे बताय, जो विद्या के थान पर तुरत ठिकाना पाय

गुरू का कहना मान ताकि ज्ञान पा सके

उसी राह पर तू चाल तुझे जो गुरू बताए, जो बिद्या के थान पर तुरत ठिकाना पाए

गुरू का कहना मान ताकि ज्ञान पा सके

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में पूछो दिन की बताए रात की के अर्थदेखिए

पूछो दिन की बताए रात की

puuchho din kii bataa.e raat kiiپوچھو دن کی بتائے رات کی

स्रोत: हिंदी

कहावत

टैग्ज़: अवामी

पूछो दिन की बताए रात की के हिंदी अर्थ

 

  • पूछो दिन की बताए रात की
  • सवाल कुछ जवाब कुछ (ऊल-जुलूल बातें करने वाले के लिए कहते हैं)

پوچھو دن کی بتائے رات کی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

 

  • سوال کچھ جواب کچھ (اُول جلول باتیں کرنے والے کی نسبت کہتے ہیں) .

Urdu meaning of puuchho din kii bataa.e raat kii

  • Roman
  • Urdu

  • savaal kuchh javaab kuchh (u.uol jaluul baate.n karne vaale kii nisbat kahte hain)

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रुक : पूछो दिन की बताए रात की

आप खाए बिल्ली को बताए

चालाक आदमी या लड़का, स्वयं मिठाई-पूड़ी हड़प जाए और दूसरे का नाम ले कि उसने खाया

अंधे को अंधा रास्ता क्या बताए

जो खुद ही भटका हुआ है वह दूसरों का नेतृत्व क्या करेगा

पूछो दिन की बताए रात की

सवाल कुछ जवाब कुछ (ऊल-जुलूल बातें करने वाले के लिए कहते हैं)

डोमनी का पूत चपनी बजाए, अपनी ज़ात आप ही बताए

काम से असलियत का पता चलता है

डोम बजाए चपनी और ज़ात बताए अपनी

आदमी की असलियत उस की कथनी और करनी से ज़ाहिर हो जाती है

उत से अंधा आए इत से अंधा जाए, अंधे से अंधा मिला कौन बताए राह

जहाँ दोनों ही अंधे हों तो रास्ता कौन बताए अर्थात जहाँ सब अनपढ़ या अनभिज्ञ हों वहाँ कौन किसी कि दिशा-निर्देश करे

गीदड़ औरों को शुगून बताए आप अपनी गर्दन कुत्तों से तुड़वाए

अपनी मुसीबत की फ़िक्र नहीं औरों को तदबीर बताते फिरते हैं, औरों को नसीहत अपने फ़ज़ीहत

उसी राह चल तू जो गुरु तुझे बताय, जो विद्या के थान पर तुरत ठिकाना पाय

गुरू का कहना मान ताकि ज्ञान पा सके

उसी राह पर तू चाल तुझे जो गुरू बताए, जो बिद्या के थान पर तुरत ठिकाना पाए

गुरू का कहना मान ताकि ज्ञान पा सके

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