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गाए का दूध सो माए का दूध

गाय का दूध माता के दूध के समान होता है

गाएक

رک : گایک جو فصیح ہے.

गाएं गायों जमा' गाय का बछिया तले बछिया का गाय तले करना गाय का भैंस तले भैंस का गाय तले करना

गाय के दूध को जो बहुत सारा होता है बछिया का दूध बताना, और बछिया के दूध को जो थो ड़ासा होता है गाय का दूध बताना,रणनीतिक और चतुराई से कुछ करना, बड़ा जोड़-तोड़ करने वाले के लिए उपयोगित

गाए करना

किसी बुज़ुर्ग की फ़ातिहा के लिए गाय ज़बह कर के लोगों को खिलाना

गाए न आवे बछवे लाज

अपने बच्चे कितने भी कुरूप हों बुरे नहीं लगते

ग़ाएँ बाएँ

جانوروں وغیرہ کی آواز ، بے معنی آواز.

ग़ाएँ ग़ाएँ

جانوروں وغیرہ کی آواز ، بے معنی آواز.

खड़ी-गाए

پوری گائے ، سالم گائے ، پوری کی پوری گائے ، جُوں کی تُوں.

सोने की गाए

رک : سونے کا بچھڑا.

अंधा गाए बहरा बजाए

जब किसी काम के करने में अयोग्य व्यक्ति एक साथ लगे हों

सय्यद की गाए

وہ گائے سیّد سالار مسعود غازی وغیرہ کے نام پر ذبح کرتے ہیں ، بطور منّت ذبح کی جائے والی گائے .

अपनी ही गाए जाना

अपनी कहना, अपने ही मतलब की सुनना

सय्यद कबीर की गाए

رک : سیّد احمد کی گائے .

भूला भाट दीवाली गाए

बिना अवसर काम करने पर बोलते हैं

जिस का खाए उसी का गाए

जिससे कोई लाभ हो उसकी प्रशंसा की जाए और चापलूसी की जाए तब यह बोला जाता है

दो क़साइयों में गाए मुर्दार

दो आदमीयों की बेहस-ओ-तकरार से असल मतलब फ़ौत हो जाता है

घबराई डोमनी फिर सुहेले गाए

घबराहट में अक़ल ठिकाने नहीं रहती यानी जब डोमनी गाते गाते या बैल लेते लेते घबरा जाती है तो हर फिर कर एक ही गीत गाने लगती है और उसे ये भी ख़बर नहीं होती कि अभी तो में इस गीत कोगा चुकी हूँ

जिस का खाए उस का गाए

every man praises the bridge who passes over

जिस का खाए उसी की गाए

जिस से फ़ाएदा हो उस की तारीफ़ और चापलूसी की जाए तब यह वाक्य बोला जाता है

सय्यद अहमद कबीर की गाए

वह गाय जो किसी बुज़ुर्ग के नाम पर लोगों द्वारा बलि दी जाती थी

घबराए डोमनी फिर फिर सेहरे गाए

घबराहट में मौक़ा बे मौक़ा कुछ नहीं सूझता

मन मन गाए , टिस टिस रोए

مکار کی نسبت بولتے ہیں ، دل میں خوش ہے ظاہرا ً ہمدردی کرتا ہے

किसी के खाए किसी के गीत गाए

लाभ किसी से उठाए प्रशंसा किसी की करे

निचंत सोवे हीरो जिसके गाए न गीरो

ग़रीब आदमी बेफ़िकर सविता है

कानी गाए बामन को दान

खोटे वस्तु या जिस वस्तु में कोई कमी हो उसको दान कर देते हैं

अवसर चूकी डोमनी गाए ताल बे ताल

जो समय पर चूक जाए उसे पछताना पड़ता है

ख़सम का खाए भय्या का गीत गाए

शौहर देख भाल करे और नाम हो भाई का

ये अपना ही राग गाए जाता है

ये अपने ही मतलब की कहे जाता है

जैसे हर गुन गाए तैसे गाल बजाए

दोनों हालतों में यकसाँ रहे

जैसे हर गुन गाए वैसे फल पाए

जैसा किया था वैसा पाया

रोते बनेगा न गाए , साहो फिरें मुँह दबाए

किसी नुक़्सान हो जाने की हालत में बोलते हैं कि सदमा हो तो ना रोया जा सकता है ना हिंसा, चप लग जाती है

हरी खेती गाभन गाए तब ही जाने कि मुँह में आए

रुक : हरी खेती गया भिन्न गाय मुँह पड़े तब अलख

भूले बामन गाए खाई अब खाऊँ तो राम दुहाई

इस बार चूक हुई भविष्य में कभी न होगी

खाएँ किसी का गाएँ किसी का

एहसान कोई करे और शुक्रगुज़ारी किसी की करें

मरने जाएँ मलारें गाएँ

۔مثل۔آزاد طبع اور بے پروا کی نسبت بولتے ہیں کہ مرنے کو بھی ہنسی کھیل سمجھ کر بے فکر ہیں اور گیت گارہے ہیں۔شیخی خورے کی نسبت بھی بولتے ہیں۔

मरे जाएँ मलहारें गाएँ

पेट से फ़ाक़ा मगर कोई पर्वा नहीं

मरते जाएँ मलहारें गाएँ

मुश्किलों में भी ज़िंदगी से लुतफ़ लें

मरने जाएँ , मलारें गाएँ

ऐसे बेफ़िकर आदमी हैं कि मरने को भी खेल समझ कर गीत गाते हैं, बेपर्वा और आज़ाद तबा नीज़ शेखी ख़ोरे की निसबत बोलते हैं

मुफ़्त का खाएँ, गीत गाएँ

मुफ़्त की खाईं, बे फ़िक़्रों और मुफ़्त ख़ोरों की निसबत कहते हैं

खाएँ कसी का गाएँ कसी को

एहसान कोई करे और शुक्रगुज़ारी किसी की करें

बाहर के खाएँ घर के गीत गाएँ

योग्य व्यक्ति वंचित रहे अयोग्य लाभ उठाए, अन्य को लाभ पहुँचे और अपने वंचित रहें

मरे जाएँ मलहार गाएँ

पेट से फ़ाक़ा मगर कोई पर्वा नहीं

हँसा चलल भाग क्यों न संगाए लाग

जब रूह निकल जाये तो कोई साथ नहीं देता

चार बुलाए चौदह आए सुनो घर की रीत, भार के आ कर खा गए घर के गाएँ गीत

इस मौक़ा पर मुस्तामल है जब कम लोगों को दावत दी जाये और बहुत ज़्यादा आ जाएं , (कब : तीन बुलाए तेराह आए देखो यहां की रीत, बाहर वाले खा गए और घर के गावें गीत)

बाहर वाले खा गए और घर के गाएँ गीत

दूसरे लाभ उठाएँ और अपने लोग को भूखा मरें

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में नील-गाय के अर्थदेखिए

नील-गाय

niil-gaayنِیل گائے

टैग्ज़: जानवर

नील-गाय के हिंदी अर्थ

संस्कृत, हिंदी - संज्ञा, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग

  • हलका नीलापन लिए भूरे रंग की गाय, गाय जैसी शक्ल का एक जंगली पशु जो बहुत तेज़ दौड़ता है, गवय, रोझ

English meaning of niil-gaay

Sanskrit, Hindi - Noun, Masculine, Feminine

  • Nilgai, a large Indian antelope

نِیل گائے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

سنسکرت، ہندی - اسم، مذکر، مؤنث

  • ایک جنگلی سیاہی مائل نیلا چوپایہ جو ہرن سے مشابہ اور قد میں گائے کے برابر ہوتا ہے سینگ چھوٹے چھوٹے کھوٹیوں کے ہوتے ہیں اور گلے میں بالوں کی چونری لٹکتی ہوتی ہے ، روجھ ، نیلا ، بقرالوحش ، گاؤوحشی
  • ایک قسم کا ہرن

Urdu meaning of niil-gaay

  • Roman
  • Urdu

  • ek janglii syaahii maa.il niila chaupaaya jo hiran se mushaabeh aur qad me.n gaay ke baraabar hotaa hai siing chhoTe chhoTe khoTiyo.n ke hote hai.n aur gale me.n baalo.n kii chonrii laTaktii hotii hai, rojh, niila, baqraalohash, gaav vahshii
  • ek kism ka hiran

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गाए का दूध सो माए का दूध

गाय का दूध माता के दूध के समान होता है

गाएक

رک : گایک جو فصیح ہے.

गाएं गायों जमा' गाय का बछिया तले बछिया का गाय तले करना गाय का भैंस तले भैंस का गाय तले करना

गाय के दूध को जो बहुत सारा होता है बछिया का दूध बताना, और बछिया के दूध को जो थो ड़ासा होता है गाय का दूध बताना,रणनीतिक और चतुराई से कुछ करना, बड़ा जोड़-तोड़ करने वाले के लिए उपयोगित

गाए करना

किसी बुज़ुर्ग की फ़ातिहा के लिए गाय ज़बह कर के लोगों को खिलाना

गाए न आवे बछवे लाज

अपने बच्चे कितने भी कुरूप हों बुरे नहीं लगते

ग़ाएँ बाएँ

جانوروں وغیرہ کی آواز ، بے معنی آواز.

ग़ाएँ ग़ाएँ

جانوروں وغیرہ کی آواز ، بے معنی آواز.

खड़ी-गाए

پوری گائے ، سالم گائے ، پوری کی پوری گائے ، جُوں کی تُوں.

सोने की गाए

رک : سونے کا بچھڑا.

अंधा गाए बहरा बजाए

जब किसी काम के करने में अयोग्य व्यक्ति एक साथ लगे हों

सय्यद की गाए

وہ گائے سیّد سالار مسعود غازی وغیرہ کے نام پر ذبح کرتے ہیں ، بطور منّت ذبح کی جائے والی گائے .

अपनी ही गाए जाना

अपनी कहना, अपने ही मतलब की सुनना

सय्यद कबीर की गाए

رک : سیّد احمد کی گائے .

भूला भाट दीवाली गाए

बिना अवसर काम करने पर बोलते हैं

जिस का खाए उसी का गाए

जिससे कोई लाभ हो उसकी प्रशंसा की जाए और चापलूसी की जाए तब यह बोला जाता है

दो क़साइयों में गाए मुर्दार

दो आदमीयों की बेहस-ओ-तकरार से असल मतलब फ़ौत हो जाता है

घबराई डोमनी फिर सुहेले गाए

घबराहट में अक़ल ठिकाने नहीं रहती यानी जब डोमनी गाते गाते या बैल लेते लेते घबरा जाती है तो हर फिर कर एक ही गीत गाने लगती है और उसे ये भी ख़बर नहीं होती कि अभी तो में इस गीत कोगा चुकी हूँ

जिस का खाए उस का गाए

every man praises the bridge who passes over

जिस का खाए उसी की गाए

जिस से फ़ाएदा हो उस की तारीफ़ और चापलूसी की जाए तब यह वाक्य बोला जाता है

सय्यद अहमद कबीर की गाए

वह गाय जो किसी बुज़ुर्ग के नाम पर लोगों द्वारा बलि दी जाती थी

घबराए डोमनी फिर फिर सेहरे गाए

घबराहट में मौक़ा बे मौक़ा कुछ नहीं सूझता

मन मन गाए , टिस टिस रोए

مکار کی نسبت بولتے ہیں ، دل میں خوش ہے ظاہرا ً ہمدردی کرتا ہے

किसी के खाए किसी के गीत गाए

लाभ किसी से उठाए प्रशंसा किसी की करे

निचंत सोवे हीरो जिसके गाए न गीरो

ग़रीब आदमी बेफ़िकर सविता है

कानी गाए बामन को दान

खोटे वस्तु या जिस वस्तु में कोई कमी हो उसको दान कर देते हैं

अवसर चूकी डोमनी गाए ताल बे ताल

जो समय पर चूक जाए उसे पछताना पड़ता है

ख़सम का खाए भय्या का गीत गाए

शौहर देख भाल करे और नाम हो भाई का

ये अपना ही राग गाए जाता है

ये अपने ही मतलब की कहे जाता है

जैसे हर गुन गाए तैसे गाल बजाए

दोनों हालतों में यकसाँ रहे

जैसे हर गुन गाए वैसे फल पाए

जैसा किया था वैसा पाया

रोते बनेगा न गाए , साहो फिरें मुँह दबाए

किसी नुक़्सान हो जाने की हालत में बोलते हैं कि सदमा हो तो ना रोया जा सकता है ना हिंसा, चप लग जाती है

हरी खेती गाभन गाए तब ही जाने कि मुँह में आए

रुक : हरी खेती गया भिन्न गाय मुँह पड़े तब अलख

भूले बामन गाए खाई अब खाऊँ तो राम दुहाई

इस बार चूक हुई भविष्य में कभी न होगी

खाएँ किसी का गाएँ किसी का

एहसान कोई करे और शुक्रगुज़ारी किसी की करें

मरने जाएँ मलारें गाएँ

۔مثل۔آزاد طبع اور بے پروا کی نسبت بولتے ہیں کہ مرنے کو بھی ہنسی کھیل سمجھ کر بے فکر ہیں اور گیت گارہے ہیں۔شیخی خورے کی نسبت بھی بولتے ہیں۔

मरे जाएँ मलहारें गाएँ

पेट से फ़ाक़ा मगर कोई पर्वा नहीं

मरते जाएँ मलहारें गाएँ

मुश्किलों में भी ज़िंदगी से लुतफ़ लें

मरने जाएँ , मलारें गाएँ

ऐसे बेफ़िकर आदमी हैं कि मरने को भी खेल समझ कर गीत गाते हैं, बेपर्वा और आज़ाद तबा नीज़ शेखी ख़ोरे की निसबत बोलते हैं

मुफ़्त का खाएँ, गीत गाएँ

मुफ़्त की खाईं, बे फ़िक़्रों और मुफ़्त ख़ोरों की निसबत कहते हैं

खाएँ कसी का गाएँ कसी को

एहसान कोई करे और शुक्रगुज़ारी किसी की करें

बाहर के खाएँ घर के गीत गाएँ

योग्य व्यक्ति वंचित रहे अयोग्य लाभ उठाए, अन्य को लाभ पहुँचे और अपने वंचित रहें

मरे जाएँ मलहार गाएँ

पेट से फ़ाक़ा मगर कोई पर्वा नहीं

हँसा चलल भाग क्यों न संगाए लाग

जब रूह निकल जाये तो कोई साथ नहीं देता

चार बुलाए चौदह आए सुनो घर की रीत, भार के आ कर खा गए घर के गाएँ गीत

इस मौक़ा पर मुस्तामल है जब कम लोगों को दावत दी जाये और बहुत ज़्यादा आ जाएं , (कब : तीन बुलाए तेराह आए देखो यहां की रीत, बाहर वाले खा गए और घर के गावें गीत)

बाहर वाले खा गए और घर के गाएँ गीत

दूसरे लाभ उठाएँ और अपने लोग को भूखा मरें

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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