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मुझ

'मैं' का वह रूप जो उसे कर्ता और संबंध कारक की विभक्तियों के अतिरिक्त अन्य शेष कारकों की विभक्तियाँ लगने पर प्राप्त होता है, जैसे- मुझको, मुझसे, मुझ पर आदि

मूझ

مجھے ، مجھ کو ، اپنے لیے ، میرے لیے

मुझी

मुझ ही, मिसाल के लिए देखो क्या तमाशा है

मुझे

एक पुरुषवाचक सर्वनाम जो उत्तम पुरुष, एकवचन और उभयलिग है तथा वक्ता या उसके नाम की ओर संकेत करता है । यह 'मैं' का वह रूप है जो उसे कर्म और संप्रदान कारक में प्राप्त होता है । इसमें लगी हुई एकार की मात्रा विभक्ति का चिह्न है, इसलिये इसके आगे कारक चिह्न नहीं लगता, मुझको

मुझ-को

मेरे स्वयं के प्रति, मुझे, मेरे लिए

मुझ में

मेरी ज़ात में, मेरे अंदर, मुझमें, अपने आप में

मुझी-से

मुझ जैसे, मेरे ही जैसे, मेरी ही तरह के, मेरी ही मानिंद

मुझ सा

मेरी मानिंद, मेरे जैसा/जैसे

मुझ से

मेरी ज़ात से, मेरे से, मेरी जाति से

मुझ को पाता है तो छुरी को नहीं पाता

जान का दुश्मन है , क्या करे कुछ बस नहीं चलता यानी जब तक ख़ुदा ना चाहे कोई किसी को नुक़्सान नहीं पहुंचा सकता

मुझ कने

میرے پاس ، میرے سامنے ۔

मुझ में दम नहीं

अधिक कमज़ोर हूँ

मुझ में क्या बाक़ी है

जल्दी मरने वाला हूँ

मुझ से बुरा कोई नहीं

में बहुत नाराज़ हूँगा, बहुत बुरा मानोंगा, जो सज़ा या आज़ार दे सकता हूँ दूंगा

मुझ को पाता है तो हथियार को नहीं पाता

जान का दुश्मन है , क्या करे कुछ बस नहीं चलता यानी जब तक ख़ुदा ना चाहे कोई किसी को नुक़्सान नहीं पहुंचा सकता

मुझ सीं चलना

मेरी चलना, मेरा बस चलना

मुझ से भी टाँच लाए

मुझ से भी नाहक़ झगड़ा क्या या लड़ पड़े

मुझ को चाहते हो तो मेरे कुत्ते को भी चाहो

अगर मुझ से मुहब्बत है तो मेरी ज़रीत से भी मुहब्बत रखनी होगी

मुझ-पास

मेरे पास, मेरे समीप

मुझ में आया

۔(دہلی عم)میں ذمہ دار ہوں ۔میں ضامن ہوں

मुझ में आया

मैं ज़िम्मेदार हूँ, मैं ज़मानतदार हूँ

मुझ को पाता है तो तलवार को नहीं पाता

जान का दुश्मन है , क्या करे कुछ बस नहीं चलता यानी जब तक ख़ुदा ना चाहे कोई किसी को नुक़्सान नहीं पहुंचा सकता

मुझ को बूढ़िया न कहना कोई , मैं तो लाल पलंग पर सोई

रुक : मुझे बढ़िया ना कहो कोई अलख

मुझ, तुझ

me, you

मुझ को कोई न मारे तो सारे जहाँ को मार आऊँ

कायर व्यक्ति ख़तरे से डरता है

मुझ को पीटे

(ओ) मेरा मातम करे, मेरा मिरा मुँह देखे, है है करे, हमें खाए, हमारा जनाज़ा देखे , बतौर क़िस्म मुस्तामल

मुझ को पीटो

रुक : मुझ को पीटे

मुझ्दा-बाद ऐ मर्ग 'ईसा आप ही बीमार है

(फ़रसी कहावत उर्दू में प्रचलित है) हे मृत्यु ख़ुश हो कि स्वयं ईसा बीमार है, जिससे मदद की आशा थी वह स्वयं बीमार पड़ा है, संकट में फंसा है

मुझे दे सूप तू हाथों फूँक

स्वार्थी व्यक्ति के संबंध में कहते हैं कि उसे अपने काम से काम होता है दूसरे की पीड़ा एवं तकलीफ़ की परवाह नहीं होती

मुझी दे सोप तो हाथों फूँक

ख़ुदग़रज़ आदमी के मुताल्लिक़ कहते हैं कि उसे अपने काम से काम होता है दूसरे की तकलीफ़ की पर्वा नहीं होती

मुझे क्या नहीं आता

मैं हर विद्या और कौशल से परिचित हूँ

मुझी मुँह न दिखा

(घृणा प्रकट करते हुए) मुझे अपना रूप न दिखा, मेरे सामने मत आ

मुझे बुढ़िया न कहो कोई , मैं ने जवानों की भी 'अक़्ल खोई

चालाक ज़ईफ़ अपने मुताल्लिक़ कहता है कि वो जवानों को उंगलीयों पहुंचा सकता है , ज़ईफ़ चालाक औरत का क़ौल है कि में बढ़िया हूँ तो क्या हवा में नौजवानों को भी फ़रेफ़्ता करलेती हूँ , बुज़ुर्गों की बनिसबत जवान नापुख़्ता कार होते हैं, जवान बुज़ुर्गों से इलम-ओ-शऊर हासिल करते हैं

मुझी पीटो

मिरा मुर्दा देखो (किसी काम से रोकने के लिए किस्म के तौर पर मुस्तामल

मुझ जैसे को

मेरे जैसा

मुझ वाल

मुझ सा, मेरी तरह का, मेरे जैसा, जैसा मैं हूँ

मुझ़्दा-ए-जाँ-फिज़ा

आत्मा को सुख देने वाला शुभ सन्देश, मन की चेतना को सुख वाला शुभ समाचार

मुझ़्दा-जाँफ़िज़ा

زندگی بڑھانے والی خوش خبری ، بہت بڑی خوش خبری ۔

मुझ़्दा-रसाँ

ख़ुशख़बरी पहुंचाने वाला, अच्छी खबर पहूँचाने वाला, ख़ुशी का संदेश देने वाला

मुझ़्दगानी

खुशखबरी लाने का पुरस्कार ।

मुझे क्या हुआ है

में किस हाल में मुबतला हूँ, मेरी क्या हालत होगई है

मुझे तो भैरवीं भावे

ख़्वाहमख़्वाह वाक़फ़ीयत जताना, ख़्वाहमख़्वाह इलम जताना

मुझ़्दा-हो

ख़ुशख़बरी हो, बधाई हो, मुबारक हो

मुझ़्दा-बाद

मुबारक हो, धन्यवाद

मुझ़्दा

رک : مژدہ جو فصیح ہے ۔

मुझ़्दा पहुँचाना

ख़ुश-ख़बरी देना, अच्छी ख़बर पहचाना

मुझे और तुझे ठौर

मुझे तेरे बगै़र और तुझे मेरे बगै़र चैन नहीं

मुझ़्दा

शुभ सूचना, शुभ संवाद, खुशख़बरी, अच्छी ख़बर

मुझे खो दिया

नष्ट कर दिया, तबाह कर दिया

मुझे क्या कहता है

मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं मुझे दोष क्यूँ देता है

मुझी गाड़ो

मिरा मुर्दा देखो (किसी काम से रोकने के लिए किस्म के तौर पर मुस्तामल

मुझे ओर न तुझे ठोर

एक दूजे के लिए दोनों आवश्यक हैं

मुझ़्दा पोंहचाना

ख़ुश-ख़बरी देना, अच्छी ख़बर पहचाना

मुझ़्दा मिलना

ख़ुश-ख़बरी मिलना, बशारत होना

मूँझना

بند کرنا ، موندنا ، میچنا ۔

मुझ़दा सुनाना

अच्छी ख़बर देना, ख़ुश-ख़बरी देना

मुझ़दुक

एक पारसी धार्मिक सुधारक जिसने कुबाद पिता नौशेरवाँ के समय में एक संप्रदाय चलाया, कई लोग यहाँ तक ​​कि राजा भी उसके अनुयायी बन गए, लेकिन नौशेरवाँ ने उसे और उसके 8000 अनुयायियों को मार डाला

मुझ़्द

سیارہ، مشتری، خوش خبری

मुझ़्दा सुनना

मुज़्दा सुनाना (रुक) का लाज़िम, ख़ुशख़बरी सुनना या पाना

मुझे गाड़ो

۔(عو) دیکھو مرا مردہ۔

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मूझ के अर्थदेखिए

मूझ

muujhمُوجھ

वज़्न : 21

مُوجھ کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • مجھے ، مجھ کو ، اپنے لیے ، میرے لیے
  • میرا ، میری

Urdu meaning of muujh

  • Roman
  • Urdu

  • mujhe, mujh ko, apne li.e, mere li.e
  • mera, merii

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मुझ

'मैं' का वह रूप जो उसे कर्ता और संबंध कारक की विभक्तियों के अतिरिक्त अन्य शेष कारकों की विभक्तियाँ लगने पर प्राप्त होता है, जैसे- मुझको, मुझसे, मुझ पर आदि

मूझ

مجھے ، مجھ کو ، اپنے لیے ، میرے لیے

मुझी

मुझ ही, मिसाल के लिए देखो क्या तमाशा है

मुझे

एक पुरुषवाचक सर्वनाम जो उत्तम पुरुष, एकवचन और उभयलिग है तथा वक्ता या उसके नाम की ओर संकेत करता है । यह 'मैं' का वह रूप है जो उसे कर्म और संप्रदान कारक में प्राप्त होता है । इसमें लगी हुई एकार की मात्रा विभक्ति का चिह्न है, इसलिये इसके आगे कारक चिह्न नहीं लगता, मुझको

मुझ-को

मेरे स्वयं के प्रति, मुझे, मेरे लिए

मुझ में

मेरी ज़ात में, मेरे अंदर, मुझमें, अपने आप में

मुझी-से

मुझ जैसे, मेरे ही जैसे, मेरी ही तरह के, मेरी ही मानिंद

मुझ सा

मेरी मानिंद, मेरे जैसा/जैसे

मुझ से

मेरी ज़ात से, मेरे से, मेरी जाति से

मुझ को पाता है तो छुरी को नहीं पाता

जान का दुश्मन है , क्या करे कुछ बस नहीं चलता यानी जब तक ख़ुदा ना चाहे कोई किसी को नुक़्सान नहीं पहुंचा सकता

मुझ कने

میرے پاس ، میرے سامنے ۔

मुझ में दम नहीं

अधिक कमज़ोर हूँ

मुझ में क्या बाक़ी है

जल्दी मरने वाला हूँ

मुझ से बुरा कोई नहीं

में बहुत नाराज़ हूँगा, बहुत बुरा मानोंगा, जो सज़ा या आज़ार दे सकता हूँ दूंगा

मुझ को पाता है तो हथियार को नहीं पाता

जान का दुश्मन है , क्या करे कुछ बस नहीं चलता यानी जब तक ख़ुदा ना चाहे कोई किसी को नुक़्सान नहीं पहुंचा सकता

मुझ सीं चलना

मेरी चलना, मेरा बस चलना

मुझ से भी टाँच लाए

मुझ से भी नाहक़ झगड़ा क्या या लड़ पड़े

मुझ को चाहते हो तो मेरे कुत्ते को भी चाहो

अगर मुझ से मुहब्बत है तो मेरी ज़रीत से भी मुहब्बत रखनी होगी

मुझ-पास

मेरे पास, मेरे समीप

मुझ में आया

۔(دہلی عم)میں ذمہ دار ہوں ۔میں ضامن ہوں

मुझ में आया

मैं ज़िम्मेदार हूँ, मैं ज़मानतदार हूँ

मुझ को पाता है तो तलवार को नहीं पाता

जान का दुश्मन है , क्या करे कुछ बस नहीं चलता यानी जब तक ख़ुदा ना चाहे कोई किसी को नुक़्सान नहीं पहुंचा सकता

मुझ को बूढ़िया न कहना कोई , मैं तो लाल पलंग पर सोई

रुक : मुझे बढ़िया ना कहो कोई अलख

मुझ, तुझ

me, you

मुझ को कोई न मारे तो सारे जहाँ को मार आऊँ

कायर व्यक्ति ख़तरे से डरता है

मुझ को पीटे

(ओ) मेरा मातम करे, मेरा मिरा मुँह देखे, है है करे, हमें खाए, हमारा जनाज़ा देखे , बतौर क़िस्म मुस्तामल

मुझ को पीटो

रुक : मुझ को पीटे

मुझ्दा-बाद ऐ मर्ग 'ईसा आप ही बीमार है

(फ़रसी कहावत उर्दू में प्रचलित है) हे मृत्यु ख़ुश हो कि स्वयं ईसा बीमार है, जिससे मदद की आशा थी वह स्वयं बीमार पड़ा है, संकट में फंसा है

मुझे दे सूप तू हाथों फूँक

स्वार्थी व्यक्ति के संबंध में कहते हैं कि उसे अपने काम से काम होता है दूसरे की पीड़ा एवं तकलीफ़ की परवाह नहीं होती

मुझी दे सोप तो हाथों फूँक

ख़ुदग़रज़ आदमी के मुताल्लिक़ कहते हैं कि उसे अपने काम से काम होता है दूसरे की तकलीफ़ की पर्वा नहीं होती

मुझे क्या नहीं आता

मैं हर विद्या और कौशल से परिचित हूँ

मुझी मुँह न दिखा

(घृणा प्रकट करते हुए) मुझे अपना रूप न दिखा, मेरे सामने मत आ

मुझे बुढ़िया न कहो कोई , मैं ने जवानों की भी 'अक़्ल खोई

चालाक ज़ईफ़ अपने मुताल्लिक़ कहता है कि वो जवानों को उंगलीयों पहुंचा सकता है , ज़ईफ़ चालाक औरत का क़ौल है कि में बढ़िया हूँ तो क्या हवा में नौजवानों को भी फ़रेफ़्ता करलेती हूँ , बुज़ुर्गों की बनिसबत जवान नापुख़्ता कार होते हैं, जवान बुज़ुर्गों से इलम-ओ-शऊर हासिल करते हैं

मुझी पीटो

मिरा मुर्दा देखो (किसी काम से रोकने के लिए किस्म के तौर पर मुस्तामल

मुझ जैसे को

मेरे जैसा

मुझ वाल

मुझ सा, मेरी तरह का, मेरे जैसा, जैसा मैं हूँ

मुझ़्दा-ए-जाँ-फिज़ा

आत्मा को सुख देने वाला शुभ सन्देश, मन की चेतना को सुख वाला शुभ समाचार

मुझ़्दा-जाँफ़िज़ा

زندگی بڑھانے والی خوش خبری ، بہت بڑی خوش خبری ۔

मुझ़्दा-रसाँ

ख़ुशख़बरी पहुंचाने वाला, अच्छी खबर पहूँचाने वाला, ख़ुशी का संदेश देने वाला

मुझ़्दगानी

खुशखबरी लाने का पुरस्कार ।

मुझे क्या हुआ है

में किस हाल में मुबतला हूँ, मेरी क्या हालत होगई है

मुझे तो भैरवीं भावे

ख़्वाहमख़्वाह वाक़फ़ीयत जताना, ख़्वाहमख़्वाह इलम जताना

मुझ़्दा-हो

ख़ुशख़बरी हो, बधाई हो, मुबारक हो

मुझ़्दा-बाद

मुबारक हो, धन्यवाद

मुझ़्दा

رک : مژدہ جو فصیح ہے ۔

मुझ़्दा पहुँचाना

ख़ुश-ख़बरी देना, अच्छी ख़बर पहचाना

मुझे और तुझे ठौर

मुझे तेरे बगै़र और तुझे मेरे बगै़र चैन नहीं

मुझ़्दा

शुभ सूचना, शुभ संवाद, खुशख़बरी, अच्छी ख़बर

मुझे खो दिया

नष्ट कर दिया, तबाह कर दिया

मुझे क्या कहता है

मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं मुझे दोष क्यूँ देता है

मुझी गाड़ो

मिरा मुर्दा देखो (किसी काम से रोकने के लिए किस्म के तौर पर मुस्तामल

मुझे ओर न तुझे ठोर

एक दूजे के लिए दोनों आवश्यक हैं

मुझ़्दा पोंहचाना

ख़ुश-ख़बरी देना, अच्छी ख़बर पहचाना

मुझ़्दा मिलना

ख़ुश-ख़बरी मिलना, बशारत होना

मूँझना

بند کرنا ، موندنا ، میچنا ۔

मुझ़दा सुनाना

अच्छी ख़बर देना, ख़ुश-ख़बरी देना

मुझ़दुक

एक पारसी धार्मिक सुधारक जिसने कुबाद पिता नौशेरवाँ के समय में एक संप्रदाय चलाया, कई लोग यहाँ तक ​​कि राजा भी उसके अनुयायी बन गए, लेकिन नौशेरवाँ ने उसे और उसके 8000 अनुयायियों को मार डाला

मुझ़्द

سیارہ، مشتری، خوش خبری

मुझ़्दा सुनना

मुज़्दा सुनाना (रुक) का लाज़िम, ख़ुशख़बरी सुनना या पाना

मुझे गाड़ो

۔(عو) دیکھو مرا مردہ۔

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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