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मीठे-हैं

पुरूष स्त्रैण स्भाव के हैं, प्रत्येक छोटे-बड़े की बातें सुन कर डर जाते और पी जाते हैं, डरपोक हैं, बोदे हैं

मीठे की तमा' से झूटा खाते हैं

मीठे के वास्ते झूटा खाते हैं

दोनों मीठे सा

मीठे में सलोना मिलाना

अरुचिकर बनाना

दोनों मीठे मुँह पर

कड़वे से मिलिए मीठे से डरिए

तीव्र स्वभाव वाले अधिकतर दिल के साफ़ होते हैं एवं हासप्रिय या चापलूस अधिकतर मक्कार होता है इस लिए बुरे स्वभाव वाले से हानि नहीं पहुँचता चापलूस से हानि पहुँचता है

मीठे-चाँवल

मीठे मुँह से बात करना

नम्रता और कोमलता से बात करना

मीठे-बरस

मीठे-सुर

मीठे के वास्ते न सलोने के वास्ते

बिना किसी लोभ के, बिना वजह

दोनों मीठे

जब दोनों सूरतों में या हर हालत में फ़ायदा हो तो ये फ़िक़रा बोलते हैं

मीठे से मरे तो ज़हर क्यों दे

अगर मीठी मीठी बातों से काम निकल सकता है तो ज़बरदस्ती नहीं करनी चाहिए

मेरे दोनों मीठे

۔ इस शख़्स की निसबत बोलते हैं जो दो शख्सों या दो चीज़ों को यकसाँ दोस्त रखता हो। इन दोनों में से किसी की जुदाई गवारा ना करता हो। ये मिसल उस जगह भी बोली जातीहे जब ये कहना हो। हर तरह फ़ायदा है किसी हालत में नुक़्सान नहीं।

दोनों मीठे रखना

दोनों जानिब से अच्छा बनना

हमाहिमी दोनों मीठे

हमारा हर तरह फ़ायदा है

दोनों ही मीठे

हर तरह फ़ायदा होना

मीठे की लालच झूटा खाते हैं

रुक : मीठे की तुम्ह अलख

मीठे के लालच झूटा खाते हैं

रुक : मीठे की तुम्ह से अलख

मीठे-अलफ़ाज़

नर्म या प्यार भरे शब्द, अच्छे शब्द, प्यारी बातें

मीठे-टुकड़े

मीठे मुँह पर होना

मीठी बाढ़ पर होना । तलवार या ख़ंजर का कुंद होना । मोटी धार होना

मीठे-बोल

प्यारे शब्द, नर्म और मुलाइम बातें

मीठे-बचन

मीठे बोल, प्यारी बातें, नर्मी की बातें

मीठे-चावल

वह भात जिसे पकाते समय चीनी या गुड़ भी मिला दिया गया हो

मीठे-वाले

झूटा भी खाए मीठे के लालच

मकरूह चीज़ किसी मज़े की ख़ाबर खाई जाती है, इंसान कोई तकलीफ़ उठाता बा बुरा काम या बरी बात करता है तो हम किसी फ़ाइदे या लालच के लिए

मीठे बचन सहावन बोली

अच्छे बोल प्यारी ज़बान , मुराद : दिल फ़रेब आवाज़, मूसीक़ी, लिहिन वग़ैरा

मीठे-खट्टे को जी चाहना

(अविर) मुजामअत की ख़ाहिश होना, हमबिसतरी की रग़बत होना

झूटा कोई खाता है तो मीठे के लिए

रुक : झूटा भी खाए अलख

जीते हैं न मरते हैं सिसक सिसक दम भरते हैं

जीवन से निराश हैं, जीवन के दिन पूरे कर रहे हैं, बहुत कष्टमय जीवन बिता रहे हैं

घर से आए हैं संदेसा लाए हैं

घर से आए हैं संदेसा लाए हैं

जब किसी शख़्स पर कुछ बनी हो और इस से ज़्यादा सर गुज़शता दूसरा आदमी उस को सुनाना चाहे तो उस वक़्त वो ये फ़िक़रा कहते हैं तुम मुझ से ज़्यादा वाकिफ-ए-हाल नहीं हो, कोई ग़ैर मुताल्लिक़ शख़्स दख़ल दे तो कहते हैं

हमीं हैं जो ये मुगदर भान्ते हैं

हमारे बराबर कोई नहीं

आँखें क्या नहीं हैं

रुक : आंखें क्या मुंह पर नहीं (उमूमन ज़मीर इज़ाफ़ी के साथ मुस्तामल)

दोनों आँखें बराबर हैं

पाँचों तर हैं

अंडे हैं अंडे

फेरी लगा कर मुर्ग़ी के अंडे ख़रीदने वालों की सदा

आँखें देखी हैं

संगत उठाई है, परवरिश पाई है

जो गरजते हैं वो बरसते हैं

दाना न घास, हैं हैं करे

घोड़े को दाना घास ना मिले तो हिनहिनाता है

हम हैं हम हैं

रुक : हम ही हम हैं

बातें ही बातें हैं

अमल कुछ नहीं लफ़्फ़ाज़ी है

चार हाथ पाँव सब रखते हैं कुछ तुम्हारे ही नहीं हैं

कमाऊ खाओ , सब ताक़त रखते हैं, घमंड करने वाले को कहते हैं

गोश्त खा लेते हैं, हड्डियाँ फेंक देते हैं

अच्छी चीज़ इस्तिमाल की जाती है और बुरी चीज़ ज़ाए करदी जाती है, अच्छी चीज़ इस्तिमाल करनी चाहिए बरी चीज़ से हरहीज़ करना

जहाँ चार बर्तन होते हैं खटकते भी हैं

जहाँ कुछ लोग एक जगह जमा होते हैं तो वहाँ वादविवाद भी हो ही जाती है, जहाँ भीड़ होती है वहाँ वादविवाद भी होती है

हँसते घर बसते हैं

रुक : हंसते ही घर बस्ते हैं

पेंशन खाते हैं

काम कुछ करते नहीं मुफ़्त का ज़ीफ़ा लेते हैं

ये बातें हैं

۔वहमी बातें हैं। फ़ुज़ूल बातें हैं।

दसों उँगलियाँ चराग़ हैं

कला और कौशल में निपुण हैं

तमा' के तीन हर्फ़ हैं और तीनों ख़ाली हैं

लोभ में कुछ नहीं रखा

आँखें बंद हुई जाती हैं

ऐसी कैफ़ीयत या समां है कि ख़ुदबख़ुद नींद आई जाती है, उतना ज़ोफ़ है कि आंखें खोलने की ज़हमत बर्दाश्त नहीं होती

क़ब्र का मुँह झाँक कर आए हैं, मर के बचे हैं

मौत के मुँह से बचकर आए हैं, मुश्किल से जान बची है

शेरों के शेर हैं

बहुत ज़्यादा बहादुर, बहुत जरी

पाँचों उँगलियाँ घी में तर हैं

रोज़ दावतें मारता और ज़याफ़तें चिट करता है, सब खाना पीना अपने ही हाथ है हर तरह गहरे हैं, मुख़्तार-ए-कुल है, बहुत ही ऐश-ओ-आराम में है

घर की मूँछें ही मूँछें हैं

कंगाल आदमी के संबंध में कहते हैं अर्थात घर में कुछ नहीं है

हम भी हैं पाँचवें सवारों में

शेखी ख़ोरे की निसबत कहते हैं जिस की कुछ हक़ीक़त ना हो और वो ख़ुद को ख़्वामख़्वाह बड़े लोगों में शामिल करे

टोटकों से गाजें नहीं टलती हैं

उच्च लक्ष्यों और महान उद्देश्य को महान योजनाओं और गंभीर रणनीति द्वारा प्राप्त किया जाता है, सरल उपाय महान चीजों को पूरा नहीं करते हैं

आँखें चरने गई हैं

तुम्हें सामने की चीज़ नज़र नहीं आती, बड़ी बेपर्वाई से देखते या ढूंढते हो

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मीठे-हैं के अर्थदेखिए

मीठे-हैं

miiThe hai.nمِیٹھے ہیں

वाक्य

मूल शब्द: मीठे

मीठे-हैं के हिंदी अर्थ

  • पुरूष स्त्रैण स्भाव के हैं, प्रत्येक छोटे-बड़े की बातें सुन कर डर जाते और पी जाते हैं, डरपोक हैं, बोदे हैं
  • शांतिप्रिय हैं
  • मीठी ज़बान और जान से प्यारे हैं
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مِیٹھے ہیں کے اردو معانی

  • مرد زن مزاج ہیں، ہرکس و ناکس کی سخت و سست باتیں سن کر ڈرجاتے اور پی جاتے ہیں، بزدل ہیں، نامرد ہیں، بودے ہیں
  • بردبار ہیں
  • شیریں زبان اور عزیز از جان ہیں

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