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मन मन भर के पाँव

मन मन भर के पाँव होना

पाँव का थक कर भारी महसूस होने लगना

पाँव मन मन भर के हो जाना

रुक : पांव सौ सौ मन के हो जाना

मन मन भर के पाँव हो जाना

पाँव का थक कर भारी महसूस होने लगना

मन-भर

मन के मन में

मन-मन भर का

पाँव हज़ार मन के होना

रुक : पांव सौ मन के होना

पाँव मन भर का होना

पाँव सौ मन के हो जाना

चलने की ताब-ओ-ताक़त ना रहना, चलना दूभर हो जाना

सौ सौ मन के पाँव हो जाना

घबराहट या डर से चल न सकना

पाँव सौ सौ मन के हो जाना

पाँव हज़ार मन के हो जाना

जैसा कन भर, वैसा मन भर

जैसा प्रतिरूप होता है, वैसी ही माल होता है

पाँव लाख मन के होना

रुक : पांव सौ सिवा मन के होना, चलने फिरने से आजिज़ होजाना

तन-मन भर जाना

दिल भर जाना, ख़ुश होना

टुक-टुक कर के मन भर खावे, तनक बेगमाँ नाम बतावे

नाम तो सुकुमार बेग़म है पर थोड़ा-थोड़ा करके मन भर खा जाती है

मन के इशारों पर चलना

दिल की इच्छाओं पर चलना, दिल की बात मानना

पापी के मन में पाप ही बसे

उद्दंड व्यक्ति हर समय उद्दंडता ही की बातें सोचता रहता है

एक एक पाँव एक एक मन का होना

बहुत थकान; लज्जा या भय आदि से पैर आगे को न उठना

चोर के मन में चोरी बसे

हर कोई दूसरे व्यक्ति को भी अपने ही जैसा समझता है

मन भर का सर हिलाते हैं , पैसा भर की ज़बान नहीं हिलते

इशारे से कहते हैं ज़बान से नहीं बोलते, साफ़ साफ़ नहीं कहते

दुश्मनों के मन का चेता होना

(अविर) दुश्मन की मुराद पर आना

मन के लड्डू फोड़ना

दिल ही दिल में मंसूबे बना कर ख़ुश होना, ख़्याली पुलाव पकाना, दिल ही दिल में ख़ुश होना, आप ही आप काम कर बैठना

साँचा सब के मन से उतरता है

सच्चा आदमी सब को बुरा लगता है

मन भर का सर हिलाते हैं , पैसा भर की ज़बान नहीं हिलाई जाती

इस के मुताल्लिक़ कहते हैं जो सलाम के जवाब में सिर्फ़ सर हिला दे , मग़रूर और बेवक़ूफ़ के मुताल्लिक़ कहते हैं

मन भर का सर हिलाते हैं , पैसे भर की ज़बान नहीं हिलाई जाती

मन के लड्डुओं से भूक नहीं मिटती

मीठी मीठी बातों का कोई फ़ायदा नहीं, उन से ज़रूरत पूरी नहीं होती

मन के लड्डू तो फीके क्यों

साजन हम तुम ऐक हैं देखत के हैं दो, मन से मन को तौल दो मन कदी न हो

हम तुम असल में एक हैं भले ही दो दिखाई देते हैं

हज़ारों मन मिट्टी के नीचे जा पहुँचना

मर जाना, मृत्यु हो जाना, इंतिक़ाल हो जाना, दफ़न हो जाना

मन मन भर के पैर होना

पाँव का थक कर भारी महसूस होने लगना

मन भर का सर हिलाए टके की ज़बान न हिलाए

कद के कद आए मेरे मन नहीं भाए

इतनी देर के बाद आप का आना हमें पसंद नहीं

मन के लड्डू फोड़ना कहा बैठना

आप ही काम कर बैठना

मन मन भर के पैर हो जाना

पाँव का थक कर भारी महसूस होने लगना

पैर मन मन भर के हो जाना

रुक : पांव मन मन भर के होजाना, पांव शॅल होजाना

साँची बात सा'दुल्लाह कहे, सब के मन से उतरा रहे

सच्ची बात कहने वाले से सब नाख़ुश होते हैं, जो शख़्स सच्च बोले इस से सब घबराते हैं

अपने हाथ के बल बल जाइए जैसा मन हो तैसा खाइए

अपने हाथ का काम ठीक मन-मर्ज़ी के अनुसार होता है (कारीगर इच्छानुसार काम करने के बाद गर्व से कहता है

सच्ची बात सा'दुल्लाह कहे सब के मन से उतरा रहे

बंदा तो सच्च ही बोलेगा ख़ाह लोगों को गिरां गुज़रे, सच्ची बात कहने वाले को लोग पसंद नहीं करते

मन भर का

(शाब्दिक)चालीस सेर का; (लाक्षणिक)बहुत भारी, अधिक वज़नी

मन भर जाना

दिल भर जाना, दिल सैर हो जाना, ख़ाहिश और रग़बत बाक़ी ना रहना

मन भर गया

ल सैर हो गया, अब कुछ ख़ाहिश नहीं

चोरवा के मन बसे ककड़ी का खेत

चोर हमेशा चोरी की ही ताक में रहता है

सच्ची बात सा'दुल्लाह कह सब के मन से उतरा रहे

बंदा तो सच्च ही बोलेगा ख़ाह लोगों को गिरां गुज़रे, सच्ची बात कहने वाले को लोग पसंद नहीं करते

नौ मन तेल खाए फिर तिलेर के तिलेर

उस के प्रति कहते हैं जो बावजूद बहुत खाने के मोटा न हो

नौ मन तिल खाए फिर तिलेर के तिलेर

इतना ज़्यादा खाने के बाद भी दुबले पुतले रहे , इतनी तालीम हासिल करने पर भी बेवक़ूफ़ रहे

डोम के घर ब्याह, मन आवे सो गा

दूसरी जगह जो भी अनुरोध हो गाना पड़ता है परंतु अपने घर में जो चाहो करो, अपने घर में सभी व्यक्ति अपनी इच्छा के मालिक होते हैं और जो चाहे कर सकते हैं

जल में बसे कोधनी और चंदा बसे आकास, जो जन जा के मन बसे सो जन ता के पास

कमल का फूल पानी में रहता है और चाँद आसमान पर, जो किसी के दिल में रहता है वो मानो उन के पास है

मन मिला के

यक दिल हो कर

मन के बैठना

ख़फ़गी रफ़ा करना । राज़ी हो जाना

मन के लड्डू लढाना

ख़याली पुलाव पकाना, दिल ही दिल में ख़ुश होना

मन करे पहिरन चौतार करम लिखे भेड़ी के बार

दिल तो अच्छे कपड़े पहनने को करता है मगर भाग्य में भेड़ के बाल हैं

मन के चेते होना

दिल की ख़ाहिश के मुताबिक़ कोई काम हो जाना, दिल की ख़ाहिश बर आना, दिल की ख़ाहिश पूरी होना

मन के लड्डू खाना

मन मार के बैठ रहना

जी मार के बैठ रहना, सब्र कर के बैठना, मायूस हो कर रह जाना, कबीदाख़ातिर हो कर बैठ रहना, बेकसी और बेबसी के आलम में हो बैठना

ठूँठ चतेरा मन में झींके

ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जब कोई क़ाबिल आदमी काम ख़राब होते देखे मगर दख़ल ना दे

मन के लड्डू खा बैठना या लढाना

दिल ही दिल में मंसूबे बना कर ख़ुश होना, ख़्याली पुलाव पकाना, दिल ही दिल में ख़ुश होना, आप ही आप काम कर बैठना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मन मन भर के पाँव के अर्थदेखिए

मन मन भर के पाँव

man man bhar ke paa.nvمَن مَن بَھر کے پاؤں

مَن مَن بَھر کے پاؤں کے اردو معانی

  • ۔پاؤں جو سوج کر نہایت بھاری ہوگئے ہوں۔ وہ پاؤں جو ہمت پست ہوجانے کی وجہ سے بھاری معلوم ہوتے ہیں۔(نبات النعش) ان بیچاریوںکو بازاروں میں چلنے کاکا ہیکو اتفاق ہواتھا۔ گورات تھی اور رستہ نہیںچلتا تھا مگر من من بھر کے پاؤں تھے۔ دو قدم چلیں اور گریں۔

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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