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कुछ-है

۔۱۔कोई बात है। कोई अंदरूनी बात है। ए २।देखो कुछ नंबर ३।३।बुराई है। खोट है। फ़ासिद ज़दा है। इस के दिल में कुछ है

कुछ हैं

किसी योग्य हैं, किसी शुमार में हैं, किसी संख्या में हैं

कभी कुछ है कभी कुछ है

यथास्थिति हमेशा नहीं रहती

आन में कुछ है, आन में कुछ है

گھڑی بھر میں کچھ ہے گھڑی بھر میں کچھ ہے، متلون مزاج کے متعلق کہتے ہیں

कुछ बुनियाद है

कोई असल और हक़ीक़त नहीं , कम हैसियत है

कुछ चीज़ है

कोई महत्व है, कोई एहमियत है, कोई हैसियत है

कुछ ठिकाना है

ठिकाना नहीं, बहुत ज़्यादा है, बेइंतिहा है, बेहद-ओ-हिसाब है (कसरत और शिद्दत ज़ाहिर करने के मौक़ा पर बोलते हैं

कुछ ठिकाना है

ठिकाना नहीं, बहुत ज़्यादा है, बेइंतिहा है, बेहद-ओ-हिसाब है (कसरत और शिद्दत ज़ाहिर करने के मौक़ा पर बोलते हैं

कुछ अस्ल है

कोई वास्तविकता नहीं; अवास्तविक वस्तु; कोई बड़ी बात नहीं

कुछ चुराया है

(अम) हमल है

कुछ दूर है

(हैरानी के लिए) कुछ दूर नहीं

कुछ ख़ैर है

(हैरत और ताज्जुब की जगह मुस्तामल) कुछ पता नहीं , बेख़बर है

कोई कुछ कहता है कोई कुछ कहता है

जितने मुँह उतनी बातें

जी है तो सब कुछ है

जीवन है तो दुनिया का आनंद है, जान है तो जहान है

जो कुछ है यही है

असल वही है

तक़दीर सीधी है तो सब कुछ है

अगर भाग्य अच्छे हैं तो जो चाहोगे वह हो जाएगा

कुछ नहीं आता है

knows nothing

कुछ दाल में काला है

किसी छुपी बात का संदेह होना, तह में अवश्य कुछ है जो ज़ाहिर में नहीं

दाल में कुछ काला है

किसी छुपी बात का संदेह होना, तह में अवश्य कुछ है जो ज़ाहिर में नहीं

कुछ अपनी ख़बर है

क्या अपनी स्थिति का एहसास है

कुछ ख़र्च होता है !

अधिकार आने न आने में है, इसमें ज़बरदस्ती नहीं है, कुछ ख़र्च होता है, हाँ मुँह से कहते हुए

ये कुछ खेल है

यह आसान नहीं है, यह असंवैधानिक है

कुछ तो मीठा है

कोई बात तो पसंदीदा है, कोई आवश्यकता तो प्रासंगिक है

कुछ और 'आलम है

۔حالت اور کیفیت بدل گئی۔ ؎

कुछ पड़ा पाया है

जब किसी आदमी को बगै़र किसी ज़ाहिरी सबब के ख़ुश देखते हैं तो ये फ़िक़रा कहते हैं इस का मतलब ये होता है कि क्या ग़ैब से कोई नेअमत हाथ आगई

अभी कुछ नहीं बिगड़ा है

हनूज़ वक़्त बाक़ी है, तदारुक बा तलाफ़ी हो सकती है

कुछ गिरह में भी है

۔کچھ رقم پاس بھیہے۔ ؎

कुछ नहीं हो सकता है

۔کوئی تدبیر کارگر نہیں ہوسکتی ہے۔ ؎

तक़दीर सीधी है तो सब कुछ

अगर भाग्य अच्छे हैं तो जो चाहोगे वह हो जाएगा

कुछ दाल में काला काला है

किसी छुपी बात का संदेह होना, तह में अवश्य कुछ है जो ज़ाहिर में नहीं

हँसते हो कुछ पड़ा पाया है

جب کوئی بہت ہنس رہا ہو تو کہتے ہیں

'अक़्ल की कोताही और सब कुछ है

उपहास में मूर्ख या कम समझ वाले के संबंध में कहते हैं कि और तो सब कुछ है मगर 'अक़्ल नहीं है

यहाँ ज़रूर कुछ दाल में काला है

यहाँ कुछ धोखे की बात है

है हुवाए कुछ भी नहीं

बिलकुल नादार है, बिलकुल मुफ़लिस है

कुछ तो है

कोई ख़ास बात ज़रूर है , यक़ीनन कोई वजह है

कुछ बसंत की भी ख़बर है

दुनिया की स्थितियों से भी कुछ सूचित हैं, सावधान करने के लिए बोलते हैं

जो कुछ दिल पे गुज़रती है

۔جس قدر صدمہ دل پر ہے۔ ؎

कुछ शामत तो आई नहीं है

ज़बान दराज़-ओ-बेअदब से रंजिश के अंदाज़ में गुफ़्तगु , दोस्त से फ़र्त मुहब्बत और तपाक के इज़हार के मौक़ा पर मुस्तामल

कुछ बात है

कोई बात नहीं, कुछ सबब है, किस वास्ते, किस लिए, क्यों

ज़रूरत सब कुछ करा लेती है

आवश्यक्ता के समय जो कुछ हो सकता है किया जाता है, नेकनामी बदामी का कुछ भय नहीं होता

कुछ इजारा है

वश नहीं, दवा नहीं, अधिकार नहीं

ख़ुदा का दिया सब कुछ है

हर तरह की आराम है

कुछ तुम ने ख़्वाब देखा है

۔جب کوئی شخص کوئی ناممکن بات بیان کرے یا متکلّم کی نسبت ایسا امر ظاہر کرے جو اُس پر عاید نہ ہو تو ایسے موقع پر یہ فقرہ کہتے ہیں کہ کیا بےہوش ہو کچھ تم نے خواب دیکھا ہے۔

बंदे का चाहा कुछ नहीं होता, अल्लाह का चाहा सब कुछ होता है

ईश्वर की मर्ज़ी होती है बंदे या किसी व्यक्ति की मर्ज़ी नहीं होती

आदमी कुछ खो के सीखता है

नुक़्सान उठाने के बाद तजुर्बा और अनुभव होता है

कुछ ख़लल तो है जिस से ये ख़लल है

इस ख़राबी या कमी का कोई कारण है

वक़्त सब कुछ करा लेता है

अवसर और आवश्यकता के समय मनुष्य वह काम कर लेता है जो वह प्राय: अर्थात आमतौर पर नहीं कर सकता

जान है तो सब कुछ है

जीवन है तो दुनिया का आनंद है, जान है तो जहान है

जो कुछ कहो सो फबती है

जो कहा जाए सुंदर है

कुछ तो ख़लल है कि जिस से ये ख़लल है

इस ख़राबी या कमी का कोई कारण है

पेट सब कुछ सिखा लेता है

The belly teaches all art.

हर एक बात की कुछ इंतिहा है

हर बात कहीं न कहीं समाप्त होती है

फ़क़ीर की झोली में सब कुछ है

फ़क़ीर के अधिकार में सारा ईश्वरत्व अथवा संसार है

हुक्म के साथ सब कुछ मौजूद है

शासक के लिए सब कुछ तैयार है, आज्ञा ही हर चीज़ ले आती है

दिल का कुछ और ही नक़्शा है

दिल घबराता है, दिल परेशान है

दिल का कुछ और ही नक़्शा है

दिल घबराता है, दिल परेशान है

हँसते हो, कुछ पड़ा पाया है

बला वजह हँसने के मौके़ पर कहा जाता है, जब कोई बिलावजह हंस रहा हो तो बुरा मान कर कहते हैं कि क्या मिल गया है जो हंस रहे हो

यहाँ कुछ माल तो नहीं गड़ा है

जहाँ कोई अपना दावा या विशेषाधिकार जताता है, वहाँ ऐसा कहा जाता है

शादी है कुछ गुड़ियों का ब्याह थोड़ा ही है

जब कोई ब्याह पर बहुत कम ख़र्च करना चाहे तो कहते हैं, ब्याह पर बहुत ख़र्च होता है

कुछ तुम ने ख़्वाब तो नहीं देखा है

जब कोई शख़्स ऐसी बात कहता है जो नामुमकिन होती है तो ये मक़ूला कहा करते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में कुछ-है के अर्थदेखिए

कुछ-है

kuchh-haiکُچْھ ہے

वज़्न : 22

वाक्य

मूल शब्द: कुछ

कुछ-है के हिंदी अर्थ

  • ۔۱۔कोई बात है। कोई अंदरूनी बात है। ए २।देखो कुछ नंबर ३।३।बुराई है। खोट है। फ़ासिद ज़दा है। इस के दिल में कुछ है
  • कोई बात है कोई सबब या वजह है, दाल में काला है , ज़रूर कुछ है
  • बहुत कुछ है, बहुत ज़्यादा है , बुराई है , खोट है , फ़ासिद इदारा है

کُچْھ ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • کوئی بات ہے، کوئی سبب یا وجہ ہے، دال میں کالا ہے، ضرور کچھ ہے، کوئی اندرونی بات ہے
  • بہت کچھ ہے، بہت زیادہ ہے، برائی ہے، کھوٹ ہے، فاسد ارادہ ہے
  • دیکھو کچھ، اس کے دل میں کچھ ہے

Urdu meaning of kuchh-hai

  • Roman
  • Urdu

  • ko.ii baat hai, ko.ii sabab ya vajah hai, daal me.n kaala hai, zaruur kuchh hai, ko.ii andaruunii baat hai
  • bahut kuchh hai, bahut zyaadaa hai, buraa.ii hai, khoT hai, faasid iraada hai
  • dekho kuchh, is ke dil me.n kuchh hai

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कुछ-है

۔۱۔कोई बात है। कोई अंदरूनी बात है। ए २।देखो कुछ नंबर ३।३।बुराई है। खोट है। फ़ासिद ज़दा है। इस के दिल में कुछ है

कुछ हैं

किसी योग्य हैं, किसी शुमार में हैं, किसी संख्या में हैं

कभी कुछ है कभी कुछ है

यथास्थिति हमेशा नहीं रहती

आन में कुछ है, आन में कुछ है

گھڑی بھر میں کچھ ہے گھڑی بھر میں کچھ ہے، متلون مزاج کے متعلق کہتے ہیں

कुछ बुनियाद है

कोई असल और हक़ीक़त नहीं , कम हैसियत है

कुछ चीज़ है

कोई महत्व है, कोई एहमियत है, कोई हैसियत है

कुछ ठिकाना है

ठिकाना नहीं, बहुत ज़्यादा है, बेइंतिहा है, बेहद-ओ-हिसाब है (कसरत और शिद्दत ज़ाहिर करने के मौक़ा पर बोलते हैं

कुछ ठिकाना है

ठिकाना नहीं, बहुत ज़्यादा है, बेइंतिहा है, बेहद-ओ-हिसाब है (कसरत और शिद्दत ज़ाहिर करने के मौक़ा पर बोलते हैं

कुछ अस्ल है

कोई वास्तविकता नहीं; अवास्तविक वस्तु; कोई बड़ी बात नहीं

कुछ चुराया है

(अम) हमल है

कुछ दूर है

(हैरानी के लिए) कुछ दूर नहीं

कुछ ख़ैर है

(हैरत और ताज्जुब की जगह मुस्तामल) कुछ पता नहीं , बेख़बर है

कोई कुछ कहता है कोई कुछ कहता है

जितने मुँह उतनी बातें

जी है तो सब कुछ है

जीवन है तो दुनिया का आनंद है, जान है तो जहान है

जो कुछ है यही है

असल वही है

तक़दीर सीधी है तो सब कुछ है

अगर भाग्य अच्छे हैं तो जो चाहोगे वह हो जाएगा

कुछ नहीं आता है

knows nothing

कुछ दाल में काला है

किसी छुपी बात का संदेह होना, तह में अवश्य कुछ है जो ज़ाहिर में नहीं

दाल में कुछ काला है

किसी छुपी बात का संदेह होना, तह में अवश्य कुछ है जो ज़ाहिर में नहीं

कुछ अपनी ख़बर है

क्या अपनी स्थिति का एहसास है

कुछ ख़र्च होता है !

अधिकार आने न आने में है, इसमें ज़बरदस्ती नहीं है, कुछ ख़र्च होता है, हाँ मुँह से कहते हुए

ये कुछ खेल है

यह आसान नहीं है, यह असंवैधानिक है

कुछ तो मीठा है

कोई बात तो पसंदीदा है, कोई आवश्यकता तो प्रासंगिक है

कुछ और 'आलम है

۔حالت اور کیفیت بدل گئی۔ ؎

कुछ पड़ा पाया है

जब किसी आदमी को बगै़र किसी ज़ाहिरी सबब के ख़ुश देखते हैं तो ये फ़िक़रा कहते हैं इस का मतलब ये होता है कि क्या ग़ैब से कोई नेअमत हाथ आगई

अभी कुछ नहीं बिगड़ा है

हनूज़ वक़्त बाक़ी है, तदारुक बा तलाफ़ी हो सकती है

कुछ गिरह में भी है

۔کچھ رقم پاس بھیہے۔ ؎

कुछ नहीं हो सकता है

۔کوئی تدبیر کارگر نہیں ہوسکتی ہے۔ ؎

तक़दीर सीधी है तो सब कुछ

अगर भाग्य अच्छे हैं तो जो चाहोगे वह हो जाएगा

कुछ दाल में काला काला है

किसी छुपी बात का संदेह होना, तह में अवश्य कुछ है जो ज़ाहिर में नहीं

हँसते हो कुछ पड़ा पाया है

جب کوئی بہت ہنس رہا ہو تو کہتے ہیں

'अक़्ल की कोताही और सब कुछ है

उपहास में मूर्ख या कम समझ वाले के संबंध में कहते हैं कि और तो सब कुछ है मगर 'अक़्ल नहीं है

यहाँ ज़रूर कुछ दाल में काला है

यहाँ कुछ धोखे की बात है

है हुवाए कुछ भी नहीं

बिलकुल नादार है, बिलकुल मुफ़लिस है

कुछ तो है

कोई ख़ास बात ज़रूर है , यक़ीनन कोई वजह है

कुछ बसंत की भी ख़बर है

दुनिया की स्थितियों से भी कुछ सूचित हैं, सावधान करने के लिए बोलते हैं

जो कुछ दिल पे गुज़रती है

۔جس قدر صدمہ دل پر ہے۔ ؎

कुछ शामत तो आई नहीं है

ज़बान दराज़-ओ-बेअदब से रंजिश के अंदाज़ में गुफ़्तगु , दोस्त से फ़र्त मुहब्बत और तपाक के इज़हार के मौक़ा पर मुस्तामल

कुछ बात है

कोई बात नहीं, कुछ सबब है, किस वास्ते, किस लिए, क्यों

ज़रूरत सब कुछ करा लेती है

आवश्यक्ता के समय जो कुछ हो सकता है किया जाता है, नेकनामी बदामी का कुछ भय नहीं होता

कुछ इजारा है

वश नहीं, दवा नहीं, अधिकार नहीं

ख़ुदा का दिया सब कुछ है

हर तरह की आराम है

कुछ तुम ने ख़्वाब देखा है

۔جب کوئی شخص کوئی ناممکن بات بیان کرے یا متکلّم کی نسبت ایسا امر ظاہر کرے جو اُس پر عاید نہ ہو تو ایسے موقع پر یہ فقرہ کہتے ہیں کہ کیا بےہوش ہو کچھ تم نے خواب دیکھا ہے۔

बंदे का चाहा कुछ नहीं होता, अल्लाह का चाहा सब कुछ होता है

ईश्वर की मर्ज़ी होती है बंदे या किसी व्यक्ति की मर्ज़ी नहीं होती

आदमी कुछ खो के सीखता है

नुक़्सान उठाने के बाद तजुर्बा और अनुभव होता है

कुछ ख़लल तो है जिस से ये ख़लल है

इस ख़राबी या कमी का कोई कारण है

वक़्त सब कुछ करा लेता है

अवसर और आवश्यकता के समय मनुष्य वह काम कर लेता है जो वह प्राय: अर्थात आमतौर पर नहीं कर सकता

जान है तो सब कुछ है

जीवन है तो दुनिया का आनंद है, जान है तो जहान है

जो कुछ कहो सो फबती है

जो कहा जाए सुंदर है

कुछ तो ख़लल है कि जिस से ये ख़लल है

इस ख़राबी या कमी का कोई कारण है

पेट सब कुछ सिखा लेता है

The belly teaches all art.

हर एक बात की कुछ इंतिहा है

हर बात कहीं न कहीं समाप्त होती है

फ़क़ीर की झोली में सब कुछ है

फ़क़ीर के अधिकार में सारा ईश्वरत्व अथवा संसार है

हुक्म के साथ सब कुछ मौजूद है

शासक के लिए सब कुछ तैयार है, आज्ञा ही हर चीज़ ले आती है

दिल का कुछ और ही नक़्शा है

दिल घबराता है, दिल परेशान है

दिल का कुछ और ही नक़्शा है

दिल घबराता है, दिल परेशान है

हँसते हो, कुछ पड़ा पाया है

बला वजह हँसने के मौके़ पर कहा जाता है, जब कोई बिलावजह हंस रहा हो तो बुरा मान कर कहते हैं कि क्या मिल गया है जो हंस रहे हो

यहाँ कुछ माल तो नहीं गड़ा है

जहाँ कोई अपना दावा या विशेषाधिकार जताता है, वहाँ ऐसा कहा जाता है

शादी है कुछ गुड़ियों का ब्याह थोड़ा ही है

जब कोई ब्याह पर बहुत कम ख़र्च करना चाहे तो कहते हैं, ब्याह पर बहुत ख़र्च होता है

कुछ तुम ने ख़्वाब तो नहीं देखा है

जब कोई शख़्स ऐसी बात कहता है जो नामुमकिन होती है तो ये मक़ूला कहा करते हैं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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