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किसी न किसी दिन

some day or the other

किसी न किसी

۔कोई ना कोई। एक ना एक

किसी न किसी तरह

کسی نہ کسی صورت، بہرصورت، کسی نہ کسی طور پر

किसी को किसी का होश न होना

किसी को किसी की ख़बर ना होना, एक दूसरे लाइलम होना, नफ़सा-नफ़सी का आलम होना

ख़ुदा किसी को किसी का मुहताज न करे

भगवान किसी को दरिद्र न करे, किसी से काम न पड़े

किसी क़ाबिल न रखना

۔मुफ़लिस करदेना। बेकार करदेना। रुसवा करदेना।

किसी चीज़ पर न थूकना

इसे ध्यान में न लाना, किसी चीज़ से बहुत घृणा और नफ़रत व्यक्त करना

किसी तरफ़ की न रहना

रुक : कहीं का ना रहना

समा करे न क्या करे समैं समैं की बात, किसी समय के दिन बड़े किसी समय की रात

हर मौसम अपना उचित काम करता है मनुष्य कुछ नहीं कर सकता

किसी और भरोसे न भूलना

ये मत समझना कि कोई और तुम्हारी मदद करेगा, बहुत ना इतराना, बहुत ना घमंद करना

किसी का सलाम न मुजरा

किसी का नौकर नहीं, किसी का दिया नहीं खाता

किसी तरफ़ का न रहना

रुक : कहीं का ना रहना

किसी की तरफ़ रुख़ न करना

किसी से शर्म के कारण आँख ने मिलाना, मुँह सामने न करना, ध्यान न देना

किसी चीज़ पर आँख न ठैरना

किसी चीज़ की चमक दमक के कारण से उस पर नज़र न पड़ सकना

किसी बात की कमी न होना

हर चीज़ मौजूद होना, अमीर होना, धनी होना, मालदार होना

किसी को ख़याल में न लाना

किसी की परवाह न करना, किसी को न समझना, किसी को तुच्छता से देखना

न किसी के लेने में , न देने में

رک : نہ لینے میں نہ دینے میں جو زیادہ مستعمل ہے ۔

ये मुसीबत ख़ुदा किसी पर न डाले

किसी कठिन मुसीबत के समय पर कहते हैं कि अल्लाह ताला रहम करे, यह ऐसी मुश्किल है कि किसी पर न पड़े

किसी के लेने देने में न होना

उफ़ : होना

किसी को आँख उठा कर न देखना

उपेक्षा और अवहेलना से काम लेना, ध्यान में न रखना, किसी पर ध्यान न देना, अत्यधिक लापरवाही और संतोष दिखाना, थोड़ा भी ध्यान से न देखना

किसी चीज़ पर हाथ न रखने देना

गिरानी के बाइस उस चीज़ को ना छूने देना, ज़्यादा क़दर-ओ-मांग के बाइस किसी चीज़ को हाथ ना लगाने देना, किसी चीज़ की फ़रोख़त में निहायत बेपर्वाई-ओ-तुर्श-रूई को काम में लाना

समा करे निर क्या करे समैं समैं की बात, किसी समय के दिन बड़े किसी समय की रात

हर मौसम अपना उचित काम करता है मनुष्य कुछ नहीं कर सकता

किसी के सामने चराग़ न जलना

एहमीयत ना होना, किसी के आगे पेश ना चलना, आला के आगे अदना को फ़रोग़ ना होना

ख़सम जोरू की लड़ाई किसी को न भाई

पति-पत्नी को मिलजुल कर रहना चाहिए, पति-पत्नी की लड़ाई सबको नापसंद है

किसी के नाम का कुत्ता भी न पालना

(अवामी) किसी की शक्ल-सूरत से अप्रसन्न और घिरना होना, किसी की सूरत देखना को तैयार न होना

सोने की कटारी किसी ने अपने पेट में न मारी

कितना ही फ़ायदा क्यूँ न हो पर जान कोई नहीं लेता

हर फ़न में अधूरे , किसी फ़न में न उतरे पूरे

कोई हुनर पूरा नहीं जानते

कोठी कोठार सब तुम्हारा मगर किसी चीज़ को हाथ न लगाना

रुक : कोठी कठले को हाथ ना लगाओ, अलख

किसी काम का न होना

महिज़ निकम्मा और बेकार होना, उज़्व-ए-मुअत्तल होना

किसी और भरोसे न रहना

ये मत समझना कि कोई और तुम्हारी मदद करेगा, बहुत ना इतराना, बहुत ना घमंद करना

किसी करवट चैन न आना

किसी पहलू चैन ना आना, किसी तौर पर क़रार ना आना, किसी पहलू आराम ना आना

किसी करवट कल न आना

किसी पहलू चैन ना आना, किसी तौर पर क़रार ना आना, किसी पहलू आराम ना आना

किसी तरह बाहर न होना

कामिल मुतीअ होना

माँ की सोत न बाप की यारी, किसी नाते की तू मन्हारी

(ओ) कोई ख़्वाहमख़्वाह का रिश्ता जताए तो कहती हैं कि तरह हम से कोई ताल्लुक़ नहीं है

किसी ने ये भी न पूछा कि तुम किस बाग़ की मूली हो

किसी ने परवाह भी नहीं की, रास्ते सुरक्षित हैं कहीं लूट मार नहीं होती

ये भी किसी ने न पूछा कि तेरी मुँह में कितने दाँत हैं

जहां किसी की कोई पूछगिछ और ख़ातिर तवाज़ो ना हो वहां ये मुहावरा बोलते हैं

किसी ने ये भी न पूछा कि तेरे मुँह में कै दाँत हैं

किसी ने परवाह भी नहीं की, रास्ते सुरक्षित हैं कहीं लूट मार नहीं होती

किसी के पास न फटकने पाना

पहुँचने में असमर्थ होना, किसी तक पहुँचना बहुत कठिन होना

ऊँट जब तक पहाड़ के नीचे न आए किसी को अपने से ऊँचा नहीं समझता

ऊँट जब तक पहाड़ के नीचे न आए किसी को अपने से ऊँचा नहीं समझता

किसी के पास जा कर न फटकना

बिलकुल पास ना जाना, ज़रा ख़बर ना लेना, किसी बात से निहायत दौर और मुतनफ़्फ़िर रहना, गुरेज़ां रहना

मत कर नंद बुराई, तू भी किसी की भरजाई

तो मेरे साथ बुरी तरह पेश आती है तेरी नंद तुझ से बुरी तरह पेश आएगी

ना कर नंद बुराई तू भी किसी की भोजाई

बदी का नतीजा बदी है

मत कर नंद बुराई, तू भी किसी की भौजाई

तो मेरे साथ बुरी तरह पेश आती है तेरी नंद तुझ से बुरी तरह पेश आएगी

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में किसी न किसी दिन के अर्थदेखिए

किसी न किसी दिन

kisii na kisii dinکِسی نَہ کِسی دِن

English meaning of kisii na kisii din

Adverb

  • some day or the other

کِسی نَہ کِسی دِن کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فعل متعلق

  • ایک نہ ایک دن، کسی روز، کسی موقع پر

Urdu meaning of kisii na kisii din

  • Roman
  • Urdu

  • ek na ek din, kisii roz, kisii mauqaa par

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किसी न किसी दिन

some day or the other

किसी न किसी

۔कोई ना कोई। एक ना एक

किसी न किसी तरह

کسی نہ کسی صورت، بہرصورت، کسی نہ کسی طور پر

किसी को किसी का होश न होना

किसी को किसी की ख़बर ना होना, एक दूसरे लाइलम होना, नफ़सा-नफ़सी का आलम होना

ख़ुदा किसी को किसी का मुहताज न करे

भगवान किसी को दरिद्र न करे, किसी से काम न पड़े

किसी क़ाबिल न रखना

۔मुफ़लिस करदेना। बेकार करदेना। रुसवा करदेना।

किसी चीज़ पर न थूकना

इसे ध्यान में न लाना, किसी चीज़ से बहुत घृणा और नफ़रत व्यक्त करना

किसी तरफ़ की न रहना

रुक : कहीं का ना रहना

समा करे न क्या करे समैं समैं की बात, किसी समय के दिन बड़े किसी समय की रात

हर मौसम अपना उचित काम करता है मनुष्य कुछ नहीं कर सकता

किसी और भरोसे न भूलना

ये मत समझना कि कोई और तुम्हारी मदद करेगा, बहुत ना इतराना, बहुत ना घमंद करना

किसी का सलाम न मुजरा

किसी का नौकर नहीं, किसी का दिया नहीं खाता

किसी तरफ़ का न रहना

रुक : कहीं का ना रहना

किसी की तरफ़ रुख़ न करना

किसी से शर्म के कारण आँख ने मिलाना, मुँह सामने न करना, ध्यान न देना

किसी चीज़ पर आँख न ठैरना

किसी चीज़ की चमक दमक के कारण से उस पर नज़र न पड़ सकना

किसी बात की कमी न होना

हर चीज़ मौजूद होना, अमीर होना, धनी होना, मालदार होना

किसी को ख़याल में न लाना

किसी की परवाह न करना, किसी को न समझना, किसी को तुच्छता से देखना

न किसी के लेने में , न देने में

رک : نہ لینے میں نہ دینے میں جو زیادہ مستعمل ہے ۔

ये मुसीबत ख़ुदा किसी पर न डाले

किसी कठिन मुसीबत के समय पर कहते हैं कि अल्लाह ताला रहम करे, यह ऐसी मुश्किल है कि किसी पर न पड़े

किसी के लेने देने में न होना

उफ़ : होना

किसी को आँख उठा कर न देखना

उपेक्षा और अवहेलना से काम लेना, ध्यान में न रखना, किसी पर ध्यान न देना, अत्यधिक लापरवाही और संतोष दिखाना, थोड़ा भी ध्यान से न देखना

किसी चीज़ पर हाथ न रखने देना

गिरानी के बाइस उस चीज़ को ना छूने देना, ज़्यादा क़दर-ओ-मांग के बाइस किसी चीज़ को हाथ ना लगाने देना, किसी चीज़ की फ़रोख़त में निहायत बेपर्वाई-ओ-तुर्श-रूई को काम में लाना

समा करे निर क्या करे समैं समैं की बात, किसी समय के दिन बड़े किसी समय की रात

हर मौसम अपना उचित काम करता है मनुष्य कुछ नहीं कर सकता

किसी के सामने चराग़ न जलना

एहमीयत ना होना, किसी के आगे पेश ना चलना, आला के आगे अदना को फ़रोग़ ना होना

ख़सम जोरू की लड़ाई किसी को न भाई

पति-पत्नी को मिलजुल कर रहना चाहिए, पति-पत्नी की लड़ाई सबको नापसंद है

किसी के नाम का कुत्ता भी न पालना

(अवामी) किसी की शक्ल-सूरत से अप्रसन्न और घिरना होना, किसी की सूरत देखना को तैयार न होना

सोने की कटारी किसी ने अपने पेट में न मारी

कितना ही फ़ायदा क्यूँ न हो पर जान कोई नहीं लेता

हर फ़न में अधूरे , किसी फ़न में न उतरे पूरे

कोई हुनर पूरा नहीं जानते

कोठी कोठार सब तुम्हारा मगर किसी चीज़ को हाथ न लगाना

रुक : कोठी कठले को हाथ ना लगाओ, अलख

किसी काम का न होना

महिज़ निकम्मा और बेकार होना, उज़्व-ए-मुअत्तल होना

किसी और भरोसे न रहना

ये मत समझना कि कोई और तुम्हारी मदद करेगा, बहुत ना इतराना, बहुत ना घमंद करना

किसी करवट चैन न आना

किसी पहलू चैन ना आना, किसी तौर पर क़रार ना आना, किसी पहलू आराम ना आना

किसी करवट कल न आना

किसी पहलू चैन ना आना, किसी तौर पर क़रार ना आना, किसी पहलू आराम ना आना

किसी तरह बाहर न होना

कामिल मुतीअ होना

माँ की सोत न बाप की यारी, किसी नाते की तू मन्हारी

(ओ) कोई ख़्वाहमख़्वाह का रिश्ता जताए तो कहती हैं कि तरह हम से कोई ताल्लुक़ नहीं है

किसी ने ये भी न पूछा कि तुम किस बाग़ की मूली हो

किसी ने परवाह भी नहीं की, रास्ते सुरक्षित हैं कहीं लूट मार नहीं होती

ये भी किसी ने न पूछा कि तेरी मुँह में कितने दाँत हैं

जहां किसी की कोई पूछगिछ और ख़ातिर तवाज़ो ना हो वहां ये मुहावरा बोलते हैं

किसी ने ये भी न पूछा कि तेरे मुँह में कै दाँत हैं

किसी ने परवाह भी नहीं की, रास्ते सुरक्षित हैं कहीं लूट मार नहीं होती

किसी के पास न फटकने पाना

पहुँचने में असमर्थ होना, किसी तक पहुँचना बहुत कठिन होना

ऊँट जब तक पहाड़ के नीचे न आए किसी को अपने से ऊँचा नहीं समझता

ऊँट जब तक पहाड़ के नीचे न आए किसी को अपने से ऊँचा नहीं समझता

किसी के पास जा कर न फटकना

बिलकुल पास ना जाना, ज़रा ख़बर ना लेना, किसी बात से निहायत दौर और मुतनफ़्फ़िर रहना, गुरेज़ां रहना

मत कर नंद बुराई, तू भी किसी की भरजाई

तो मेरे साथ बुरी तरह पेश आती है तेरी नंद तुझ से बुरी तरह पेश आएगी

ना कर नंद बुराई तू भी किसी की भोजाई

बदी का नतीजा बदी है

मत कर नंद बुराई, तू भी किसी की भौजाई

तो मेरे साथ बुरी तरह पेश आती है तेरी नंद तुझ से बुरी तरह पेश आएगी

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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