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"जीते पिता की पूछी न बात मरे पिता को दूध और भात" शब्द से संबंधित परिणाम

मेरी जूती की नोक से

रुक : मेरी जूती से, ग़ुस्से या बेपर्वाई के मौके़ पर मुस्तामल

जूती की नोक से

रुक : जूती से

जूती की नोक

जूती का अगला सिरा जो आगे बढ़ा हुआ होता है; (लाक्षणिक) बेहक़ीक़त, हक़ीर चीज़

मेरी जूती से

۔(ओ) मेरी बला से।

उल्टी नोक की जूती

ایسی جوتی جس کی نوک اوپر کو اٹھکر نیچے کی طرف مڑی ہوئی ہو.

जूती की नोक पर मारना

रुक : जूती पर मारना

पैज़ार की नोक से

رک : پاپوش سے .

पा-पोश की नोक से

(کلمۂ تنفر) رک : پاپوش سے

जूती की नोक के बराबर न होना

जूती की बराबर ना समझना (रुक) का लाज़िम

इस की जूती से

he (or she, etc.) doesn't care two hoots

पाँव की जूती पैरों से दबाना

ज़लील और कमीने से इस की हैसियत के मुताबिक़ सुलूक करना

तुलसी आह ग़रीब की हरि से सही न जाय, मरी खाल की फूँक से लोहा भसम हो जाय

ईश्वर ग़रीब की आह को सहन नहीं कर सकता, मरी हुई खाल अर्थात धौंकनी की हवा लोहे को जला देती है

जीता रहे मेरा नाक कानने वाला मैं छींकने से छूटी

निर्लज्ज और दुष्ट स्त्री के बारे में कहते हैं

दीवानी मुक़दमा जो जीता सो हारा और जो हारा सो मरा

अदालत के क़ानून की ुससत रफ़्तारी की तरफ़ इशारा है कि जीतने वाले को भी थकन और नुक़्सान होता है हारने वाला तो बिलकुल ही तबाह होजाता है

आपम धाप कड़ा कर बीते जो पहले मारे सो जीते

लड़ाई में जो पहले वार करे वही जीतता है

कौआ नाक ले गया नाक को नहीं देखते, कव्वे के पीछे दौड़े जाते हैं

झूओटी बात को बे तहक़ीक़ मान लेने के मौक़ा पर मुस्तामल

सब जीते जी का झगड़ा है, ये तेरा है ये मेरा है, चल बसे इस दुनिया से, न तेरा है न मेरा है

मौत के वक़्त कोई चीज़ साथ नहीं जाती ये सब ज़िंदगी के साथ हैं

सब जीते जी का बखेड़ा है ये तेरा है ये मेरा है, जब चल बसे इस दुनिया से न तेरा है न मेरा है

मृत्यु के समय कोई चीज़ साथ नहीं जाती ये सब जीवन के साथ हैं

ककड़ी का चोर बाँधा या मारा जाता है

बे इंसाफ़ी और ना पुरसान हाली के सबब अदना क़सूर पर बड़ी सज़ा मिलना, अंधेर नगरी चौपट राज होना

मेरी जूती को ग़रज़ पड़ी है

रुक : मेरी जूती से जो फ़सीह है

जूती के तले से नाक काट लेना

۔خوب ذلیل کرنا۔

ख़ैरात की जूती (चोटी) ख़ैरात का नाड़ा, पढ़ दे मुल्ला 'अक़्द हमारा

सब जीते जी के झगड़े हैं ये तेरा ये मेरा है जब चल बसे इस दुनिया से ना तेरा है ना मेरा है

मौत के वक़्त कोई चीज़ साथ नहीं जाती, यह सब ज़िंदगी के ही झगड़े हैं

मेरे मियाँ के दो कपड़े, सुत्थन नाड़ और बस

बहुत निर्धन है केवल एक पाजामा और बस

जो जीता वो हारा और जो हारा सो मरा

आम तौर पर दीवानी के मुक़द्दमात के बारे में कहते हैं जो बहुत देर से फ़ैसल होते हैं कि मुद्दई बिचारा इस तवालत में और मुश्किल में पड़ता है

चना कहे मेरी ऊँची नाक घर दलिये दौ घर राड़, जो खावे मेरा एक टूक पानी पीवे सौ सौ घूँट

चने के दिलने की आवाज़ बहुत दूर तक जाती है और उसे खा कर बहुत प्यास लगती है

जीते के सब हैं मरे का कोई नहीं

जीवित का साथ दिया जाता है, मरने के बाद कोई किसी को नहीं पूछता

धोबी से जीते नहीं गधे के कान मरोड़त हो

रुक : धोबी से जीत ना पाए अलख

ऊँघते को सो जाते कुछ देर नहीं

जिस बात के कारण उपस्थित हैं उसको अस्तित्व में आने में क्या समय लगता है

चिल्वों के दर से कथरी नहीं छोड़ी जाती

किसी के ख़ौफ़ से तर्क मस्कन नहीं होसकता, ग़ैर के लिए अपनों से नहीं बिगाड़ी जाती

मार के आगे सँवार , जूती से सीधा हुआ गँवार

कहा जाता है कि सख़्ती और सज़ा से सरकशों की इस्लाह हो जाती है, मार से सरकशी और बदा तिवारी दूर हो जाती है

दहलीज़ के पगे से बैर नहीं जाता

बेवक़ूफ़ी की हरकतों से दुश्मनी नहीं जाती

पंचों का जूता और मेरा सर

पंचों का फ़ैसला मंज़ूर है

हँसी के मारे पेट फटा जाता है

۔ بہت ہنسی آتی ہے۔

जूती के सदक़े से

रुक : जूती से

नाक के रेंठ से बद-तर कर डालना

निहायत ज़लील करना, हक़ीर बना देना, बात ना पूछना, नज़रों से गिरा देना

निकाह की सी शर्तें बाँधना

put forth binding conditions, make unreasonable arguments

मरते के साथ मरा नहीं जाता

मौत में कोई किसी का साथ नहीं देता

ऊँघते को सो जाते क्या देर

जिस बात के सामान मौजूद हैं उसको वजूद में आते क्या देर लगती है

मरे का कोई नहीं, जीते के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

दिल्ली से मैं आऊँ ख़बर कहे मेरा भाई, घर से आए कोई संदेसा दे कोई

ये कहावत उन लोगों के प्रति बोलते हैं जिन को किसी बात का ज्ञान होना आवश्यक समझा जाता है मगर वो लापरवाही या मूर्खता के कारण इस बात से अनभिज्ञ या अज्ञानी हों

एक का मुँह शक्कर से भरा जाता है, सौ का मुँह ख़ाक से नहीं भरा जाता

थोड़े लोगों का अधिक अच्छा आदर-सत्कार किया जा सकता है, एक व्यक्ति की देख-भाल अच्छे से हो सकती है

मेरे दिल से कोई पूछे

मुझ से पूछे, मुझ से पूछताछ करे, जो मुझ पर बीत रही है वो में ही जानता हूँ

दाम का काम बात से नहीं हो जाता

सिर्फ बातों से काम नहीं चलता रुपया ख़र्च करने से ही काम होता है

नेक-नेक मोरे भाग, एक मछलिया की दो-दो मछलिया

میں بہت خوش قسمت ہوں

हुक़्क़े का पानी और सौ जूते

बुरे आदमी की निंदा में कहते हैं कि उसे यह सज़ा मिलनी चाहिए

मेरी तरफ़ से उस के दिल में चोर है

उसे मुझ से ख़ौफ़ है, उसे मुझ से डर है

रास्ता चलते अपने साए को देखता जाता है

बनाव-सिंगार का बहुत ध्यान है

दुधैल गाय की दो लातें भी सही जाती हैं

किसी ख़ूबी या लाभ के कारण बुराई या तकलीफ़ सहन कर ली जाती है

दुधैल गाय की दो लातें भी सही जाती हैं

जिस से नफ़ा पहुंचता है इस की नाज़ बर्दारी बुरी नीहं मालूम होती फ़ायदे के लिए तकलीफ़ उठाना बुरा नहीं लगता

जूते के ज़ोर से

बलपूर्वक, ताक़त से, ज़बरदस्ती

दूल्हा मरे या दुल्हन , नाई को अपने टके से काम

ख़ुदग़रज़ आदमी किसी के नफ़ा नुक़्सान से मतलब नहीं रखता, उसे सिर्फ़ अपना फ़ायदा अज़ीज़ होता है

ज़मीन पाँव के नीचे से निकली जाती है

बुरा ज़माना है, कोई किसी का नहीं, बहुत घबराहट है

पहले तो नाक काट ली फिर ताश को रूमाल से पोछ्ने लगे

पहले तो ज़लील किया फिर इज़्ज़त करने लगे

मरो या जियो हम को अपने हलवे माँडे से मतलब है

स्वार्थी का कहना कि चाहे कोई मरे या जिये उन का फ़ायदा हो

जूता पहले साई का , बड़ा भरोसा ब्याही का ,जूता पहने नरी का , क्या भरोसा करी का

साई का जूता और ब्याही बीवी काबिल-ए-एतिबार होती है बाज़ारी जूती और आश्ना औरत का कोई एतबार नहीं

निकाह की सी शर्तें करना

बहुत कट हुज्जती करना, बख़ूबी पुख़्तगी करना, बख़ूबी इतमीनान चाहना , किसी मामूली काम के लिए बहुत सी शर्तें लगाना

उल्टी जूती से नाक काटना

बेहद अपमान करना, अत्यधिक दंड देना

मेरे से बुरा कोई नहीं

डराने, धमकाने आदि के अवसर पर कहते हैं

एक का मुँह शक्कर से भरा जाता है, सौ का मुँह ख़ाक से भी नहीं भरा जाता

थोड़े लोगों का अधिक अच्छा आदर-सत्कार किया जा सकता है, एक व्यक्ति की देख-भाल अच्छे से हो सकती है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जीते पिता की पूछी न बात मरे पिता को दूध और भात के अर्थदेखिए

जीते पिता की पूछी न बात मरे पिता को दूध और भात

jiite pitaa kii puuchhii na baat mare pitaa ko duudh aur bhaatجِیتے پِتا کی پُوچھی نَہ بات مَرے پِتا کو دُودھ اَور بھات

कहावत

जीते पिता की पूछी न बात मरे पिता को दूध और भात के हिंदी अर्थ

  • ज़िंदगी में तो बाप की ख़बर ना ली मरने पर सराध कराते रहे

جِیتے پِتا کی پُوچھی نَہ بات مَرے پِتا کو دُودھ اَور بھات کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • زندگی میں تو باپ کی خبر نہ لی مرنے پر سرادھ کراتے رہے.

Urdu meaning of jiite pitaa kii puuchhii na baat mare pitaa ko duudh aur bhaat

  • Roman
  • Urdu

  • zindgii me.n to baap kii Khabar na lii marne par saraadh karaate rahe

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मेरी जूती की नोक से

रुक : मेरी जूती से, ग़ुस्से या बेपर्वाई के मौके़ पर मुस्तामल

जूती की नोक से

रुक : जूती से

जूती की नोक

जूती का अगला सिरा जो आगे बढ़ा हुआ होता है; (लाक्षणिक) बेहक़ीक़त, हक़ीर चीज़

मेरी जूती से

۔(ओ) मेरी बला से।

उल्टी नोक की जूती

ایسی جوتی جس کی نوک اوپر کو اٹھکر نیچے کی طرف مڑی ہوئی ہو.

जूती की नोक पर मारना

रुक : जूती पर मारना

पैज़ार की नोक से

رک : پاپوش سے .

पा-पोश की नोक से

(کلمۂ تنفر) رک : پاپوش سے

जूती की नोक के बराबर न होना

जूती की बराबर ना समझना (रुक) का लाज़िम

इस की जूती से

he (or she, etc.) doesn't care two hoots

पाँव की जूती पैरों से दबाना

ज़लील और कमीने से इस की हैसियत के मुताबिक़ सुलूक करना

तुलसी आह ग़रीब की हरि से सही न जाय, मरी खाल की फूँक से लोहा भसम हो जाय

ईश्वर ग़रीब की आह को सहन नहीं कर सकता, मरी हुई खाल अर्थात धौंकनी की हवा लोहे को जला देती है

जीता रहे मेरा नाक कानने वाला मैं छींकने से छूटी

निर्लज्ज और दुष्ट स्त्री के बारे में कहते हैं

दीवानी मुक़दमा जो जीता सो हारा और जो हारा सो मरा

अदालत के क़ानून की ुससत रफ़्तारी की तरफ़ इशारा है कि जीतने वाले को भी थकन और नुक़्सान होता है हारने वाला तो बिलकुल ही तबाह होजाता है

आपम धाप कड़ा कर बीते जो पहले मारे सो जीते

लड़ाई में जो पहले वार करे वही जीतता है

कौआ नाक ले गया नाक को नहीं देखते, कव्वे के पीछे दौड़े जाते हैं

झूओटी बात को बे तहक़ीक़ मान लेने के मौक़ा पर मुस्तामल

सब जीते जी का झगड़ा है, ये तेरा है ये मेरा है, चल बसे इस दुनिया से, न तेरा है न मेरा है

मौत के वक़्त कोई चीज़ साथ नहीं जाती ये सब ज़िंदगी के साथ हैं

सब जीते जी का बखेड़ा है ये तेरा है ये मेरा है, जब चल बसे इस दुनिया से न तेरा है न मेरा है

मृत्यु के समय कोई चीज़ साथ नहीं जाती ये सब जीवन के साथ हैं

ककड़ी का चोर बाँधा या मारा जाता है

बे इंसाफ़ी और ना पुरसान हाली के सबब अदना क़सूर पर बड़ी सज़ा मिलना, अंधेर नगरी चौपट राज होना

मेरी जूती को ग़रज़ पड़ी है

रुक : मेरी जूती से जो फ़सीह है

जूती के तले से नाक काट लेना

۔خوب ذلیل کرنا۔

ख़ैरात की जूती (चोटी) ख़ैरात का नाड़ा, पढ़ दे मुल्ला 'अक़्द हमारा

सब जीते जी के झगड़े हैं ये तेरा ये मेरा है जब चल बसे इस दुनिया से ना तेरा है ना मेरा है

मौत के वक़्त कोई चीज़ साथ नहीं जाती, यह सब ज़िंदगी के ही झगड़े हैं

मेरे मियाँ के दो कपड़े, सुत्थन नाड़ और बस

बहुत निर्धन है केवल एक पाजामा और बस

जो जीता वो हारा और जो हारा सो मरा

आम तौर पर दीवानी के मुक़द्दमात के बारे में कहते हैं जो बहुत देर से फ़ैसल होते हैं कि मुद्दई बिचारा इस तवालत में और मुश्किल में पड़ता है

चना कहे मेरी ऊँची नाक घर दलिये दौ घर राड़, जो खावे मेरा एक टूक पानी पीवे सौ सौ घूँट

चने के दिलने की आवाज़ बहुत दूर तक जाती है और उसे खा कर बहुत प्यास लगती है

जीते के सब हैं मरे का कोई नहीं

जीवित का साथ दिया जाता है, मरने के बाद कोई किसी को नहीं पूछता

धोबी से जीते नहीं गधे के कान मरोड़त हो

रुक : धोबी से जीत ना पाए अलख

ऊँघते को सो जाते कुछ देर नहीं

जिस बात के कारण उपस्थित हैं उसको अस्तित्व में आने में क्या समय लगता है

चिल्वों के दर से कथरी नहीं छोड़ी जाती

किसी के ख़ौफ़ से तर्क मस्कन नहीं होसकता, ग़ैर के लिए अपनों से नहीं बिगाड़ी जाती

मार के आगे सँवार , जूती से सीधा हुआ गँवार

कहा जाता है कि सख़्ती और सज़ा से सरकशों की इस्लाह हो जाती है, मार से सरकशी और बदा तिवारी दूर हो जाती है

दहलीज़ के पगे से बैर नहीं जाता

बेवक़ूफ़ी की हरकतों से दुश्मनी नहीं जाती

पंचों का जूता और मेरा सर

पंचों का फ़ैसला मंज़ूर है

हँसी के मारे पेट फटा जाता है

۔ بہت ہنسی آتی ہے۔

जूती के सदक़े से

रुक : जूती से

नाक के रेंठ से बद-तर कर डालना

निहायत ज़लील करना, हक़ीर बना देना, बात ना पूछना, नज़रों से गिरा देना

निकाह की सी शर्तें बाँधना

put forth binding conditions, make unreasonable arguments

मरते के साथ मरा नहीं जाता

मौत में कोई किसी का साथ नहीं देता

ऊँघते को सो जाते क्या देर

जिस बात के सामान मौजूद हैं उसको वजूद में आते क्या देर लगती है

मरे का कोई नहीं, जीते के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

दिल्ली से मैं आऊँ ख़बर कहे मेरा भाई, घर से आए कोई संदेसा दे कोई

ये कहावत उन लोगों के प्रति बोलते हैं जिन को किसी बात का ज्ञान होना आवश्यक समझा जाता है मगर वो लापरवाही या मूर्खता के कारण इस बात से अनभिज्ञ या अज्ञानी हों

एक का मुँह शक्कर से भरा जाता है, सौ का मुँह ख़ाक से नहीं भरा जाता

थोड़े लोगों का अधिक अच्छा आदर-सत्कार किया जा सकता है, एक व्यक्ति की देख-भाल अच्छे से हो सकती है

मेरे दिल से कोई पूछे

मुझ से पूछे, मुझ से पूछताछ करे, जो मुझ पर बीत रही है वो में ही जानता हूँ

दाम का काम बात से नहीं हो जाता

सिर्फ बातों से काम नहीं चलता रुपया ख़र्च करने से ही काम होता है

नेक-नेक मोरे भाग, एक मछलिया की दो-दो मछलिया

میں بہت خوش قسمت ہوں

हुक़्क़े का पानी और सौ जूते

बुरे आदमी की निंदा में कहते हैं कि उसे यह सज़ा मिलनी चाहिए

मेरी तरफ़ से उस के दिल में चोर है

उसे मुझ से ख़ौफ़ है, उसे मुझ से डर है

रास्ता चलते अपने साए को देखता जाता है

बनाव-सिंगार का बहुत ध्यान है

दुधैल गाय की दो लातें भी सही जाती हैं

किसी ख़ूबी या लाभ के कारण बुराई या तकलीफ़ सहन कर ली जाती है

दुधैल गाय की दो लातें भी सही जाती हैं

जिस से नफ़ा पहुंचता है इस की नाज़ बर्दारी बुरी नीहं मालूम होती फ़ायदे के लिए तकलीफ़ उठाना बुरा नहीं लगता

जूते के ज़ोर से

बलपूर्वक, ताक़त से, ज़बरदस्ती

दूल्हा मरे या दुल्हन , नाई को अपने टके से काम

ख़ुदग़रज़ आदमी किसी के नफ़ा नुक़्सान से मतलब नहीं रखता, उसे सिर्फ़ अपना फ़ायदा अज़ीज़ होता है

ज़मीन पाँव के नीचे से निकली जाती है

बुरा ज़माना है, कोई किसी का नहीं, बहुत घबराहट है

पहले तो नाक काट ली फिर ताश को रूमाल से पोछ्ने लगे

पहले तो ज़लील किया फिर इज़्ज़त करने लगे

मरो या जियो हम को अपने हलवे माँडे से मतलब है

स्वार्थी का कहना कि चाहे कोई मरे या जिये उन का फ़ायदा हो

जूता पहले साई का , बड़ा भरोसा ब्याही का ,जूता पहने नरी का , क्या भरोसा करी का

साई का जूता और ब्याही बीवी काबिल-ए-एतिबार होती है बाज़ारी जूती और आश्ना औरत का कोई एतबार नहीं

निकाह की सी शर्तें करना

बहुत कट हुज्जती करना, बख़ूबी पुख़्तगी करना, बख़ूबी इतमीनान चाहना , किसी मामूली काम के लिए बहुत सी शर्तें लगाना

उल्टी जूती से नाक काटना

बेहद अपमान करना, अत्यधिक दंड देना

मेरे से बुरा कोई नहीं

डराने, धमकाने आदि के अवसर पर कहते हैं

एक का मुँह शक्कर से भरा जाता है, सौ का मुँह ख़ाक से भी नहीं भरा जाता

थोड़े लोगों का अधिक अच्छा आदर-सत्कार किया जा सकता है, एक व्यक्ति की देख-भाल अच्छे से हो सकती है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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