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जब-जब

जब

जिस अवस्था में। जिस दशा या हालत में। (इस अर्थ में इसका नित्य संबंधी ' तो ' है)। जैसे जब उन्हें क्रोव चढ़ता है तो उनका चेहरा लाल हो जाता है। पद-जब कभी किसी समय। जब जब जिस जिस समय। जब तब कभी-कभी। जैसे-वहाँ जब-तब हो जाना होता है। जब देखो तब-प्रायः। अक्सर। जैसे-जब देखो तब तुम खेलते ही रहते हो। जब होता है तब अक्सर। प्रायः।

जब-का

पिछले समय के, भूत काल की, पूर्व की, गुज़श्ता ज़माने का, पहले का

जब-ही

इस वक़्त, ऐन उसी वक़्त, इसी समय, समय पर

जब-से

उस वक़्त से, जिस वक़्त से, उस समय से, तब से

जब लों

अब-जब

जब जानें

हम उस वक़्त मानेंगे या क़ाइल होंगे

जब-लग

जब तक

जब-तब

गाहे-गाहे, कभी-कभी, वक़्त बे-वक़त, मौक़ा बे-मौक़ा

जब तईं

इस बीच में, इस अवधि में, इस समय तक

पूछें जब बोलिये , बुलाएँ जब जाईये

जब तक कोई पूछे नहीं तब तक बात बतानी नहीं चाईए, और जब तक कोई बुलाए नहीं इस के घर नहीं जाना चाहिए

मैं जब जानूँ

किसी बात को मानने या स्वीकार करने से पहले इसे एक शर्त के रूप में कहा जाता है

जब-तोड़ी

जिस वक़्त तक, ऐसे वक़्त तक

जब दीखो जब तीर से खड़े

हर समय उपस्थित

जब नो

कैफ़ियत जब है

भोर भया जब जानिए जब पौरे बादल होएँ

जब बादलों का रंग पीला हो तो जानना चाहिए कि सुबह होने वाली है

जब जैसा, तब तैसा

जैसा समय, वैसा काम

बदली की धूप जब निकले जब तेज़

बुरे स्वभाव वाला व्यक्ति हमेशा ग़ुस्सा ही से बोलता है

मज़ा जब है

लुतफ़ उस वक़्त है, लुतफ़ जब है, हज़ तब हासिल हो

जब कहीं जा के

जब का जब

जब तक साँस, तब तक आस

अंतिम साँस तक जीवन की आस रहती है

जब फेंका तब पाँचे तीन

सख़्त बदक़िस्मत आदमी हैं पांसे मैन तीन पाँच बहुत कम दर्जे के शुमार होते हैं

जाट मुवा जब जानिये जब वा का तीजा हो

मेव जाट बहुत सख़्त जान होते हैं, यानी दग़ाबाज़ और फ़रेबी अगर मर भी जाएं तो उन का मर जाना काबिल-ए-एतिबार क़बल अज़ सोइम नहीं , दग़ाबाज़ की किसी बात का एतबार नहीं करना चाहिए

भोग बिलास, जब तक साँस

जब तक जीवन है आनंद उठाने चाहिएँ

अब की बात अब के साथ जब की बात जब के साथ

जो कुछ था बीत गया अब जो ज़माने का रूप है वैसा करना चाहिए

जब ऐसे हो तब ऐसे हो

हमेशा एक जैसे हो

बिपत पड़ी जब भेंट मानी, मुकर गया जब देनी आई

मुसीबत के समय मनुष्य को ईश्वर याद आता है और छुटकारा पाने के लिए तरह तरह के भेंट और मन्नतें मानता है परंतु जब मुसीबत टल जाती है तो सब कुछ भूल जाता है

दादा मरेंगे जब बैल बटेंगे

कब : जब दादा मरेंगे अलख, दादा के मरने पर जायदाद तक़सीम होगी, जब किसी मुआमले में ताख़ीर ज़ाहिर करना हो तो कहते हैं

जब कभो

जब चने थे तब दाँत न थे, जब दाँत हुए तब चने नहीं

जवानी में निर्धनता थी आनंद न उठाया, दीर्घायु में धन मिला अब आनंद उठाने का बल ही नहीं

जब चने न थे तो दाँत थे , जब चने हुए तो दाँत नहीं

रुक : जब चुने थे अलख , बेवक़त किसी चीज़ का हासिल होना

जब तक

जिस समय तक, ऐसे समय तक

जब तक चाँद और सूरज हैं

क़ियामत तक, सदैव

दादा मरेंगे जब मीरास बटेगी

रुक : दादा मरेंगे जब बैल बटें गे

जब आँखें हुईं चार तो दिल में आया प्यार, जब आँखें हुईं ओट दिल में आई खोट

जिस वक़्त आमने सामने हों तो प्रेम जताते हैं मगर अनुपस्थित में कोई परवाह नहीं होती बल्कि बुराई सूझती है

जब भी तीन और अब भी तीन, जब पाए तब तीन ही तीन

बहुत भाग्यहीन हैं, हर समय तीन काने हैं

जब पर्जा नहीं तो राजा कहाँ

हाकिम को ज़ुलम नहीं करना चाहिए, अगर रईयत ना रहे तो हाकिम कहाँ रह सकता है

सत्तू मन भत्तू जब घोले जब खाए धान बिचारे भले कोटे खाए चले

जब कोई चालाक किसे-ए-कम समझ को अपनी लफ़्फ़ाज़ी और चर्बज़बानी से फांस कर फ़ायदा उठाता है या बेवक़ूफ़ बनाता है तो कहते हैं

जब बावा मरेंगे तब बैल बटेंगे

सरअंजाम किसी काम का ऐसे वाअदे पर करना जिस का सरदसत वक़ूअ दुशवार हो या एक काम को दूसरे काम के होने पर मौक़ूफ़ रखना जिस के सरअंजाम होने का यक़ीन ना हो

जब तलक

जिस समय तक, ऐसे समय तक

जब लग साक़ी तब लग आस

जब तक देने वाला मौजूद है तब तक उम्मीद है, कुछ न कुछ मिल कर रहेगा

आँख नाक मुख मूँद के नाम निरंजन ले, भीतर के पट जब खुलें जब बाहर के पट दे

एकाग्रचित होकर जो निरंजन अर्थात कल्मष-शून्य भगवान है उसका ध्यान करना चाहिए

लग गई जब, लाज कहाँ

जब आँख लड़ जाती है तो श्रम लिहाज़ कम रहता है

जब तक साक़ी, तब तक आस

जब तक जान क़ालिब में है

जब तक ज़िंदगी है, (रुक) जब तक जान में जान है

अंध तब पतयाए जब दो आँखें पाए

मुराद पूरी होजाए तो इतमीनान हो, काम होजाए तो जानें

जब तक जान में जान है

ज़िंदगी भर, जब तक ज़िंदा हैं

जब तक जीना, तब तक सीना

उम्र भर कठोर परिश्रम करना पड़ता है, उम्र भर मज़दूरी करना और खाना

जब सब पन होरे तो पन्हारी कमाए

हया-ओ-श्रम वग़ैरा छोड़े तो इस काम में शौहरत पाए

बामन जीमे जब ही पतियाए

वचन का विश्वास वचन पुरा से होता है, जब उद्देश्य की प्राप्ति हो जभी जानिए

जब दाँत न थे जब दूध दियो, जब दाँत भए तो क्या अन न देवे

ख़ुदा हर हाल में रोज़ी देता है

राह चले या पास बसे , जब जानिये

आदमी सफ़र और पड़ोस में रह कर पहचाना जाता है

कांता किनारे रो खड़ा जब सब होए बनास

ख़तरे के क़रीब रहने वाले का एक ना एक दिन तबाह या फ़ना होना यक़ीनी है

सारा जोबन घाला जब एक बाला पाला

रुक : सारा जोबन ख़ालए तो एक बालक पालए

जब करी आस तब आई तेरे पास

कोई बिना अपेक्षा के किसी से नहीं मिलता

सारा जोबन घाला जब एक बाला पाला

रुक : सारा जोबन घालए तो एक बालक पालए

जाट मरा तब जानिए जब तेरहवीं हो जाए

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जब-जब के अर्थदेखिए

जब-जब

jab-jabجَب جَب

वज़्न : 22

English meaning of jab-jab

جَب جَب کے اردو معانی

فعل متعلق

  • جتنی بار ، جب کبھی ، جب بھی.

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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