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हो सो हो चाहे

चाहे जो कुछ हो, गुज़श्ता रा सलात की जगह

हो सो हो

۔ चाहे जो कुछ हो। गुज़श्ता रासलवाৃ की जघ

चाहे सो हो

अंजाम की पर्वा नहीं, कुछ भी क्यों ना हो

होनी हो सो हो

come what may

जो हो सो हो

परिणाम कुछ भी हो, चाहे कुछ भी हो जाए, जब कोई कार्य परिणाम की परवाह किए बिना किया जाए तो बोलते हैं

जो होनी हो सो हो

रुक: जो हो सौ हो

अल्लाह करे सो हो फ़क़ीर कहे सो हो

अल्लाह की इच्छा और फ़क़ीर के मुँह से निकली हुई बात पूरी होकर रहती है

होना हो सो हो

चाहे कुछ हो

चाहे जो हो

चाहे जो कुछ भी हो, कितना ही बुरा परिणाम क्यों न हो, कितनी भी मुसीबत क्यों न उठानी पड़े

हुआ सो हो गया

जो होना था हो गया, जो बनना था बिन गया

अल्लाह करे सो हो

अल्लाह की इच्छा और फ़क़ीर के मुँह से निकली हुई बात पूरी होकर रहती है

ख़्वाब सो ख़ोर हराम हो जाना

किसी तकलीफ़ या फ़िक्र के बाइस सोना और खाना पीना छूट जाना, किसी बात की धन या फ़िक्र में ज़रूरी से ज़रूरी काम को भी जी ना चाहना

चाहे दुनिया इधर की उधर हो जाए

भले ही सब कुछ ग़लत हो जाए, चाहे कैसी भी क्रांति क्यों न आए

ढाई अंछर प्रेम के पढ़े सो पंडित हो

उलफ़त और मुहब्बत के चंद हुरूफ़ हैं जो उन पर अमल करेगा वो आलिम फ़ाज़िल होजाएगा

खरी चारपाई पर सो के आए हो

۔جب کوئی شخص خواہ مخواہ بد مزاجی کی باتیں کرتاہے، اُس سے کہتے ہیں کہ کھری چارپائی پر سو کے تو نہیں آئے ہو یعنی یہ بد مزاجی بد خوابی کا نتیجہ تو نہیں ہے۔

हाँडी में जो हो सो वही चमची में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

टाल बता उस को न तू जिस से किया क़रार, चाहे हो बैरी तेरा चाहे होवे यार

वा'दा करके पूरा करना चाहिए चाहे दोस्त से हो चाहे शत्रु से

वक़्त पर जो हो जाए सो ठीक है

समय पर जो कुछ हो जाए बेहतर है क्यूँकि ऐसे समय पर मनुष्य घबरा जाता है

हाँडी में जो हो सो वही डोई में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

कच्चा बाँस जिधर नवावो नव जाए, और पक्का कभी न टेढ़ा हो चाहे टूट जाए

बच्चों को शुरू में जैसी शिक्षा दी जाती है वे वैसे ही अच्छे या बुरे बन जाते हैं क्योंकि उनकी बुद्धि कोमल होती है, बड़े होने पर सिखाने का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता

लटे-पटे दिन काटिए रहिए घाम सो, वाके तले न बैठिए जा पेड़ पात न हो

तकलीफ़ में दिन काटना और गर्मी में सोए रहना बेहतर है लेकिन ऐसे पेड़ के नीचे जिस पर पत्ते न हूँ बिलकुल सोना नहीं चाहिए ऐसा पेड़ सूखा हुआ और खोखला होता है और उसके टूटने का डर होता है

प्रीत डगर जब पग रखा होनी होय सो हो, नेह नगर की रीत है तन मन दीनो खो

प्रेम में भू-लोक एवं परलोक कहीं का होश नहीं रहता, मनुष्य बे-परवाह हो जाता है

मेरे उस के जो होना था सो हो गया

संभोग की सहमति हो गई

खेती, पाती, बीनती और घोड़े का तंग, अपने हाथ सँवारिये चाहे लाखों हों संग

यदि तुम काम अच्छा चाहते हो तो उसे स्वयं करो

राँघर गूजर दो कुत्ता बिल्ली दो, ये चारों न हों तो खुले किवाड़ों सो

ये चारों चोरी के आदी हैं यदि ये न हों तो घरों के दरवाज़े बंद करने की आवश्यकता नहीं

गूजर राँघड़ दो कुत्ता बिल्ली दो, ये चारों न हों तो खुले किवाड़ों सो

ये चारों चोरी के आदी हैं यदि ये न हों तो घरों के दरवाज़े बंद करने की आवश्यकता नहीं

राँघड़ गूजर दो कुत्ता बिल्ली दो, ये चारों न हों तो खुले किवाड़ों सो

ये चारों चोरी के आदी हैं यदि ये न हों तो घरों के दरवाज़े बंद करने की आवश्यकता नहीं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में हो सो हो चाहे के अर्थदेखिए

हो सो हो चाहे

ho so ho chaaheہو سو ہو چاہے

वाक्य

हो सो हो चाहे के हिंदी अर्थ

  • चाहे जो कुछ हो, गुज़श्ता रा सलात की जगह

ہو سو ہو چاہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • چاہے جو کچھ ہو ، گزشتہ را صلوٰۃ کی جگہ

Urdu meaning of ho so ho chaahe

  • Roman
  • Urdu

  • chaahe jo kuchh ho, guzashta ra salaat kii jagah

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हो सो हो चाहे

चाहे जो कुछ हो, गुज़श्ता रा सलात की जगह

हो सो हो

۔ चाहे जो कुछ हो। गुज़श्ता रासलवाৃ की जघ

चाहे सो हो

अंजाम की पर्वा नहीं, कुछ भी क्यों ना हो

होनी हो सो हो

come what may

जो हो सो हो

परिणाम कुछ भी हो, चाहे कुछ भी हो जाए, जब कोई कार्य परिणाम की परवाह किए बिना किया जाए तो बोलते हैं

जो होनी हो सो हो

रुक: जो हो सौ हो

अल्लाह करे सो हो फ़क़ीर कहे सो हो

अल्लाह की इच्छा और फ़क़ीर के मुँह से निकली हुई बात पूरी होकर रहती है

होना हो सो हो

चाहे कुछ हो

चाहे जो हो

चाहे जो कुछ भी हो, कितना ही बुरा परिणाम क्यों न हो, कितनी भी मुसीबत क्यों न उठानी पड़े

हुआ सो हो गया

जो होना था हो गया, जो बनना था बिन गया

अल्लाह करे सो हो

अल्लाह की इच्छा और फ़क़ीर के मुँह से निकली हुई बात पूरी होकर रहती है

ख़्वाब सो ख़ोर हराम हो जाना

किसी तकलीफ़ या फ़िक्र के बाइस सोना और खाना पीना छूट जाना, किसी बात की धन या फ़िक्र में ज़रूरी से ज़रूरी काम को भी जी ना चाहना

चाहे दुनिया इधर की उधर हो जाए

भले ही सब कुछ ग़लत हो जाए, चाहे कैसी भी क्रांति क्यों न आए

ढाई अंछर प्रेम के पढ़े सो पंडित हो

उलफ़त और मुहब्बत के चंद हुरूफ़ हैं जो उन पर अमल करेगा वो आलिम फ़ाज़िल होजाएगा

खरी चारपाई पर सो के आए हो

۔جب کوئی شخص خواہ مخواہ بد مزاجی کی باتیں کرتاہے، اُس سے کہتے ہیں کہ کھری چارپائی پر سو کے تو نہیں آئے ہو یعنی یہ بد مزاجی بد خوابی کا نتیجہ تو نہیں ہے۔

हाँडी में जो हो सो वही चमची में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

टाल बता उस को न तू जिस से किया क़रार, चाहे हो बैरी तेरा चाहे होवे यार

वा'दा करके पूरा करना चाहिए चाहे दोस्त से हो चाहे शत्रु से

वक़्त पर जो हो जाए सो ठीक है

समय पर जो कुछ हो जाए बेहतर है क्यूँकि ऐसे समय पर मनुष्य घबरा जाता है

हाँडी में जो हो सो वही डोई में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

कच्चा बाँस जिधर नवावो नव जाए, और पक्का कभी न टेढ़ा हो चाहे टूट जाए

बच्चों को शुरू में जैसी शिक्षा दी जाती है वे वैसे ही अच्छे या बुरे बन जाते हैं क्योंकि उनकी बुद्धि कोमल होती है, बड़े होने पर सिखाने का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता

लटे-पटे दिन काटिए रहिए घाम सो, वाके तले न बैठिए जा पेड़ पात न हो

तकलीफ़ में दिन काटना और गर्मी में सोए रहना बेहतर है लेकिन ऐसे पेड़ के नीचे जिस पर पत्ते न हूँ बिलकुल सोना नहीं चाहिए ऐसा पेड़ सूखा हुआ और खोखला होता है और उसके टूटने का डर होता है

प्रीत डगर जब पग रखा होनी होय सो हो, नेह नगर की रीत है तन मन दीनो खो

प्रेम में भू-लोक एवं परलोक कहीं का होश नहीं रहता, मनुष्य बे-परवाह हो जाता है

मेरे उस के जो होना था सो हो गया

संभोग की सहमति हो गई

खेती, पाती, बीनती और घोड़े का तंग, अपने हाथ सँवारिये चाहे लाखों हों संग

यदि तुम काम अच्छा चाहते हो तो उसे स्वयं करो

राँघर गूजर दो कुत्ता बिल्ली दो, ये चारों न हों तो खुले किवाड़ों सो

ये चारों चोरी के आदी हैं यदि ये न हों तो घरों के दरवाज़े बंद करने की आवश्यकता नहीं

गूजर राँघड़ दो कुत्ता बिल्ली दो, ये चारों न हों तो खुले किवाड़ों सो

ये चारों चोरी के आदी हैं यदि ये न हों तो घरों के दरवाज़े बंद करने की आवश्यकता नहीं

राँघड़ गूजर दो कुत्ता बिल्ली दो, ये चारों न हों तो खुले किवाड़ों सो

ये चारों चोरी के आदी हैं यदि ये न हों तो घरों के दरवाज़े बंद करने की आवश्यकता नहीं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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