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देता

किसी वस्तु पर से अपना स्वत्व हटाकर उसपर दूसरे का स्वत्व स्थापित करना, दूसरे के अधिकार में करना, प्रदान करना

देताँ

سہ مُتفقہ لائحۂ عمل جس پر تمام فریق راضی ہوں.

देता भूने न लेता

सीधा हिसाब, स्पष्ट मामला

जो जान देता है वो नान भी देता है

अल्लाह ताला रज़्ज़ाक़ हक़ीक़ी है

क्यूँ हत्या देता है

क्यों गुनाहगार करता है

रूआँ-रूआँ दु'आ देता है

कोई अच्छाई करे तो कहते हैं

रोंगटा रोंगटा दु'आ देता है

रुक : रविवां रविवां दुआ देता है

लेता भूले न देता भूले

नक़द बिक्री की तारीफ़ में कहते हैं

लेता मरे कि देता

न देने वाला व्यक्ति क़र्ज़ लेकर वापस नहीं करता, लेने या देने वाले में से एक मर जाता है तो क़र्ज़ डूब जाता है

लेता भूले न देता

۔نقد بکری کی تعریف میں بولا کرتے ہیں کیوں کہ ادھار لینے دینے کو طرفین سے کوئی بھول ہوجایا کرتا ہے۔

गंजे को ख़ुदा नाख़ुन नहीं देता

नाअहल को ख़ुदा बाइख़तियार नहीं करता

ख़ुदा देता है तो छप्पर फाड़ के देता है

ईश्वर को जब देना होता है तो किसी न किसी बहाने देता ही है

मक्खी नाक पर नहीं बैठने देता

۔دیکھو ناک پر مکھی ۔

चबूतरा ख़ुद कोतवाली सिखा देता है

ज़िम्मेदारी आदमी को काम स्वयं सिखा देती है, जब आदमी किसी मसले से दो चार होता है तो वह ख़ुद उसका समाधान ढूँड निकालता है

हाथ को हाथ नहीं सुझाई देता

۔اندھیرا گھپ ہے۔(فقرہ) وہ اندھیرا ہے کہ ہاتھ کو ہاتھ نہیں سجھائی دیتا۔؎

ज़ालिम की दाद ख़ुदा देता है

अत्याचारी एवं क्रुर को ख़ुदा ही दंड देता है, सताने वाले का न्याय ख़ुदा करता है, सताने वाले को ख़ुदा दंड देता है

बनिया देता ही नहीं कि पूरा तोल

रुक : बनिया बैठने देता ही नहीं पूरा तो लियो

बनिया बैठने देता ही नहीं पूरा तोलियो

काम सिरे से बनता ही नहीं दुरुस्ती अंजाम की फ़र्माइश है

जब ख़ुदा देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है

ख़ुदा बे वसीला रिज़्क पहुंचाता है,ऐसी नेअमत मिल जाना जिस के आसार वसाइल ज़ाहिर ना हूँ

सब्र की दाद ख़ुदा देता है

जान-ओ-माल को दु'आ देता हूँ

बुज़ुर्ग को मिज़ाजपुर्सी पर जवाब देते हैं

बुख़ार हाथी को भी गिरा देता है

बुख़ार का रोग बड़े बड़े ताक़तवर आदमियों को कमज़ोर और दुर्बल का देता है

अल्लाह शुक्र ख़ोरे को शुक्र देता है

one somehow gets his/her heart's desire

ग़ुलाम और चूना बग़ैर पिटे काम नहीं देता

मूर्ख दंड पाए बिना काम नहीं आता, कमअक़्ल बगै़र सज़ा पाए काम नहीं आता

अल्लाह शक्कर ख़ोरे को शक्कर ही देता है

ख़ुदा हर शख़्स को इस के हौसले और हिम्मत के मुताबिक़ देता है

ख़ुदा शकर-ख़ोरे को शकर ही देता है

ईश्वर हर व्यक्ति को उसकी इच्छा और ख़र्च के अनुसार देता है, जिसे जिस वस्तु की कामना हो उसको मिल जाती है

पत्थर के कीड़े को भी ख़ुदा देता है

۔ख़ुदा ताला हर शख़्स को रिज़्क देता है कोई महरूम नहीं रहता।

ख़ुदा देता है तो नहीं पूछ्ता तू कौन है

ईश्वर अच्छे या बुरे की जाँच कर के नहीं देता, ईश्वर की कृपा सामान्य है, ईश्वर को जिसे देना होता है उसे देता है, फिर वह कोई भी हो

दादा कहने से बनिया गुड़ देता है

चापलूसी से कुछ न कुछ मिल ही जाता है

जब बनिया उठाना चाहे तो झाड़ू देता है

किनायतन-ओ-इशारतन ऐसी अलामतें ज़ाहिर करना जिस से नाख़ुशी हो, किसी को दूर करने के लिए ऐसे काम करना जो बज़ाहिर कुछ ना हूँ लेकिन अस्लन किसी से पीछा छुड़ाना मक़सूद हो

किसी को तवे में दिखाई देता है किसी को आर्सी में

कोई लायक़ है और कोई साधारण योग्यता का, हर व्यक्ति अपनी समझ के अनुसार काम करता है

ख़ुदा शकर ख़ोरे को शकर देता है

अल्लाह पाक हर शख़्स को इस के हौसले के मुवाफ़िक़ देता है

गत बना देता

सूतर अपनाना, ढंग बनाना

क़द्र खो देता है हर बार का आना जाना

बहुत मेल मिलाप और बेतकल्लुफ़ी हो तो वो इज़्ज़त नहीं रहती जो कभी कभी मिलने से होती है

क़द्र खो देता है हर वक़्त का आना जाना

बहुत मेल मिलाप और बेतकल्लुफ़ी हो तो वो इज़्ज़त नहीं रहती जो कभी कभी मिलने से होती है

दाता को राम छप्पर फाड़ के देता है

ईश्वर उदार लोगों को बहुत कुछ देता है

पेड़ चढ़े यूँ दिखाई देता है

अगर तुम मेरी जगह हो तो भी ऐसा ही करो

मोर नाचता है जब अपने पाँव देखता है तो रो देता है

सारी उमनगीं, हौसले, ख़ुशीयां, लज़्ज़तें, नेअमतें, औसाफ़ ज़रा से ऐब के बाइस तकलीफ़-ओ-तकद्दुर बिन जाते हैं, ऐब ज़रा सा भी ुबरा

क़द्र खो देता है हर रोज़ का आना जाना

familiarity breeds contempt

ख़ुदा देना है तो छप्पर फाड़ कर देता है

ख़ुदा किसी को नवाज़ना चाहे तो इस के ज़राए और सामान पैदा कर देता है, ख़ुदा की देन अस्बाब ज़ाहिरी पर मौक़ूफ़ नहीं, ख़ुदा का फ़ज़ल बेहिसाब है

लालच गला कटवा देता है

हिर्स और तुम्ह इंसान को मरवा देता है

आँवले का खाया और बड़े का समझाया पीछे मज़ा देता है

रुक : आमिले का खाया अलख

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में देता के अर्थदेखिए

देता

detaaدیتا

स्रोत: संस्कृत

वज़्न : 22

देता के हिंदी अर्थ

क्रिया, पुल्लिंग

  • किसी वस्तु पर से अपना स्वत्व हटाकर उसपर दूसरे का स्वत्व स्थापित करना, दूसरे के अधिकार में करना, प्रदान करना

शे'र

English meaning of detaa

Verb, Masculine

دیتا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فعل، مذکر

  • عطا کرنا، مرحمت کرنا، بخشنا، حوالہ کرنا، سونپنا

Urdu meaning of detaa

  • Roman
  • Urdu

  • ata karnaa, marhmat karnaa, bakhshana, havaala karnaa, sompnaa

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देता

किसी वस्तु पर से अपना स्वत्व हटाकर उसपर दूसरे का स्वत्व स्थापित करना, दूसरे के अधिकार में करना, प्रदान करना

देताँ

سہ مُتفقہ لائحۂ عمل جس پر تمام فریق راضی ہوں.

देता भूने न लेता

सीधा हिसाब, स्पष्ट मामला

जो जान देता है वो नान भी देता है

अल्लाह ताला रज़्ज़ाक़ हक़ीक़ी है

क्यूँ हत्या देता है

क्यों गुनाहगार करता है

रूआँ-रूआँ दु'आ देता है

कोई अच्छाई करे तो कहते हैं

रोंगटा रोंगटा दु'आ देता है

रुक : रविवां रविवां दुआ देता है

लेता भूले न देता भूले

नक़द बिक्री की तारीफ़ में कहते हैं

लेता मरे कि देता

न देने वाला व्यक्ति क़र्ज़ लेकर वापस नहीं करता, लेने या देने वाले में से एक मर जाता है तो क़र्ज़ डूब जाता है

लेता भूले न देता

۔نقد بکری کی تعریف میں بولا کرتے ہیں کیوں کہ ادھار لینے دینے کو طرفین سے کوئی بھول ہوجایا کرتا ہے۔

गंजे को ख़ुदा नाख़ुन नहीं देता

नाअहल को ख़ुदा बाइख़तियार नहीं करता

ख़ुदा देता है तो छप्पर फाड़ के देता है

ईश्वर को जब देना होता है तो किसी न किसी बहाने देता ही है

मक्खी नाक पर नहीं बैठने देता

۔دیکھو ناک پر مکھی ۔

चबूतरा ख़ुद कोतवाली सिखा देता है

ज़िम्मेदारी आदमी को काम स्वयं सिखा देती है, जब आदमी किसी मसले से दो चार होता है तो वह ख़ुद उसका समाधान ढूँड निकालता है

हाथ को हाथ नहीं सुझाई देता

۔اندھیرا گھپ ہے۔(فقرہ) وہ اندھیرا ہے کہ ہاتھ کو ہاتھ نہیں سجھائی دیتا۔؎

ज़ालिम की दाद ख़ुदा देता है

अत्याचारी एवं क्रुर को ख़ुदा ही दंड देता है, सताने वाले का न्याय ख़ुदा करता है, सताने वाले को ख़ुदा दंड देता है

बनिया देता ही नहीं कि पूरा तोल

रुक : बनिया बैठने देता ही नहीं पूरा तो लियो

बनिया बैठने देता ही नहीं पूरा तोलियो

काम सिरे से बनता ही नहीं दुरुस्ती अंजाम की फ़र्माइश है

जब ख़ुदा देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है

ख़ुदा बे वसीला रिज़्क पहुंचाता है,ऐसी नेअमत मिल जाना जिस के आसार वसाइल ज़ाहिर ना हूँ

सब्र की दाद ख़ुदा देता है

जान-ओ-माल को दु'आ देता हूँ

बुज़ुर्ग को मिज़ाजपुर्सी पर जवाब देते हैं

बुख़ार हाथी को भी गिरा देता है

बुख़ार का रोग बड़े बड़े ताक़तवर आदमियों को कमज़ोर और दुर्बल का देता है

अल्लाह शुक्र ख़ोरे को शुक्र देता है

one somehow gets his/her heart's desire

ग़ुलाम और चूना बग़ैर पिटे काम नहीं देता

मूर्ख दंड पाए बिना काम नहीं आता, कमअक़्ल बगै़र सज़ा पाए काम नहीं आता

अल्लाह शक्कर ख़ोरे को शक्कर ही देता है

ख़ुदा हर शख़्स को इस के हौसले और हिम्मत के मुताबिक़ देता है

ख़ुदा शकर-ख़ोरे को शकर ही देता है

ईश्वर हर व्यक्ति को उसकी इच्छा और ख़र्च के अनुसार देता है, जिसे जिस वस्तु की कामना हो उसको मिल जाती है

पत्थर के कीड़े को भी ख़ुदा देता है

۔ख़ुदा ताला हर शख़्स को रिज़्क देता है कोई महरूम नहीं रहता।

ख़ुदा देता है तो नहीं पूछ्ता तू कौन है

ईश्वर अच्छे या बुरे की जाँच कर के नहीं देता, ईश्वर की कृपा सामान्य है, ईश्वर को जिसे देना होता है उसे देता है, फिर वह कोई भी हो

दादा कहने से बनिया गुड़ देता है

चापलूसी से कुछ न कुछ मिल ही जाता है

जब बनिया उठाना चाहे तो झाड़ू देता है

किनायतन-ओ-इशारतन ऐसी अलामतें ज़ाहिर करना जिस से नाख़ुशी हो, किसी को दूर करने के लिए ऐसे काम करना जो बज़ाहिर कुछ ना हूँ लेकिन अस्लन किसी से पीछा छुड़ाना मक़सूद हो

किसी को तवे में दिखाई देता है किसी को आर्सी में

कोई लायक़ है और कोई साधारण योग्यता का, हर व्यक्ति अपनी समझ के अनुसार काम करता है

ख़ुदा शकर ख़ोरे को शकर देता है

अल्लाह पाक हर शख़्स को इस के हौसले के मुवाफ़िक़ देता है

गत बना देता

सूतर अपनाना, ढंग बनाना

क़द्र खो देता है हर बार का आना जाना

बहुत मेल मिलाप और बेतकल्लुफ़ी हो तो वो इज़्ज़त नहीं रहती जो कभी कभी मिलने से होती है

क़द्र खो देता है हर वक़्त का आना जाना

बहुत मेल मिलाप और बेतकल्लुफ़ी हो तो वो इज़्ज़त नहीं रहती जो कभी कभी मिलने से होती है

दाता को राम छप्पर फाड़ के देता है

ईश्वर उदार लोगों को बहुत कुछ देता है

पेड़ चढ़े यूँ दिखाई देता है

अगर तुम मेरी जगह हो तो भी ऐसा ही करो

मोर नाचता है जब अपने पाँव देखता है तो रो देता है

सारी उमनगीं, हौसले, ख़ुशीयां, लज़्ज़तें, नेअमतें, औसाफ़ ज़रा से ऐब के बाइस तकलीफ़-ओ-तकद्दुर बिन जाते हैं, ऐब ज़रा सा भी ुबरा

क़द्र खो देता है हर रोज़ का आना जाना

familiarity breeds contempt

ख़ुदा देना है तो छप्पर फाड़ कर देता है

ख़ुदा किसी को नवाज़ना चाहे तो इस के ज़राए और सामान पैदा कर देता है, ख़ुदा की देन अस्बाब ज़ाहिरी पर मौक़ूफ़ नहीं, ख़ुदा का फ़ज़ल बेहिसाब है

लालच गला कटवा देता है

हिर्स और तुम्ह इंसान को मरवा देता है

आँवले का खाया और बड़े का समझाया पीछे मज़ा देता है

रुक : आमिले का खाया अलख

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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