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कोही

पहाड़ से उत्पन्न, पहाड़ से सम्बन्धित, पहाड़ का, पहाड़ी

कहे

कहा, बोला

कहा

= कहा (उक्ति)

कही

उक्ति। कथन। उदा०-कहत न परत कही।-सर।

कुही

एक प्रकार की शिकारी चिड़िया जो बाज़ से छोटी और कौए से बड़ी होती है, बहरी, कुहर, शाही, शाहीन

खौ

कहो

खै

میَلا، گندگی، گوہ، نجاست، خاک، دھول، کوڑا کرکٹ

खा

eat

खाओ

eat

ख़े

حرف ’ خ ‘ کا اردو تلفظ ۔

ख़ा

खानेवाला, जैसे-‘शकरखा' शकर खानेवाला।

ख़े

khay-Urdu alphabet

खाई

पृथ्वी तल में वह कृत्रिम या प्राकृतिक गड्ढा, जो कुछ दूर तक चला गया हो और जिसमें से होकर नदी, वर्षा आदि का जल बहता हो

ख़ू

आदत।

कोई है

नौकर को बुलाने की आवाज़, क्या कोई शख़्स मौजूद है

कोई हो

कोई हो, किसी की विशेषता नहीं

खाऊ

अनुचित रूप से दूसरों का धन लेनेवाला। पद-खाऊ बीर दूसरों का माल हड़प जानेवाला।

खाए

ate

खोओ

Lose, misplace

ख़ोई

पसीना

खोए

lose, get rid of, part with

ख़ोए

पसीना, स्वेद ।

काहे

क्यों, किस लिए, काहे को, किस वजह से, किस कारण से

काही

घास का बना हुआ, घास का, घास-जैसे रंग का, हरा ।

काहू

एक पौधा जो दवा में काम आता है, काहू-कद्दू-बादाम इनके बीजों के तेल में गुलाब का तेल मिलाकर मस्तिष्क-निर्बलता में प्रयोग करते हैं। कि

कोहा

Fog, mist.

कोहा

(कृषि) खेत की सीमांकन की मुंडेर, मेंड

खेई

झड़बैरी की सूखी झाड़ी, झाड़-झंखाड़, सूखी कटी हुई झाड़ी, झड़बैरी के वो पेड़ जिन्हें काट कर पत्ते निकाल लिए गए हों और सिर्फ़ काँटे रह गए हों जो बाड़ लगाने या जलाने के काम आते हैं

खूई

छोटा कुंआ

खौए

कंधा, मूंढा, शाना

कोहा

क्रोध

कौहा

छाजन में बँड़ेरी के सहारे के लिए लगाई जानेवाली लकड़ी

ख़ूई

आदत, ख़सलत, स्वभाव, व्यवहार

क़ैही

قیح (رک) سے منسوب ، پیپ کا.

कूहा

کہر

कुहू

कोयल की आवाज़, कोयल की कूक या बोली

कूहीला

شاہین کا نر.

कूहीला

شاہین کا نر.

गाव-कोही

बारहसिंघे का एक नाम, बारहसिंघा

मूश-कोही

पहाड़ी चूहा

मर्दुम-कोही

पहाड़ी लोग, पहाड़ों पर रहने वाले आदमी; (लाक्षणिक) गँवार लोग

कहे से

۔کہنے سے۔ حکم سے۔ ؎

काहा-कोही

کاہ اور کوہ سے منسوب یعنی کبھی ہلکی پُھلکی ظرافت کبھی گہری سنجیدہ بات.

ज़ाग़-ए-कोही

पहाड़ी कौआ, द्रोणकाक, काकोल

बाबा-कोही

एक व्यक्ति जो अपनी ईमानदारी और अच्छाई के लिए मशहूर था

कज-कोही

पहाड़ी बकरा

दीवान-ए-कोही

دیوان کوہی : اس شعبے کو کہتے تھے جس کے سپرد زراعت کی ترقی وغیرہ ہوتی تھی.

शाहबाज़-ए-कोही

falcon of woods

शेर-ए-कोही

mountain lion

सरव-ए-कोही

एक पेड़ जिसके फल बाक़्ला के दाने के बराबर होते हैं, दवाओं में प्रयुक्त

आदम-ए-कोही

orangutan, anthropoid ape, uncivilized, barbarian

शाहीन-ए-कोही

शाहीन की वो प्र्जाती जो पर्वतों में रहती है

बुज़-ए-कोही

पहाड़ी बकरा या बकरी

सनोबर-ए-कोही

پہاڑی صنوبر ، صنوبر جبلی (رک) .

काकंज-ए-कोही

کاکنج (رک) کی دوسری قسم ، جس کا پودا کا کنجِ بستانی سے بڑا ہوتا ہے اور اس کا پھول نہایت سرخ اور پھل زرد مائل بہ سرخی ، زرد غلاف میں ملفوف ہوتا ہے ، یہ عموماً سنگلاخ زمین پر پیدا ہوتا ہے ، کاکنج منوم ، عنب الثعلب منوم ۔

सुंबुल-ए-कोही

(चिकित्सा) बालछड़ के बहुत से प्रकारों में से एक, उसको सुंबल-सुरी भी कहते हैं औषधियों में प्रयुक्त

खो के

by losing, after losing

काहे को गूलड़ का पेट फड़वाते हो

किसी का ऐब क्यों ज़ाहिर करते हो, किस लिए किसी के ऐब का राज़ ज़ाहिर करते हो

कहो तो मैं घर छोड़ दूँ

यहाँ से जाइए, तशरीफ़ ले जाइए जब कोई बहुत देर तक बैठा रहे तो कहते हैं

खा गया सो अंग लग गया, दे गया सो ले गया, छोड़ गया सो खो गया

जो ख़र्च क्या इस से मज़े उड़ाए, जो ख़ैरात क्या वो आख़िरत में काम आएगा, जो छोड़ गया वो दूसरे खाएंगे

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में बुज़-ए-कोही के अर्थदेखिए

बुज़-ए-कोही

buz-e-kohiiبُزِ کوہی

स्रोत: फ़ारसी

वज़्न : 1222

बुज़-ए-कोही के हिंदी अर्थ

संज्ञा

  • पहाड़ी बकरा या बकरी

English meaning of buz-e-kohii

Noun

  • mountain goat

بُزِ کوہی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم

  • پہاڑی بکرا یا بکری

Urdu meaning of buz-e-kohii

  • Roman
  • Urdu

  • pahaa.Dii bakra ya bikrii

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कोही

पहाड़ से उत्पन्न, पहाड़ से सम्बन्धित, पहाड़ का, पहाड़ी

कहे

कहा, बोला

कहा

= कहा (उक्ति)

कही

उक्ति। कथन। उदा०-कहत न परत कही।-सर।

कुही

एक प्रकार की शिकारी चिड़िया जो बाज़ से छोटी और कौए से बड़ी होती है, बहरी, कुहर, शाही, शाहीन

खौ

कहो

खै

میَلا، گندگی، گوہ، نجاست، خاک، دھول، کوڑا کرکٹ

खा

eat

खाओ

eat

ख़े

حرف ’ خ ‘ کا اردو تلفظ ۔

ख़ा

खानेवाला, जैसे-‘शकरखा' शकर खानेवाला।

ख़े

khay-Urdu alphabet

खाई

पृथ्वी तल में वह कृत्रिम या प्राकृतिक गड्ढा, जो कुछ दूर तक चला गया हो और जिसमें से होकर नदी, वर्षा आदि का जल बहता हो

ख़ू

आदत।

कोई है

नौकर को बुलाने की आवाज़, क्या कोई शख़्स मौजूद है

कोई हो

कोई हो, किसी की विशेषता नहीं

खाऊ

अनुचित रूप से दूसरों का धन लेनेवाला। पद-खाऊ बीर दूसरों का माल हड़प जानेवाला।

खाए

ate

खोओ

Lose, misplace

ख़ोई

पसीना

खोए

lose, get rid of, part with

ख़ोए

पसीना, स्वेद ।

काहे

क्यों, किस लिए, काहे को, किस वजह से, किस कारण से

काही

घास का बना हुआ, घास का, घास-जैसे रंग का, हरा ।

काहू

एक पौधा जो दवा में काम आता है, काहू-कद्दू-बादाम इनके बीजों के तेल में गुलाब का तेल मिलाकर मस्तिष्क-निर्बलता में प्रयोग करते हैं। कि

कोहा

Fog, mist.

कोहा

(कृषि) खेत की सीमांकन की मुंडेर, मेंड

खेई

झड़बैरी की सूखी झाड़ी, झाड़-झंखाड़, सूखी कटी हुई झाड़ी, झड़बैरी के वो पेड़ जिन्हें काट कर पत्ते निकाल लिए गए हों और सिर्फ़ काँटे रह गए हों जो बाड़ लगाने या जलाने के काम आते हैं

खूई

छोटा कुंआ

खौए

कंधा, मूंढा, शाना

कोहा

क्रोध

कौहा

छाजन में बँड़ेरी के सहारे के लिए लगाई जानेवाली लकड़ी

ख़ूई

आदत, ख़सलत, स्वभाव, व्यवहार

क़ैही

قیح (رک) سے منسوب ، پیپ کا.

कूहा

کہر

कुहू

कोयल की आवाज़, कोयल की कूक या बोली

कूहीला

شاہین کا نر.

कूहीला

شاہین کا نر.

गाव-कोही

बारहसिंघे का एक नाम, बारहसिंघा

मूश-कोही

पहाड़ी चूहा

मर्दुम-कोही

पहाड़ी लोग, पहाड़ों पर रहने वाले आदमी; (लाक्षणिक) गँवार लोग

कहे से

۔کہنے سے۔ حکم سے۔ ؎

काहा-कोही

کاہ اور کوہ سے منسوب یعنی کبھی ہلکی پُھلکی ظرافت کبھی گہری سنجیدہ بات.

ज़ाग़-ए-कोही

पहाड़ी कौआ, द्रोणकाक, काकोल

बाबा-कोही

एक व्यक्ति जो अपनी ईमानदारी और अच्छाई के लिए मशहूर था

कज-कोही

पहाड़ी बकरा

दीवान-ए-कोही

دیوان کوہی : اس شعبے کو کہتے تھے جس کے سپرد زراعت کی ترقی وغیرہ ہوتی تھی.

शाहबाज़-ए-कोही

falcon of woods

शेर-ए-कोही

mountain lion

सरव-ए-कोही

एक पेड़ जिसके फल बाक़्ला के दाने के बराबर होते हैं, दवाओं में प्रयुक्त

आदम-ए-कोही

orangutan, anthropoid ape, uncivilized, barbarian

शाहीन-ए-कोही

शाहीन की वो प्र्जाती जो पर्वतों में रहती है

बुज़-ए-कोही

पहाड़ी बकरा या बकरी

सनोबर-ए-कोही

پہاڑی صنوبر ، صنوبر جبلی (رک) .

काकंज-ए-कोही

کاکنج (رک) کی دوسری قسم ، جس کا پودا کا کنجِ بستانی سے بڑا ہوتا ہے اور اس کا پھول نہایت سرخ اور پھل زرد مائل بہ سرخی ، زرد غلاف میں ملفوف ہوتا ہے ، یہ عموماً سنگلاخ زمین پر پیدا ہوتا ہے ، کاکنج منوم ، عنب الثعلب منوم ۔

सुंबुल-ए-कोही

(चिकित्सा) बालछड़ के बहुत से प्रकारों में से एक, उसको सुंबल-सुरी भी कहते हैं औषधियों में प्रयुक्त

खो के

by losing, after losing

काहे को गूलड़ का पेट फड़वाते हो

किसी का ऐब क्यों ज़ाहिर करते हो, किस लिए किसी के ऐब का राज़ ज़ाहिर करते हो

कहो तो मैं घर छोड़ दूँ

यहाँ से जाइए, तशरीफ़ ले जाइए जब कोई बहुत देर तक बैठा रहे तो कहते हैं

खा गया सो अंग लग गया, दे गया सो ले गया, छोड़ गया सो खो गया

जो ख़र्च क्या इस से मज़े उड़ाए, जो ख़ैरात क्या वो आख़िरत में काम आएगा, जो छोड़ गया वो दूसरे खाएंगे

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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