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जस हू तस हू

رک : جیسا تیسا

टका हो जिस के हाथ में वो बड़ा है ज़ात में

मालदारी आदमी को बड़ी जाति का बना देती है, पैसे वाले का ही सम्मान सब जगह होता है

जिस बहूड़ की बैरन सास, वाका कधी न हो घर वास

जिस बहू की सास दुश्मन हो, उस का बसना मुश्किल हो जाता है

तुरत फ़तेह हो उस के ताईं, जिस का हामी होवे साईं

जिस का ईश्वर सहायक हो उसे तुरंत कामयाबी मिलती है

जिस का आँचल ग़ैर मर्द ने न देखा हो

با حیا اور با غیرت عورت کے لئے کہا جاتا ہے .

जिस पगड़ी में हो न चिल्ला पगड़ी नहीं वो फेंटी है

चिल्लद से अलबत्ता पगड़ी की ज़ेबाइश हो जाती है , हर चीज़ अपने औसाफ़ में पूरी होनी चाहिए

जिस की बेटी राँड हो गई उस का जनम बिगड़ गया

बेटी के रांड होने से बढ़ कर और कोई मुसीबत नहीं

जिस ने न देखी हो कन्या, देखे कन्या का भाई

अपनी मंगेतर को देखना चाहो तो उसके भाई को देखो, यद्यपि ये सदैव सच नहीं होता

वो बाल खींचूँ कि जिस की जड़ दूर हो

सारे छुपे छुपाए दोष प्रकट कर दूँ, सारी दुनिया में अपमान का माध्यम एवं तिरस्कीर एवं अपयश का कारण बनूँ

जिस की न फटी हो बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई

जिस को कभी दुख नहीं पहुंचा उस को दर्द मंदों के दर्द की क्या पर्वा

साईं जिस के साथ हो उस को सांसा क्या, छिन में उस के कार सब दे भगवान बना

ईश्वर जिसका सहायक हो उसके काम पल में बन जाते हैं

जिस तरफ़ हो 'अज़्म पूरा चाहिए

आदमी जो काम करे पूरे इरादे और हिम्मत से करे ताकि सफलता मिले

तुरत-फुरत हो वो भी कार मदद करे जिस की सरकार

जिस काम में ईश्वर की सहायता हो वह जल्द हो जाता है

जिस को हराम के टुकरों का मज़ा लगा, उस से मेहनत कब हो सके

जिस को बैठे बिठाए खंए को मिले इस से मेहनत नहीं हो सकती

जिस तरह भी हो

in whatever way possible, however possible

जस लेना हो तो हमदर्दी करो

अच्छा नाम पाना चाहते हैं तो लोगों के दुख-दर्द में सहायता करो

जिस बहुअर की बहरी सास, उस का कभी न हो घर वास

जिस स्त्री की सास बहरी हो, वह कभी घर में नहीं रुकती

जिस का पल्ला भारी हो वही झुके

बड़ा आदमी विनम्र होता है, जिसके पास हो उसे देना चाहिए

जिस के तन को लगी हो वो जाने यार

जिस को तकलीफ़ पहुंचती है वही जानता है, बे दर्द की बला जाने

टाल बता उस को न तू जिस से किया क़रार, चाहे हो बैरी तेरा चाहे होवे यार

वा'दा करके पूरा करना चाहिए चाहे दोस्त से हो चाहे शत्रु से

जिस तरह हो सके

हर तरह, हर प्रकार से

जिस तरह से हो सके

हर तरीक़े से, हर तरह

साईं जिस को राख ले मारन हारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन

जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे

साईं जिस को राख ले मारन मारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन

जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे

उस जातक से करो न यारी, जिस की माता हो कलहारी

उस लड़के से कभी मित्रता या प्रेम मत करो जिसकी माँ लड़ाका अर्थात झगड़ालू हो

उस जातक सूँ करो न यारी, जिस की माता हो कलहारी

उस लड़के से कभी मित्रता या प्रेम मत करो जिसकी माँ लड़ाका अर्थात झगड़ालू हो

जिस का जो स्वभाव जाए ना उस के जी से, नीम न मीठा हो सींचो गुड़ और घी से

स्वभाव और बुरी 'आदत नहीं जाती चाहे कितना भी प्रयास किया जाए

जिस तरह पीठ दिखाए जाते हो, उसी तरह मुँह दिखाना

۔(عو) رخصت کے وقت مسافر سے کہتی ہیں۔ ہنسی خوشی سدھارو۔ جس طرح پیٹھ دکھائے جاتے ہو خدا وہ دن کرے کہ اسی طرح لوٹ کر منھ دکھاؤ

जिस तरह बैठे हो उसी तरह चले आओ

۔(عو) فوراً چلے آؤ۔ بہت جلد طلب کرنے اور کمال ضرورت ظاہر کرنے کا انداز ہے۔

जिस तरह बैठे हो उसी तरह चले आओ

(ओ) बहुत जल्द तलब करने और शदीद ज़रूरत ज़ाहिर करने के मौक़ा पर बोलते हैं

वो राजा मरता भला जिसमें न्याव न हो, मरी भली वो स्त्री लाज न राखे जो

अन्याय करने वाला राजा और निर्लज्ज स्त्री का मर जाना बेहतर है

जिस के माँ बाप जीते हों वो हराम का नहीं कहलाता

जिसके लिए प्रमाण और सबूत मौजूद है, उसे कोई भी विश्वासरहित नहीं कह सकता

ऊख से गंडेरी प्यारी गुड़ से प्यारा गाँडा, माँ बहन से जोरू प्यारी जिस से होय गुज़ारा

साधारण सी बात को कहावत के तौर पर बयान किया गया है अर्थात गन्ने से गंडेरी भली लगती है एवं गुड़ की तुलना में गन्ना अधिक अच्छा लगता है, माँ एवं बहन से अधिक पत्नी प्रिय होती है क्यूँकि उस से घर बसता है

जिसको राखे साइयाँ मार न साके कोय, बाल न बेका कर सके सब जग बैरी होय

ख़ुदा की रक्षा सर्वोपर है

पेड़ 'अली धत्ता जिस की जड़ है न पत्ता

جو گمنام ہو ، جس کی اصل و نسل کا پتا نہ ہو ، ناپائیدار ؛ بے اصل بات جس کا سر پیر نہ ہو.

कौड़ी-कौड़ी माया, जोड़े जो ज़मीं में धरता है, जिस का लहना वही खावे पापी बरिय्या मरता है

कंजूस पापी परेशानी भर कर जोड़ता है, फिर जिस को नसीब होता है वही खाता है

जिस पर पड़ती है वही जानता है

only the wearer knows where the shoe pinches

जिस के सर पड़ती है वही जानता है

जिस पर परेशानी आती है वही उस का अनुमान कर सकता है

जिस के सर पर पड़ती है वही जानता है

जिस पर परेशानी आती है वही उस का अनुमान कर सकता है

जिस के दिल में रहम नहीं वो क़साई है

निर्दयी आदमी क़साई के बराबर होता है

चख डाल माल धन को कौड़ी न रख कफ़न को, जिस ने दिया है तन को देगा वही कफ़न को

आनंद लो ख़र्च करो, किसी बात की परवाह नहीं

चख डाल माल धन को कौड़ी न रख कफ़न को, जिस ने दिया है तन को देगा वही मन को

आनंद लो ख़र्च करो, किसी बात की परवाह नहीं

ना'ल-दर-आतिश हो जाना

बहुत बेक़रार होना, तिलमिलाना , हसद या किसी और वजह से सख़्त तकलीफ़ और बेचैनी में मुबतला होना

सलामत रहे बहू जिस का बड़ा भरोसा है

हिंदूओं में बेटे और पोते का होना क्रिया-कर्म के लिए बहुत आवश्यक समझा जाता है इस लिए हर सास अपनी बहू की सलामती चाहती है

जिस तरा पीठ दिखाता है उसी तरह मुँह दिखाना

(ओ) रुख़स्त के वक़्त मुसाफ़िर से कहतेहैं

क्या तमाशे की बात है जिस का जाए वो चोर कहलाए

जिसका नुक़्सान हो उसके सिर पर आरोप हो, पुलिस वाले जब चोरी का सुराग़ न मिले तो ये सिद्ध करने की कोशिश करते हैं कि वादी ने सामान इधर-उधर कर दिया

तैश में है

गुस्से में है, क्रोध में है

वो शाख़ ही न रही जिस पे आशियाना था

वह वस्तु ही शेष न रही जिसके लिए सब आवेश थे, निराशा की स्थिति का प्रकटन

जिस के मुँह में चावल होते हैं वो चबा चबा कर बातें करता है

जिस के पास दौलत होती है वही इतराता है

कौन ऐसी किशमिश है जिस में लकड़ी नहीं

हर चीज़ में कोई ना कोई कमी या ख़राबी ज़रूर होती है

साईं तेरी नेह का जिस तन लागा तीर, वही पूरा साध है वही पीर फ़क़ीर

जिसे ईश्वर से प्रेम है वो पूरा फ़क़ीर है एवं वही दर्वेश है

जिस पर बीतती है वही जानता है

only the wearer knows where the shoe pinches

जिस का ओर है न छोर

जिस की था, नहीं, जो बहुत बड़ा है, समुंद्र के मुताल्लिक़ कहते हैं

जस अप्जस बिध हाथ है

नेकी बदी ख़ुदा के हाथ में है

कुछ ख़लल तो है जिस से ये ख़लल है

इस ख़राबी या कमी का कोई कारण है

कौन सा दरख़्त है जिस को हवा नहीं लगी

ऐब और तकलीफ़ से कोई ख़ाली नहीं

कौन सा दरख़्त है जिस को हवा नहीं लगती

ऐब और तकलीफ़ से कोई ख़ाली नहीं

जिस के पैसा नहीं है पास , उस को मेला लगे उदास

जिस शख़्स के पास पैसा नहीं उसे किसी चीज़ का लुतफ़ नहीं आता

जिस के मुँह में चावल होते हैं वो चबा चबा कर ख़ूब बातें करता है

۔مثل جس کے پاس دولت ہوتی ہے وہی اتراتا ہے جس کے گھر کھانے کو ہوتا ہےوہی اترا اترا کر باتیں کرتا ہے۔

यार वही है पक्का जिस ने मान यार का रक्खा

जो मित्र की सहायता करे वही सच्चा मित्र है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में बिल्कुल के अर्थदेखिए

बिल्कुल

bilkulبِالْکُل

स्रोत: अरबी

वज़्न : 22

बिल्कुल के हिंदी अर्थ

क्रिया-विशेषण

शे'र

English meaning of bilkul

بِالْکُل کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فعل متعلق

  • پورے طور پر، کلیۃً کلی طور پر، تمام، سارا، سرتاسر
  • مطلق، ذرا بھی (فعل منفی کے ساتھ)

Urdu meaning of bilkul

  • Roman
  • Urdu

  • puure taur par, kliin kalii taur par, tamaam, saaraa, sartaasar
  • mutlaq, zaraa bhii (pheal manfii ke saath

बिल्कुल के पर्यायवाची शब्द

बिल्कुल के विलोम शब्द

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जस हू तस हू

رک : جیسا تیسا

टका हो जिस के हाथ में वो बड़ा है ज़ात में

मालदारी आदमी को बड़ी जाति का बना देती है, पैसे वाले का ही सम्मान सब जगह होता है

जिस बहूड़ की बैरन सास, वाका कधी न हो घर वास

जिस बहू की सास दुश्मन हो, उस का बसना मुश्किल हो जाता है

तुरत फ़तेह हो उस के ताईं, जिस का हामी होवे साईं

जिस का ईश्वर सहायक हो उसे तुरंत कामयाबी मिलती है

जिस का आँचल ग़ैर मर्द ने न देखा हो

با حیا اور با غیرت عورت کے لئے کہا جاتا ہے .

जिस पगड़ी में हो न चिल्ला पगड़ी नहीं वो फेंटी है

चिल्लद से अलबत्ता पगड़ी की ज़ेबाइश हो जाती है , हर चीज़ अपने औसाफ़ में पूरी होनी चाहिए

जिस की बेटी राँड हो गई उस का जनम बिगड़ गया

बेटी के रांड होने से बढ़ कर और कोई मुसीबत नहीं

जिस ने न देखी हो कन्या, देखे कन्या का भाई

अपनी मंगेतर को देखना चाहो तो उसके भाई को देखो, यद्यपि ये सदैव सच नहीं होता

वो बाल खींचूँ कि जिस की जड़ दूर हो

सारे छुपे छुपाए दोष प्रकट कर दूँ, सारी दुनिया में अपमान का माध्यम एवं तिरस्कीर एवं अपयश का कारण बनूँ

जिस की न फटी हो बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई

जिस को कभी दुख नहीं पहुंचा उस को दर्द मंदों के दर्द की क्या पर्वा

साईं जिस के साथ हो उस को सांसा क्या, छिन में उस के कार सब दे भगवान बना

ईश्वर जिसका सहायक हो उसके काम पल में बन जाते हैं

जिस तरफ़ हो 'अज़्म पूरा चाहिए

आदमी जो काम करे पूरे इरादे और हिम्मत से करे ताकि सफलता मिले

तुरत-फुरत हो वो भी कार मदद करे जिस की सरकार

जिस काम में ईश्वर की सहायता हो वह जल्द हो जाता है

जिस को हराम के टुकरों का मज़ा लगा, उस से मेहनत कब हो सके

जिस को बैठे बिठाए खंए को मिले इस से मेहनत नहीं हो सकती

जिस तरह भी हो

in whatever way possible, however possible

जस लेना हो तो हमदर्दी करो

अच्छा नाम पाना चाहते हैं तो लोगों के दुख-दर्द में सहायता करो

जिस बहुअर की बहरी सास, उस का कभी न हो घर वास

जिस स्त्री की सास बहरी हो, वह कभी घर में नहीं रुकती

जिस का पल्ला भारी हो वही झुके

बड़ा आदमी विनम्र होता है, जिसके पास हो उसे देना चाहिए

जिस के तन को लगी हो वो जाने यार

जिस को तकलीफ़ पहुंचती है वही जानता है, बे दर्द की बला जाने

टाल बता उस को न तू जिस से किया क़रार, चाहे हो बैरी तेरा चाहे होवे यार

वा'दा करके पूरा करना चाहिए चाहे दोस्त से हो चाहे शत्रु से

जिस तरह हो सके

हर तरह, हर प्रकार से

जिस तरह से हो सके

हर तरीक़े से, हर तरह

साईं जिस को राख ले मारन हारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन

जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे

साईं जिस को राख ले मारन मारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन

जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे

उस जातक से करो न यारी, जिस की माता हो कलहारी

उस लड़के से कभी मित्रता या प्रेम मत करो जिसकी माँ लड़ाका अर्थात झगड़ालू हो

उस जातक सूँ करो न यारी, जिस की माता हो कलहारी

उस लड़के से कभी मित्रता या प्रेम मत करो जिसकी माँ लड़ाका अर्थात झगड़ालू हो

जिस का जो स्वभाव जाए ना उस के जी से, नीम न मीठा हो सींचो गुड़ और घी से

स्वभाव और बुरी 'आदत नहीं जाती चाहे कितना भी प्रयास किया जाए

जिस तरह पीठ दिखाए जाते हो, उसी तरह मुँह दिखाना

۔(عو) رخصت کے وقت مسافر سے کہتی ہیں۔ ہنسی خوشی سدھارو۔ جس طرح پیٹھ دکھائے جاتے ہو خدا وہ دن کرے کہ اسی طرح لوٹ کر منھ دکھاؤ

जिस तरह बैठे हो उसी तरह चले आओ

۔(عو) فوراً چلے آؤ۔ بہت جلد طلب کرنے اور کمال ضرورت ظاہر کرنے کا انداز ہے۔

जिस तरह बैठे हो उसी तरह चले आओ

(ओ) बहुत जल्द तलब करने और शदीद ज़रूरत ज़ाहिर करने के मौक़ा पर बोलते हैं

वो राजा मरता भला जिसमें न्याव न हो, मरी भली वो स्त्री लाज न राखे जो

अन्याय करने वाला राजा और निर्लज्ज स्त्री का मर जाना बेहतर है

जिस के माँ बाप जीते हों वो हराम का नहीं कहलाता

जिसके लिए प्रमाण और सबूत मौजूद है, उसे कोई भी विश्वासरहित नहीं कह सकता

ऊख से गंडेरी प्यारी गुड़ से प्यारा गाँडा, माँ बहन से जोरू प्यारी जिस से होय गुज़ारा

साधारण सी बात को कहावत के तौर पर बयान किया गया है अर्थात गन्ने से गंडेरी भली लगती है एवं गुड़ की तुलना में गन्ना अधिक अच्छा लगता है, माँ एवं बहन से अधिक पत्नी प्रिय होती है क्यूँकि उस से घर बसता है

जिसको राखे साइयाँ मार न साके कोय, बाल न बेका कर सके सब जग बैरी होय

ख़ुदा की रक्षा सर्वोपर है

पेड़ 'अली धत्ता जिस की जड़ है न पत्ता

جو گمنام ہو ، جس کی اصل و نسل کا پتا نہ ہو ، ناپائیدار ؛ بے اصل بات جس کا سر پیر نہ ہو.

कौड़ी-कौड़ी माया, जोड़े जो ज़मीं में धरता है, जिस का लहना वही खावे पापी बरिय्या मरता है

कंजूस पापी परेशानी भर कर जोड़ता है, फिर जिस को नसीब होता है वही खाता है

जिस पर पड़ती है वही जानता है

only the wearer knows where the shoe pinches

जिस के सर पड़ती है वही जानता है

जिस पर परेशानी आती है वही उस का अनुमान कर सकता है

जिस के सर पर पड़ती है वही जानता है

जिस पर परेशानी आती है वही उस का अनुमान कर सकता है

जिस के दिल में रहम नहीं वो क़साई है

निर्दयी आदमी क़साई के बराबर होता है

चख डाल माल धन को कौड़ी न रख कफ़न को, जिस ने दिया है तन को देगा वही कफ़न को

आनंद लो ख़र्च करो, किसी बात की परवाह नहीं

चख डाल माल धन को कौड़ी न रख कफ़न को, जिस ने दिया है तन को देगा वही मन को

आनंद लो ख़र्च करो, किसी बात की परवाह नहीं

ना'ल-दर-आतिश हो जाना

बहुत बेक़रार होना, तिलमिलाना , हसद या किसी और वजह से सख़्त तकलीफ़ और बेचैनी में मुबतला होना

सलामत रहे बहू जिस का बड़ा भरोसा है

हिंदूओं में बेटे और पोते का होना क्रिया-कर्म के लिए बहुत आवश्यक समझा जाता है इस लिए हर सास अपनी बहू की सलामती चाहती है

जिस तरा पीठ दिखाता है उसी तरह मुँह दिखाना

(ओ) रुख़स्त के वक़्त मुसाफ़िर से कहतेहैं

क्या तमाशे की बात है जिस का जाए वो चोर कहलाए

जिसका नुक़्सान हो उसके सिर पर आरोप हो, पुलिस वाले जब चोरी का सुराग़ न मिले तो ये सिद्ध करने की कोशिश करते हैं कि वादी ने सामान इधर-उधर कर दिया

तैश में है

गुस्से में है, क्रोध में है

वो शाख़ ही न रही जिस पे आशियाना था

वह वस्तु ही शेष न रही जिसके लिए सब आवेश थे, निराशा की स्थिति का प्रकटन

जिस के मुँह में चावल होते हैं वो चबा चबा कर बातें करता है

जिस के पास दौलत होती है वही इतराता है

कौन ऐसी किशमिश है जिस में लकड़ी नहीं

हर चीज़ में कोई ना कोई कमी या ख़राबी ज़रूर होती है

साईं तेरी नेह का जिस तन लागा तीर, वही पूरा साध है वही पीर फ़क़ीर

जिसे ईश्वर से प्रेम है वो पूरा फ़क़ीर है एवं वही दर्वेश है

जिस पर बीतती है वही जानता है

only the wearer knows where the shoe pinches

जिस का ओर है न छोर

जिस की था, नहीं, जो बहुत बड़ा है, समुंद्र के मुताल्लिक़ कहते हैं

जस अप्जस बिध हाथ है

नेकी बदी ख़ुदा के हाथ में है

कुछ ख़लल तो है जिस से ये ख़लल है

इस ख़राबी या कमी का कोई कारण है

कौन सा दरख़्त है जिस को हवा नहीं लगी

ऐब और तकलीफ़ से कोई ख़ाली नहीं

कौन सा दरख़्त है जिस को हवा नहीं लगती

ऐब और तकलीफ़ से कोई ख़ाली नहीं

जिस के पैसा नहीं है पास , उस को मेला लगे उदास

जिस शख़्स के पास पैसा नहीं उसे किसी चीज़ का लुतफ़ नहीं आता

जिस के मुँह में चावल होते हैं वो चबा चबा कर ख़ूब बातें करता है

۔مثل جس کے پاس دولت ہوتی ہے وہی اتراتا ہے جس کے گھر کھانے کو ہوتا ہےوہی اترا اترا کر باتیں کرتا ہے۔

यार वही है पक्का जिस ने मान यार का रक्खा

जो मित्र की सहायता करे वही सच्चा मित्र है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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