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कौड़ी के तीन तीन बिकना

निहायत अर्ज़ां होजाना, बहुत सस्ता होजाना , बेवुक़त होजाना,बेक़दर होजाना

कौड़ी के तीन तीन

۔نہایت ارزان نہایت بے قدر۔ (بکنا ہونا کے ساتھ) ؎ اس جگہ کوڑی کے دو دو بھی کہتے ہیں۔ ؎

कौड़ी के तीन-तीन हैं

बहुत अपमानित हैं

कौड़ी के तीन-तीन होना

रुक : कोड़ी के तीन तीन बिकना

कौड़ी के तीन

نہایت بے قدر اور بوقعت.

कौड़ी न हो तो कौड़ी के फिर तीन-तीन

निर्धन आदमी को कोई नहीं पूछता, अपने पास पैसा न हो तो अपना कोई मोल या महत्त्व नहीं

तीन कौड़ी का

बेकार, फ़ुज़ूल, जिस की कोई क़दर और क़ीमत न हो, जिसका कोई मूल्य नहीं हो

कौड़ी न हो तो फिर कौड़ी के तीन-तीन हैं

निर्धन आदमी को कोई नहीं पूछता, अपने पास पैसा न हो तो अपना कोई मोल या महत्त्व नहीं

कोड़ी के तीन-तीन हो गए

निर्धन आदमी को कोई नहीं पूछता, अपने पास पैसा न हो तो अपना कोई मोल या महत्त्व नहीं

कौड़ी का तीन होना

बहुत सस्ता होना, अप्रतिष्ठित होना, अपमानित होना, ज़लील होना

दमड़ी के तीन तीन

बहुत सस्ता, बहुत ही कम क़ीमत में, कौड़ियों के दाम में

कौड़ी में तीन मज़े

खट्टे की फांक बेचने वाले की आवाज़ जिस से मुराद ये है कि एक कोड़ी में खट्टे की फांक देता हूँ, जिस में नमक मिर्च और तुरशी तीन हैं

दमड़ी के तीन तीन होना

sell dirt cheap

कौड़ी के मोल बिकना

अत्यधिक सस्ता और कम मूल्य पर बिकना

कौड़ी के दो-दो बिकना

रुक : कोड़ी के तीन तीन बकना

बाबा मरा निहालू जना वही तीन के तीन

जितना नुक़्सान हुआ था इतना ही फ़ायदा हो गया

पलास के तीन पात

रुक: ढाक के तीन पात

ढाक के तीन पात

उस जगह कहते हैं जहाँ साधारम मुक़र्रर किये हुए रक़म से अधिक न मिले

तीन पेड़ बकाइन के मियाँ बाग़बान

जब कोई थोड़ी चीज़ पर बहुत इतराए और डींग मारे, तो कहते हैं

तीन पेड़ बकायन के मियाँ बाग़बान

۔مثل۔ شیخی باز کی نسبت بولتے ہیں جو تھوڑی چیز پر بہت سا اِترائے۔

पैसे के तीन धेले भुनाना

बहुत किफ़ायत शिआर या जज़रस होना , बहुत बड़ा दानिशमंद या चालाक होना

वही ढाक के तीन पात

उस जगह कहते हैं जहाँ साधारम मुक़र्रर किये हुए रक़म से अधिक न मिले

वही ढाक के तीन पात

उस जगह कहते हैं जहाँ साधारम मुक़र्रर किये हुए रक़म से अधिक न मिले

वही ढाक के तीन पात

उस जगह कहते हैं जहाँ साधारम मुक़र्रर किये हुए रक़म से अधिक न मिले

झगड़े के तीन ज़े ज़न ज़र ज़मीन

इन तीन से झगड़े पैदा होते हैं

हाकिम के तीन और शहना के नौ

इस वक़्त बोलते हैं जब किसी शासक के मातहत उससे भी बड़े भ्रष्टाचारी और जनता को लूटने वाले हों

जब देखो ढाक के तीन पात

हमेशा ग़रीब और मोहताज

दिन के तीन सो साठ दिन हैं

आज बदला न ले सके तो उम्र पड़ी है कभी न कभी बदला लेने का अवसर मिल ही जाएगा

ख़ाक न धूल बकाइन के तीन फूल

शेख़ी ही शेख़ी और कुछ भी नहीं, बिल्कुल किसी काम का नहीं

एक दिन के तीन सौ साठ दिन

बदला लेने के लिए बहुत समय है

दाता के तीन गुन, दे, दिलावे, छीन ले

ईश्वर देता है औरों से दिलाता है और दे कर लेता है ये सब ईश्वर की लीला है

माया के तीन नाम, परसा, परसू, परसराम

इंसान की इज़्ज़त दौलत की वजह से होती है, जब ग़रीब था तो लोग प्रसा कहते थे, जब ज़रा हैसियत बनी तो प्रसव कहने लगे, जब दौलतमंद होगया तो परसराम कहलाने लगा

माया तेरे के तीन नाम, परसू, परसा, परसराम

मनुष्य की इज़्ज़त दौलत की वजह से होती है, जब ग़रीब था लोग परसू कहते थे, जब ज़रा मालदार हुआ तो परसा कहने लगे, और जब धनी हो गया तो प्रसराम कहलाने लगा

देखो मियाँ के छंद बंद , फाटा जामा तीन बंद

उनकी शेखी देखो और तिरस्कार देखो

तीन पेड़ बकाइन के और मियाँ चले बाग़ में

रुक : तीन पेड़ बकाएं के मियां बाग़बान

दाता के तीन गुन, दे, दिलावे और दे के छीन ले

ईश्वर देता है औरों से दिलाता है और दे कर लेता है ये सब ईश्वर की लीला है

तमा' के तीन हर्फ़ हैं और तीनों ख़ाली हैं

लोभ में कुछ नहीं रखा

बड़ा पत्थर न उठ सके तो तीन सलाम कर के छोड़ दीजिये

जो कार्य न हो सकता हो उसे छओड़ ही देना चाहिए

नौ को लिया छ को बेचा, तीन के तले यूँ आए

सरासर नुक़्सान का काम करना

तीन हैं साह किसान के, जांड, जाल और कैर

सूखे के समय में किसान को जंड, जाल और कैर के पेड़ों पर गुज़ारा करना पड़ता है

तीन हैं साह किसान के, झांद, जाल और कैर

सूखे के समय में किसान को जंड, जाल और कैर के पेड़ों पर गुज़ारा करना पड़ता है

तीन बुलाए तेरह आए देखो यहाँ की रीत, बाहर वाले खा गए और घर के गावें गीत

जब तीन अतिथियों के बदले तेरह आ जाते हैं तो निर्धन आदमी पकी हुई दाल या सालन में पानी झोंक देते हैं ताकि बढ़ोतरी हो जाए

झगड़े की तीन जड़, ज़न, ज़मीन, ज़र

स्त्री, ज़मीन एवं सम्पत्ति अर्थात धन, प्राय: इन तीन चीज़ों के कारण ही झगड़े होते हैं

झगड़े की बातें तीन, ज़र ज़न ज़मीन

یہی تینوں جن کی ابتدا میں (ز) ہے، جھگڑے اور فساد کی جڑ ہیں

तीन टाँग का घोड़ा

(लाक्षणिक) दोषपूर्ण या बेकार चीज़

झगड़े की तीन ज़े

ज़न ज़मीन ज़र इन तीनों में जिन के सिरे पर हर्फ़ ज़ है झगड़ा धरा है

तीन दिन की बाद्शाही

प्रतीकात्मक: वीवाह से चौथी तक की अवधी जिसमें दूल्हा को ''नौशाह'' कहते हैं

तीन टाँग की घोड़ी नौ मन की लादनी

शक्ति से अधिक काम लेने के समय पर कहते हैं, किसी अयोग्य को कोई बड़ा काम सौंप देना

तीन टाँग की घोड़ी नौ मन की लदनी

शक्ति से अधिक काम लेने के समय पर कहते हैं, किसी अयोग्य को कोई बड़ा काम सौंप देना

तीन दिये तेरह पाए, कैसे लोभ ब्याज का जाए

सूद ख़ोरों पर व्यंग है कि तीन दे के तेरह वसूल करते हैं

तीन दिये तेरह पाए, कैसे बोझ ब्याज का जाए

सूद ख़ोरों पर व्यंग है कि तीन दे के तेरह वसूल करते हैं

तीन दिन का छोकरा हमें सिखावत बात

जब कोई कमउमर मश्वरा दे तो उम्र रसीदा कहते हैं

एक की सैर, दो का तमाशा, तीन की मौत, चौथे का जनाज़ा

अधिक जमघटे से सैर-तमाशे का मज़ा जाता रहता है

तीन का टट्टू तेरह का ज़ीन

किसी कम क़ीमत वस्तु की सजावट पर अधिक ख़र्च करने के अवसर पर कहते हैं

एक की सैर, दो का तमाशा, तीन का पीटना, चार का साँपा

अधिक जमघटे से सैर-तमाशे का मज़ा जाता रहता है

तीन दिन का बच्चा

کم عمر ؛ نادان شخص.

सयाने का गूह तीन जगह

जो व्यक्ति अपने आप को सयाना समझे वह ग़लतियाँ भी बहुत करता है

तीन दिन का छोकरा हमें सिखाता है

जब कोई कमउमर मश्वरा दे तो उम्र रसीदा कहते हैं

एक की सैर, दो का तमाशा, तीन का पिटना, चार का सियापा

अधिक जमघटे से सैर-तमाशे का मज़ा जाता रहता है

तीन दिन का छोकरा

کم عمر ؛ نادان شخص.

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में बरकत के अर्थदेखिए

बरकत

barkatبَرکَت

अथवा : बरकत

स्रोत: अरबी

वज़्न : 22

बहुवचन: बरकात

बरकत के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन

  • (धन-दौलत, आयु आदि की) बढ़ती, बढ़ोतरी, ज़ियादती (ईश्वर की ओर से गुप्तरूप में धन आदि की बढ़ोतरी)
  • सौभाग्यशीलता, इश्वरानुग्रह, सुख का अनुकूल प्रभाव या परिणाम
  • सौभाग्य, मांगलिकता, ख़ुश-क़िस्मती
  • (लाक्षणिक) प्रसाद, कृपा, जैसे: यह सब आपके कदमों की बरकत है कि आपके आते ही रोगी अच्छा हो गया, (कभी कभी यह शब्द व्यंग्य रूप से भी बोला जाता है), जैसे: यह आपके क़दमों की ही बरकत है कि आपके आते ही सब लोग उठ खड़े हुए)
  • (व्यय हो जाने के कारण से) समाप्ति, अंत, (साधारणतः गृहस्थी में लोग यह कहना कुछ अशुभ समझते हैं कि अमुक वस्तु समाप्त हो गई, और उसके स्थान पर इस शब्द का प्रयोग करते हैं) जेसे: आजकल घर में अनाज की बरकत है
  • (तुलाई) एक की संख्या, (साधारणतः लोग गिनती के आरंभ में एक के स्थान में शुभ या वृद्धि की कामना से इस शब्द का प्रयोग करते हैं), जैसे: बरकत, दो, तीन, चार, पाँच आदि
  • तरक़्क़ी, उन्नति, कल्याण, बहबूद
  • वह बधा हुआ पदार्थ या धन आदि जो इस विचार से पीछे छोड़ दिया जाता है कि इसमें ओर वृद्धि हो

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English meaning of barkat

Noun, Feminine, Singular

  • abundance, increase
  • prosperity
  • good fortune, auspiciousness
  • blessing, divine blessing, divine grace
  • (Metaphorically) grace, offering
  • inherent prosperity which produces success or abundance (the word is also commonly used in weighing grain, in place of the number 'one')

بَرکَت کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مؤنث، واحد

  • (نعمت دولت عمر وغیرہ کی) افزائش، زیادتی، ترقی (بیشتر وہ جو تائید الٰہی سے ہو)
  • نیکی یا نیک بختی کا خوشگوار اثر یا نتیجہ
  • نیک بختی، نصیب وری، سعادت
  • (مجازاً) فیض، صدقہ یا طفیل
  • (خرچ ہوجانے کی وجہ سے) ختم
  • خالی ہاتھ ہونے کی کیفیت، پاس کچھ نہ ہونے کی صورت حال، ناداری (’ہے‘ کے ساتھ مستعمل)
  • (تُلائی) ایک (نیک شگون کیلئے تولنے والوں کا روزمرہ ’ہے‘ کے ساتھ مستعمل)
  • ترقی، اوج
  • نیک فالی، خوش طالعی، مبارکی، نیکی یا نیک بختی کا خوشگوار اثر یا نتیجہ

Urdu meaning of barkat

  • Roman
  • Urdu

  • (neamat daulat umr vaGaira kii) afzaa.ish, zyaadtii, taraqqii (beshatar vo jo taa.iid ilaahii se ho
  • nekii ya nek buKhtii ka Khushagvaar asar ya natiija
  • nek buKhtii, nasiib varii, sa.aadat
  • (majaazan) faiz, sadqa ya tufail
  • (Kharch hojaane kii vajah se) Khatm
  • Khaalii haath hone kii kaifiiyat, paas kuchh na hone kii suurat-e-haal, naadaarii ('hai' ke saath mustaamal
  • (tulaa.ii) ek (nek shaguun ke li.e taulne vaalo.n ka rozmarraa 'hai' ke saath mustaamal
  • taraqqii, auj
  • nek faalii, Khush taali.i, mubaarakii, nekii ya nek buKhtii ka Khushagvaar asar ya natiija

बरकत के पर्यायवाची शब्द

बरकत के यौगिक शब्द

बरकत से संबंधित रोचक जानकारी

برکت عربی کے بہت سے چار حرفی لفظ ہیں جو اردو میں تائے مستتار یا ہائے ہوز پر ختم ہوتے ہیں۔ عربی میں ایسے تمام لفظوں کے حرف دوم پر حرکت ہے۔ مثلاً: بَرَکت؛ ثَمَرہ؛ جَذَبہ؛ حَرَکت؛ دَرَجہ؛ صَدَقہ؛ طَبَقہ؛ وغیرہ۔ ان سب لفظوں میں حرف دوم مفتوح ہے۔ اسی طرح کا ایک لفظ ’’کلمہ‘‘ بھی ہے، لیکن وہاں حرف دوم مکسور ہے۔ اردو میں یہ سب الفاظ بسکون دوم بولے جاتے ہیں، اور یہی صحیح ہے۔ اگر کوئی ازروئے احتیاط حرف دوم کو متحرک لکھتا ہے تو اسے غلط نہ کہیں گے، لیکن حرف دوم کو متحرک لکھنے/بولنے پرمصر ہونا دانش مندی نہیں۔

ماخذ: لغات روز مرہ    
مصنف: شمس الرحمن فاروقی

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कौड़ी के तीन तीन बिकना

निहायत अर्ज़ां होजाना, बहुत सस्ता होजाना , बेवुक़त होजाना,बेक़दर होजाना

कौड़ी के तीन तीन

۔نہایت ارزان نہایت بے قدر۔ (بکنا ہونا کے ساتھ) ؎ اس جگہ کوڑی کے دو دو بھی کہتے ہیں۔ ؎

कौड़ी के तीन-तीन हैं

बहुत अपमानित हैं

कौड़ी के तीन-तीन होना

रुक : कोड़ी के तीन तीन बिकना

कौड़ी के तीन

نہایت بے قدر اور بوقعت.

कौड़ी न हो तो कौड़ी के फिर तीन-तीन

निर्धन आदमी को कोई नहीं पूछता, अपने पास पैसा न हो तो अपना कोई मोल या महत्त्व नहीं

तीन कौड़ी का

बेकार, फ़ुज़ूल, जिस की कोई क़दर और क़ीमत न हो, जिसका कोई मूल्य नहीं हो

कौड़ी न हो तो फिर कौड़ी के तीन-तीन हैं

निर्धन आदमी को कोई नहीं पूछता, अपने पास पैसा न हो तो अपना कोई मोल या महत्त्व नहीं

कोड़ी के तीन-तीन हो गए

निर्धन आदमी को कोई नहीं पूछता, अपने पास पैसा न हो तो अपना कोई मोल या महत्त्व नहीं

कौड़ी का तीन होना

बहुत सस्ता होना, अप्रतिष्ठित होना, अपमानित होना, ज़लील होना

दमड़ी के तीन तीन

बहुत सस्ता, बहुत ही कम क़ीमत में, कौड़ियों के दाम में

कौड़ी में तीन मज़े

खट्टे की फांक बेचने वाले की आवाज़ जिस से मुराद ये है कि एक कोड़ी में खट्टे की फांक देता हूँ, जिस में नमक मिर्च और तुरशी तीन हैं

दमड़ी के तीन तीन होना

sell dirt cheap

कौड़ी के मोल बिकना

अत्यधिक सस्ता और कम मूल्य पर बिकना

कौड़ी के दो-दो बिकना

रुक : कोड़ी के तीन तीन बकना

बाबा मरा निहालू जना वही तीन के तीन

जितना नुक़्सान हुआ था इतना ही फ़ायदा हो गया

पलास के तीन पात

रुक: ढाक के तीन पात

ढाक के तीन पात

उस जगह कहते हैं जहाँ साधारम मुक़र्रर किये हुए रक़म से अधिक न मिले

तीन पेड़ बकाइन के मियाँ बाग़बान

जब कोई थोड़ी चीज़ पर बहुत इतराए और डींग मारे, तो कहते हैं

तीन पेड़ बकायन के मियाँ बाग़बान

۔مثل۔ شیخی باز کی نسبت بولتے ہیں جو تھوڑی چیز پر بہت سا اِترائے۔

पैसे के तीन धेले भुनाना

बहुत किफ़ायत शिआर या जज़रस होना , बहुत बड़ा दानिशमंद या चालाक होना

वही ढाक के तीन पात

उस जगह कहते हैं जहाँ साधारम मुक़र्रर किये हुए रक़म से अधिक न मिले

वही ढाक के तीन पात

उस जगह कहते हैं जहाँ साधारम मुक़र्रर किये हुए रक़म से अधिक न मिले

वही ढाक के तीन पात

उस जगह कहते हैं जहाँ साधारम मुक़र्रर किये हुए रक़म से अधिक न मिले

झगड़े के तीन ज़े ज़न ज़र ज़मीन

इन तीन से झगड़े पैदा होते हैं

हाकिम के तीन और शहना के नौ

इस वक़्त बोलते हैं जब किसी शासक के मातहत उससे भी बड़े भ्रष्टाचारी और जनता को लूटने वाले हों

जब देखो ढाक के तीन पात

हमेशा ग़रीब और मोहताज

दिन के तीन सो साठ दिन हैं

आज बदला न ले सके तो उम्र पड़ी है कभी न कभी बदला लेने का अवसर मिल ही जाएगा

ख़ाक न धूल बकाइन के तीन फूल

शेख़ी ही शेख़ी और कुछ भी नहीं, बिल्कुल किसी काम का नहीं

एक दिन के तीन सौ साठ दिन

बदला लेने के लिए बहुत समय है

दाता के तीन गुन, दे, दिलावे, छीन ले

ईश्वर देता है औरों से दिलाता है और दे कर लेता है ये सब ईश्वर की लीला है

माया के तीन नाम, परसा, परसू, परसराम

इंसान की इज़्ज़त दौलत की वजह से होती है, जब ग़रीब था तो लोग प्रसा कहते थे, जब ज़रा हैसियत बनी तो प्रसव कहने लगे, जब दौलतमंद होगया तो परसराम कहलाने लगा

माया तेरे के तीन नाम, परसू, परसा, परसराम

मनुष्य की इज़्ज़त दौलत की वजह से होती है, जब ग़रीब था लोग परसू कहते थे, जब ज़रा मालदार हुआ तो परसा कहने लगे, और जब धनी हो गया तो प्रसराम कहलाने लगा

देखो मियाँ के छंद बंद , फाटा जामा तीन बंद

उनकी शेखी देखो और तिरस्कार देखो

तीन पेड़ बकाइन के और मियाँ चले बाग़ में

रुक : तीन पेड़ बकाएं के मियां बाग़बान

दाता के तीन गुन, दे, दिलावे और दे के छीन ले

ईश्वर देता है औरों से दिलाता है और दे कर लेता है ये सब ईश्वर की लीला है

तमा' के तीन हर्फ़ हैं और तीनों ख़ाली हैं

लोभ में कुछ नहीं रखा

बड़ा पत्थर न उठ सके तो तीन सलाम कर के छोड़ दीजिये

जो कार्य न हो सकता हो उसे छओड़ ही देना चाहिए

नौ को लिया छ को बेचा, तीन के तले यूँ आए

सरासर नुक़्सान का काम करना

तीन हैं साह किसान के, जांड, जाल और कैर

सूखे के समय में किसान को जंड, जाल और कैर के पेड़ों पर गुज़ारा करना पड़ता है

तीन हैं साह किसान के, झांद, जाल और कैर

सूखे के समय में किसान को जंड, जाल और कैर के पेड़ों पर गुज़ारा करना पड़ता है

तीन बुलाए तेरह आए देखो यहाँ की रीत, बाहर वाले खा गए और घर के गावें गीत

जब तीन अतिथियों के बदले तेरह आ जाते हैं तो निर्धन आदमी पकी हुई दाल या सालन में पानी झोंक देते हैं ताकि बढ़ोतरी हो जाए

झगड़े की तीन जड़, ज़न, ज़मीन, ज़र

स्त्री, ज़मीन एवं सम्पत्ति अर्थात धन, प्राय: इन तीन चीज़ों के कारण ही झगड़े होते हैं

झगड़े की बातें तीन, ज़र ज़न ज़मीन

یہی تینوں جن کی ابتدا میں (ز) ہے، جھگڑے اور فساد کی جڑ ہیں

तीन टाँग का घोड़ा

(लाक्षणिक) दोषपूर्ण या बेकार चीज़

झगड़े की तीन ज़े

ज़न ज़मीन ज़र इन तीनों में जिन के सिरे पर हर्फ़ ज़ है झगड़ा धरा है

तीन दिन की बाद्शाही

प्रतीकात्मक: वीवाह से चौथी तक की अवधी जिसमें दूल्हा को ''नौशाह'' कहते हैं

तीन टाँग की घोड़ी नौ मन की लादनी

शक्ति से अधिक काम लेने के समय पर कहते हैं, किसी अयोग्य को कोई बड़ा काम सौंप देना

तीन टाँग की घोड़ी नौ मन की लदनी

शक्ति से अधिक काम लेने के समय पर कहते हैं, किसी अयोग्य को कोई बड़ा काम सौंप देना

तीन दिये तेरह पाए, कैसे लोभ ब्याज का जाए

सूद ख़ोरों पर व्यंग है कि तीन दे के तेरह वसूल करते हैं

तीन दिये तेरह पाए, कैसे बोझ ब्याज का जाए

सूद ख़ोरों पर व्यंग है कि तीन दे के तेरह वसूल करते हैं

तीन दिन का छोकरा हमें सिखावत बात

जब कोई कमउमर मश्वरा दे तो उम्र रसीदा कहते हैं

एक की सैर, दो का तमाशा, तीन की मौत, चौथे का जनाज़ा

अधिक जमघटे से सैर-तमाशे का मज़ा जाता रहता है

तीन का टट्टू तेरह का ज़ीन

किसी कम क़ीमत वस्तु की सजावट पर अधिक ख़र्च करने के अवसर पर कहते हैं

एक की सैर, दो का तमाशा, तीन का पीटना, चार का साँपा

अधिक जमघटे से सैर-तमाशे का मज़ा जाता रहता है

तीन दिन का बच्चा

کم عمر ؛ نادان شخص.

सयाने का गूह तीन जगह

जो व्यक्ति अपने आप को सयाना समझे वह ग़लतियाँ भी बहुत करता है

तीन दिन का छोकरा हमें सिखाता है

जब कोई कमउमर मश्वरा दे तो उम्र रसीदा कहते हैं

एक की सैर, दो का तमाशा, तीन का पिटना, चार का सियापा

अधिक जमघटे से सैर-तमाशे का मज़ा जाता रहता है

तीन दिन का छोकरा

کم عمر ؛ نادان شخص.

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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