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जबान

डरपोक

जबानत

क्लीबता, नामर्दी, भीरुता, डरपोकपन, कायरता, बुज़दिली

ज़बान

ज़बान

ज़बानी

जिह्वीय, मौखिक, शाब्दिक, कंठस्थ, जबान-संबंधी

आतिशीं-जबान

فصیح

ज़बान-ए-शीरीं मुल्क-गीरी

नर्म शब्दों और मीठी ज़बान से दुनिया जीत ली जाती है

ज़बान-ए-ख़ल्क़ को नक़्क़ारा-ए-ख़ुदा कहिए

ज़बान की सी कहूँ या तलवार की सी

साफ़ साफ़ कहूँ या मुँह देखी कहूँ

ज़बान-ए-शीरीं

sweet language

ज़बान-ए-मु'अल्ला

आला ज़बान, (अर्थात) शुद्ध उर्दू, जो दिल्ली और उसके आसपास बोली जाती थी

ज़बान गोश्तीन अस्त तेग़-ए-आहनी

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) ज़बान गोश्त का एक लोथड़ा होकर तलवार का काम करती है, सर उड़ाती है

ज़बान-ए-ख़ल्क़ नक़्क़ारा-ए-ख़ुदा

जो बात जनता की ज़बान पर हो वह अधिकतर सत्य निकलती है

ज़बान-बंदी

किसी घटना के संबंध में लिखी जाने वाली किसी साक्षी या गवाह की गवाही, अभिव्यक्ति, बयान दर्ज करना, भाषण-प्रतिबंध, बोलने की मनाही, चुप रहने की आज्ञा, मौन, चुप्पी, जादू या मन्त्र-जाप की शक्ति से अपने विरुद्ध कुछ कहने से रोकना

ज़बान-ए-ख़ल्क़ को नक़्क़ारा-ए-ख़ुदा समझो

ज़बान-ए-ख़ल्क़ को नक़्क़ारा-ए-ख़ुदा समझो

जो बात जनता की ज़बान पर हो वह अधिकतर सत्य निकलती है

ज़बान खुली की खुली रह गई

अर्थात उसी स्थिति में मृत्यु हो गई

ज़बान-ए-यार-ए-मन-तुर्की-ओ-मन-तुर्की-नमी-दानम

फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल, मेरे दोस्त की ज़बान तुर्की है और में तुर्की ज़बान जानता नहीं, जब किसी बात या किसी की ज़बान समझ में नहीं आती तो ये कहते हैं

ज़बान पर आई बात नहीं रुकती

जो बात ज़बान पर आ जाती है कह देना ही पड़ता है

ज़बान दाँतों के बीच में लेना

आश्चर्य या खेद व्यक्त करना

ज़बान-ए-चर्ब

तेज़ ज़बान, बातूनी ज़बान

ज़बान मुँह से खींचना

किसी की ज़ुबान को मुँह से बाहर कर देना

ज़बान आब-ए-कौसर से धुली होना

ज़बान का पवित्र होना, बात-चीत का विशुद्ध एवं निर्मल होना

ज़बान-ए-'आलम

language of the world

ज़बान-ए-मो'जिज़-बयान

ऐसी भाषा जिसके वर्णन में चमत्कार हो, ऐसी भाषा जिसमें अत्यधिक अनोखे एवं विचित्र विषयों का वर्णन होता है

ज़बान-ए-मुबारक

(सम्मानपूर्वक) धन्य ज़बान, बरकत वाली ज़बान

ज़बान-ए-ख़ल्क़

وہ بَات جو خلقت کی زبان پر ہو، وہ بات جو سب لوگ کہہ رہے ہوں

ज़बान-बंदी करना

गवाही लेना, शहादत लेना, प्रतिक्रया लिखना, बयान लिखना

ज़बान में लगाम नहीं

ज़बान को लगाम नहीं, मुंहफट है, जो मुंह में आया बक दिया, बात चीत में कोई पास लिहाज़ नहीं

ज़बान-ए-शीशा

धार जो शीशे से निकले

ज़बान हिलाना मुश्किल है

कोई बोल नहीं सकता, कोई आपत्ति नहीं कर सकता, कोई एतराज़ नहीं कर सकता

ज़बान गुद्दी से खींचना

बहुत अत्यन्त पीड़ादायक सज़ा देना, बहुत दर्दनाक सज़ा देना

ज़बान-बंद

वह तावीज़ जो ज़बान बंद करने के लिए लिखा जाए

ज़बान में लुक्नत आना

ज़बान तुतलाना, हकलाना, रुक रुक कर बोलना

ज़बान-ए-बे-ज़बानी

ऐसी ख़ामोशी जिससे दिल का हाल ज़ाहिर हो, सार्थक चुप्पी

ज़बान-ए-'क़ैस'

मजनूँ की ज़बान, अशिक़ की भाषा

ज़बान में चुटकी लेना

कुछ कहने के लिए बेचैन करना

ज़बान ही हलाल है ज़बान ही मुर्दार है

ज़बान जो चाहे कह दे, हलाल को हराम और हराम को हलाल कर दे

ज़बान-ए-हाल से सुनाना

प्रस्थिति से प्रकट होना, बिना कहे वर्तमान प्रस्थिति से प्रकट करना

ज़बान नहीं मानती

ऐसी जगह पर इस का उपयोग किया जाता है जहां यह कहना होता है कि तुम बहुत चटोरे हो जो पाते हो खाते चले जाते हो

ज़बान में खुजली होना

वाद-विवाद करने को जी चाहना, कुछ कहने को जी चाहना

ज़बान मुंह में न होना

कुछ न कहना, जवाब न देना

ज़बान से निकली अंबर चढ़ी

बात मुँह से निकली और प्रसिद्ध हुई

ज़बान मुंह में न रखना

कुछ न कहना, जवाब न देना

ज़बान आज खुली कल बंद

ज़िंदगी का कोई भरोसा नहीं

ज़बान-ए-शमा'

चिराग की बत्ती या चिराग की लौ

ज़बान-ए-ज़द-ए-'आम

आम तौर पर मशहूर, प्रसिध्द

ज़बान मुंह से बाहर निकलना

बहुत दौड़ने के बाद जानवर अधिक प्यास की वजह से ऐसा करते हैं

ज़बान-ए-ता'न खोलना

बुरा-भला कहना, ताने देना

ज़बान क़ैंची सी चलना

तेज़ी से बात करना, फ़र-फ़र ज़बान चलना, लगातार बोले जाना

ज़बान के आगे ख़ंदक़ नहीं

कोई किसी की ज़बान बंद नहीं कर सकता, नहीं पकड़ सकता

ज़बान-गीर

आलोचना और आपत्ती करने वाला, आलोचक

ज़बान से बेटा बेटी पराए होते हैं

मानव को ज़बान का बड़ा पास रखना चाहिए, बातों से व्यक्ति संतान को भी अपना विरोधी बना लेता है इसलिये ख़्याल रखना चाहिए कि ज़बान से क्या बात निकलती है

ज़बान-ज़ोरी

(दिल्ली) अपशब्द कहना, मुंह लड़ाना, बकवास, बेहूदगी, निरर्थक वचन, निरर्थकता

ज़बान-गीरी

आपत्ति, एतराज़, अवरोध

ज़बान-ए-लफ़्ज़-ए-'आम-ए-साक़ी-ए-कौसर

word of the Prophet who will bear the cup of divine drink of heaven

ज़बान-ए-लफ़्ज़-ए-'आम

बोल चाल की भाषा

ज़बान से बेटा बेटी पराए हो जाते हैं

मानव को ज़बान का बड़ा पास रखना चाहिए, बातों से व्यक्ति संतान को भी अपना विरोधी बना लेता है इसलिये ख़्याल रखना चाहिए कि ज़बान से क्या बात निकलती है

ज़बान-ए-हाल

वह बाहरी अवस्था या रूप जो बिना कहे ही भीतर की स्थिति को प्रकट कर दे, बाह्य संरचना

ज़बान-ए-तेज़

तेज़ ज़बान

ज़बान-ए-यास

melancholic expression

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में आज़ाद-नज़्म के अर्थदेखिए

आज़ाद-नज़्म

aazaad-nazmآزادْ نَظْم

आज़ाद-नज़्म के हिंदी अर्थ

फ़ारसी, अरबी - संज्ञा, स्त्रीलिंग, संयुक्त शब्द

  • मुक्त छंद, उर्दू शायरी की वह विधा जिसमें रदीफ़ काफ़िये की पाबंदी न हो

English meaning of aazaad-nazm

Persian, Arabic - Noun, Feminine, Compound Word

  • free verse, vers libre

آزادْ نَظْم کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فارسی، عربی - اسم، مؤنث، مرکب لفظ

  • وہ نظم جس كے مصرعوں میں دریف وقوافی كی پابندی نہ ہو اور جس كے مصرعوں میں اركان كی تعداد عروضی قواعد كے برخلاف مختلف ہو

Urdu meaning of aazaad-nazm

  • Roman
  • Urdu

  • vo nazam jis ke misro.n me.n dariif vaqvaafii kii paabandii na ho aur jis ke misro.n me.n arkaan kii taadaad aruzii qavaa.id ke baraKhilaaf muKhtlif ho

आज़ाद-नज़्म से संबंधित रोचक जानकारी

क़ाफ़िया की क़ैद से आज़ाद होने के लिए पाश्चात्य साहित्य से लाभ उठा कर उर्दू नज़्म की जो विधाएं लोकप्रिय हुईं वह "आज़ाद नज़्म" और "मुअर्रा नज़्म" हैं लेकिन ये वज़न और बहर पर आधारित होती हैं। मुअर्रा नज़्म (blank verse) क़ाफ़िया से वंचित होती हैं, लेकिन सारे मिसरे (पंक्तियां) एक ही बहर और एक ही वज़न में होते हैं, जैसे जां निसार अख़्तर की नज़्म "महकती हुई रात": ये तेरे प्यार की ख़ुशबू से महकती हुई रात अपने सीने में छुपाए तिरे दिल की धड़कन आज फिर तेरी अदा से मिरे पास आई है आज़ाद नज़्म (free Verse) भी किसी एक बहर में लिखी जाती है, लेकिन उसके मिसरे छोटे बड़े होते हैं। मख़दूम मोहिउद्दीन की आज़ाद नज़्म "चारागर" यूं शुरू होती है: इक चमेली के मंडुवे तले मयकदे से ज़रा दूर उस मोड़ पर दो बदन प्यार की आग में जल गए आज़ाद नज़्म में हम क़ाफ़िया मिसरे भी शामिल किए जाते हैं। फ़ैज़ की नज़्म "तुम मेरे पास रहो" देखिए: तुम मेरे पास रहो मिरे क़ातिल मिरे दिलदार मिरे पास रहो जिस घड़ी रात चले आसमानों का लहू पी के सियह रात चले मरहम ए मुश्क लिए नश्तर ए अलमास लिए बैन करती हुई हंसती हुई गाती निकले दर्द के कासिनी पाज़ेब बजाती निकले तसद्दुक़ हुसैन ख़ालिद, मीरा जी और नून मीम राशिद आज़ाद नज़्म के नायक माने जाते हैं। फ़ैज़ अहमद फ़ैज़, सरदार जाफ़री और अख्तरुल ईमान भी इस विधा के श्रेष्ठ शायर हैं।

लेखक: अज़रा नक़वी

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जबान

डरपोक

जबानत

क्लीबता, नामर्दी, भीरुता, डरपोकपन, कायरता, बुज़दिली

ज़बान

ज़बान

ज़बानी

जिह्वीय, मौखिक, शाब्दिक, कंठस्थ, जबान-संबंधी

आतिशीं-जबान

فصیح

ज़बान-ए-शीरीं मुल्क-गीरी

नर्म शब्दों और मीठी ज़बान से दुनिया जीत ली जाती है

ज़बान-ए-ख़ल्क़ को नक़्क़ारा-ए-ख़ुदा कहिए

ज़बान की सी कहूँ या तलवार की सी

साफ़ साफ़ कहूँ या मुँह देखी कहूँ

ज़बान-ए-शीरीं

sweet language

ज़बान-ए-मु'अल्ला

आला ज़बान, (अर्थात) शुद्ध उर्दू, जो दिल्ली और उसके आसपास बोली जाती थी

ज़बान गोश्तीन अस्त तेग़-ए-आहनी

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) ज़बान गोश्त का एक लोथड़ा होकर तलवार का काम करती है, सर उड़ाती है

ज़बान-ए-ख़ल्क़ नक़्क़ारा-ए-ख़ुदा

जो बात जनता की ज़बान पर हो वह अधिकतर सत्य निकलती है

ज़बान-बंदी

किसी घटना के संबंध में लिखी जाने वाली किसी साक्षी या गवाह की गवाही, अभिव्यक्ति, बयान दर्ज करना, भाषण-प्रतिबंध, बोलने की मनाही, चुप रहने की आज्ञा, मौन, चुप्पी, जादू या मन्त्र-जाप की शक्ति से अपने विरुद्ध कुछ कहने से रोकना

ज़बान-ए-ख़ल्क़ को नक़्क़ारा-ए-ख़ुदा समझो

ज़बान-ए-ख़ल्क़ को नक़्क़ारा-ए-ख़ुदा समझो

जो बात जनता की ज़बान पर हो वह अधिकतर सत्य निकलती है

ज़बान खुली की खुली रह गई

अर्थात उसी स्थिति में मृत्यु हो गई

ज़बान-ए-यार-ए-मन-तुर्की-ओ-मन-तुर्की-नमी-दानम

फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल, मेरे दोस्त की ज़बान तुर्की है और में तुर्की ज़बान जानता नहीं, जब किसी बात या किसी की ज़बान समझ में नहीं आती तो ये कहते हैं

ज़बान पर आई बात नहीं रुकती

जो बात ज़बान पर आ जाती है कह देना ही पड़ता है

ज़बान दाँतों के बीच में लेना

आश्चर्य या खेद व्यक्त करना

ज़बान-ए-चर्ब

तेज़ ज़बान, बातूनी ज़बान

ज़बान मुँह से खींचना

किसी की ज़ुबान को मुँह से बाहर कर देना

ज़बान आब-ए-कौसर से धुली होना

ज़बान का पवित्र होना, बात-चीत का विशुद्ध एवं निर्मल होना

ज़बान-ए-'आलम

language of the world

ज़बान-ए-मो'जिज़-बयान

ऐसी भाषा जिसके वर्णन में चमत्कार हो, ऐसी भाषा जिसमें अत्यधिक अनोखे एवं विचित्र विषयों का वर्णन होता है

ज़बान-ए-मुबारक

(सम्मानपूर्वक) धन्य ज़बान, बरकत वाली ज़बान

ज़बान-ए-ख़ल्क़

وہ بَات جو خلقت کی زبان پر ہو، وہ بات جو سب لوگ کہہ رہے ہوں

ज़बान-बंदी करना

गवाही लेना, शहादत लेना, प्रतिक्रया लिखना, बयान लिखना

ज़बान में लगाम नहीं

ज़बान को लगाम नहीं, मुंहफट है, जो मुंह में आया बक दिया, बात चीत में कोई पास लिहाज़ नहीं

ज़बान-ए-शीशा

धार जो शीशे से निकले

ज़बान हिलाना मुश्किल है

कोई बोल नहीं सकता, कोई आपत्ति नहीं कर सकता, कोई एतराज़ नहीं कर सकता

ज़बान गुद्दी से खींचना

बहुत अत्यन्त पीड़ादायक सज़ा देना, बहुत दर्दनाक सज़ा देना

ज़बान-बंद

वह तावीज़ जो ज़बान बंद करने के लिए लिखा जाए

ज़बान में लुक्नत आना

ज़बान तुतलाना, हकलाना, रुक रुक कर बोलना

ज़बान-ए-बे-ज़बानी

ऐसी ख़ामोशी जिससे दिल का हाल ज़ाहिर हो, सार्थक चुप्पी

ज़बान-ए-'क़ैस'

मजनूँ की ज़बान, अशिक़ की भाषा

ज़बान में चुटकी लेना

कुछ कहने के लिए बेचैन करना

ज़बान ही हलाल है ज़बान ही मुर्दार है

ज़बान जो चाहे कह दे, हलाल को हराम और हराम को हलाल कर दे

ज़बान-ए-हाल से सुनाना

प्रस्थिति से प्रकट होना, बिना कहे वर्तमान प्रस्थिति से प्रकट करना

ज़बान नहीं मानती

ऐसी जगह पर इस का उपयोग किया जाता है जहां यह कहना होता है कि तुम बहुत चटोरे हो जो पाते हो खाते चले जाते हो

ज़बान में खुजली होना

वाद-विवाद करने को जी चाहना, कुछ कहने को जी चाहना

ज़बान मुंह में न होना

कुछ न कहना, जवाब न देना

ज़बान से निकली अंबर चढ़ी

बात मुँह से निकली और प्रसिद्ध हुई

ज़बान मुंह में न रखना

कुछ न कहना, जवाब न देना

ज़बान आज खुली कल बंद

ज़िंदगी का कोई भरोसा नहीं

ज़बान-ए-शमा'

चिराग की बत्ती या चिराग की लौ

ज़बान-ए-ज़द-ए-'आम

आम तौर पर मशहूर, प्रसिध्द

ज़बान मुंह से बाहर निकलना

बहुत दौड़ने के बाद जानवर अधिक प्यास की वजह से ऐसा करते हैं

ज़बान-ए-ता'न खोलना

बुरा-भला कहना, ताने देना

ज़बान क़ैंची सी चलना

तेज़ी से बात करना, फ़र-फ़र ज़बान चलना, लगातार बोले जाना

ज़बान के आगे ख़ंदक़ नहीं

कोई किसी की ज़बान बंद नहीं कर सकता, नहीं पकड़ सकता

ज़बान-गीर

आलोचना और आपत्ती करने वाला, आलोचक

ज़बान से बेटा बेटी पराए होते हैं

मानव को ज़बान का बड़ा पास रखना चाहिए, बातों से व्यक्ति संतान को भी अपना विरोधी बना लेता है इसलिये ख़्याल रखना चाहिए कि ज़बान से क्या बात निकलती है

ज़बान-ज़ोरी

(दिल्ली) अपशब्द कहना, मुंह लड़ाना, बकवास, बेहूदगी, निरर्थक वचन, निरर्थकता

ज़बान-गीरी

आपत्ति, एतराज़, अवरोध

ज़बान-ए-लफ़्ज़-ए-'आम-ए-साक़ी-ए-कौसर

word of the Prophet who will bear the cup of divine drink of heaven

ज़बान-ए-लफ़्ज़-ए-'आम

बोल चाल की भाषा

ज़बान से बेटा बेटी पराए हो जाते हैं

मानव को ज़बान का बड़ा पास रखना चाहिए, बातों से व्यक्ति संतान को भी अपना विरोधी बना लेता है इसलिये ख़्याल रखना चाहिए कि ज़बान से क्या बात निकलती है

ज़बान-ए-हाल

वह बाहरी अवस्था या रूप जो बिना कहे ही भीतर की स्थिति को प्रकट कर दे, बाह्य संरचना

ज़बान-ए-तेज़

तेज़ ज़बान

ज़बान-ए-यास

melancholic expression

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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