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आए न आए बराबर

आने से कोई हासिल या फ़ायदा नहीं हुआ, जैसे: लड़के ने सारे रुपय ख़र्च कर डाले हमारे लिए तो आए ना आए बराबर रहे

आए न आए

आने और ना आने में संदेह होने के अवसर पर प्रयुक्त

आए न जाए

آتا جاتا کچھ نہیں

न आए की , न गए की

आने जाने वालों की, किसी की कोई इज़्ज़त नहीं

हमाहमी पास न आए

मुलाक़ात के वक़्त एक दूसरे से इश्तियाक़ और शिकायत के इज़हार के लिए इस किस्म की इबारत मुस्तामल है

न अपनी ख़ुशी आए , न ख़ुशी चले

۔ دوسروں کی پابندی ہے۔؎

दीद न शुनीद आए मियाँ हमीद

बिना जाने-पहचानो आकर उपस्थित हो गए मामले में हस्तक्षेप किया

आए की शादी न गए का ग़म

न किसी चीज़ के मिलने की ख़ुशी है न चले जाने का दुख है, सदैव प्रसन्न रहना

गाना न आए आँगन टेढ़ा

रुक : नाच ना जाने आंगन टेढ़ा जो फ़सीह है

न अपनी ख़ुशी आए , न अपनी ख़ुशी चले

अपना बस ना चलना, दूसरों के बस में होना (अपनी मजबूरी या बेबसी ज़ाहिर करने के मौक़ा पर कहते हैं)

न हल्दी लगे , न फिटकरी , रंग चोखा आए

कुछ ख़र्च ना हो मगर फ़ायदा ख़ूब हो तो कहते हैं

न हींग लगे न फिटकरी , रंग चोखा आए

رک : نہ ہلدی لگے نہ پھٹکری رنگ چوکھا آئے

साख गए फिर हाथ न आए

एतबार एक दफ़ा जाता है तो फिर नहीं आता

हींग लगी न फिटकरी रंग आए चोखा

बगै़र मेहनत या खर्चे के ख़ातिरख़वाह काम निकल आना, कुछ ख़र्च ना करना पड़े और काम अच्छा बिन जाये

हल्दी लगी न फिटकरी रंग चोखा आए

रुक : हल्दी लगे ना फटकरी रंग भी चौखा अलख

हींग लगे न फिटकरी रंग आए चोखा

बगै़र मेहनत या खर्चे के ख़ातिरख़वाह काम निकल आना, कुछ ख़र्च ना करना पड़े और काम अच्छा बिन जाये

खाए न खिलाए ख़ाला दीदों आगे आए

जो खाने को न दे उसका भला न हो

दुश्मन पर भी ये वक़्त न आए

दुश्मन भी ऐसी मुसीबत में न फँसे

घर आए बेरी को भी न मारिए

जो व्यक्ति घर पर आ जाए उस के साथ बुरा व्यवहार नहीं करते, भले ही वह शत्रु क्यों न हो

आँधी आए न मेंह बुढ़िया पेंठ से न रहे

उस अवसर पर प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में अपनी आदत या काम से नहीं रोकता है

गए का ग़म, न आए की ख़ुशी

किसी के आने जाने की कोई पर्वा नहीं, बेपर्वाई या लाताल्लुक़ी ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

हड़ लगे न फिटकरी रंग चोखा आए

मुफ़्त काम हो और उम्दा हो , खर्चे और ज़हमत के बगै़र काम बिन जाये

सर जाए बात में फ़र्क़ न आए

वचन पूरा करना चाहिए, चाहे जान क्यूँ न चली जाए

न हर लगे , न फिटकरी और रंग चोखा आए

रुक : ना हल्दी लगे ना फटकरी रंग चौखा आए

हल्दी लगे न फिटकरी रंग भी चोखा आए

۔مثل۔ اس جگہ بولتے ہیں جہاں بغیر کچھ خرچ کئے خاطر خواہ کام نکل آئے۔

हल्दी लगे न फिटकरी और रंग चोखा आए

बगै़र मेहनत और बगै़र ख़र्च किए काम हो जाना उस जगह बोलते हैं जहां बगै़र ख़र्च और मेहनत के काम ख़ातिरख़वाह हो जाये

हर्रा लगे न फिटकरी और रंगत चोखी आए

रुक : हैंग लगे ना फटकरी अलख

हल्दी लगे न फिटकरी रंग भी चोखा आए

رک : ہلدی لگے نہ پھٹکری/پھٹکڑی اور رنگ چوکھا آئے

हल्दी लगे न फिटकड़ी और रंग चोखा आए

बगै़र मेहनत और बगै़र ख़र्च किए काम हो जाना उस जगह बोलते हैं जहां बगै़र ख़र्च और मेहनत के काम ख़ातिरख़वाह हो जाये

गए का ग़म, न आए की शादी

किसी के आने जाने की कोई पर्वा नहीं, बेपर्वाई या लाताल्लुक़ी ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

घर आए नाग न पूजे बानी पूजन जाए

घर आई दौलत छोड़कर दूसरी जगह तलाश में जाना, वर्तमान लाभ को छोड़कर लापता लाभ की आशा पर जाना

घर आए पीर न पूजे बाहर पूजन जा

क़ाबू के वक़्त काम ना करे फिर तदबीर करता फिरे, वक़्त पर काम ना करना फिर तदबीरें करते फिरना, घर आई दौलत को छोड़कर दूसरी जगह तलाश करना

साख गई फिर हाथ न आए

एतबार एक दफ़ा जाता है तो फिर नहीं आता

जो अपने काम न आए वो चूल्हे में जाए

कृपा के बिना मनुष्य किसी काम का नहीं होता

जिस को ख़ुदा बचाए उस पर कभी न आफ़त आए

जिस की ईश्वर रक्षा करे उसे कोई हानि नहीं पहुँचा सकता

साँझ जाए और भोर आए , वो कैसे न छिनाल कहलाए

जो औरत शाम को जाये और सुबह को आए वो बदचलन समझी जाती है जो सरीहन बद हो उसे बद ही कहा जाएगा

पैसे पर धर कर बोटियाँ उड़ाऊँ तब भी आह न आए

۔(عو) یعنی سخت سے سخت سزا دینے میں بھی ترس نہ آئے۔

ऊँट जब तक पहाड़ के नीचे न आए किसी को अपने से ऊँचा नहीं समझता

ठाकुर पत्थर माला लक्कड़ गंगा जमुना पानी, जब लग मन में साँच न आए चारों बेद कहानी

जब तक कि मनुष्य का दिल ईमान न लाए तब तक धार्मिक बातें क़िस्सा कहानी होती हैं एवं दीन धर्म की बाह्य निशानियों से कुछ नहीं होता

आठ गाँव का चौधरी और बारह गाँव का राव, अपने काम न आए तो ऐसी तैसी में जाओ

कोई कैसा ही धनवान अथवा धनी हो जब अपना काम उस से ना निकले तो ऐसे धन-धान्य से क्या लाभ, जिस से कोई लाभ ना हो उस का होना ना होना बराबर है

बाबा आएँ न घंटा बजे

बाप आए पूजा करे तो बच्चों को खाना मिले

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में आए न आए बराबर के अर्थदेखिए

आए न आए बराबर

aa.e na aa.e baraabarآئے نَہ آئے بَرابَر

वाक्य

आए न आए बराबर के हिंदी अर्थ

  • आने से कोई हासिल या फ़ायदा नहीं हुआ, जैसे: लड़के ने सारे रुपय ख़र्च कर डाले हमारे लिए तो आए ना आए बराबर रहे

آئے نَہ آئے بَرابَر کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • آنے سے کوئی حاصل یا فائدہ نہیں ہوا، جیسے: لڑکے نے سارے روپے خرچ کرڈالے، ہمارے لئے تو آئے نہ آئے برابر رہے

Urdu meaning of aa.e na aa.e baraabar

  • Roman
  • Urdu

  • aane se ko.ii haasil ya faaydaa nahii.n hu.a, jaiseh la.Dke ne saare rupay Kharch kar Daale, hamaare li.e to aa.e na aa.e baraabar rahe

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आए न आए बराबर

आने से कोई हासिल या फ़ायदा नहीं हुआ, जैसे: लड़के ने सारे रुपय ख़र्च कर डाले हमारे लिए तो आए ना आए बराबर रहे

आए न आए

आने और ना आने में संदेह होने के अवसर पर प्रयुक्त

आए न जाए

آتا جاتا کچھ نہیں

न आए की , न गए की

आने जाने वालों की, किसी की कोई इज़्ज़त नहीं

हमाहमी पास न आए

मुलाक़ात के वक़्त एक दूसरे से इश्तियाक़ और शिकायत के इज़हार के लिए इस किस्म की इबारत मुस्तामल है

न अपनी ख़ुशी आए , न ख़ुशी चले

۔ دوسروں کی پابندی ہے۔؎

दीद न शुनीद आए मियाँ हमीद

बिना जाने-पहचानो आकर उपस्थित हो गए मामले में हस्तक्षेप किया

आए की शादी न गए का ग़म

न किसी चीज़ के मिलने की ख़ुशी है न चले जाने का दुख है, सदैव प्रसन्न रहना

गाना न आए आँगन टेढ़ा

रुक : नाच ना जाने आंगन टेढ़ा जो फ़सीह है

न अपनी ख़ुशी आए , न अपनी ख़ुशी चले

अपना बस ना चलना, दूसरों के बस में होना (अपनी मजबूरी या बेबसी ज़ाहिर करने के मौक़ा पर कहते हैं)

न हल्दी लगे , न फिटकरी , रंग चोखा आए

कुछ ख़र्च ना हो मगर फ़ायदा ख़ूब हो तो कहते हैं

न हींग लगे न फिटकरी , रंग चोखा आए

رک : نہ ہلدی لگے نہ پھٹکری رنگ چوکھا آئے

साख गए फिर हाथ न आए

एतबार एक दफ़ा जाता है तो फिर नहीं आता

हींग लगी न फिटकरी रंग आए चोखा

बगै़र मेहनत या खर्चे के ख़ातिरख़वाह काम निकल आना, कुछ ख़र्च ना करना पड़े और काम अच्छा बिन जाये

हल्दी लगी न फिटकरी रंग चोखा आए

रुक : हल्दी लगे ना फटकरी रंग भी चौखा अलख

हींग लगे न फिटकरी रंग आए चोखा

बगै़र मेहनत या खर्चे के ख़ातिरख़वाह काम निकल आना, कुछ ख़र्च ना करना पड़े और काम अच्छा बिन जाये

खाए न खिलाए ख़ाला दीदों आगे आए

जो खाने को न दे उसका भला न हो

दुश्मन पर भी ये वक़्त न आए

दुश्मन भी ऐसी मुसीबत में न फँसे

घर आए बेरी को भी न मारिए

जो व्यक्ति घर पर आ जाए उस के साथ बुरा व्यवहार नहीं करते, भले ही वह शत्रु क्यों न हो

आँधी आए न मेंह बुढ़िया पेंठ से न रहे

उस अवसर पर प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में अपनी आदत या काम से नहीं रोकता है

गए का ग़म, न आए की ख़ुशी

किसी के आने जाने की कोई पर्वा नहीं, बेपर्वाई या लाताल्लुक़ी ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

हड़ लगे न फिटकरी रंग चोखा आए

मुफ़्त काम हो और उम्दा हो , खर्चे और ज़हमत के बगै़र काम बिन जाये

सर जाए बात में फ़र्क़ न आए

वचन पूरा करना चाहिए, चाहे जान क्यूँ न चली जाए

न हर लगे , न फिटकरी और रंग चोखा आए

रुक : ना हल्दी लगे ना फटकरी रंग चौखा आए

हल्दी लगे न फिटकरी रंग भी चोखा आए

۔مثل۔ اس جگہ بولتے ہیں جہاں بغیر کچھ خرچ کئے خاطر خواہ کام نکل آئے۔

हल्दी लगे न फिटकरी और रंग चोखा आए

बगै़र मेहनत और बगै़र ख़र्च किए काम हो जाना उस जगह बोलते हैं जहां बगै़र ख़र्च और मेहनत के काम ख़ातिरख़वाह हो जाये

हर्रा लगे न फिटकरी और रंगत चोखी आए

रुक : हैंग लगे ना फटकरी अलख

हल्दी लगे न फिटकरी रंग भी चोखा आए

رک : ہلدی لگے نہ پھٹکری/پھٹکڑی اور رنگ چوکھا آئے

हल्दी लगे न फिटकड़ी और रंग चोखा आए

बगै़र मेहनत और बगै़र ख़र्च किए काम हो जाना उस जगह बोलते हैं जहां बगै़र ख़र्च और मेहनत के काम ख़ातिरख़वाह हो जाये

गए का ग़म, न आए की शादी

किसी के आने जाने की कोई पर्वा नहीं, बेपर्वाई या लाताल्लुक़ी ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

घर आए नाग न पूजे बानी पूजन जाए

घर आई दौलत छोड़कर दूसरी जगह तलाश में जाना, वर्तमान लाभ को छोड़कर लापता लाभ की आशा पर जाना

घर आए पीर न पूजे बाहर पूजन जा

क़ाबू के वक़्त काम ना करे फिर तदबीर करता फिरे, वक़्त पर काम ना करना फिर तदबीरें करते फिरना, घर आई दौलत को छोड़कर दूसरी जगह तलाश करना

साख गई फिर हाथ न आए

एतबार एक दफ़ा जाता है तो फिर नहीं आता

जो अपने काम न आए वो चूल्हे में जाए

कृपा के बिना मनुष्य किसी काम का नहीं होता

जिस को ख़ुदा बचाए उस पर कभी न आफ़त आए

जिस की ईश्वर रक्षा करे उसे कोई हानि नहीं पहुँचा सकता

साँझ जाए और भोर आए , वो कैसे न छिनाल कहलाए

जो औरत शाम को जाये और सुबह को आए वो बदचलन समझी जाती है जो सरीहन बद हो उसे बद ही कहा जाएगा

पैसे पर धर कर बोटियाँ उड़ाऊँ तब भी आह न आए

۔(عو) یعنی سخت سے سخت سزا دینے میں بھی ترس نہ آئے۔

ऊँट जब तक पहाड़ के नीचे न आए किसी को अपने से ऊँचा नहीं समझता

ठाकुर पत्थर माला लक्कड़ गंगा जमुना पानी, जब लग मन में साँच न आए चारों बेद कहानी

जब तक कि मनुष्य का दिल ईमान न लाए तब तक धार्मिक बातें क़िस्सा कहानी होती हैं एवं दीन धर्म की बाह्य निशानियों से कुछ नहीं होता

आठ गाँव का चौधरी और बारह गाँव का राव, अपने काम न आए तो ऐसी तैसी में जाओ

कोई कैसा ही धनवान अथवा धनी हो जब अपना काम उस से ना निकले तो ऐसे धन-धान्य से क्या लाभ, जिस से कोई लाभ ना हो उस का होना ना होना बराबर है

बाबा आएँ न घंटा बजे

बाप आए पूजा करे तो बच्चों को खाना मिले

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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