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आठ बार नौ त्योहार
सुख-सुविधा और आराम का शौक़ या लगन ऐसा बढ़ा हुआ है कि युग और समय उसको अल्प व्यय नहीं करने देता
चमनिस्तान
ऐसा बाग़ जहाँ फूल ही फूल हों, ऐसी जगह जहाँ दूर तक फूल ही फूल और हरा भरा नज़र आए, वाटिका, चमन, बाग़
दादरा
संगीत में एक प्रकार का चलता गाना (पक्के या शास्त्रीय गानों से भिन्न), एक प्रकार का गान, एक ताल
मज़दूर
शारीरिक श्रम के द्वारा जीविका कमाने वाला कोई व्यक्ति, जैसे: इमारत बनाने, कल-कारख़ानों में काम करने वाला, श्रमिक, कर्मकार, भृतक, मजूर
दूध-शरीक बहन
ऐसी बालिका जो किसी ऐसी स्त्री का दूध पीकर पली हो जिसका दूध पीकर और कोई बालिका या बालक भी पला हो, धाय संतान, दूधबहिन, दूधबहन
"अर्थ शास्त्र" टैग से संबंधित शब्द
"अर्थ शास्त्र" से संबंधित उर्दू शब्द, परिभाषाओं, विवरणों, व्याख्याओं और वर्गीकरणों की सूची
अक़्दार
आदर, सत्कार, आवभगत, सम्मान, प्रतिष्ठा, इज्ज़त, मूल्य, क़ीमत, गुण की परख, सत्याकार, मान्यताएँ, मूल्यांकन
अनबटा ख़ानदान
(अर्थशास्त्र) ऐसा परिवार जिसमें परिवार के सभी सदस्य आर्थिक रूप से संयुक्त जीवन व्यतीत करें, संयुक्त परिवार
अस्ल-ए-क़ाइम
(मआशियात) इबतिदाई पूंजी जो अमल पैदाइश में अर्से तक अपना काम सरअंजाम देती रहे, क़ायम या मुस्तक़िल सरमाया
आजिर
(अर्थशास्त्र) वह व्यक्ति जो निजी या उधार ली गई पूँजी से कंपनी या कारख़ाना स्थापित करे, ठेकेदार, मालिक, स्वामी,
'आरिज़ी-बंद-ओ-बस्त
(अर्थशास्त्र) मालगुज़ारी में राज्य का वह भाग जो अस्थायी तौर पर किसी अवधि के लिए नियुक्त किया जाये अस्थायी प्रबंध कहलाता है
उजरत-ए-मुत'आरफ़
(मआशियात) किसी काम की वो उजरत जो ज़र नक़द की सूरत में मुक़र्रर हो और इस के ताय्युन में मज़दूर की ज़रूरत का लिहाज़ ना किया जाये
उजरत-ए-सहीहा
(मआशियात) किसी काम की वो अत जो मज़दूर की ज़रूरत के एतबार से मुक़र्रर हो जैसे एक बढ़ती को अपनी और अपने अहल-ओ-अयाल की परवरिश के लिए दो सर उद वग़ैरा चाहिए तो ये उस की सहीह उजरत होगी
कसाद-बाज़ारी
सामान्य मूल्य से कम मूल्य पर उत्पतों की बिक्री, सस्ताई होना, मुल्य थोड़ा होना, मांग में कमी होना, बाज़ार ठंडा पड़ना, सस्ताई होना, मंदी
क़ानून-ए-तलब
(मआशियात) वो क़ानून जिस में मतलूबा शैय की मिक़दार-ए-मक़बूज़ा में हर जदीद इज़ाफ़ा का इफ़ादा निसबतन घटता जाता है
ख़ुश्की की ज़मीन
(मआशियात) तक़सीम-ए-अराज़ी में किसान को दी जाने वाली वो ज़मीन जिस पर वो अपनी गुज़र बसर के लिए मकान बना सके
ख़ारिजा
पृथक्, अलग, रसीद का दूसरा परत, विदेशी, परराष्ट्रीय, विदेश, बाहरी, बाह्य, खारिज किया या बाहर निकाला हुआ, बाहर निकला हुआ
गुलू-तराश
(शाब्दिक) गला काटने वाला, बर्बाद करने वाला; (अर्थशास्त्र) व्यवसायिक प्रतियोगिता जिसके आधार पर दुश्मन को नुकसान पहुँचान और बर्बाद करन होता है यहाँ तक कि स्वयं का नुकसान भी सहन कर लिया जाता है ताकि दुश्मन मैदान छोड़ कर भाग जाए और हो चुके नुकसान की भरपाई भी ह
तक़लील-ए-हासिल
आय या पैदावार में कमी, अर्थशास्त्र: पूंजी या मेहनत में बढ़ोतरी, एक विशेष बिंदु तक पहुंचने के बाद पैदावार में होने वाला अपेक्षाकृत कम बढ़ोतरी
तग़य्युर-पज़ीर
परिवर्तित होने वाला, परिवार्तन स्वीकार करने वाला, लचकदार, एक स्थिती पर स्थिर न रहने वाला
तरीक़-ए-बदल
(मआशियात) किसी एक चीज़ के बजाय वही एहतियाज रफ़ा करने के लिए दूसरी चीज़ इस्तामाल करने का तरीक़ा, बारटर सिस्टम
तलब-ए-मुरक्कब
(मआशियात) ऐसी चीज़ की मांग जिस से कई चीज़ें तैय्यार होती हैं, मसलन चमड़ा जो सूटकेस, जूते, हैंडबैग, बिसतरबंद वग़ैरा बनाने के काम आता है
तवाज़ुन-ए-तिजारत
(मआशियात किसी मुलक की बरामद और दरआमद का तनासुब, अगर किसी मुलक की दरआमद उस की बरामद के बराबर हो तो उसे मआशी इस्तिलाह में '' मुवाफ़िक़ तवाज़ुन तिजारत '' कहा जाता है, अगर इस के बरअक्स हो तो ए '' ना मुवाफ़िक़ तोज़न तिजारत '' कहते हैं
तवाज़ुन-ए-दाद-ओ-सितद
(मआशियात) किसी मुलक के बैन-उल-अक़वामी लेन देन का तवाज़ुन (इस में दरआमद बरामद के इलावा क़र्ज़ वग़ैरा दूसरी मदें भी शामिल हैं)
ता'दिया
(अर्थशास्त्र) टैक्स चुकाने वाले से टैक्स का दूसरों की ओर स्थानांतरण, टैक्स का स्थानांतरण अथवा परिवर्तन
देही-इम्दाद
(अर्थशास्त्र) गाँव और देहातों के विकास के लिए स्थापित किया हुआ विभाग जिसके द्वारा राशि देहातियों को दी जाती है
दामी-वासिलात
किसी गाँव की कुल आय और उत्पादन के व्यय इत्यादि का अनुमान, किसी गाँव की कुल आय का जोड़, गाँव का कुल लगान
बढ़ोतरी
(अर्थशास्त्र) वह इज़ाफ़ा जो हुंडी के मूल्य में रसद की कमी या आवश्यकता की बहुतायत के कारण पैदा हो
बाला-गोदाम
(मआशियात) वो गोदाम जिस में गले को ख़ासकर बैन-उल-अक़वामी तिजारत के नुक़्ता-ए-नज़र से और किसान के बेश तरीन फ़ायदे के ज़ावी-ए-निगाह से पूरी तरह काहिल फ़रोख़त हालत में रखा जाता है, (अंग्रेज़ी) Elevato
मु'आविन-पैदावार
(मआशियात) किसी माद्दी शैय के बनाने में हिस्सादार अनासिर (जैसे मकान बनाने के लिए मिट्टी, चूना, लक्कड़ी, लोहा वग़ैरा)
म'आशियात
अर्थशास्त्र, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है
मकानी-इफ़ादा
(मआशियात) ये इस्तिलाह इन अश्ख़ास के काम को बयान करने के लिए इस्तिमाल की गई जो अश्या के नक़ल-ओ-हमल में या तिजारत में मसरूफ़ हूँ गो, ये अश्या की शक्ल में तबदीली नहीं करते लेकिन इफ़ादों की पैदाइश में इआनत या इज़ाफ़ा करते हैं (उसूल मआशियात)
मख़्लूत-काश्त
मिश्रित खेती, मिली-जुली खेती, (अर्थशास्त्र) जहाँ खेती स्थानीय जीविका प्रदान नहीं करती है, कृषि की कमी गायों, भैंसों, भेड़, बकरियों, मुर्गियों इत्यादि को पालने से पूरी होती है, आजीविका के इन दो स्रोतों को सामूहिक रूप से मिश्रित खेती कहा जाता है
मुनापली
(मआशियात) किसी कारोबार या काम का मख़सूस शख़्स या अश्ख़ास के दायरे में महिदूद और दूसरों का इस से महरूम रहना, इजारादारी, हक़ तिजारत बलाशरकत ग़ैरे, इजारा , (मजाज़न) ज़ाती चीज़ । उन लोगों ने गिल्ड को मनॉपली बना लिया है
मसारिफ़-ए-पैदाइश
(मआशियात) वो ख़र्च जो अश्या को बाज़ार तक लाने की ग़रज़ से बर्दाश्त करना ज़रूरी है, वो उजरत जो मज़दूरों को बराह-ए-रस्त या बिलवासता अदा की गई हो नीज़ वो मुआवज़ा और सिला जो कि आजिर को इस की मेहनत और ख़र्च के वक़्त मिलता है
मामून-तिजारत
(इक़तिसादीयात) बातहफ़्फ़ज़ या महफ़ूज़ तिजारत, वो लेन देन या तिजारत जिस पर सख़्त और कड़े महसूल आइद हूँ, आज़ाद तिजारत (Free Trade) की ज़िद
रेज़गारी
खुदरा पैसे, सिक्के वाली करंसी, छोटे सिक्के, छुट्टे पैसे, भरत, खुर्दा, चिल्लर, खुल्ला, छुट्टा
रि'आयती-दिन
(माशिया त-ए-, बंकारी) हर किस्म की हण्डे-ए-पटाने के वास्ते वक़्त-ए-मई्ाना के बाद तीन दिन की मोहलत
लगान-इजारा
(अर्थशास्त्र) वह अधिक मज़दूरी या मुनाफ़ा जो किसी विशेष जन्मसिद्ध योग्यता या आकस्मिक लाभ के कारण प्राप्त हो
शुग़्ल-ए-अस्ल
(अर्थशास्त्र) वास्तविक पूँजी जो व्यवसाय में लगाया जाए और जिसे किसी भी समय भागीदार वापस ले सकता हो
सादिर-ए-मा'मूली
(अर्थशास्त्र) दफ़्तर के वह मामूली ख़र्चे जिनकी हर दफ़्तर को मामूली तौर पर ज़रुरत होती है
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