"रँगाई" टैग से संबंधित शब्द
"रँगाई" से संबंधित उर्दू शब्द, परिभाषाओं, विवरणों, व्याख्याओं और वर्गीकरणों की सूची
ईंगरौती
(रंगाई) शनि रन बनाने का बर्तन, वो ज़र्फ़ जिस में शनि घोल कर रन तैय्यार किया जाये
अंजई
(रंगाई) एक मादिनी पत्थर जिस से बाद नज्जानी रंग तैय्यार किया जाता है, सैंड
ईंगुर
सिंदूर, लाल या नारंगी या पीले रंग का बारीक खनिज चूर्ण (स्त्रियाँ जिसे मस्तक तथा माँग पर लगाती हैं)
'उन्नाबी-रंग
(रंगाई) एक स्याह गहरा लाल रंग, जो मूल लाल रंग में पानी के साथ पिघला हुआ लोहा मिलाकर बनाया जाता है और इसे रंगीन फल के रूप में जाना जाता है
कफ़ाई
(आब-ए-कारी) भंग के पत्तों पर पैदा होने वाली फपोनदी की शक्ल की माद्दे से बनाई हुई शराब
खर्याना
(रंगाई) कपड़े को नील के मटके में डुबाना ताकि नीला रंग उसमें अच्छी तरह समा जाए
खरिया
एक प्रकार की सफ़ेद मिट्टी जिसमें चूने के तत्व प्राचुर्य में होते हैं, उत्तम प्रकार के बर्तन बनाने के लिए मिट्टी मिलाई जाती है
खिलाना
किसी को कोई चीज खाने में प्रवृत्त करना। जैसे-मिठाई खिलाना, जहर खिलाना।
गुल-ए-अनारी
(रंगाई) अनार के फूल से मशाबहा ज़रदी झलकता हुआ, आतिशी सुर्ख़ रंग
चाला
चलने या प्रस्थान करने की क्रिया या भाव।
छेतना
ताड़ना, पीटना, मारना, कूटना
ज़ंगारी-रंग
(रंगाई) लोहे की तरह की रंगत का पीला, नीले और लाल रंग से तैयार किया हुआ रंग, नासी रंग
ज़मीन लगाना
(रंगाई) पहला हाथ या अस्तर करना, बुनियाद बनाना, सतह को रँगना
तलाओ
तालाब, ताल, पोखर, हौज़, जोहड़
दादार
(रंगाई-ओ-लीलारी) नील की टिकियां ख़ुशक करने का बांस का बना हुआ ठाटर या टट्टी, चाला
दाब
दबने या दबाने का भाव; दबाव, दबे होने की अवस्था, जैसे- वायुदाब, वाष्पदाब
दाबी
कटी हुई फसल के बँधे हुए एक-जैसे पूले जो मजदूरी के बदले दिये जाते हैं
नास्पाल
कच्चे अनार का छिलका जो रंग निकालने के काम में आता है, अनार का छिलका
नितारन
(रंगाई) कुसुम के फूलों का टपकाया हुआ रस
मंझी
(रंगाई) कुसम के फूलों का रंग टपकाने की रैणी, पॉलिश की हुवी कोई चीज़, साफ़ सुथरी चीज़
मथी
(रंगाई) नील का रंग बनाने का ख़म (बड़ा और बैज़वी शक्ल का मटका), रानजन गोल
माईं
(कताई) पुरानी वज़ा के चरखे के चाक के पाखों के दरमयान चारपाई की अदवान की शक्ल की डोरी का तना हुआ जाल जिस पर माल चढ़ी रहती है
माज़ू
स्याही के मिश्रण में उपयोग हेने वाला एक प्रकार का कण
माया
(रंगाई) एक तरह का क्लिप जो रंग रेज़ कपड़ा रंगने में इस्तिमाल करते हैं
रुखा-रंग
(रंगाई) बहुत हल्की रंगाई जिस में किसी तरह की चमक और शोख़ी ना हो, फीका रंग
रंग-ए-ख़ालिस
(रंगाई) वह रंग जो घोल न हो बल्कि स्वयं हो, जो ख़ुद किसी रंग से तैयार न हो और उससे दूसरे रंग बनाए जाएँ इस तरह के तीन रंग लाल, नीला या पीला रंग असली रंग कहलाते हैं
लादा
(गंवार) लाडा, कच्ची या नियम पुख़्ता पत्तियों वाला नील का दरख़्त
वसमा
नील की पत्ती जिसका पहले खिज़ाब बनता था।
शैमी
(रंगाई) चर्बी या तेल पिलाया हुआ चमड़ा