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गेहूँ
उक्त पौधे के छोटे लंबोतरे दाने या बीज, रबी की फ़सल का एक प्रसिद्ध अनाज, खाद्यान्न, गंदुम, कनक
गेहूँवा
رک : گیہواں ، گیہوں کے رنگ کا.
गेहूँ-जंगली
गेहूँ से मिलती-जुलती एक लंबी कठोर घास
गेहूँ दीगर गाजर खाएँ
अच्छी चीज़ देकर बेकार लेना मूर्खता है
गेहूँ की हज़्म नहीं होती
दौलत या किसी प्रकार की तरक़्क़ी हो जाने पर स्वभाव का बदल जाना
गेहूँ दे कर गाजरें खाएँ
(किसी ज़रूरत से) उम्दा चीज़ दे कर अदना चीज़ (बदले में) लेना बेवक़ूफ़ी है
गेहूँ की बाल नहीं देखी
अभी अनुभवहीन और अनाड़ी है, घर से बाहर भी नहीं निकले
गेहूँ के साथ घुन भी पिसना
बुरे के साथ अच्छ्াा भी नुक़्सान उठाता है, ज़बरदस्त के साथ कमज़ोर भी मारा जाता है
गेहूँ के साथ घुन पिस गया
ज़बरदस्त के साथ कमज़ोर भी मारा गया
गेहूँ के खेत में करंजुवा उगा
अच्छ्াे की औलाद बुरी होती है, भलाई जय बजाय बुराई पल्ले पड़ी
गेहूँ भी गीले , जाँगर भी ढीले
काम भी मुश्किल और कोशिश भी पूरी तरह नहीं तो फिर मक़सद कैसे हासिल हो
गेहूँ की रोटी को फ़ौलादी पेट चाहिए
नेअमत खा कर बचाने को बड़ा हौसला चाहिए, दौलत या मर्तबा पाने के बाद अपनी हद से ना बढ़ना पड़े हौसलामंद आदमी का काम है
गेहूँ की रोटी को फ़ौलाद का पेट चाहिए
नेअमत खा कर बचाने को बड़ा हौसला चाहिए, दौलत या मर्तबा पाने के बाद अपनी हद से ना बढ़ना पड़े हौसलामंद आदमी का काम है
गेहूँ के साथ घुन भी पिस जाता है
the innocent suffer along with the wicked
बोया गेहूँ उप्जा जौ
की थी नेकी बदले में ब्वॉय मिली
सस्ता गेहूँ घर-घर पूजा
सस्ते समय में लोग ख़ुश होते हैं
बोएँ जौ और काटें गेहूँ
अजीब बात है की हराई और बदले में मिली नेकी
कुछ गेहूँ गीले कुछ जाँगर ढीले
۔جَنْدرےٖ بالفتح وسکون سوم وکسر چہارم۔ چَکّی کے پُرزے۔ جانگر چکّی کے پُرزے) مثل۔ عو۔ بہانہ کرنے والے کی نسبت بولتی ہیں۔
कुछ गेहूँ गीले कुछ जंदरे ढीले
۔جَنْدرےٖ بالفتح وسکون سوم وکسر چہارم۔ چَکّی کے پُرزے۔ جانگر چکّی کے پُرزے) مثل۔ عو۔ بہانہ کرنے والے کی نسبت بولتی ہیں۔
कुछ गेहूँ गीले कुछ जंदरे ढीले
(अविर) हीले करनेवाली और बहानाबाज़ औरत के बारे में कहते हैं
कुछ गेहूँ गीले कुछ जाँगर ढीले
(अविर) हीले करनेवाली और बहानाबाज़ औरत के बारे में कहते हैं
बेझड़ पिसन्हारी गेहूँ के गीत गावे
तुच्छ व्यक्ति श्रेष्ठ कार्य का साहस करे
बेझड़ा की पिसन्हारी गेहूँ के गीत गावे
तुच्छ व्यक्ति श्रेष्ठ कार्य का साहस करे
बेझर की पिसन्हारी गेहूँ के गीत गावे
तुच्छ व्यक्ति श्रेष्ठ कार्य का साहस करे
घुन की तरह गेहूँ के साथ पिसना
कुछ तो गेहूँ गीले, कुछ जंदरी ढीली
बहाने करने वाली औरत के प्रति कहते हैं, काम न करने के सौ बहाने
कुछ तो गेहूँ गीले, कुछ जिंदरी ढीली
बहाने करने वाली औरत के प्रति कहते हैं, काम न करने के सौ बहाने
जौ जट बाँट खाए और गेहूँ खाए डोम
मेहनत कोई करे फ़ायदा कोई उठाने
सदा दिवाली संत के जो घर गेहूँ होय
नेक आदमी हमेशा लोगों को खिलाता पिलाता है यदि हर समय ख़र्च के लिए उसके पास कुछ हो
घर में चने का चून नहीं, गेहूँ की दो पो लाइयो
ग़रीब बड़बोले के संबंध में कहते हैं
उत मत गेहूँ बुवा रे चेले, जित हों थल पाथर और ढेले
जिस ज़मीन में पत्थर और ढेले हों वहाँ गेहूँ नहीं बोना चाहिए
उत मत गेहूँ बुवा रे चेले, जित हों थाल और पाथर ढेले
जिस ज़मीन में पत्थर और ढेले हों वहाँ गेहूँ नहीं बोना चाहिए