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सुब्ह
प्रातःकाल, प्रभात, प्रात, भोर, तड़का
सुब्ह होते
آغازِ صحر میں ، نور کے تڑکے ، صبح طالع ہوتے وقت.
सुब्ह-गाह
the morning time, the early dawn
सुब्ह होना
रात का अंत, दिन निकल आना, भोर का प्रकट होना
सुब्ह-गाही
प्रातःकाल का, सवेरे का, प्रातःकाल, तड़का, सवेरा
सुब्ह-रूए
सुंदर मुख वाला, रोशन चेहरे वाला
सुब्ह-ए-बहार
वसंत ऋतु की शुरूआत, पुष्प-समय का प्रारंभ
सुब्ह-सुब्ह
बहुत सवेरे, तड़के, प्रातःकाल
सुब्ह-दम
बहुत तड़के, गजरदम, सुबह सवेरे
सुब्ह-ए-नौ
नई सुबह, नए दिन का प्रारंभ
सुब्ह-ख़ेज़
जिसे तड़के उठने की आदत हो
सुब्ह हो जाना
خوب گت بننا ، ساری حرمزدگی یا شیطنت نکل جانا.
सुब्ह-नफ़स
कोमलता से बात करने वाला, मधुर वाणी बोलने वाला
सुब्ह तड़के
प्रातःकाल, मुँह अँधेरे, बहुत सवेरे, सुबह सवेरे
सुबह-ए-ता'बीर
morning of interpretation (of dream)
सुब्ह-ए-अज़ल
वह समय जब सृष्टि की रचना हुई
सुब्ह-ए-ख़ंद
ऐसी मुस्कुराहट जिसमें दॉत दिखाई दे जायँ, दे. ‘सहरखंद’ नं० २ ।।
सुब्ह-ए-वतन
वतन की सुबह जो बहुत सुहानी होती है
सुब्ह-रू
चमकते चेहरे वाला, ख़ूबसूरत, हसीन (लाक्षणिक) प्रेमी
सुब्ह की बोहनी और अल्लाह मियाँ की आस
सुबह दुकान खोलते ही पहले ग्राहक के हाथ माल बेचने के समय ईश्वर की मेहरबानी का आसरा होता है कि शाम तक ख़ूब माल बिकेगा
सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते
अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है
सुब्ह का सितारा
زہرہ ستارہ جو اکثر صبح کے وقت (اور گاہے شام کو بھی) سب سے بڑا اور قریب نظر آتا ہے.
सुब्ह का सफ़ेदा
صبحِ صادق کی روشنی ، پو پھٹنے کے وقت ظاہر ہونے والی سفیدی یا روشنی.
सुब्ह-शाम होना
दिन गिनने जाना, मृत्यु की प्रतीक्षा होना, मौत की घड़ियाँ गिने जाना, मरने का इंतिज़ार होना
सुब्ह-ब-ख़ैर
सुप्रभात, शुभ प्रभात, सुंदर प्रभात या प्रातःकाल, (सुबह के समय प्रणाम के रूप में बोलते हैं)
सुब्ह का भूला शाम को आए तो उसे भूला नहीं कहते
अगर कोई व्यक्ति गुनाहों से तौबा कर ले तो ग़नीमत है, अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और रास्ते पर आ जाए तो क्षमा के योग्य है
सुब्ह रौशन होना
सुबह की रौशनी अच्छी तरह फैलना
सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते
अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है
सुब्ह-ए-महशर
न्याय के दिन, निर्णय का दिन
सुब्ह-ए-नुख़ुस्त
झूठा सवेरा, वह रोशनी जिसके बाद फिर अँधेरा हो जाता है
सुब्ह का भोला शाम को घर आ जाए तो उसे भोला नहीं कहना चाहिए
सुब्ह करना
pass the whole night till dawn
सुब्ह-ओ-शाम का मेहमान
دنیا سے جلد رخصت ہونے والا ، جو آخر عمر میں پہنچ گیا ہو ، جس کے جلد مرنے کے آثار ہوں.
सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए
अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है
सुब्ह-ख़ेज़ा
वह चोर जो लोगों के जागने से पहले सुबह जल्दी उठकर उनका सामान चुरा लेता है
सुब्ह उठ कर हाथ देखना
बाअज़ वहम परस्त लोग सुबह को जहां आँख खुली पहले अपने दोनों हाथों की लकीरें देख लेते हैं फिर और कुछ देखते हैं, इस अमल के बाद उन लोगों के अक़ीदे के मुवाफ़िक़ ना मुबारक आदमी का मुँह देखना चंदाँ मुज़िर नहीं होता
सुब्ह ही सुब्ह ख़ुदा का नाम लो
सुबह को कोई झूट बोले तो कहते हैं
सुब्ह-दमाँ
علی الصبح، گجر دم، منہ اندھیرے
सुब्ह-ए-'आलम-ए-हैरत
morning of the state of amazement
सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए
अगर आदमी ग़लती के बाद उसे एहसास हो जाए और वह ग़लती छोड़ दे तो क्षमा के योग्य है
सुब्ह-ए-जज़ा
उस दिन का सवेरा जिस रोज़ क़ियामत में पाप-पुण्य का हिसाब-किताव होगा