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पशेमाँ

पशीम, पुराने शब्दकोष में: उखाड़ना, अलग करना, जब कोई काम करके इंसान पछताता है उससे दिल उखड़ जाता है

पशेमान

लज्जित, शर्मिंदा, संकुचित, नादिम, पश्चात्तापी, पछतानेवाला

पशेमानी

अपने किये पर दुःख व्यक्त करना, पश्चात्ताप, संकोच, पछतावा, शर्मिंदगी, नदामत

पशेमान होना

लज्जित होना, नादिम होना

पशेमान करना

झेंपाना, ख़फ़ीफ़ करना, शर्मसार करना

पशेमानगी

رک : پشیمانی .

पश्मीं

ऊन का बना हुआ, ऊनी।।

पेशी में

in presence of

ज़ूद-पशेमाँ

अपनी भूल पर बहुत जल्द पछताने वाला, बहुत जल्दी पछतावा करने वाला

कर्दा पशेमाँ-ओ-ना कर्दा अरमाँ

इस काम के मुताल्लिक़ कहते हैं जिस का करने वाला पछताए और ना करने वाला उस की तमन्ना करे

पेश-मना'अत

(لفظاََ) پہلے سے عزیز ہونا رکھنا ، ماقبل محکمی و استواری ، آنے والے خطرات سے پہلے ہی خبردار کرنے یا ہونے کی حالت پیدا پیش آگاہی ، پیش اندیشگی .

पश्मीना-ख़ाना

बड़े घरानों और बादशाहों के यहाँ वह कमरा जहाँ ऊनी कपड़ों को कीड़ों से बचा कर गर्मी के मौसम में सुरक्षित रखा जाता है

पेश-मंज़र

सामने की स्थिति, प्रमुख स्ठान

पश्मीना

भेड़, बकरी और दुंबे या ऊँट की गर्दन के रूई से बना हुआ कपड़ा पश्मीना कहलाता है जो बहुत उत्कृष्ट, बहुमूल्य, मुलायम होता है और कश्मीर, तिब्बत आदि पहाड़ी और ठंडे देशों में बहुत अच्छा और अधिकता से बनता है ये बहुत गर्म होता है

पश्मनत

پشم (رک) کی تصغیر .

पश्म न समझना

۔ (अम) निहायत हक़ीर जानना

पेशी में लगना

बतौर मसल ख़वान तायिनात होना

पेशी में लगाना

पेशी में लगना (रुक) का तादिया

पेशी में होना

(मामले या इससे संबंधित काग़ज़ का अदालत या कार्यालय आदि में) विचाराधीन, प्रस्तावित या निरीक्षण में होना

पश्म न ऊपाड़ना

رک : پشم نہ اکھیڑ سکنا.

पश्म न उखड़ना

۔ (अम) पश्म कुंदा ना होना

पश्म न उखाड़ सकना

थोड़ा नुक़्सान न पहुँचा सकना, कुछ न कर सकना, कुछ न बिगाड़ सकना

पश्म न उखेड़ सकना

रुक : पश्म ना उखाड़ सकना

ना कर्दा ख़्वार , कर्दा पशेमान

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) उस वक़्त बोलते हैं जब किसी काम के ना करने में ज़िल्लत हो और करने में पछताना पड़े कि हाय हम ने ये काम क्यों किया

कुँवारी अरमान, ब्याही पशेमान

ज़ूद-पशेमान

अपने किसी असाधारण कार्य या त्रुटीपूर्ण कार्य से शीघ्र पश्चात्ताप करने वाला, अपनी ग़लती या ख़ता पर जल्द शर्मिंदा होने वाला

कुँवारी को अरमान, ब्याही पशेमान

अविवाहित हो तो शादी की इच्छा करती है और विवाहित हो तो पछताती है, जिसने किया वह भी पछताया जिसने न किया वह भी बचताया

कुँवारी अरमान , ब्याही पशेमान

कुँवारी करे अरमान, ब्याही हो पशेमान

कुँवारी करे अरमान , ब्याही हो पशेमान

न कर्दा अरमान ओ कर्दा पशेमान

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) । जिन्हों ने नहीं क्या उन को अरमान है और जो कर चुके हैं पछताते हैं इस काम के लिए कहते हैं जिस का करने वाला पछताए और ना करने वाला उस की तमन्ना करे

कुवारी को अरमान , ब्याही पशेमान

बावजूद कामयाब होने के कुछ नफ़ा ना उठाना, कुवारी को हवस कि ऐश करूं ब्याही को पछतावा कि बला में फंसी

लालच पशेमान है

लालच शर्मिंदगी का कारण बनता है

करता अरमान न करता पशेमान

तजुर्बे के बाद ही इंसान किसी काम की ऊंच नीच समझ सकता है

पश्मों के मूंडे से मुर्दा नहीं हल्का होता

अदना तसकीन बड़ी मुसीबत के वक़्त फ़ुज़ूल है, या कसरत मसारिफ़ में अदना कमी और तख़फ़ीफ़ से पूरा नहीं पड़ता

रक्खा तो चश्मों से, उड़ा दिया तो पश्मों से

यदि उपकार किया और नौकर रक्खा तो उनकी कृपा है नहीं तो कुछ परवाह नहीं

शेर-ए-पश्मीन

ऊन का शेर

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ज़बान-ए-यास के अर्थदेखिए

ज़बान-ए-यास

zabaan-e-yaasزَبَانِ یَاسْ

वज़्न : 12221

English meaning of zabaan-e-yaas

  • melancholic expression
  • speech of the poet Yagana Yaas Changezi

زَبَانِ یَاسْ کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • خلوص کا اظہار، شاعر یگانہ یاس چنگیزی کی تقریر

Urdu meaning of zabaan-e-yaas

  • Roman
  • Urdu

  • Khuluus ka izhaar, shaayar yagaana yaas changezii kii taqriir

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पशेमाँ

पशीम, पुराने शब्दकोष में: उखाड़ना, अलग करना, जब कोई काम करके इंसान पछताता है उससे दिल उखड़ जाता है

पशेमान

लज्जित, शर्मिंदा, संकुचित, नादिम, पश्चात्तापी, पछतानेवाला

पशेमानी

अपने किये पर दुःख व्यक्त करना, पश्चात्ताप, संकोच, पछतावा, शर्मिंदगी, नदामत

पशेमान होना

लज्जित होना, नादिम होना

पशेमान करना

झेंपाना, ख़फ़ीफ़ करना, शर्मसार करना

पशेमानगी

رک : پشیمانی .

पश्मीं

ऊन का बना हुआ, ऊनी।।

पेशी में

in presence of

ज़ूद-पशेमाँ

अपनी भूल पर बहुत जल्द पछताने वाला, बहुत जल्दी पछतावा करने वाला

कर्दा पशेमाँ-ओ-ना कर्दा अरमाँ

इस काम के मुताल्लिक़ कहते हैं जिस का करने वाला पछताए और ना करने वाला उस की तमन्ना करे

पेश-मना'अत

(لفظاََ) پہلے سے عزیز ہونا رکھنا ، ماقبل محکمی و استواری ، آنے والے خطرات سے پہلے ہی خبردار کرنے یا ہونے کی حالت پیدا پیش آگاہی ، پیش اندیشگی .

पश्मीना-ख़ाना

बड़े घरानों और बादशाहों के यहाँ वह कमरा जहाँ ऊनी कपड़ों को कीड़ों से बचा कर गर्मी के मौसम में सुरक्षित रखा जाता है

पेश-मंज़र

सामने की स्थिति, प्रमुख स्ठान

पश्मीना

भेड़, बकरी और दुंबे या ऊँट की गर्दन के रूई से बना हुआ कपड़ा पश्मीना कहलाता है जो बहुत उत्कृष्ट, बहुमूल्य, मुलायम होता है और कश्मीर, तिब्बत आदि पहाड़ी और ठंडे देशों में बहुत अच्छा और अधिकता से बनता है ये बहुत गर्म होता है

पश्मनत

پشم (رک) کی تصغیر .

पश्म न समझना

۔ (अम) निहायत हक़ीर जानना

पेशी में लगना

बतौर मसल ख़वान तायिनात होना

पेशी में लगाना

पेशी में लगना (रुक) का तादिया

पेशी में होना

(मामले या इससे संबंधित काग़ज़ का अदालत या कार्यालय आदि में) विचाराधीन, प्रस्तावित या निरीक्षण में होना

पश्म न ऊपाड़ना

رک : پشم نہ اکھیڑ سکنا.

पश्म न उखड़ना

۔ (अम) पश्म कुंदा ना होना

पश्म न उखाड़ सकना

थोड़ा नुक़्सान न पहुँचा सकना, कुछ न कर सकना, कुछ न बिगाड़ सकना

पश्म न उखेड़ सकना

रुक : पश्म ना उखाड़ सकना

ना कर्दा ख़्वार , कर्दा पशेमान

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) उस वक़्त बोलते हैं जब किसी काम के ना करने में ज़िल्लत हो और करने में पछताना पड़े कि हाय हम ने ये काम क्यों किया

कुँवारी अरमान, ब्याही पशेमान

ज़ूद-पशेमान

अपने किसी असाधारण कार्य या त्रुटीपूर्ण कार्य से शीघ्र पश्चात्ताप करने वाला, अपनी ग़लती या ख़ता पर जल्द शर्मिंदा होने वाला

कुँवारी को अरमान, ब्याही पशेमान

अविवाहित हो तो शादी की इच्छा करती है और विवाहित हो तो पछताती है, जिसने किया वह भी पछताया जिसने न किया वह भी बचताया

कुँवारी अरमान , ब्याही पशेमान

कुँवारी करे अरमान, ब्याही हो पशेमान

कुँवारी करे अरमान , ब्याही हो पशेमान

न कर्दा अरमान ओ कर्दा पशेमान

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) । जिन्हों ने नहीं क्या उन को अरमान है और जो कर चुके हैं पछताते हैं इस काम के लिए कहते हैं जिस का करने वाला पछताए और ना करने वाला उस की तमन्ना करे

कुवारी को अरमान , ब्याही पशेमान

बावजूद कामयाब होने के कुछ नफ़ा ना उठाना, कुवारी को हवस कि ऐश करूं ब्याही को पछतावा कि बला में फंसी

लालच पशेमान है

लालच शर्मिंदगी का कारण बनता है

करता अरमान न करता पशेमान

तजुर्बे के बाद ही इंसान किसी काम की ऊंच नीच समझ सकता है

पश्मों के मूंडे से मुर्दा नहीं हल्का होता

अदना तसकीन बड़ी मुसीबत के वक़्त फ़ुज़ूल है, या कसरत मसारिफ़ में अदना कमी और तख़फ़ीफ़ से पूरा नहीं पड़ता

रक्खा तो चश्मों से, उड़ा दिया तो पश्मों से

यदि उपकार किया और नौकर रक्खा तो उनकी कृपा है नहीं तो कुछ परवाह नहीं

शेर-ए-पश्मीन

ऊन का शेर

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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