खोजे गए परिणाम

सहेजे गए शब्द

"सितम" शब्द से संबंधित परिणाम

धरा भूले लिखा न भूले

क़िस्मत का लिखा हो के रहता है

लेता भूले न देता भूले

नक़द बिक्री की तारीफ़ में कहते हैं

लेता भूले न देता

۔نقد بکری کی تعریف میں بولا کرتے ہیں کیوں کہ ادھار لینے دینے کو طرفین سے کوئی بھول ہوجایا کرتا ہے۔

भूले से भी नाम न लेना

भूल कर भी याद न करना , नफ़रत , अदावत, बे पराओई ज़ाहिर करने के मौक़ा पर कहते हैं

उस दिन भूलें चौकड़ी, वली, नबी और पीर, लेखा होवे जिन दिनाँ, क़ादिर पाक क़दीर

क़यामत या प्रलय के दिन जब ईश्वर हिसाब करेगा तो वली, संत, नबी, पीर सब चिंतित या परेशान होंगे

उस दिन भूलें चौकड़ी, वली, नबी और पीर, लेखा लेवे जिस दिना, क़ादिर पाक क़दीर

क़यामत या प्रलय के दिन जब ईश्वर हिसाब करेगा तो वली, संत, नबी, पीर सब चिंतित या परेशान होंगे

वही भला है मेरे लेखे हक़ नाहक़ को जो नर देखे

मेरे नज़दीक वो बड़ा आदमी है जो इंसाफ़ करे और बे इंसाफ़ी ना करे

टायर भला न लांगड़ा, रूख भला न झांगड़ा

लंगड़ी घोड़ी और कटीला पेड़ दोनों अच्छे नहीं होते

सूई जहाँ न जाए वहाँ भाला घुसेड़ते हैं

जहाँ थोड़ी चीज़ की संभावना नहीं वहाँ अधिक डालते हैं

जहाँ न जाए सूई वहाँ भाला घुसेड़ते हैं

जहाँ थोड़ी चीज़ की संभावना नहीं वहाँ अधिक डालते हैं

देखा न भाला सदक़े गईं ख़ाला

बिना देखे ही किसी की सुनी सुनाई या मात्र कथन के आधार पर किसी की प्रशंसा करना, झूठ मूठ का प्यार जताने वालों पर व्यंग्य के रुप में प्रयुक्त

न देखा न भाला सदक़ी गईं ख़ाला

दिखावे की मुहब्बत

अपने सूई न जाने दो, दूसरे के भाले घुसेड़ दो

स्वयं थोड़ी पीड़ा भी गवारा नहीं दूसरे पर बड़ी बड़ी विपत्तियाँ ढाई जाती हैं

गँवार गन्ना न दे भेली दे

मूर्ख साधारण से व्यय में कंजूसी कर के हानि उठाता है, मूर्ख थोड़ा नहीं देता, बहुत दे देता है, ऐसे अवसर पर बोलते हैं जब कोई व्यक्ति किसी साधारण व्यय में कंजूसी करे और बड़े ख़र्च के लिए तैयार रहे

बावा भला न भय्या सब से बड़ा रूपय्या

रूपये का महत्त्व संसार में सभी चीज़ों से बढ़ कर है

बावा भला न भय्या सब से बड़ा रूपय्या

रूपये का महत्त्व संसार में सभी चीज़ों से बढ़ कर है

चंदन की चुटकी भली , न गाड़ी भर अनाज कबाड़

थोड़ी सी अच्छी चीज़, ज़्यादा ख़राब चीज़ से बेहतर होती है

न देखा न भाला सदक़ी गई ख़ाला

दिखावे की मुहब्बत

देखा न भाला सदक़े गई ख़ाला

बिना देखे ही किसी की सुनी सुनाई या मात्र कथन के आधार पर किसी की प्रशंसा करना

हड़काया भला , परकाया न भला

दीवाना उस शख़्स से बेहतर है जिस की बेइज़्ज़ती की गई हो ऐसा शख़्स सख़्त जानी दुश्मन होता है

साँसा भला न साँस का और बान भला न काँस का

चिंता थोड़ी देर की भी बड़ी होती है, मन की सेहत के लिए अच्छी नहीं होती

भला मानस घर में बड़ा चला, रज़ाले ने समझा मुझ से डरा

लुच्चा व्यक्ति शराफ़त को कमज़ोरी समझता है, कमीने के साथ कमीना-पन से पेश आना आवश्यक है

सब से भले हम, न रहे की शादी न गए का ग़म

निश्चिंत आज़ाद व्यक्ति को न किसी की ख़ुशी न दुख या चिंता, वह हर चीज़ से निस्पृह होता है

अपने सूई न जाने दो, दूसरे के भाले कोंचो

स्वयं थोड़ी पीड़ा भी गवारा नहीं दूसरे पर बड़ी बड़ी विपत्तियाँ ढाई जाती हैं

मरना भला बदेस का जहाँ न अपना कोई

परदेस में मरना बेहतर है कि वहां कोई अपना नहीं होता जो अफ़सोस करे

बावा भला न भैया, सब से भला रुपैया

व्यंगात्मक तौर पर पैसे की प्रशंसा में कहते हैं

देना भला न बाप का बेटी भली न एक, चलन भला न कोस का जो साईं राखे टेक

चाहे पुत्री एक ही हो देना अथवा ऋण चाहे पिता ही का हो एवं सफ़र चाहे एक ही मील का हो तीनों बुरे

आगे नाथ न पीछे पगहा सबसे भला धोबी का गदहा

जिसके आगे-पीछे कोई न हो, जिसका अपना कोई न हो, असहाय, लावारिस, अकेला

चंदन की चुटकी भली , गाड़ी भरा न काठ

थोड़ी अच्छी चीज़ बह सी ख़राब से बेहतर है

साझा भला न बाप का और ताव भला न ताप का

साझा चाहे अपने बाप का ही क्यों न हो अच्छा नहीं होता और ताव (गर्मी या रोब) चाहे बुख़ार का ही क्यों न हो वो भी भला नहीं, अर्थात न तो किसी का साझा करें और न किसी का ताव सहें

सबसे भला खसोटा, न जाने नफ़' न जाने टोटा

क़ज़्ज़ाक़ को किसी के नफ़ा नुक़्सान की पर्वा नहीं होती

सबसे भला घसोटा, न जाने नफ़' न जाने टोटा

क़ज़्ज़ाक़ को किसी के नफ़ा नुक़्सान की पर्वा नहीं होती

अलिफ़ के नाम भाला न जानना

अनपढ़ या जाहिल होना, बिल्कुल जानकारी न होना

सब से भला खसोटा न नफ़ा' जाने न टूटा

डाकू और लुटेरे को न किसी के नफ़ा की परवाह न किसी के नुक़्सान से ग़रज़

देना भला न बाप का, बेटी भली न ऐक

चाहे पुत्री एक ही हो देना अथवा ऋण चाहे पिता ही का हो एवं सफ़र चाहे एक ही मील का हो तीनों बुरे

साधू जन रम्ते भले वाक न लागे को

साधूओ कि हमेशा फिरते रहना चाहिए ताकि इस पर किसी किस्म का इलज़ाम ना आए

माँ पिसनहारी भली, बाप हफ़्त हज़ारी न भला

माँ का प्रेम बाप से अधिक होता है

बाप भला न भैया, सब से भला रुपैया

व्यंगात्मक तौर पर पैसे की प्रशंसा में कहते हैं

मँगबू भलो न बाप से जो ईशर राखे टेक

अगर ख़ुदा ताला पनाह (तौफ़ीक़) दे तो बाप से भी कुछ माँगना ना चाहिए

न एक हँसता भला न एक रोता भला

न एक हँसता भला न एक रोता भला

अकेले कोई काम करना अच्छा नहीं

न एक हँसता भला न एक रोता भला

अकेले कोई काम करना अच्छा नहीं

न एक हँसता भला न एक रोता भला

भूका भले मानस और पेट भरे गँवार से न बोले

ये दोनों उन हालतों में बेबाक और मग़लूब-उल-ग़ज़ब होते हैं

देखे न भाले

अज्ञात, नया, अपरिचित, अनजान, नया, नावाक़िफ़

देखा न भाला

जान न पहचान, बिना अच्छे बुरे की भेद किए हुए, बिना सोचे समझे

अकेला न रोता भला न हँसता

जब तक दो चार व्यक्ति उपस्थित न हों, किसी खुशी या ग़म के उत्सव में सम्मिलित न हों आनंद नहीं आता

हँसता भला न रोता

न हँसी में अनुकूलता और न ग़म को प्रकट करने के समय अनुकूलता, न हँसता अच्छा मा'लूम हो न रोता अच्छा मा'लूम हो

मैं न समझूँ तो भला क्या कोई समझाए मुझे

ज़िद्दी आदमी के मुताल्लिक़ कहते हैं, आदमी ख़ुद ना समझना चाहे तो कोई नहीं समझा सकता

अकेला हँसता भला न रोता

अकेले कोई काम करना अच्छा नहीं

बुरे की बुराई में न भले की भलाई में

सब से आज़ाद

गूँगी जोरू भली, गूँगा नाड़ियल न भला

गूँगी पत्नी अच्छी है परंतु वो हुक़्क़ा नहीं अच्छा जिस में से गुड़गुड़ की आवाज़ न निकले, अर्थात किसी काम का नहीं

भला मानस घर में नियो चला, रज़ाले ने समझा मुझ से डरा

लुच्चा व्यक्ति शराफ़त को कमज़ोरी समझता है, कमीने के साथ कमीना-पन से पेश आना आवश्यक है

भला जो चाहे आप का देना न रखे बाप का

उधार की निंदा है अपनी भलाई चाहते हो तो बाप का भी ऋण भुगतान करो

सब से भले मूसल चंद , करें न खेती भरे न डंड

चोर और क़ज़्ज़ाक़ सब से अच्छे, ना कोई काम करते हैं ना महसूल देते हैं , तंज़न मुस्तामल

भला मानस नियो चला, रज़ाले ने जाना मुझ से डरा

लुच्चा व्यक्ति शराफ़त को कमज़ोरी समझता है, कमीने के साथ कमीना-पन से पेश आना आवश्यक है

दिन भले ही न हो जाएँ या फिर भी न जाएँ

अगर काम हो जाये तो नसीबा ही ना जाग जाये

याद भली भगवान की और भली न को, राजा की कर चाकरी जो परजा ताबे' हो

ईश्वर की याद सब से बेहतर है इस से बेहतर और कुछ नहीं

बुरा करे नाई बामना भुला करे मेरे भाग

काम इन जाये तो फ़ायदा का ना बने तो नौकर के सर , बुराई दूसरे के ज़िम्मे भलाई अपने ज़िम्मे

छुरी भली न कटारी

परेशानी हर किसी की एक जैसी होती है, छोटी हो या बड़ी

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में सितम के अर्थदेखिए

सितम

sitamسِتَم

स्रोत: फ़ारसी

वज़्न : 12

सितम के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • सितम्, अत्याचार, ज़ुल्म, कष्ट पहुंचाना, अन्धेर
  • ज़ुलम, बे इंसाफ़ी, अंधेर
  • ज़ुल्म, अत्याचार;निरीह व्यक्तियों से किया गया क्रूरतापूर्ण व्यवहार

शे'र

English meaning of sitam

Noun, Masculine

سِتَم کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مذکر

  • ظلم
  • بے انصافی، اندھیر
  • غضب، قیامت

Urdu meaning of sitam

  • Roman
  • Urdu

  • zulam
  • be insaafii, andher
  • Gazab, qiyaamat

सितम के विलोम शब्द

खोजे गए शब्द से संबंधित

धरा भूले लिखा न भूले

क़िस्मत का लिखा हो के रहता है

लेता भूले न देता भूले

नक़द बिक्री की तारीफ़ में कहते हैं

लेता भूले न देता

۔نقد بکری کی تعریف میں بولا کرتے ہیں کیوں کہ ادھار لینے دینے کو طرفین سے کوئی بھول ہوجایا کرتا ہے۔

भूले से भी नाम न लेना

भूल कर भी याद न करना , नफ़रत , अदावत, बे पराओई ज़ाहिर करने के मौक़ा पर कहते हैं

उस दिन भूलें चौकड़ी, वली, नबी और पीर, लेखा होवे जिन दिनाँ, क़ादिर पाक क़दीर

क़यामत या प्रलय के दिन जब ईश्वर हिसाब करेगा तो वली, संत, नबी, पीर सब चिंतित या परेशान होंगे

उस दिन भूलें चौकड़ी, वली, नबी और पीर, लेखा लेवे जिस दिना, क़ादिर पाक क़दीर

क़यामत या प्रलय के दिन जब ईश्वर हिसाब करेगा तो वली, संत, नबी, पीर सब चिंतित या परेशान होंगे

वही भला है मेरे लेखे हक़ नाहक़ को जो नर देखे

मेरे नज़दीक वो बड़ा आदमी है जो इंसाफ़ करे और बे इंसाफ़ी ना करे

टायर भला न लांगड़ा, रूख भला न झांगड़ा

लंगड़ी घोड़ी और कटीला पेड़ दोनों अच्छे नहीं होते

सूई जहाँ न जाए वहाँ भाला घुसेड़ते हैं

जहाँ थोड़ी चीज़ की संभावना नहीं वहाँ अधिक डालते हैं

जहाँ न जाए सूई वहाँ भाला घुसेड़ते हैं

जहाँ थोड़ी चीज़ की संभावना नहीं वहाँ अधिक डालते हैं

देखा न भाला सदक़े गईं ख़ाला

बिना देखे ही किसी की सुनी सुनाई या मात्र कथन के आधार पर किसी की प्रशंसा करना, झूठ मूठ का प्यार जताने वालों पर व्यंग्य के रुप में प्रयुक्त

न देखा न भाला सदक़ी गईं ख़ाला

दिखावे की मुहब्बत

अपने सूई न जाने दो, दूसरे के भाले घुसेड़ दो

स्वयं थोड़ी पीड़ा भी गवारा नहीं दूसरे पर बड़ी बड़ी विपत्तियाँ ढाई जाती हैं

गँवार गन्ना न दे भेली दे

मूर्ख साधारण से व्यय में कंजूसी कर के हानि उठाता है, मूर्ख थोड़ा नहीं देता, बहुत दे देता है, ऐसे अवसर पर बोलते हैं जब कोई व्यक्ति किसी साधारण व्यय में कंजूसी करे और बड़े ख़र्च के लिए तैयार रहे

बावा भला न भय्या सब से बड़ा रूपय्या

रूपये का महत्त्व संसार में सभी चीज़ों से बढ़ कर है

बावा भला न भय्या सब से बड़ा रूपय्या

रूपये का महत्त्व संसार में सभी चीज़ों से बढ़ कर है

चंदन की चुटकी भली , न गाड़ी भर अनाज कबाड़

थोड़ी सी अच्छी चीज़, ज़्यादा ख़राब चीज़ से बेहतर होती है

न देखा न भाला सदक़ी गई ख़ाला

दिखावे की मुहब्बत

देखा न भाला सदक़े गई ख़ाला

बिना देखे ही किसी की सुनी सुनाई या मात्र कथन के आधार पर किसी की प्रशंसा करना

हड़काया भला , परकाया न भला

दीवाना उस शख़्स से बेहतर है जिस की बेइज़्ज़ती की गई हो ऐसा शख़्स सख़्त जानी दुश्मन होता है

साँसा भला न साँस का और बान भला न काँस का

चिंता थोड़ी देर की भी बड़ी होती है, मन की सेहत के लिए अच्छी नहीं होती

भला मानस घर में बड़ा चला, रज़ाले ने समझा मुझ से डरा

लुच्चा व्यक्ति शराफ़त को कमज़ोरी समझता है, कमीने के साथ कमीना-पन से पेश आना आवश्यक है

सब से भले हम, न रहे की शादी न गए का ग़म

निश्चिंत आज़ाद व्यक्ति को न किसी की ख़ुशी न दुख या चिंता, वह हर चीज़ से निस्पृह होता है

अपने सूई न जाने दो, दूसरे के भाले कोंचो

स्वयं थोड़ी पीड़ा भी गवारा नहीं दूसरे पर बड़ी बड़ी विपत्तियाँ ढाई जाती हैं

मरना भला बदेस का जहाँ न अपना कोई

परदेस में मरना बेहतर है कि वहां कोई अपना नहीं होता जो अफ़सोस करे

बावा भला न भैया, सब से भला रुपैया

व्यंगात्मक तौर पर पैसे की प्रशंसा में कहते हैं

देना भला न बाप का बेटी भली न एक, चलन भला न कोस का जो साईं राखे टेक

चाहे पुत्री एक ही हो देना अथवा ऋण चाहे पिता ही का हो एवं सफ़र चाहे एक ही मील का हो तीनों बुरे

आगे नाथ न पीछे पगहा सबसे भला धोबी का गदहा

जिसके आगे-पीछे कोई न हो, जिसका अपना कोई न हो, असहाय, लावारिस, अकेला

चंदन की चुटकी भली , गाड़ी भरा न काठ

थोड़ी अच्छी चीज़ बह सी ख़राब से बेहतर है

साझा भला न बाप का और ताव भला न ताप का

साझा चाहे अपने बाप का ही क्यों न हो अच्छा नहीं होता और ताव (गर्मी या रोब) चाहे बुख़ार का ही क्यों न हो वो भी भला नहीं, अर्थात न तो किसी का साझा करें और न किसी का ताव सहें

सबसे भला खसोटा, न जाने नफ़' न जाने टोटा

क़ज़्ज़ाक़ को किसी के नफ़ा नुक़्सान की पर्वा नहीं होती

सबसे भला घसोटा, न जाने नफ़' न जाने टोटा

क़ज़्ज़ाक़ को किसी के नफ़ा नुक़्सान की पर्वा नहीं होती

अलिफ़ के नाम भाला न जानना

अनपढ़ या जाहिल होना, बिल्कुल जानकारी न होना

सब से भला खसोटा न नफ़ा' जाने न टूटा

डाकू और लुटेरे को न किसी के नफ़ा की परवाह न किसी के नुक़्सान से ग़रज़

देना भला न बाप का, बेटी भली न ऐक

चाहे पुत्री एक ही हो देना अथवा ऋण चाहे पिता ही का हो एवं सफ़र चाहे एक ही मील का हो तीनों बुरे

साधू जन रम्ते भले वाक न लागे को

साधूओ कि हमेशा फिरते रहना चाहिए ताकि इस पर किसी किस्म का इलज़ाम ना आए

माँ पिसनहारी भली, बाप हफ़्त हज़ारी न भला

माँ का प्रेम बाप से अधिक होता है

बाप भला न भैया, सब से भला रुपैया

व्यंगात्मक तौर पर पैसे की प्रशंसा में कहते हैं

मँगबू भलो न बाप से जो ईशर राखे टेक

अगर ख़ुदा ताला पनाह (तौफ़ीक़) दे तो बाप से भी कुछ माँगना ना चाहिए

न एक हँसता भला न एक रोता भला

न एक हँसता भला न एक रोता भला

अकेले कोई काम करना अच्छा नहीं

न एक हँसता भला न एक रोता भला

अकेले कोई काम करना अच्छा नहीं

न एक हँसता भला न एक रोता भला

भूका भले मानस और पेट भरे गँवार से न बोले

ये दोनों उन हालतों में बेबाक और मग़लूब-उल-ग़ज़ब होते हैं

देखे न भाले

अज्ञात, नया, अपरिचित, अनजान, नया, नावाक़िफ़

देखा न भाला

जान न पहचान, बिना अच्छे बुरे की भेद किए हुए, बिना सोचे समझे

अकेला न रोता भला न हँसता

जब तक दो चार व्यक्ति उपस्थित न हों, किसी खुशी या ग़म के उत्सव में सम्मिलित न हों आनंद नहीं आता

हँसता भला न रोता

न हँसी में अनुकूलता और न ग़म को प्रकट करने के समय अनुकूलता, न हँसता अच्छा मा'लूम हो न रोता अच्छा मा'लूम हो

मैं न समझूँ तो भला क्या कोई समझाए मुझे

ज़िद्दी आदमी के मुताल्लिक़ कहते हैं, आदमी ख़ुद ना समझना चाहे तो कोई नहीं समझा सकता

अकेला हँसता भला न रोता

अकेले कोई काम करना अच्छा नहीं

बुरे की बुराई में न भले की भलाई में

सब से आज़ाद

गूँगी जोरू भली, गूँगा नाड़ियल न भला

गूँगी पत्नी अच्छी है परंतु वो हुक़्क़ा नहीं अच्छा जिस में से गुड़गुड़ की आवाज़ न निकले, अर्थात किसी काम का नहीं

भला मानस घर में नियो चला, रज़ाले ने समझा मुझ से डरा

लुच्चा व्यक्ति शराफ़त को कमज़ोरी समझता है, कमीने के साथ कमीना-पन से पेश आना आवश्यक है

भला जो चाहे आप का देना न रखे बाप का

उधार की निंदा है अपनी भलाई चाहते हो तो बाप का भी ऋण भुगतान करो

सब से भले मूसल चंद , करें न खेती भरे न डंड

चोर और क़ज़्ज़ाक़ सब से अच्छे, ना कोई काम करते हैं ना महसूल देते हैं , तंज़न मुस्तामल

भला मानस नियो चला, रज़ाले ने जाना मुझ से डरा

लुच्चा व्यक्ति शराफ़त को कमज़ोरी समझता है, कमीने के साथ कमीना-पन से पेश आना आवश्यक है

दिन भले ही न हो जाएँ या फिर भी न जाएँ

अगर काम हो जाये तो नसीबा ही ना जाग जाये

याद भली भगवान की और भली न को, राजा की कर चाकरी जो परजा ताबे' हो

ईश्वर की याद सब से बेहतर है इस से बेहतर और कुछ नहीं

बुरा करे नाई बामना भुला करे मेरे भाग

काम इन जाये तो फ़ायदा का ना बने तो नौकर के सर , बुराई दूसरे के ज़िम्मे भलाई अपने ज़िम्मे

छुरी भली न कटारी

परेशानी हर किसी की एक जैसी होती है, छोटी हो या बड़ी

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

सुझाव दीजिए (सितम)

नाम

ई-मेल

प्रतिक्रिया

सितम

चित्र अपलोड कीजिएअधिक जानिए

नाम

ई-मेल

प्रदर्शित नाम

चित्र संलग्न कीजिए

चित्र चुनिए
(format .png, .jpg, .jpeg & max size 4MB and upto 4 images)

सूचनाएँ और जानकारी प्राप्त करने के लिए सदस्यता लें

सदस्य बनिए
बोलिए

Delete 44 saved words?

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा

Want to show word meaning

Do you really want to Show these meaning? This process cannot be undone