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तो-फिर

then, in that case/ condition

ता'फ़ीर

दूध छुड़ाने के ज़माने में माँ का बच्चे को कभी दूध पिलाना और कभी छोड़ देना ताकि धीरे धीरे उस की आदत छूट जाए

भादों से बचे तो फिर मिलेंगे

जीवित रहेंगे तो फिर भेंट होगी

मेहर करे तो फिर भरा दे

ख़ुदा मेहरबानी करे तो नुक़्सान के बाद देता है

अपना मारेगा तो फिर छाँव में बिठाएगा

अपने फिर अपने होते हैं, दूसरों की अपेक्षा अपनों का आसरा लेना बेहतर है चाहे निर्दयी हों

लीपा लीपा फिर देखा तो हाथ ही काले

मेहनत की और कुछ फल ना पाया

ख़ंजर तले तक दम लिया तो फिर क्या

मुसीबतों में थोड़ा सा आराम मिला तो कौन सी बड़ी बात है

अपनी तो ख़बर लो फिर दूसरे की कहना

दूसरों पर आपत्ति जताने से पहले अपने दोषों पर भी गौर करना जरूरी है

चुड़ैल पर दिल आ गया तो फिर परी क्या है

जिस पर आदमी 'आशिक़ हो वो कुरूप भी हो तो सुंदर लगता है

कौड़ी न हो तो कौड़ी के फिर तीन-तीन

निर्धन आदमी को कोई नहीं पूछता, अपने पास पैसा न हो तो अपना कोई मोल या महत्त्व नहीं

लीपा पोती लीपा फिर देखा तो हाथ काले हैं

मेहनत की और कुछ फल ना पाया

ये किया तो फिर मुझ से बुरा कोई नहीं

चेतावनी के तौर पर कहते हैं कि अगर मैंने फलां काम किया तो मैं बहुत बुरा व्यवहार करूंगा और मुझे बहुत बुरा लगेगा और फिर मैं भी बदले में वैसा ही करूंगा

चुड़ैल पर दिल आ गया तो फिर परी क्या चीज़ है

जिस पर आदमी 'आशिक़ हो वो कुरूप भी हो तो सुंदर लगता है

कौड़ी न हो तो फिर कौड़ी के तीन-तीन हैं

निर्धन आदमी को कोई नहीं पूछता, अपने पास पैसा न हो तो अपना कोई मोल या महत्त्व नहीं

पहले तोलो फिर मुँह से बोलो

बात करने से पहले सोच लेना चाहिए

पहले लिख पीछे दे फिर भूले तो काग़ज़ से ले

۔مقولہ۔ لین دین میں لکھ لینے سے بھوٗل چوک نہیں ہوتی۔

चढ़ी कढ़ाई तेल न आया तो फिर कब आएगा

जब काम होने के समय न हुआ तो फिर कभी नहीं हो सकेगा

चढ़ी कड़ाही तेल न आया तो फिर कब आएगा

जब काम होने के समय न हुआ तो फिर कभी नहीं हो सकेगा

ता-फ़र्श

upto the earth

जब तीर छूट गया तो फिर कमान में नहीं आ सकता

जब कोई बात मुंह से निकल जाये तो वापिस आसकती

मेहमान और बुख़ार को अगर खाना न दो तो फि नहीं आते

फ़ाक़े से बुख़ार में फ़ायदा रहता है और मेहमान को खाना ना मिले तो बार बार नहीं आता

पहले तो नाक काट ली फिर ताश को रूमाल से पोछ्ने लगे

पहले तो ज़लील किया फिर इज़्ज़त करने लगे

आन से मारूँ , तान से मारूँ , फिर न मरे तो रान से मारूँ

बाज़ारी औरतें किसी ना किसी प्रकार मर्दों को जाल में फंसा कर के लूट ही लेती हैं, किसी ना किसी ढब से अपना काम निकालने और स्वार्थ पूरा करने के अवसर पर प्रयुक्त

हलवाई दीवाना होगा तो हिर फिर कर लड्डू अपनों ही को देगा

हर सूरत में अपनों को फ़ायदा पहुंचाने वाले के संबंध में कहते हैं

हलवाई दीवाना होगा तो हिर फिर कर लड्डू अपनों ही को मारेगा

हर सूरत में अपनों को फ़ायदा पहुँचाने वाले के संबंध में कहते हैं

जो आधी को छोड़ सारी को जावे तो फिर सारी मिले न आधी पावे

a bird in hand is worth two in the bush, it is better to accept something small than to reject it and hope to get more later on

जो आधी को छोड़ कर सारी को जावे तो फिर सारी मिले न आधी पावे

रुक : आधी को छोड़कर सारी को जावे सारी मए ना आधी पावे

जब भूक लगी भड़वे को तन्दूर की सूझी, और पेट भरा उस का तो फिर दूर की सूझी

जब भूख लगी हो तो खाने की तरफ़ ध्यान होता है परंतु जब पेट भर जाए तो शरारतें सूझती हैं

पी के पातन सर धरो धरो चरन पे सीस, बासा हो बैकुंठ में फिर तो बिसवा बीस

स्त्री बेटी को सदुपदेश देती है कि पति का कहा करना इस से स्वर्ग मिलेगा

अपने नैनाँ मुझे दे और तू घूम फिर के देख

अपनी चीज़ मुझे दे दे और स्वयं आश्रित हो जा

अपने नैनाँ मुझे दे और तू झुलाती फिर

अपनी चीज़ मुझे दे दे और स्वयं आश्रित हो जा

अपने नैनाँ मुझे दे और तू बहलाती फिर

अपनी चीज़ मुझे दे दे और स्वयं आश्रित हो जा

ख़ुदा देना है तो छप्पर फाड़ कर देता है

ख़ुदा किसी को नवाज़ना चाहे तो इस के ज़राए और सामान पैदा कर देता है, ख़ुदा की देन अस्बाब ज़ाहिरी पर मौक़ूफ़ नहीं, ख़ुदा का फ़ज़ल बेहिसाब है

ख़ुदा देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है

ईश्वर को जब देना होता है तो किसी न किसी बहाने देता ही है

ख़ुदा देता है तो छप्पर फाड़ के देता है

ईश्वर को जब देना होता है तो किसी न किसी बहाने देता ही है

जब ख़ुदा देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है

ख़ुदा बे वसीला रिज़्क पहुंचाता है,ऐसी नेअमत मिल जाना जिस के आसार वसाइल ज़ाहिर ना हूँ

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो छप्पर फाड़ कर नवाज़ता है

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

तुलसी ऐसे मित्र के कोट फाँद के जाए, आवत ही तो हंस मिले और चलत रहे मुरझाए

पहले मित्र को बड़ी रूचि से मिलना चाहिए जो हंसता हुआ मिले और जाता हुआ दुखी हो

तुलसी ऐसे मित्र को कूद-फाँद के जाए, आवत ही तो नहीं मिले और चलत रहे मुरझाए

पहले मित्र को बड़ी रूचि से मिलना चाहिए जो हंसता हुआ मिले और जाता हुआ दुखी हो

सन'अती-पहाड़

बनावटी पहाड़

फ़ुरू'आत

छोटे-छोटे भाग, शाख़ें

बै'अत-ए-फ़िर'औन

pledged to the pharaohs

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में सामने के अर्थदेखिए

सामने

saamneسامنے

वज़्न : 212

सामने के हिंदी अर्थ

संस्कृत, हिंदी - क्रिया-विशेषण, अव्यय

  • उपस्थिति में। आगे। समक्ष। जैसे-बड़ों के सामने ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। मुहा०-(किसी के) सामने करना, रखना या लाना = किसी के समक्ष उपस्थित करना। आगे करना, रखना या लाना। (स्त्रियों का किसी के सामने होना = परदा न करके समक्ष आना। जैसे-उनके घर की स्त्रियाँ किसी के सामने नहीं होती।
  • किसी के वर्तमान रहते हुए। जैसे-इस किताब के सामने उसे कौन पूछेगा।
  • मुक़ाबले पर
  • नज़दीक, पेश-ए-नज़र
  • मुक़ाबिल, रूबरू
  • मौजूदगी में, होते हुए
  • सम्मुख; आगे; सीधे
  • सीध में, सीधा
  • किसी की उपस्थिति में; समक्ष; मौजूदगी में

शे'र

English meaning of saamne

Sanskrit, Hindi - Adverb, Inexhaustible

  • opposite, before, in presence of
  • in front (of), before, in one's presence
  • facing, face to face
  • (of location) opposite, (situated) on the other side
  • compared to

سامنے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

سنسکرت، ہندی - فعل متعلق

  • مقابل، روبرو
  • سِیدھ میں، سِیدھا
  • مقابلے پر
  • موجودگی میں، ہوتے ہوئے
  • نزدیک، پیشِ نظر

Urdu meaning of saamne

  • Roman
  • Urdu

  • muqaabil, ruubaruu
  • siidh men, siidhaa
  • muqaable par
  • maujuudgii men, hote hu.e
  • nazdiik, pesh-e-nazar

सामने के पर्यायवाची शब्द

सामने के यौगिक शब्द

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तो-फिर

then, in that case/ condition

ता'फ़ीर

दूध छुड़ाने के ज़माने में माँ का बच्चे को कभी दूध पिलाना और कभी छोड़ देना ताकि धीरे धीरे उस की आदत छूट जाए

भादों से बचे तो फिर मिलेंगे

जीवित रहेंगे तो फिर भेंट होगी

मेहर करे तो फिर भरा दे

ख़ुदा मेहरबानी करे तो नुक़्सान के बाद देता है

अपना मारेगा तो फिर छाँव में बिठाएगा

अपने फिर अपने होते हैं, दूसरों की अपेक्षा अपनों का आसरा लेना बेहतर है चाहे निर्दयी हों

लीपा लीपा फिर देखा तो हाथ ही काले

मेहनत की और कुछ फल ना पाया

ख़ंजर तले तक दम लिया तो फिर क्या

मुसीबतों में थोड़ा सा आराम मिला तो कौन सी बड़ी बात है

अपनी तो ख़बर लो फिर दूसरे की कहना

दूसरों पर आपत्ति जताने से पहले अपने दोषों पर भी गौर करना जरूरी है

चुड़ैल पर दिल आ गया तो फिर परी क्या है

जिस पर आदमी 'आशिक़ हो वो कुरूप भी हो तो सुंदर लगता है

कौड़ी न हो तो कौड़ी के फिर तीन-तीन

निर्धन आदमी को कोई नहीं पूछता, अपने पास पैसा न हो तो अपना कोई मोल या महत्त्व नहीं

लीपा पोती लीपा फिर देखा तो हाथ काले हैं

मेहनत की और कुछ फल ना पाया

ये किया तो फिर मुझ से बुरा कोई नहीं

चेतावनी के तौर पर कहते हैं कि अगर मैंने फलां काम किया तो मैं बहुत बुरा व्यवहार करूंगा और मुझे बहुत बुरा लगेगा और फिर मैं भी बदले में वैसा ही करूंगा

चुड़ैल पर दिल आ गया तो फिर परी क्या चीज़ है

जिस पर आदमी 'आशिक़ हो वो कुरूप भी हो तो सुंदर लगता है

कौड़ी न हो तो फिर कौड़ी के तीन-तीन हैं

निर्धन आदमी को कोई नहीं पूछता, अपने पास पैसा न हो तो अपना कोई मोल या महत्त्व नहीं

पहले तोलो फिर मुँह से बोलो

बात करने से पहले सोच लेना चाहिए

पहले लिख पीछे दे फिर भूले तो काग़ज़ से ले

۔مقولہ۔ لین دین میں لکھ لینے سے بھوٗل چوک نہیں ہوتی۔

चढ़ी कढ़ाई तेल न आया तो फिर कब आएगा

जब काम होने के समय न हुआ तो फिर कभी नहीं हो सकेगा

चढ़ी कड़ाही तेल न आया तो फिर कब आएगा

जब काम होने के समय न हुआ तो फिर कभी नहीं हो सकेगा

ता-फ़र्श

upto the earth

जब तीर छूट गया तो फिर कमान में नहीं आ सकता

जब कोई बात मुंह से निकल जाये तो वापिस आसकती

मेहमान और बुख़ार को अगर खाना न दो तो फि नहीं आते

फ़ाक़े से बुख़ार में फ़ायदा रहता है और मेहमान को खाना ना मिले तो बार बार नहीं आता

पहले तो नाक काट ली फिर ताश को रूमाल से पोछ्ने लगे

पहले तो ज़लील किया फिर इज़्ज़त करने लगे

आन से मारूँ , तान से मारूँ , फिर न मरे तो रान से मारूँ

बाज़ारी औरतें किसी ना किसी प्रकार मर्दों को जाल में फंसा कर के लूट ही लेती हैं, किसी ना किसी ढब से अपना काम निकालने और स्वार्थ पूरा करने के अवसर पर प्रयुक्त

हलवाई दीवाना होगा तो हिर फिर कर लड्डू अपनों ही को देगा

हर सूरत में अपनों को फ़ायदा पहुंचाने वाले के संबंध में कहते हैं

हलवाई दीवाना होगा तो हिर फिर कर लड्डू अपनों ही को मारेगा

हर सूरत में अपनों को फ़ायदा पहुँचाने वाले के संबंध में कहते हैं

जो आधी को छोड़ सारी को जावे तो फिर सारी मिले न आधी पावे

a bird in hand is worth two in the bush, it is better to accept something small than to reject it and hope to get more later on

जो आधी को छोड़ कर सारी को जावे तो फिर सारी मिले न आधी पावे

रुक : आधी को छोड़कर सारी को जावे सारी मए ना आधी पावे

जब भूक लगी भड़वे को तन्दूर की सूझी, और पेट भरा उस का तो फिर दूर की सूझी

जब भूख लगी हो तो खाने की तरफ़ ध्यान होता है परंतु जब पेट भर जाए तो शरारतें सूझती हैं

पी के पातन सर धरो धरो चरन पे सीस, बासा हो बैकुंठ में फिर तो बिसवा बीस

स्त्री बेटी को सदुपदेश देती है कि पति का कहा करना इस से स्वर्ग मिलेगा

अपने नैनाँ मुझे दे और तू घूम फिर के देख

अपनी चीज़ मुझे दे दे और स्वयं आश्रित हो जा

अपने नैनाँ मुझे दे और तू झुलाती फिर

अपनी चीज़ मुझे दे दे और स्वयं आश्रित हो जा

अपने नैनाँ मुझे दे और तू बहलाती फिर

अपनी चीज़ मुझे दे दे और स्वयं आश्रित हो जा

ख़ुदा देना है तो छप्पर फाड़ कर देता है

ख़ुदा किसी को नवाज़ना चाहे तो इस के ज़राए और सामान पैदा कर देता है, ख़ुदा की देन अस्बाब ज़ाहिरी पर मौक़ूफ़ नहीं, ख़ुदा का फ़ज़ल बेहिसाब है

ख़ुदा देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है

ईश्वर को जब देना होता है तो किसी न किसी बहाने देता ही है

ख़ुदा देता है तो छप्पर फाड़ के देता है

ईश्वर को जब देना होता है तो किसी न किसी बहाने देता ही है

जब ख़ुदा देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है

ख़ुदा बे वसीला रिज़्क पहुंचाता है,ऐसी नेअमत मिल जाना जिस के आसार वसाइल ज़ाहिर ना हूँ

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो छप्पर फाड़ कर नवाज़ता है

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

तुलसी ऐसे मित्र के कोट फाँद के जाए, आवत ही तो हंस मिले और चलत रहे मुरझाए

पहले मित्र को बड़ी रूचि से मिलना चाहिए जो हंसता हुआ मिले और जाता हुआ दुखी हो

तुलसी ऐसे मित्र को कूद-फाँद के जाए, आवत ही तो नहीं मिले और चलत रहे मुरझाए

पहले मित्र को बड़ी रूचि से मिलना चाहिए जो हंसता हुआ मिले और जाता हुआ दुखी हो

सन'अती-पहाड़

बनावटी पहाड़

फ़ुरू'आत

छोटे-छोटे भाग, शाख़ें

बै'अत-ए-फ़िर'औन

pledged to the pharaohs

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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