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क़ज़ा

किसी फ़र्ज़ या वाजिब इबादत को इस के मुक़र्ररा वक़्त के बाद अदा करना

क़ज़ाया

हुक्म, खबरें, झगड़े

क़ज़ा होना

रोज़े या नमाज़ का समय पर अदा न होना

क़ज़ा आई है

(गुस्से के महल पर) शामत आई है, मार खाओगे

क़ज़ा-लिल्लाह

क़ज़ा-नागहानी

क़ज़ा-गिरिफ़्ता

क़ज़ा अदा होना

क़ज़ा अदा करना (रुक) का लाज़िम

क़ज़ा लिखी होना

मौत का किसी ख़ास वक़्त या जगह में ख़ास तरह नविश्ता-ए-तक़दीर होना

क़ज़ात

क़ज़ा रा चे 'इलाज

मौत से बचना मुम्किन नहीं

क़ज़ा गुलू-गीर होना

मौत का वक़्त आना

क़ज़ा से

क़ज़ा भी कभी टलती है

क़ज़ा सर पर खेलती है

मरने का वक़्त क़रीब है, शामत आई है , (जब कोई ख़तरनाक काम करे तो कहते हैं)

क़ज़ा का फ़रिश्ता

मौत का दूत, मौत का फ़रिश्ता

क़ज़ा-दम

जिसकी धार मौत के समान हो अर्थात् अत्यधिक तेज़ (तलवार आदि)

क़ज़ावत

फ़ैसला करना

क़ज़ा से चारा नहीं

मौत से कोई नहीं बचता

क़ज़ा-ए-इलाही

क़ज़ा दामन-गीर होना

मौत आना, मौत का पीछे पड़ना

क़ज़ा फड़फ़ड़ाती है

मौत क़रीब है

क़ज़ा आना

मौत आना, इंतिक़ाल होना

क़ज़ा सर पर सवार होना

मौत क़रीब आना, शामत आना

क़ज़ा-कार

क़ज़ा के तीर को ढाल की हाजत नहीं

मौत आती हो तो मनुष्य किसी भी तरह से बच नहीं सकता

क़ज़ा-'इंदल्लाह

क़ज़ा करना

रोज़े या नमाज़ का वक़्त पर अदा न करना

क़ज़ा-ओ-क़दर के कान बहरे

ख़ुदा ना करे, दुश्मन के कान बहरे, किसी ख़दशे के इज़हार पर टोटके के तौर पर कहते हैं

क़ज़ा कोई रोक नहीं सकता

मौत ज़रूर आएगी, मौत का कोई ईलाज नहीं

क़ज़ा-ए-नागहानी

क़ज़ा-ए-'उम्री

पूर्व में किसी भी समय छूटी हुई नमाज़ों के लिए प्रतिपूरक नमाज़ पढ़ना

क़ज़ा टलना

मरने से बच जाना, मरते-मरते बचना

क़ज़ा-नमाज़

वह नमाज़ जिसका वक़्त गुज़र गया हो, छूटी हुई नमाज़

क़ज़ा-मुबरम

क़ज़ा सर पर खड़ी होना

मौत का वक़्त नज़दीक होना, मरने के क़रीब होना

क़ज़ा-ए-शहवत

काम इच्छाओं की पूर्ति, यौन इच्छाओं का पूरा होना

क़ज़ा भरना

रहा हुआ फ़र्ज़ पूरा करना, क़ज़ा अदा करना

क़ज़ा-ए-इलाही से

क़ज़ा-ए-मु'अल्लक़

वह मृत्यु जो प्रार्थना या दवा या किसी अन्य माध्यम से टल जाए

क़ज़ा-ओ-क़द्र

क़ज़ा पढ़ना

समय पर न पढ़ी हुई नमाज़ पढ़ना, छोड़ी हुई नमाज़ पढ़ना

क़ज़ा-ए-इलाही से मरना

अपनी मौत से मरना, प्राकृतिक मौत मरना, अपने वक़्त पर मरना

क़ज़ा का मारा

क़ज़ा से मरना

अपनी मौत मरना

क़ज़ा का सामना

मृत्यु का सामना, अत्यधिक परेशानी एवं बेचैनी का स्थान

क़ज़ा का पैग़ाम

मौत आने का आसार, मृत्यु होने की संभावना

क़ज़ा अदा करना

निर्धारित समय पर न की हुई उपासना को किसी दूसरे समय पर करना, मुक़र्ररा वक़्त पर की हुई इबादत का किसी वक़्त करना, फ़र्ज़ या वाजिब नमाज़ वक़्त गुज़रने के बाद पढ़ना

क़ज़ा सर पर आना

मौत क़रीब आना, शामत आना

क़ज़ा-ए-कार

दे. 'कज़ारा'।।

क़ज़ा का घेर लाना

वहाँ जाना जहाँ किसी की मौत तय हो

क़ज़ा सर पर खेलना

मौत क़रीब आना, शामत आना

क़ज़ा-ए-ख़ुदा

क़ज़ा का दुकान खोलना

बहुत लोगों का मरना

क़ज़ा-ए-हाजत

शौचकर्म, पाखाना, आकस्मिक आवश्यकता

क़ज़ा का खींच कर लाना

वतन से दूर परदेस में जा कर इंतिक़ाल करने के मौक़ा पर कहते हैं

क़ज़ा का सर पर पुकारना

मौत का क़रीब आना, शामत आना

क़ज़ा के मुँह में जाना

ख़तरनाक जगह या काम के लिए जाना

क़ज़ा के आगे हकीम अहमक़

मौत आए तो वैद्य से ग़लती हो जाती है

क़ज़ा का कशाँ-कशाँ लाना

वहाँ जाना जहाँ किसी की मौत तय हो

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में क़िस्मत के लिखे को कोई नहीं मिटा सकता के अर्थदेखिए

क़िस्मत के लिखे को कोई नहीं मिटा सकता

qismat ke likhe ko ko.ii nahii.n miTaa saktaaقِسْمَت کے لِکھے کو کوئی نَہیں مٹا سَکْتا

अथवा : क़िस्मत के लिखे को कोई नहीं मेट सकता

कहावत

क़िस्मत के लिखे को कोई नहीं मिटा सकता के हिंदी अर्थ

  • भाग्य का लिखा पूरा हो कर रहता है, भाग्य कोई नहीं बदल सकता
  • ग़म में सांत्वना देने के लिए कहते हैं

Roman

قِسْمَت کے لِکھے کو کوئی نَہیں مٹا سَکْتا کے اردو معانی

  • قسمت کا لکھا پورا ہو کر رہتا ہے، قسمت کوئی نہیں بدل سکتا
  • غم میں ڈھارس بندھانے کے کہتے ہیں

Urdu meaning of qismat ke likhe ko ko.ii nahii.n miTaa saktaa

  • qismat ka likhaa puura ho kar rahtaa hai, qismat ko.ii nahii.n badal saktaa
  • Gam me.n Dhaaras ba.ndhaane ke kahte hai.n

खोजे गए शब्द से संबंधित

क़ज़ा

किसी फ़र्ज़ या वाजिब इबादत को इस के मुक़र्ररा वक़्त के बाद अदा करना

क़ज़ाया

हुक्म, खबरें, झगड़े

क़ज़ा होना

रोज़े या नमाज़ का समय पर अदा न होना

क़ज़ा आई है

(गुस्से के महल पर) शामत आई है, मार खाओगे

क़ज़ा-लिल्लाह

क़ज़ा-नागहानी

क़ज़ा-गिरिफ़्ता

क़ज़ा अदा होना

क़ज़ा अदा करना (रुक) का लाज़िम

क़ज़ा लिखी होना

मौत का किसी ख़ास वक़्त या जगह में ख़ास तरह नविश्ता-ए-तक़दीर होना

क़ज़ात

क़ज़ा रा चे 'इलाज

मौत से बचना मुम्किन नहीं

क़ज़ा गुलू-गीर होना

मौत का वक़्त आना

क़ज़ा से

क़ज़ा भी कभी टलती है

क़ज़ा सर पर खेलती है

मरने का वक़्त क़रीब है, शामत आई है , (जब कोई ख़तरनाक काम करे तो कहते हैं)

क़ज़ा का फ़रिश्ता

मौत का दूत, मौत का फ़रिश्ता

क़ज़ा-दम

जिसकी धार मौत के समान हो अर्थात् अत्यधिक तेज़ (तलवार आदि)

क़ज़ावत

फ़ैसला करना

क़ज़ा से चारा नहीं

मौत से कोई नहीं बचता

क़ज़ा-ए-इलाही

क़ज़ा दामन-गीर होना

मौत आना, मौत का पीछे पड़ना

क़ज़ा फड़फ़ड़ाती है

मौत क़रीब है

क़ज़ा आना

मौत आना, इंतिक़ाल होना

क़ज़ा सर पर सवार होना

मौत क़रीब आना, शामत आना

क़ज़ा-कार

क़ज़ा के तीर को ढाल की हाजत नहीं

मौत आती हो तो मनुष्य किसी भी तरह से बच नहीं सकता

क़ज़ा-'इंदल्लाह

क़ज़ा करना

रोज़े या नमाज़ का वक़्त पर अदा न करना

क़ज़ा-ओ-क़दर के कान बहरे

ख़ुदा ना करे, दुश्मन के कान बहरे, किसी ख़दशे के इज़हार पर टोटके के तौर पर कहते हैं

क़ज़ा कोई रोक नहीं सकता

मौत ज़रूर आएगी, मौत का कोई ईलाज नहीं

क़ज़ा-ए-नागहानी

क़ज़ा-ए-'उम्री

पूर्व में किसी भी समय छूटी हुई नमाज़ों के लिए प्रतिपूरक नमाज़ पढ़ना

क़ज़ा टलना

मरने से बच जाना, मरते-मरते बचना

क़ज़ा-नमाज़

वह नमाज़ जिसका वक़्त गुज़र गया हो, छूटी हुई नमाज़

क़ज़ा-मुबरम

क़ज़ा सर पर खड़ी होना

मौत का वक़्त नज़दीक होना, मरने के क़रीब होना

क़ज़ा-ए-शहवत

काम इच्छाओं की पूर्ति, यौन इच्छाओं का पूरा होना

क़ज़ा भरना

रहा हुआ फ़र्ज़ पूरा करना, क़ज़ा अदा करना

क़ज़ा-ए-इलाही से

क़ज़ा-ए-मु'अल्लक़

वह मृत्यु जो प्रार्थना या दवा या किसी अन्य माध्यम से टल जाए

क़ज़ा-ओ-क़द्र

क़ज़ा पढ़ना

समय पर न पढ़ी हुई नमाज़ पढ़ना, छोड़ी हुई नमाज़ पढ़ना

क़ज़ा-ए-इलाही से मरना

अपनी मौत से मरना, प्राकृतिक मौत मरना, अपने वक़्त पर मरना

क़ज़ा का मारा

क़ज़ा से मरना

अपनी मौत मरना

क़ज़ा का सामना

मृत्यु का सामना, अत्यधिक परेशानी एवं बेचैनी का स्थान

क़ज़ा का पैग़ाम

मौत आने का आसार, मृत्यु होने की संभावना

क़ज़ा अदा करना

निर्धारित समय पर न की हुई उपासना को किसी दूसरे समय पर करना, मुक़र्ररा वक़्त पर की हुई इबादत का किसी वक़्त करना, फ़र्ज़ या वाजिब नमाज़ वक़्त गुज़रने के बाद पढ़ना

क़ज़ा सर पर आना

मौत क़रीब आना, शामत आना

क़ज़ा-ए-कार

दे. 'कज़ारा'।।

क़ज़ा का घेर लाना

वहाँ जाना जहाँ किसी की मौत तय हो

क़ज़ा सर पर खेलना

मौत क़रीब आना, शामत आना

क़ज़ा-ए-ख़ुदा

क़ज़ा का दुकान खोलना

बहुत लोगों का मरना

क़ज़ा-ए-हाजत

शौचकर्म, पाखाना, आकस्मिक आवश्यकता

क़ज़ा का खींच कर लाना

वतन से दूर परदेस में जा कर इंतिक़ाल करने के मौक़ा पर कहते हैं

क़ज़ा का सर पर पुकारना

मौत का क़रीब आना, शामत आना

क़ज़ा के मुँह में जाना

ख़तरनाक जगह या काम के लिए जाना

क़ज़ा के आगे हकीम अहमक़

मौत आए तो वैद्य से ग़लती हो जाती है

क़ज़ा का कशाँ-कशाँ लाना

वहाँ जाना जहाँ किसी की मौत तय हो

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