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क़साई

क़साब, ज़बह या हलाल करके गोश्त बेचने वाला, क़साई, मांस विक्रेता

क़साई-पन

कठोरता, निर्ममता, निष्ठुरता, निर्दयता

क़साई-बाड़ा

क़साई वाड़ा, कसाइयों का मुहल्ला

क़साई-वाड़ा

رک قصائی باڑا، قصائی واڑا

क़साई का कुत्ता

(लाक्षणिक) हष्ट पुष्ट व्यक्ति, खाया पिया इंसान, मोटा ताज़ा आदमी

क़साई का पिल्ला

(مجازاً) بطور طنز فربہ اور موٹا تازہ آدمی جو قسائی کے بلے کی طرح مفت کا مال کھا کھا کر پلا اور موٹا تازہ ہوا ہو

क़साई के पाले पड़ना

ज़ालिम के क़ाबू में आ जाना, अत्याचारी से सामना होना

क़साई की नज़र देखना

ग़ुस्से की नज़र से देखना, ग़ुस्से से देखना; दुश्मन की आँख देखना, दुश्मन और ज़ालिम की तरह देखना, डाँटते रहना, कोसते रहना

क़साई की नज़र देखना

क़हर की निगाह से देखना, डाँटना

क़साई के खूँटे से बँधना

कसाई के हवाले होना , ज़ालिम के पाले पड़ना

क़साई के भरोसे शिकरा पालना

दूसरे की मदद की उम्मीद पर कोई काम करना

क़साई के खूँटे से बँधना

कसाई के हवाले होना , ज़ालिम के पाले पड़ना

क़साई के खूँटे से बाँधना

क्रूर, बुरे स्वभाव वाले तथा दुराचारी पुरुष से लड़की का विवाह कर देना, किसी को भयानक स्थान पर डाल देना

क़साई के खूँटे से बकरी बाँधना

बेरहम बदमिज़ाज आदमी के साथ लड़की ब्याह देना , किसी ग़रीब को ख़ौफ़नाक जगह पर डाल देना, मोहलिक जगह और जान जोखों के मौक़ा पर डाल देना

क़साई की घास को कटड़ा खा जाए

ज़बरदस्त की चीज़ को कोई हाथ नहीं लगाता वो इसी के गुज़ारे के काम आती है, जाये ताज्जुब और अमर मुहाल है कि ज़बरदस्त के माल पर ज़ेर दस्त क़ाबिज़ होजाए, मुम्किन नहीं कि ज़ोरावर की चीज़ को कोई ले ले

क़साई की घाँस को कटड़ा खा जाए

संभव नहीं जो हमारा नुक़्सान हो सके, कमज़ोर ताक़तवर का क्या कर सकता है

क़साई की बेटी दस बरस में बेटा जनती है

ज़बरदस्त का काम जल्द होता है, जिस तरह कसाई की बेटी ख़ूब गोश्त खा कर जल्द बालिग़ा होजाती है इसी तरह अमीर और दौलतमंद की बेटी जल्द जवान होजाती है

क़साई की बेटी दस बरस की बिटिया जनती है

ज़बरदस्त का काम जल्द हो जाता है

क़साई का बच्चा कभी न सच्चा जो सच्चा सो कच्चा

कसाई की बात का एतबार नहीं ये दोस्त को सब से बुरा माल देता है

क़साई का बच्चा कभी न सच्चा जो सच्चा सो हरामी कच्चा

कसाई की बात का एतबार नहीं ये दोस्त को सब से बुरा माल देता है

क़साई का बच्चा कभी न सच्चा जो सच्चा सो हरामी बच्चा

कसाई की बात का एतबार नहीं ये दोस्त को सब से बुरा माल देता है

क़लम-क़साई

अदालत में लिपिक, सरकारी मुंशी

कुंजड़े-क़साई

(संकेतात्मक) निम्न श्रेणी के लोग, घटिया लोग, जनता

कुंजड़े-क़साई

رک : کنجڑے قصائی صحیح املا ہے

दया बिन संत क़साई

यदि हृदय में करूणा नहीं तो संत भी क़साई के समान है

नया मुसलमान क़साई की दूकान

जब कोई नया मुस्लमान बनता है तो ज़ाहिर में बड़ा कटड़ होता है , नया मज़हब इख़तियार करने वाला ज़रूरत से ज़्यादा जोश-ओ-ख़ुरोश दिखाता है

नया मुसलमान क़साई की दूकान

नया मज़हब इख़तियार करने वाला ज़रूरत से ज़्यादा जोश-ओ-ख़ुरोश दिखाता है

हल्वाई के जाई सोवे साथ क़साई

ख़ानदानी आदमी ज़लील और बेइज़्ज़ती का काम करे तो कहते हैं

कुंजड़े की अगाड़ी, क़साई की पिछाड़ी

कबड़ीए के यहां जब सब्ज़ी ख़रीदे तो होशयारी यही है कि पहले ख़रीदे इस लिए कि कबड़या पहले साफ़ सब्ज़ी बेचता है और आख़िर में ख़राब माल फ़रोख़त करता है और कसाई के यहां जब गोश्त ख़रीदे तो आख़िर में इस लिए कि कसाई इबतिदा में ख़राब माल बेचता है और आख़िर में अच्छा माल फ़रोख़त करता है

मुँह पर भाई, दिल में क़साई

सामने कुछ, पीठ पीछे कुछ, ज़बान पर भलाई की बातें लेकिन दिल में बुराई, मुनाफ़क़त के इज़हार के लिए मुस्तामल

कुंजड़े की अगाड़ी , क़साई की पछाड़ी

तरकारी अव्वल वक़्त और गोश्त आख़िर वक़्त अच्छा मिलता है

बे दरद क़साई क्या जाने पीर पराई

सख़्त दिल आदमी दूसरे की तलीफ़ महसूस नहीं करसकता

कुंजड़न की अगाड़ी मारे क़साई की पिछाड़ी

कुंजड़न के हाँ प्रथम समय तरकारी ताज़ी होती है कसाई के हाँ पिछले समय गोश्त अच्छा होता है

कलवार की अगाड़ी और क़साई की पिछाड़ी

शराब शुरू में खरीदनी चाहिए और गोश्त आख़िर में

कल्वारी की अगाड़ी और क़साई की पिछाड़ी

मदिरा पहले और मांस अंत में ख़रीदना चाहिए

भैंसा भैंसों में या क़साई के खूँटे

मु'आमले का एक तरफ़ होना, या आश्य प्राप्त करेंगे या जान देंगे

कुंज्ड़न (कुंज्ड़े) की अगाड़ी (मारे) क़साई की पिछाड़ी

अगर आप अच्छी चीज़ ख़रीदना चाहते हैं तो तरकारी पहले और गोश्त आख़िर वक़्त में खरीदें

देखिए क़साई की नज़र और खिलाइए सोने का निवाला

संतान को प्रत्यक्षत: क्रोध की दृष्टि से देखना चाहिए एवं खाने को अच्छे से अच्छा देना चाहिए

या भैंसा में या क़साई के खूंटे पर

या कामयाब हुए या जान गई, ये काम करना ज़रूरी है चाहे मुआमला उधर हो या उधर, तख़्त या तख़्ता, बात एक तरफ़ होगी, भैंसा बैल की तरह काम नहीं देता सौ उमूमन उसे मार डालते हैं, या नतीजा काम का नेक होगा या बद होगा

या भैंसों में या क़साई के खूंटे पर

या सफल हुए या जान गई, ये काम करना आवश्यक है चाहे मामला इधर हो या उधर, तख़्त या तख़्ता, बात एक तरफ़ होगी, भैंसा बैल की तरह काम नहीं देता सो सामान्यतया उसे मार डालते हैं, या नतीजा काम का भला होगा या बुरा होगा

सोने का निवाला खिलाना क़साई की नज़र देखना

नाज़ बर्दारी करना मगर हद से ना गुज़रने देना, मेहरबानी करना मगर रोब क़ायम रखना, लाड प्यार करना मगर गुसताख़ ना होने देना, हर तरह के ऐश-ओ-आराम के साथ तर्बीयत करना

या भैंसा में या क़साई के खूंटे में

या कामयाब हुए या जान गई, ये काम करना ज़रूरी है चाहे मुआमला उधर हो या उधर, तख़्त या तख़्ता, बात एक तरफ़ होगी, भैंसा बैल की तरह काम नहीं देता सौ उमूमन उसे मार डालते हैं, या नतीजा काम का नेक होगा या बद होगा

ऊपर से राम राम, भीतर क़साई का काम

देखने में बड़ा भला परंतु करतूतें बहुत बुरी, दिखावे में दयालु भीतर से निर्दयी, दिखावे में बहुत संयमी परंतु वास्तव में बहुत क्रूर कपटी और धूर्त

जिस के दिल में रहम नहीं वो क़साई है

निर्दयी आदमी क़साई के बराबर होता है

भैंसा भैंसों में मिले या क़साई के बंधे गले

रुक : भैंसा भैंसों में या कसाई के खूंटे

ठग न देखे देखे क़साई, शेर न देखे देखे बिलाई

यदि तुम ने ठग नहीं देखा तो क़साई को देख लो और यदि शेर नहीं देखा तो बिल्ली को देख लो

नाई दाई , धोबी , बेद , क़साई उन का सू तक कभी न जाई

ये चारों हमेशा से कसीफ़ तबीयत होते हैं, ये चारों हमेशा नापाक रहते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में क़साई के अर्थदेखिए

क़साई

qasaa.iiقَصائی

अथवा : क़साई

स्रोत: अरबी

वज़्न : 122

क़साई के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • क़साब, ज़बह या हलाल करके गोश्त बेचने वाला, क़साई, मांस विक्रेता
  • वह जो पशुओं आदि की हत्या करके उनका मांस बेचने का व्यवसाय करता हो
  • बेरहम, ज़ालिम, संगदिल, क्रूर व्यक्ति

विशेषण

  • (रूपकात्मक) परम निष्ठुर और निर्दय व्यक्ति, निर्दय, निष्ठुर, बेरहम
  • गोघातक, बूचड़, बधक

समान ध्वनि के मिलते-जुलते शब्द

कसाई (کَسائی)

कसने का काम, कसा जाना, कसने की मज़दूरी या उजरत

क़साई (قَصائی)

क़साब, ज़बह या हलाल करके गोश्त बेचने वाला, क़साई, मांस विक्रेता

शे'र

English meaning of qasaa.ii

Noun, Masculine

  • butcher, meat vendor
  • cruel person

Adjective

قَصائی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مذکر

  • بے رحم، ظالم، سنگ دل
  • قصّاب، ذبح یا حلال کرکے گوشت بیچنے والا، گوشت فروش، صحیح لفظ ـ ص ۔ سے قصائی ہے
  • گوشت کاٹنے والا، قصائی، بوچڑ، گوشت بیچنے والا

صفت

  • (مجازاً) ظالم، بیدرد، بے رحم
  • قاتل

Urdu meaning of qasaa.ii

  • Roman
  • Urdu

  • beraham, zaalim, sang dil
  • kasaab, zabah ya halaal karke gosht bechne vaala, gosht farosh, sahii lafz sa । se kasaa.ii hai
  • gosht kaaTne vaala, kasaa.ii, bocha.D, gosht bechne vaala
  • (majaazan) zaalim, bedard, beraham
  • qaatil

क़साई के पर्यायवाची शब्द

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क़साई

क़साब, ज़बह या हलाल करके गोश्त बेचने वाला, क़साई, मांस विक्रेता

क़साई-पन

कठोरता, निर्ममता, निष्ठुरता, निर्दयता

क़साई-बाड़ा

क़साई वाड़ा, कसाइयों का मुहल्ला

क़साई-वाड़ा

رک قصائی باڑا، قصائی واڑا

क़साई का कुत्ता

(लाक्षणिक) हष्ट पुष्ट व्यक्ति, खाया पिया इंसान, मोटा ताज़ा आदमी

क़साई का पिल्ला

(مجازاً) بطور طنز فربہ اور موٹا تازہ آدمی جو قسائی کے بلے کی طرح مفت کا مال کھا کھا کر پلا اور موٹا تازہ ہوا ہو

क़साई के पाले पड़ना

ज़ालिम के क़ाबू में आ जाना, अत्याचारी से सामना होना

क़साई की नज़र देखना

ग़ुस्से की नज़र से देखना, ग़ुस्से से देखना; दुश्मन की आँख देखना, दुश्मन और ज़ालिम की तरह देखना, डाँटते रहना, कोसते रहना

क़साई की नज़र देखना

क़हर की निगाह से देखना, डाँटना

क़साई के खूँटे से बँधना

कसाई के हवाले होना , ज़ालिम के पाले पड़ना

क़साई के भरोसे शिकरा पालना

दूसरे की मदद की उम्मीद पर कोई काम करना

क़साई के खूँटे से बँधना

कसाई के हवाले होना , ज़ालिम के पाले पड़ना

क़साई के खूँटे से बाँधना

क्रूर, बुरे स्वभाव वाले तथा दुराचारी पुरुष से लड़की का विवाह कर देना, किसी को भयानक स्थान पर डाल देना

क़साई के खूँटे से बकरी बाँधना

बेरहम बदमिज़ाज आदमी के साथ लड़की ब्याह देना , किसी ग़रीब को ख़ौफ़नाक जगह पर डाल देना, मोहलिक जगह और जान जोखों के मौक़ा पर डाल देना

क़साई की घास को कटड़ा खा जाए

ज़बरदस्त की चीज़ को कोई हाथ नहीं लगाता वो इसी के गुज़ारे के काम आती है, जाये ताज्जुब और अमर मुहाल है कि ज़बरदस्त के माल पर ज़ेर दस्त क़ाबिज़ होजाए, मुम्किन नहीं कि ज़ोरावर की चीज़ को कोई ले ले

क़साई की घाँस को कटड़ा खा जाए

संभव नहीं जो हमारा नुक़्सान हो सके, कमज़ोर ताक़तवर का क्या कर सकता है

क़साई की बेटी दस बरस में बेटा जनती है

ज़बरदस्त का काम जल्द होता है, जिस तरह कसाई की बेटी ख़ूब गोश्त खा कर जल्द बालिग़ा होजाती है इसी तरह अमीर और दौलतमंद की बेटी जल्द जवान होजाती है

क़साई की बेटी दस बरस की बिटिया जनती है

ज़बरदस्त का काम जल्द हो जाता है

क़साई का बच्चा कभी न सच्चा जो सच्चा सो कच्चा

कसाई की बात का एतबार नहीं ये दोस्त को सब से बुरा माल देता है

क़साई का बच्चा कभी न सच्चा जो सच्चा सो हरामी कच्चा

कसाई की बात का एतबार नहीं ये दोस्त को सब से बुरा माल देता है

क़साई का बच्चा कभी न सच्चा जो सच्चा सो हरामी बच्चा

कसाई की बात का एतबार नहीं ये दोस्त को सब से बुरा माल देता है

क़लम-क़साई

अदालत में लिपिक, सरकारी मुंशी

कुंजड़े-क़साई

(संकेतात्मक) निम्न श्रेणी के लोग, घटिया लोग, जनता

कुंजड़े-क़साई

رک : کنجڑے قصائی صحیح املا ہے

दया बिन संत क़साई

यदि हृदय में करूणा नहीं तो संत भी क़साई के समान है

नया मुसलमान क़साई की दूकान

जब कोई नया मुस्लमान बनता है तो ज़ाहिर में बड़ा कटड़ होता है , नया मज़हब इख़तियार करने वाला ज़रूरत से ज़्यादा जोश-ओ-ख़ुरोश दिखाता है

नया मुसलमान क़साई की दूकान

नया मज़हब इख़तियार करने वाला ज़रूरत से ज़्यादा जोश-ओ-ख़ुरोश दिखाता है

हल्वाई के जाई सोवे साथ क़साई

ख़ानदानी आदमी ज़लील और बेइज़्ज़ती का काम करे तो कहते हैं

कुंजड़े की अगाड़ी, क़साई की पिछाड़ी

कबड़ीए के यहां जब सब्ज़ी ख़रीदे तो होशयारी यही है कि पहले ख़रीदे इस लिए कि कबड़या पहले साफ़ सब्ज़ी बेचता है और आख़िर में ख़राब माल फ़रोख़त करता है और कसाई के यहां जब गोश्त ख़रीदे तो आख़िर में इस लिए कि कसाई इबतिदा में ख़राब माल बेचता है और आख़िर में अच्छा माल फ़रोख़त करता है

मुँह पर भाई, दिल में क़साई

सामने कुछ, पीठ पीछे कुछ, ज़बान पर भलाई की बातें लेकिन दिल में बुराई, मुनाफ़क़त के इज़हार के लिए मुस्तामल

कुंजड़े की अगाड़ी , क़साई की पछाड़ी

तरकारी अव्वल वक़्त और गोश्त आख़िर वक़्त अच्छा मिलता है

बे दरद क़साई क्या जाने पीर पराई

सख़्त दिल आदमी दूसरे की तलीफ़ महसूस नहीं करसकता

कुंजड़न की अगाड़ी मारे क़साई की पिछाड़ी

कुंजड़न के हाँ प्रथम समय तरकारी ताज़ी होती है कसाई के हाँ पिछले समय गोश्त अच्छा होता है

कलवार की अगाड़ी और क़साई की पिछाड़ी

शराब शुरू में खरीदनी चाहिए और गोश्त आख़िर में

कल्वारी की अगाड़ी और क़साई की पिछाड़ी

मदिरा पहले और मांस अंत में ख़रीदना चाहिए

भैंसा भैंसों में या क़साई के खूँटे

मु'आमले का एक तरफ़ होना, या आश्य प्राप्त करेंगे या जान देंगे

कुंज्ड़न (कुंज्ड़े) की अगाड़ी (मारे) क़साई की पिछाड़ी

अगर आप अच्छी चीज़ ख़रीदना चाहते हैं तो तरकारी पहले और गोश्त आख़िर वक़्त में खरीदें

देखिए क़साई की नज़र और खिलाइए सोने का निवाला

संतान को प्रत्यक्षत: क्रोध की दृष्टि से देखना चाहिए एवं खाने को अच्छे से अच्छा देना चाहिए

या भैंसा में या क़साई के खूंटे पर

या कामयाब हुए या जान गई, ये काम करना ज़रूरी है चाहे मुआमला उधर हो या उधर, तख़्त या तख़्ता, बात एक तरफ़ होगी, भैंसा बैल की तरह काम नहीं देता सौ उमूमन उसे मार डालते हैं, या नतीजा काम का नेक होगा या बद होगा

या भैंसों में या क़साई के खूंटे पर

या सफल हुए या जान गई, ये काम करना आवश्यक है चाहे मामला इधर हो या उधर, तख़्त या तख़्ता, बात एक तरफ़ होगी, भैंसा बैल की तरह काम नहीं देता सो सामान्यतया उसे मार डालते हैं, या नतीजा काम का भला होगा या बुरा होगा

सोने का निवाला खिलाना क़साई की नज़र देखना

नाज़ बर्दारी करना मगर हद से ना गुज़रने देना, मेहरबानी करना मगर रोब क़ायम रखना, लाड प्यार करना मगर गुसताख़ ना होने देना, हर तरह के ऐश-ओ-आराम के साथ तर्बीयत करना

या भैंसा में या क़साई के खूंटे में

या कामयाब हुए या जान गई, ये काम करना ज़रूरी है चाहे मुआमला उधर हो या उधर, तख़्त या तख़्ता, बात एक तरफ़ होगी, भैंसा बैल की तरह काम नहीं देता सौ उमूमन उसे मार डालते हैं, या नतीजा काम का नेक होगा या बद होगा

ऊपर से राम राम, भीतर क़साई का काम

देखने में बड़ा भला परंतु करतूतें बहुत बुरी, दिखावे में दयालु भीतर से निर्दयी, दिखावे में बहुत संयमी परंतु वास्तव में बहुत क्रूर कपटी और धूर्त

जिस के दिल में रहम नहीं वो क़साई है

निर्दयी आदमी क़साई के बराबर होता है

भैंसा भैंसों में मिले या क़साई के बंधे गले

रुक : भैंसा भैंसों में या कसाई के खूंटे

ठग न देखे देखे क़साई, शेर न देखे देखे बिलाई

यदि तुम ने ठग नहीं देखा तो क़साई को देख लो और यदि शेर नहीं देखा तो बिल्ली को देख लो

नाई दाई , धोबी , बेद , क़साई उन का सू तक कभी न जाई

ये चारों हमेशा से कसीफ़ तबीयत होते हैं, ये चारों हमेशा नापाक रहते हैं

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