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बाँग

नमाज़ की अज़ान

बाँगा

ऐसी रूई जिसमें से बिनौले न निकाले गये हों, कपास

बाँगी

موذن، اذان دینے والا.

बाँग देना

(मुर्गा) का आवाज़ बुलंद करना, भोर के समय मुर्गे का चिल्लाना और आवाज लगाना, मुअज्ज़िन का अज़ान कहना

बाँग करना

आवाज़ देना, पुकारना

बाँग-ए-गुल

कलीयों के चटकने की आवाज़

बाँगुर

नदी के किनारे की ऊँचाई जहाँ पानी नहीं पहुँचता है, पहाड़ी ज़मीन, पानी की कमी

बाँग-ए-अज़ाँ

अज़ान की आवाज़, अज़ान

बाँग-ए-सूर

सूर-ए-इस्राफील, बिगुल की आवाज़

बाँग-ए-सुब्ह

सुबह की अज़ान

बाँग बोलना

बोली बोलना, मुँह से आवाज़ निकालना

बाँग मारना

नारा लगाना, डपट कर कुछ कहना

बाँग लगाना

बोल उठना, आवाज़ बुलंद करना (अक्सर मुर्ग़ के लिए)

बाँग-ए-दिरा

क़ाफ़िले में प्रस्थान के समय बजनेवाले घण्टों की ध्वनि या आवाज

बाँग-ए-जरस

क़ाफ़िले में बजने वाले घंटे की आवाज़

बाँग-ए-नमाज़

the call of prayer, Azan

बाँग-ए-ख़लील

नारा-ए-तकबीर, अल्लाहु-अकबर जो पैग़म्बर इब्राहीम उठते-बैठते कहा करते थे

बाँग-ए-बलंद

علانیہ، ڈنْکے کی چوٹ.

बाँग-ए-रहील

the gong sounded to announce the departure of a caravan

बाँग-ए-बे-हंगाम

वह आवाज़ या बात जो समय के अनुकूल न हो

बाँग-ए-इसराफ़ील

इसराफ़ील (एक फरिश्ता) द्वारा निर्मित ध्वनि, मुस्लिम मान्यता के अनुसार, वो ध्वनि जो इसराफ़ील (एक फरिश्ता) द्वारा बजायी जायगी जिस के बाद दुनिया ख़तम हो जायगी

बाँगड़ू-पन

جنْگلیوں یا بیوقوفوں ک سا عمل.

गुल-बाँग

चहचा, चहचहाना, चहकार, पक्षियों का फूल को देख कर आनंदित हो कर मधुरस्वर में चहचहाना, वह शोर जो किसी के व्याह-शादी आदि के अवसर पर होता है, हर्षध्वनि, योगियों लगाया जाने वाला नारा, फूल जैसी कोमल और मधुर आवाज़, दिल को मग्न्मुग्ध करने वाली आवाज़. शुभ समाचार, खुशखबरी, एक के बाद एक एक पीने की आवाज़, सार्वजनिक निमंत्रण, अज़ान की आवाज़, जंग की बिगुल

चार-बाँग

चौकन्ना, होशयार, सावधान; बुद्धिमान

ग़ुल-बाँग

चर्चा, धूम, ख्याति

ग़ुली-बाँग

गड़बड़

शाह-बाँग

ایک گھاس ہے جو بطور دوا استعمال ہوتی ہے ، یہ محلل ہے اور تنقیہ كرتی ہے.

बलंद-बाँग

जोर से बोलने वाला, जोरदार दावा करने वाला, ऊँची आवाज़ वाला

गह-बाँग

پیش قبض یا چھری سے لڑنے اور حملہ کرنے کا ایک دان٘و یا بانگ جو چار طرح سے کرتے ہیں ، اول بیٹھ کر ، دوسرے داہنا پانو آگے بڑھا کر اور بایاں گھٹنا ٹیک کے کھڑا ہو کر ، تیسرے کھڑے ہو کر اور چوتھے کرسی پر بیٹھ کر کرتے ہیں .

गज-बाँग

آن٘کس ، لوہے کا آن٘کڑا جس سے فیل بان ہاتھی کو قابو میں رکھتے ہیں ، ہاتھی کو ضرب لگانے کا آہنی آلہ.

मुर्ग़ी की बाँग

وہ اذان جو خلاف ِفطرت مرغی دے بیٹھتی ہے اور لوگ اس بات کو منحوس خیال کر کے اُسے ذبح کر ڈالتے ہیں

बलंद-बाँग-दा'वा

tall claim, an assertion or promise made in public

ब-बाँग-ए-दुहुल

ढोल बजाते हुए (क्हना) ज़ोर-जोर से सबके सामने (कहना) ।

ब-बाँग-ए-बलंद

चिल्लाकर, जोर- जोर से (कहना) उद्घोष ।।

गुल-बाँग-ए-अज़ाँ

सुबह की अज़ान की ख़ुशख़बरी जैसी पुकार

मुर्ग़ी की बाँग का क्या ए'तिबार

'औरत की बात का क्या भरोसा, 'औरत की डींग का क्या भरोसा

सर बुरीदा बाँग नमी दहद

कटे हुए सर से आवाज़ नहीं निकलती, मार डालना ही बेहतर है

मुर्ग़ी की बाँग रवा नहीं

पुरुषों में महिलाओं का कोई मोल नहीं होना, महिलाओं की बातें मायने नहीं रखतीं, कमज़ोर की बात कोई मायने नहीं रखती

आँतों से क़ुल की बाँग आना

बहुत भूख लगी, भूख की तीव्रता में अल्लाह याद आने लगा

घोड़ी को टाँग मर्द को बाँग

रुक : घोड़े को तंग आदमी को जंग, नादान सख़्ती करने से मानता है ओराक़ल मंद को इशारा काफ़ी होता है

घोड़े को टाँग मर्द को बाँग

۔नादान को मार पीट मगर समझदार को इशारा ही कैफ़ है। चुस्त चालाक बनाने के वास्ते आक़िल को एक इशारा ही काफ़ी है

मुर्ग़ सर बुरीदा बाँग नमी दहद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) सर कटा मुर्ग़ बाँग नहीं देता, दुश्मन को क़तल करना ही बेहतर है

मुर्ग़ी की बाँग कौन सुनता है

'औरत की बात का क्या भरोसा, 'औरत की डींग का क्या भरोसा

मुर्ग़े की बाँग का क्या ए'तिबार

बकवासी आदमी की डींग का क्या भरोसा

मुर्ग़ की बाँग को कौन सुनता है

कम दर्जे के आदमी की तरफ़ कौन तवज्जा करता है

अब्र रा बाँग-ए-सग ज़रर न-कुनद

जनता के बुरा कहने से ख़ास लोगों का कुछ नहीं बिगड़ता

मह नूर मी फ़िशांद-ओ-सग बाँग मी ज़ंद

चाँद नूर बरसाता है और कुत्ता भौंकता है, ईर्ष्यालु और बुरा चाहने वाले शोर मचाते रहते हैं और काम करने वाले काम करते रहते हैं

मुर्ग़े की बाँग को कौन सहीह रखता है

बकवासी की डींग का क्या एतबार या औरत की बात काबिल एव एतिमाद नहीं

मुर्ग़ी की बाँग को कौन सहीह कहता है

स्त्री की बात का कोई भरोसा नहीं

मुर्ग़ा बाँग न देगा तो क्या सुब्ह न होगी

कोई भी कार्य किसी विशेष व्यक्ति पर आश्रित या टिका, ठहरा या रुका हुआ नहीं है, रहती दुनिया तक काम होते ही रहेंगे

मुर्ग़ बाँग न देगा तो क्या सुब्ह न होगी

कोई काम किसी की ज़ात इख़ास पर मौक़ूफ़ नहीं, दुनिया का काम वक़्त पर होता रहेगा

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में पुकार के अर्थदेखिए

पुकार

pukaarپُکار

स्रोत: हिंदी

वज़्न : 121

टैग्ज़: वाक्य विधिक

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सचित्र संदर्भ

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पुकार के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • (क़ानून) मुस्तग़ीस या मुद्दआलैह या गवाहों में से किसी की तलबी के लिए सदा जो अदालत के बाहर लगाई जाती है
  • कहीं उपस्थित होने के लिए किसी का जोर से लिया जानेवाला नाम। जैसे-कचहरी में पुकार होने पर कैदी न्यायाधीश के सामने लाया गया।
  • पुकारने अर्थात् जोर से नाम लेकर संबोधित करने की क्रिया या भाव।
  • ۔ (ह) मुअन्नस। १। आवाज़। हाँक। २। फ़र्याद। दहाई। ३। ग़ल। शोर ४। मांग । तलाश। जुस्तजू। (फ़िक़रा) मुलक में सबतरफ़ इसी माल की पुकार है। ५। मुनादी। ऐलान। १। फ़रीक़ैन मुक़द्दमा या गोवा हाँ की तलबी की सदा। पुकार। उठना। सदा बुलंद होना। ए २। आवाज़ देना। (फ़िक़रा) सोते सोते उठा।
  • आवाज़, बाँग, सदा, ऊंची आवाज़
  • ऊँची या तेज़ आवाज़ में किसी को बुलाने की क्रिया
  • गिल, शोर, धूम, हंगामा
  • फ़र्याद, दुहाई
  • बुलावा, तलब, मांग
  • बाआवाज़ बुलंद, चीख़ कर, चला कर
  • मुनादी, ऐलान
  • रक्षा या आत्मरक्षा हेतु गुहार; फ़रियाद
  • निवेदन
  • बुलावा; आह्वान
  • आवाज़
  • निमंत्रण
  • कचहरी के चपरासी का मुकदमे में पेशी पर वादी-प्रतिवादी का नाम लेकर बुलाना

संज्ञा, पुल्लिंग

  • ' प ' अक्षर

शे'र

English meaning of pukaar

Noun, Feminine

  • call, shout, cry, proclamation, pronouncement,summons, complaint

پُکار کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مؤنث

  • آواز ، بان٘گ ، صدا ، اون٘چی آواز.
  • باآواز بلند ، چیخ کر ، چلّا کر .
  • غُل ، شور ، دھوم ، ہن٘گامہ.
  • فریاد ، دُہائی .
  • بُلاوا ، طلب ، مان٘گ.
  • مُنادی ، اعلان .
  • ۔ (ھ) مونث۔ ۱۔ آواز۔ ہانک۔ ۲۔ فریاد۔ دہائی۔ ؎ ۳۔ غل۔ شور۔ ؎ ۴۔ مانگ ۔ تلاش۔ جستجو۔ (فقرہ) ملک میں سبطرف اسی مال کی پکار ہے۔ ۵۔ منادی۔ اعلان۔ ۱۔ فریقین مقدمہ یا گواہاں کی طلبی کی صدا۔ پکار۔ اٹھنا۔ صدا بلند ہونا۔ ع ۲۔ آواز دینا۔ (فقرہ) سوتے سوتے پکار اٹھا۔
  • (قانون) مستغیث یا مدعا علیہ یا گواہوں میں سے کسی کی طلبی کے لیے صدا جو عدالت کے باہر لگائی جاتی ہے.

Urdu meaning of pukaar

  • Roman
  • Urdu

  • aavaaz, baa.ng, sada, u.unchii aavaaz
  • baa.aavaaz buland, chiiKh kar, chala kar
  • gil, shor, dhuum, hangaamaa
  • faryaad, duhaa.ii
  • bulaavaa, talab, maang
  • munaadii, a.ilaan
  • ۔ (ha) muannas। १। aavaaz। haa.nk। २। faryaad। dahaa.ii। ३। Gal। shor। ४। maang । talaash। justajuu। (fiqra) mulak me.n sabatraf isii maal kii pukaar hai। ५। munaadii। a.ilaan। १। fariiqain muqaddama ya govaa haa.n kii talbii kii sada। pukaar। uThnaa। sada buland honaa। e२। aavaaz denaa। (fiqra) sote sote uThaa।
  • (qaanuun) mustaGiis ya muddaalaih ya gavaaho.n me.n se kisii kii talbii ke li.e sada jo adaalat ke baahar lagaa.ii jaatii hai

पुकार के पर्यायवाची शब्द

खोजे गए शब्द से संबंधित

बाँग

नमाज़ की अज़ान

बाँगा

ऐसी रूई जिसमें से बिनौले न निकाले गये हों, कपास

बाँगी

موذن، اذان دینے والا.

बाँग देना

(मुर्गा) का आवाज़ बुलंद करना, भोर के समय मुर्गे का चिल्लाना और आवाज लगाना, मुअज्ज़िन का अज़ान कहना

बाँग करना

आवाज़ देना, पुकारना

बाँग-ए-गुल

कलीयों के चटकने की आवाज़

बाँगुर

नदी के किनारे की ऊँचाई जहाँ पानी नहीं पहुँचता है, पहाड़ी ज़मीन, पानी की कमी

बाँग-ए-अज़ाँ

अज़ान की आवाज़, अज़ान

बाँग-ए-सूर

सूर-ए-इस्राफील, बिगुल की आवाज़

बाँग-ए-सुब्ह

सुबह की अज़ान

बाँग बोलना

बोली बोलना, मुँह से आवाज़ निकालना

बाँग मारना

नारा लगाना, डपट कर कुछ कहना

बाँग लगाना

बोल उठना, आवाज़ बुलंद करना (अक्सर मुर्ग़ के लिए)

बाँग-ए-दिरा

क़ाफ़िले में प्रस्थान के समय बजनेवाले घण्टों की ध्वनि या आवाज

बाँग-ए-जरस

क़ाफ़िले में बजने वाले घंटे की आवाज़

बाँग-ए-नमाज़

the call of prayer, Azan

बाँग-ए-ख़लील

नारा-ए-तकबीर, अल्लाहु-अकबर जो पैग़म्बर इब्राहीम उठते-बैठते कहा करते थे

बाँग-ए-बलंद

علانیہ، ڈنْکے کی چوٹ.

बाँग-ए-रहील

the gong sounded to announce the departure of a caravan

बाँग-ए-बे-हंगाम

वह आवाज़ या बात जो समय के अनुकूल न हो

बाँग-ए-इसराफ़ील

इसराफ़ील (एक फरिश्ता) द्वारा निर्मित ध्वनि, मुस्लिम मान्यता के अनुसार, वो ध्वनि जो इसराफ़ील (एक फरिश्ता) द्वारा बजायी जायगी जिस के बाद दुनिया ख़तम हो जायगी

बाँगड़ू-पन

جنْگلیوں یا بیوقوفوں ک سا عمل.

गुल-बाँग

चहचा, चहचहाना, चहकार, पक्षियों का फूल को देख कर आनंदित हो कर मधुरस्वर में चहचहाना, वह शोर जो किसी के व्याह-शादी आदि के अवसर पर होता है, हर्षध्वनि, योगियों लगाया जाने वाला नारा, फूल जैसी कोमल और मधुर आवाज़, दिल को मग्न्मुग्ध करने वाली आवाज़. शुभ समाचार, खुशखबरी, एक के बाद एक एक पीने की आवाज़, सार्वजनिक निमंत्रण, अज़ान की आवाज़, जंग की बिगुल

चार-बाँग

चौकन्ना, होशयार, सावधान; बुद्धिमान

ग़ुल-बाँग

चर्चा, धूम, ख्याति

ग़ुली-बाँग

गड़बड़

शाह-बाँग

ایک گھاس ہے جو بطور دوا استعمال ہوتی ہے ، یہ محلل ہے اور تنقیہ كرتی ہے.

बलंद-बाँग

जोर से बोलने वाला, जोरदार दावा करने वाला, ऊँची आवाज़ वाला

गह-बाँग

پیش قبض یا چھری سے لڑنے اور حملہ کرنے کا ایک دان٘و یا بانگ جو چار طرح سے کرتے ہیں ، اول بیٹھ کر ، دوسرے داہنا پانو آگے بڑھا کر اور بایاں گھٹنا ٹیک کے کھڑا ہو کر ، تیسرے کھڑے ہو کر اور چوتھے کرسی پر بیٹھ کر کرتے ہیں .

गज-बाँग

آن٘کس ، لوہے کا آن٘کڑا جس سے فیل بان ہاتھی کو قابو میں رکھتے ہیں ، ہاتھی کو ضرب لگانے کا آہنی آلہ.

मुर्ग़ी की बाँग

وہ اذان جو خلاف ِفطرت مرغی دے بیٹھتی ہے اور لوگ اس بات کو منحوس خیال کر کے اُسے ذبح کر ڈالتے ہیں

बलंद-बाँग-दा'वा

tall claim, an assertion or promise made in public

ब-बाँग-ए-दुहुल

ढोल बजाते हुए (क्हना) ज़ोर-जोर से सबके सामने (कहना) ।

ब-बाँग-ए-बलंद

चिल्लाकर, जोर- जोर से (कहना) उद्घोष ।।

गुल-बाँग-ए-अज़ाँ

सुबह की अज़ान की ख़ुशख़बरी जैसी पुकार

मुर्ग़ी की बाँग का क्या ए'तिबार

'औरत की बात का क्या भरोसा, 'औरत की डींग का क्या भरोसा

सर बुरीदा बाँग नमी दहद

कटे हुए सर से आवाज़ नहीं निकलती, मार डालना ही बेहतर है

मुर्ग़ी की बाँग रवा नहीं

पुरुषों में महिलाओं का कोई मोल नहीं होना, महिलाओं की बातें मायने नहीं रखतीं, कमज़ोर की बात कोई मायने नहीं रखती

आँतों से क़ुल की बाँग आना

बहुत भूख लगी, भूख की तीव्रता में अल्लाह याद आने लगा

घोड़ी को टाँग मर्द को बाँग

रुक : घोड़े को तंग आदमी को जंग, नादान सख़्ती करने से मानता है ओराक़ल मंद को इशारा काफ़ी होता है

घोड़े को टाँग मर्द को बाँग

۔नादान को मार पीट मगर समझदार को इशारा ही कैफ़ है। चुस्त चालाक बनाने के वास्ते आक़िल को एक इशारा ही काफ़ी है

मुर्ग़ सर बुरीदा बाँग नमी दहद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) सर कटा मुर्ग़ बाँग नहीं देता, दुश्मन को क़तल करना ही बेहतर है

मुर्ग़ी की बाँग कौन सुनता है

'औरत की बात का क्या भरोसा, 'औरत की डींग का क्या भरोसा

मुर्ग़े की बाँग का क्या ए'तिबार

बकवासी आदमी की डींग का क्या भरोसा

मुर्ग़ की बाँग को कौन सुनता है

कम दर्जे के आदमी की तरफ़ कौन तवज्जा करता है

अब्र रा बाँग-ए-सग ज़रर न-कुनद

जनता के बुरा कहने से ख़ास लोगों का कुछ नहीं बिगड़ता

मह नूर मी फ़िशांद-ओ-सग बाँग मी ज़ंद

चाँद नूर बरसाता है और कुत्ता भौंकता है, ईर्ष्यालु और बुरा चाहने वाले शोर मचाते रहते हैं और काम करने वाले काम करते रहते हैं

मुर्ग़े की बाँग को कौन सहीह रखता है

बकवासी की डींग का क्या एतबार या औरत की बात काबिल एव एतिमाद नहीं

मुर्ग़ी की बाँग को कौन सहीह कहता है

स्त्री की बात का कोई भरोसा नहीं

मुर्ग़ा बाँग न देगा तो क्या सुब्ह न होगी

कोई भी कार्य किसी विशेष व्यक्ति पर आश्रित या टिका, ठहरा या रुका हुआ नहीं है, रहती दुनिया तक काम होते ही रहेंगे

मुर्ग़ बाँग न देगा तो क्या सुब्ह न होगी

कोई काम किसी की ज़ात इख़ास पर मौक़ूफ़ नहीं, दुनिया का काम वक़्त पर होता रहेगा

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