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ग़रीब

मुसाफ़िर, परदेसी, अजनबी, जिसका कोई वतन अर्थात देश न हो

ग़रीबी

लाचारी, मुहताजी, मुफ़लिसी

ग़रीबा

عجیب ، نادر ، انوکھا.

ग़रीबनी

ग़रीब औरत, दरिद्र

ग़रीबाना

ग़रीबों के लायक़, निम्न कोटि का, साधारण

ग़रीबड़ा

निर्धन, दरिद्र, ग़रीब

ग़रीब-ख़ाना

वक्ता अपने घर को भी बोलता है, नम्रता और विनती प्रकट करने लिए लोग अपने घर को बोलते हैं

ग़रीब-मिज़ाज

جو طبعاً سادگی پسند ہو ، قناعت پسند .

ग़रीब-नवाज़

ग़रीबों पर दया करने वाला, दयालु, दीनदयाल, प्रणतपाल, दीनवत्सल

ग़रीब-ग़ुरबा

बहुत ग़रीब, मुहताज, भूके नंगे, क़ल्लाश

ग़रीब-परवर

परोपकारी, दयालु, कृपालू

ग़रीब-ए-शहर

परदेसी, मुसाफ़िर, वह व्यक्ति जो किसी शहर में मुसाफ़िर की तरह रहता हो या आम लोगों में अजनबी हो, जो नगर में किसी को जानता पहचानता न हो और मुसाफ़िर की तरह रहता हो

ग़रीब-नवाज़ी

दीना और असहाय व्यक्तियों पर कृपादृष्टि

ग़रीब-परवरी

दे. 'ग़रीब- नवाज़ी' ।।

ग़रीब-उल-वतन

बेवतन, जो अपना घरबार छोड़ परदेश में पड़ा हो, प्रवासी, परदेशी, परदेसी

ग़रीब-उल-ग़ुरबा

(کنایۃً) حضرت امام حُسین .

ग़रीब-उल-वतनी

यात्रा, वतन से दूरी, वतन से जुदाई

ग़रीब बन जाना

ग़रीबी की बातें करना

ग़रीब-हराम-ज़ादा

وہ شخص جس کی صورت تو مسکینوں کی سی ہو اور افعال بدذاتوں کے سے ، مسمسی صورت کا آدمی ، گربۂ مسکین .

ग़रीबुद्दयारी

यात्री होने की अवस्था, देश से दूरी, देश से वियोग

ग़रीबी आना

ग़रीब हो जाना, निर्धन हो जाना, कंगाली आ जाना, बुरे दिनों में गिरना, कठिन समय आ जाना

ग़रीबा-मऊ

ग़रीबों के लायक़, रूखा सूखा, अदना दर्जे का, ग़रीबों का सा (खाना, साधन आदि)

ग़रीब की जवानी, गर्मी की धूप, जाड़े की चाँदनी अकारत जाती है

इन चीजों का लाभ कोई नहीं उठाता, बेकार जाती हैं

ग़रीबी करना

विनयशीलता प्रकट करना, नम्रता का भाव उत्पन्न करना

ग़रीबी लेना

विनम्रता दिखाना

ग़रीब को कौड़ी अशरफ़ी है

ग़रीब बहुत थोड़ी चीज़ से राज़ी या ख़ुश हो जाता है

ग़रीब की जोरू सब की सलहज

ग़रीब का साथी भी सब में कम रुतबा और ज़बरदस्त का यार सब पर ज़बरदस्त होता है

ग़रीब की जोरू 'उम्दा ख़ानम नाम

कंगाली में नाम से सम्मान नहीं बढ़ता, सामर्थ्य से ज़्यादा मिज़ाज रखना

ग़रीब की जोरू सब की सरहज

ग़रीब का साथी भी सब में कम रुतबा और ज़बरदस्त का यार सब पर ज़बरदस्त होता है

ग़रीब की जोरू सब की भाबी

ग़रीब का साथी भी सब में कम रुतबा और ज़बरदस्त का यार सब पर ज़बरदस्त होता है

ग़रीब की जोरू सब की भाबी

ग़रीब का साथी भी सब में कम रुतबा और ज़बरदस्त का यार सब पर ज़बरदस्त होता है

ग़रीब को मारा तो नौ मन चर्बी निकली

(व्यंगनात्मक) ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो ग़रीब होने का दिखावा करता हो और वास्तव में ग़रीब न हो

ग़रीब तेरे तीन नाम , झूटा , पाजी , बे-ईमान

ग़रीब को लोग हक़ारत से याद करते हैं , ग़रीब की हमेशा हर तरह की बे इज़्ज़ती होती है

ग़रीब की जवानी, गर्मी की धूप, जाड़े की चाँदनी अकारत जाए

इन चीजों का लाभ कोई नहीं उठाता, बेकार जाती हैं

ग़रीब की जोरू सब की भाबी, ज़बर्दस्त की जोरू सब की दादी

ग़रीब का साथी भी सब में कम रुतबा और ज़बरदस्त का यार सब पर ज़बरदस्त होता है

ग़रीब की जोरू सब की सरहज, ठाड़े की जोरू सब की दादी

ग़रीब का साथी भी सब में कम रुतबा और ज़बरदस्त का यार सब पर ज़बरदस्त होता है

ग़रीब ने रोज़े रखे दिन बड़े हो गए

असमर्थ व्यक्ति जो काम करता है उसमें हानि ही होती है या मुसीबत में और मुसीबत घेरती है

ग़रीबी बजा लाना

विनती करना, विनम्रता से काम लेना

ग़रीबी हलीमी , 'अद्ल बादशाही

अजुज़ और इन्किसार का बड़ा दर्जा है

ग़रीबों ने रोज़े रखे, दिन बड़े हो गए

कमज़ोर और ग़रीब जो काम करता है उस में नुक़्सान ही होता है या मुसीबत में और मुसीबत घेर लेती है

ग़रीबों ने रोज़े रखे, दिन बड़े हुए

कमज़ोर और ग़रीब जो काम करता है उस में नुक़्सान ही होता है या मुसीबत में और मुसीबत घेर लेती है

ग़रीबों ने रोज़े रखे, दिन बड़े आ गए

कमज़ोर और ग़रीब जो काम करता है उस में नुक़्सान ही होता है या मुसीबत में और मुसीबत घेर लेती है

शाम-ए-ग़रीब

مسافر كی شام ، بیكس كی شام ۔

शब-ए-ग़रीब

the night of distributing alms to the poor

तश्बीह-ए-ग़रीब

رک : تشبیہ بعید .

हदीस-ए-ग़रीब

वह हदीस जिसके पाठ में किसी अन्य भाषा के शब्द या विचित्र (अपरिचित) वाक्य-रचनाएँ हों

'अजीब-ओ-ग़रीब

अनोखा, बहुत ही विचित्र, अद्भुत, विचित्र

काल का साग ग़रीब का भाग

अकाल में निर्धन के लिए साग पात भी बहुत है

बग़ल में सोंटा नाम ग़रीब दास

उस व्यक्ति के संबंध में बोलते हैं जिसके नाम और चरित्र में विरोधाभास हो

अमीर का उगाल ग़रीब का आधार

वह वस्तु जो धनी आदमी के लिए बेकार होती है वही एक निर्धन आदमी के लिए उपयोगी होती है

दाता का दान, ग़रीब का अश्नान

दानशील के दान करने से निर्धन का काम चल जाता है

अमीर का उगाल, ग़रीब का अधार

वह वस्तु जो धनी आदमी के लिए बेकार होती है वही एक निर्धन आदमी के लिए उपयोगी होती है

जलते की जाई ग़रीब के गले लगाई

रुक : जलती की जाई अलख

रहना की जाई ग़रीब के गले लगाई

बदनसीब की बेटी ग़रीब से ब्याही गई

एक ग़रीब को मारा था तो सौ मन चर्बी निकली

कोई धनवान होने के बावजूद अपने आप को निर्धन दर्शाए तो कहते हैं

एक ग़रीब को मारा था तो नौ मन चर्बी निकली

कोई धनवान होने के बावजूद अपने आप को निर्धन दर्शाए तो कहते हैं

अमीर ने पादा सेहत हुई ग़रीब ने पादा बे-अदबी हुई

कोई बुरा काम अगर किसी धनवान से हो तो उसको अच्छा समझा जाता है और वही काम कोई निर्धन व्यक्ति करे तो उस पर लान-तान की जाती है

एक ग़रीब को मारा था तो नौ मन चर्बी निकली थी

(व्यंगनात्मक) ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो ग़रीब होने का दिखावा करता हो और वास्तव में ग़रीब न हो

ठाड़े की जोरू सब की दादी, ग़रीब की जोरू सब की भाबी

ग़रीब का साथी भी सब में कम रुतबा और ज़बरदस्त का यार सब पर ज़बरदस्त होता है

ज़बर्दस्त की जोरू सब की दादी, ग़रीब की जोरू सब की भाबी

ग़रीब का साथी भी सब में कम रुतबा और ज़बरदस्त का यार सब पर ज़बरदस्त होता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ना-अंदेश के अर्थदेखिए

ना-अंदेश

naa-andeshنا اَندیش

स्रोत: फ़ारसी

ना-अंदेश के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • ऐसा स्पष्ट या साफ़ जिसमें विचार की आवश्यक्ता न हो अर्थात न सोचने वाला
  • सोचने वाला अन्यायी, वो व्यक्ति जो न्याय न करे
  • आकाश की विशेषता के लिए भी प्रचलित

English meaning of naa-andesh

Adjective

نا اَندیش کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

صفت

  • بدیہی امر جس میں سوچنے کی حاجت نہ ہو، ایسا واضح یا صاف جس میں سوچنے کی ضرورت نہ ہو نیز نہ سوچنے والا
  • سوچنے والا ناانصاف، وہ شخص جو انصاف نہ کرے
  • آسمان کی صفت میں بھی مستعمل ہے

Urdu meaning of naa-andesh

  • Roman
  • Urdu

  • badiihii amar jis me.n sochne kii haajat na ho, a.isaa vaazih ya saaf jis me.n sochne kii zaruurat na ho niiz na sochne vaala
  • sochne vaala naa.insaaph, vo shaKhs jo insaaf na kare
  • aasmaan kii sifat me.n bhii mustaamal hai

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ग़रीब

मुसाफ़िर, परदेसी, अजनबी, जिसका कोई वतन अर्थात देश न हो

ग़रीबी

लाचारी, मुहताजी, मुफ़लिसी

ग़रीबा

عجیب ، نادر ، انوکھا.

ग़रीबनी

ग़रीब औरत, दरिद्र

ग़रीबाना

ग़रीबों के लायक़, निम्न कोटि का, साधारण

ग़रीबड़ा

निर्धन, दरिद्र, ग़रीब

ग़रीब-ख़ाना

वक्ता अपने घर को भी बोलता है, नम्रता और विनती प्रकट करने लिए लोग अपने घर को बोलते हैं

ग़रीब-मिज़ाज

جو طبعاً سادگی پسند ہو ، قناعت پسند .

ग़रीब-नवाज़

ग़रीबों पर दया करने वाला, दयालु, दीनदयाल, प्रणतपाल, दीनवत्सल

ग़रीब-ग़ुरबा

बहुत ग़रीब, मुहताज, भूके नंगे, क़ल्लाश

ग़रीब-परवर

परोपकारी, दयालु, कृपालू

ग़रीब-ए-शहर

परदेसी, मुसाफ़िर, वह व्यक्ति जो किसी शहर में मुसाफ़िर की तरह रहता हो या आम लोगों में अजनबी हो, जो नगर में किसी को जानता पहचानता न हो और मुसाफ़िर की तरह रहता हो

ग़रीब-नवाज़ी

दीना और असहाय व्यक्तियों पर कृपादृष्टि

ग़रीब-परवरी

दे. 'ग़रीब- नवाज़ी' ।।

ग़रीब-उल-वतन

बेवतन, जो अपना घरबार छोड़ परदेश में पड़ा हो, प्रवासी, परदेशी, परदेसी

ग़रीब-उल-ग़ुरबा

(کنایۃً) حضرت امام حُسین .

ग़रीब-उल-वतनी

यात्रा, वतन से दूरी, वतन से जुदाई

ग़रीब बन जाना

ग़रीबी की बातें करना

ग़रीब-हराम-ज़ादा

وہ شخص جس کی صورت تو مسکینوں کی سی ہو اور افعال بدذاتوں کے سے ، مسمسی صورت کا آدمی ، گربۂ مسکین .

ग़रीबुद्दयारी

यात्री होने की अवस्था, देश से दूरी, देश से वियोग

ग़रीबी आना

ग़रीब हो जाना, निर्धन हो जाना, कंगाली आ जाना, बुरे दिनों में गिरना, कठिन समय आ जाना

ग़रीबा-मऊ

ग़रीबों के लायक़, रूखा सूखा, अदना दर्जे का, ग़रीबों का सा (खाना, साधन आदि)

ग़रीब की जवानी, गर्मी की धूप, जाड़े की चाँदनी अकारत जाती है

इन चीजों का लाभ कोई नहीं उठाता, बेकार जाती हैं

ग़रीबी करना

विनयशीलता प्रकट करना, नम्रता का भाव उत्पन्न करना

ग़रीबी लेना

विनम्रता दिखाना

ग़रीब को कौड़ी अशरफ़ी है

ग़रीब बहुत थोड़ी चीज़ से राज़ी या ख़ुश हो जाता है

ग़रीब की जोरू सब की सलहज

ग़रीब का साथी भी सब में कम रुतबा और ज़बरदस्त का यार सब पर ज़बरदस्त होता है

ग़रीब की जोरू 'उम्दा ख़ानम नाम

कंगाली में नाम से सम्मान नहीं बढ़ता, सामर्थ्य से ज़्यादा मिज़ाज रखना

ग़रीब की जोरू सब की सरहज

ग़रीब का साथी भी सब में कम रुतबा और ज़बरदस्त का यार सब पर ज़बरदस्त होता है

ग़रीब की जोरू सब की भाबी

ग़रीब का साथी भी सब में कम रुतबा और ज़बरदस्त का यार सब पर ज़बरदस्त होता है

ग़रीब की जोरू सब की भाबी

ग़रीब का साथी भी सब में कम रुतबा और ज़बरदस्त का यार सब पर ज़बरदस्त होता है

ग़रीब को मारा तो नौ मन चर्बी निकली

(व्यंगनात्मक) ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो ग़रीब होने का दिखावा करता हो और वास्तव में ग़रीब न हो

ग़रीब तेरे तीन नाम , झूटा , पाजी , बे-ईमान

ग़रीब को लोग हक़ारत से याद करते हैं , ग़रीब की हमेशा हर तरह की बे इज़्ज़ती होती है

ग़रीब की जवानी, गर्मी की धूप, जाड़े की चाँदनी अकारत जाए

इन चीजों का लाभ कोई नहीं उठाता, बेकार जाती हैं

ग़रीब की जोरू सब की भाबी, ज़बर्दस्त की जोरू सब की दादी

ग़रीब का साथी भी सब में कम रुतबा और ज़बरदस्त का यार सब पर ज़बरदस्त होता है

ग़रीब की जोरू सब की सरहज, ठाड़े की जोरू सब की दादी

ग़रीब का साथी भी सब में कम रुतबा और ज़बरदस्त का यार सब पर ज़बरदस्त होता है

ग़रीब ने रोज़े रखे दिन बड़े हो गए

असमर्थ व्यक्ति जो काम करता है उसमें हानि ही होती है या मुसीबत में और मुसीबत घेरती है

ग़रीबी बजा लाना

विनती करना, विनम्रता से काम लेना

ग़रीबी हलीमी , 'अद्ल बादशाही

अजुज़ और इन्किसार का बड़ा दर्जा है

ग़रीबों ने रोज़े रखे, दिन बड़े हो गए

कमज़ोर और ग़रीब जो काम करता है उस में नुक़्सान ही होता है या मुसीबत में और मुसीबत घेर लेती है

ग़रीबों ने रोज़े रखे, दिन बड़े हुए

कमज़ोर और ग़रीब जो काम करता है उस में नुक़्सान ही होता है या मुसीबत में और मुसीबत घेर लेती है

ग़रीबों ने रोज़े रखे, दिन बड़े आ गए

कमज़ोर और ग़रीब जो काम करता है उस में नुक़्सान ही होता है या मुसीबत में और मुसीबत घेर लेती है

शाम-ए-ग़रीब

مسافر كی شام ، بیكس كی شام ۔

शब-ए-ग़रीब

the night of distributing alms to the poor

तश्बीह-ए-ग़रीब

رک : تشبیہ بعید .

हदीस-ए-ग़रीब

वह हदीस जिसके पाठ में किसी अन्य भाषा के शब्द या विचित्र (अपरिचित) वाक्य-रचनाएँ हों

'अजीब-ओ-ग़रीब

अनोखा, बहुत ही विचित्र, अद्भुत, विचित्र

काल का साग ग़रीब का भाग

अकाल में निर्धन के लिए साग पात भी बहुत है

बग़ल में सोंटा नाम ग़रीब दास

उस व्यक्ति के संबंध में बोलते हैं जिसके नाम और चरित्र में विरोधाभास हो

अमीर का उगाल ग़रीब का आधार

वह वस्तु जो धनी आदमी के लिए बेकार होती है वही एक निर्धन आदमी के लिए उपयोगी होती है

दाता का दान, ग़रीब का अश्नान

दानशील के दान करने से निर्धन का काम चल जाता है

अमीर का उगाल, ग़रीब का अधार

वह वस्तु जो धनी आदमी के लिए बेकार होती है वही एक निर्धन आदमी के लिए उपयोगी होती है

जलते की जाई ग़रीब के गले लगाई

रुक : जलती की जाई अलख

रहना की जाई ग़रीब के गले लगाई

बदनसीब की बेटी ग़रीब से ब्याही गई

एक ग़रीब को मारा था तो सौ मन चर्बी निकली

कोई धनवान होने के बावजूद अपने आप को निर्धन दर्शाए तो कहते हैं

एक ग़रीब को मारा था तो नौ मन चर्बी निकली

कोई धनवान होने के बावजूद अपने आप को निर्धन दर्शाए तो कहते हैं

अमीर ने पादा सेहत हुई ग़रीब ने पादा बे-अदबी हुई

कोई बुरा काम अगर किसी धनवान से हो तो उसको अच्छा समझा जाता है और वही काम कोई निर्धन व्यक्ति करे तो उस पर लान-तान की जाती है

एक ग़रीब को मारा था तो नौ मन चर्बी निकली थी

(व्यंगनात्मक) ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो ग़रीब होने का दिखावा करता हो और वास्तव में ग़रीब न हो

ठाड़े की जोरू सब की दादी, ग़रीब की जोरू सब की भाबी

ग़रीब का साथी भी सब में कम रुतबा और ज़बरदस्त का यार सब पर ज़बरदस्त होता है

ज़बर्दस्त की जोरू सब की दादी, ग़रीब की जोरू सब की भाबी

ग़रीब का साथी भी सब में कम रुतबा और ज़बरदस्त का यार सब पर ज़बरदस्त होता है

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