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"ना गूह में ढेला डालो, न छींटें पड़ें" शब्द से संबंधित परिणाम

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बोल चाल: अमरीका वफ़ाक़ी तफ़तीश जराइम का अफ़्सर [गर्वनमैंट + मैन]

g-string

तुड़ागी

g

सातवां हर्फ़ तहज्जी।

anti-g

ज़िद कशिश-ए-सिक़ल (कपड़े जो ख़ला बाज़ों के लिए तैय्यार होते हैं)

high-falutin(g)

बढ़ी चढ़ी

gay

अलबेला

गय

घर, मकान

गाँ

‘गान’ का लघु., दे. ‘गान’।।

गूँ

ढंग। प्रकार।

गाय

दूध देने वाली मादा पशु, जो हिंदूधर्म में पूज्य मानी जाती है, गऊ

गीं

‘गीन' का लघुः, दे. ‘गीन'।

ग़ीं

नशा करने वालों की वह घमंडी आवाज़ जो नशे की तरंग में निकलती है, बेहोशी की हालत में निकली हुई ग़ुनूदगी की आवाज़

गौं

प्रयोजन सिद्ध होने का स्थान या अवसर । सुयोग । मौका । घात । दाँव ।

गों का

۔۱۔ مطلب کا۔ غرض کا۔ لالچی۔

मय-गूँ

शराब के रंग का सुर्ख़, गुलाबी, लाल आदि

गाय गाय का बच्चा, गाय खाए गुड़

बच्चों से एक खेल खेला जाता है जिस में कहने वाला गाल फुलाता है और मुंदरजा बाला अलफ़ाज़ कहता है इस तरह कि जब लफ़्ज़ गुड़ पर पहुंचता है तो दोनों हाथ फूले हुए गालों पर मारता है जिस की वजह से मन॒ा से बजाय गड़ के गुप निकलता है और बच्चे हंसते हैं

जहाँ गाय वहाँ गाय का बछ्ड़ा

जहां मालिक वहीं इस के साथी, जहां फ़ायदे की चीज़ हो वहां सब जमा होते हैं

गाय गाय का बच्चा, गाय खाए गुप

बच्चों से एक खेल खेला जाता है जिस में कहने वाला गाल फुलाता है और मुंदरजा बाला अलफ़ाज़ कहता है इस तरह कि जब लफ़्ज़ गुड़ पर पहुंचता है तो दोनों हाथ फूले हुए गालों पर मारता है जिस की वजह से मन॒ा से बजाय गड़ के गुप निकलता है और बच्चे हंसते हैं

ग़ूँ ग़ाँ ग़ाँ करना

ننّھے بچّوں کا ہوں ہاں کرنا ، کچھ کچھ بولنا ، تھوڑی بہت بات کرنا.

गूह का कीड़ा गूह में रहे

जो आदमी जैसी संगत में पला होता है वैसी ही संगत उस को भली मालूम होती है

गों पड़ना

काम पड़ना, मतलब पड़ना

गाव गाह गाह , माही हर माह , बुज़ हर पगाह

तबीबों का क़ौल है कि गाय का गोश्त कभी कभी मछली महीने में एक बार और बिक्री का गोश्त हर रोज़ खाना चाहिए

गू-गढ़य्या

मैला पड़ने और इकट्ठा होने की सीमित बनी हुई जगह

कड़वी-आग

(लाक्षणिक) ख़ौफ़नाक और भयानक वातावरण

गाऊँ न गाऊँ बिरह गाऊँ

अव़्वल तो गांवगा नहीं अगर गांवगा तो हिजर का गीत, अव़्वल तो कोई काम नहीं करता और अगर करता है तो नुक़्सानदेह, इस से जब होगी बेवक़ूफ़ी होगी

नमाज़ बख़्शवाने गए, रोज़े गले पड़े

एक काम से पीछा छुड़ाने की कोशिश की दूसरा उससे मुशिकल गले पड़ जाए तो कहते हैं

क़वा'इद-गाह

परेड करने का मैदान, सैन्य-व्यायाम-क्षेत्र

हवाइयाँ उड़ गईं

ख़ौफ़ या ग़म-ओ-तरद्दुद से हाल बदल गया, रंग उड़ गया , और शहरा हो गया

बहुत गई, थोड़ी रह गई

थोड़ा सा जीवन बाक़ी है, बहुत बीत गया है

बड़े बड़े ढह गए, बढ़ई पूछे कितना पानी

जहाँ बड़े बड़े लोगों की भी किसी को परवाह नहीं वहाँ साधारण व्यक्ति को कौन पूछेगा

चूतिया मर गए, औलाद छोड़ गए

मूर्ख के मुत'अल्लिक़ कहते हैं जो काम ख़राब करे अर्थात आप जैसा मूर्ख हम ने नहीं देखा

घोड़े गए, गधों का राज आया

सुशील गए मूर्ख उन की जगह आ गए, सुशील मर गए घटिया लोग रह गए

बहुत कट गई, थोड़ी रह गई

थोड़ा सा जीवन बाक़ी है, बहुत बीत गया है

ग़ाएँ ग़ाएँ

جانوروں وغیرہ کی آواز ، بے معنی آواز.

मुक़द्दस-ज़ियारत-गाह

पवित्र तीर्थ यात्रा, पवित्र स्थान, पाकीज़ा जगह

गाँड़ में गूह नहीं और कव्वे मेहमान

मुफ़लसी में फुज़ूलखर्ची, अपनी हैसियत से बढ़ कर ख़र्च करना

गो-मगो में पड़ना

तज़बज़ब में मुबतेला होना, शक शुबा में पड़ना

चिड़िया की जान गई, लड़के का खिलौना

बच्चे किसी को दुख पहुंचने की परवाह नहीं करते

घोड़े मर गए, गधों का राज आया

सुशील गए मूर्ख उन की जगह आ गए, सुशील मर गए घटिया लोग रह गए

बाप न मारे पिदड़ी बेटा गो-अंदाज़

बाप दादा से कुछ हो नहीं सका बेटा सोरमाई दिखाता है (वो लोग जिन के बुज़ुर्गों से कुछ ना होसका, जब बढ़ चढ़ कर दावे करते हैं तो इस मौक़ा पे तंज़िया कहा जाता है)

रोटी पड़ी मुँह में ज़ात पड़ी गुह में

रोओ पिया किसी तरह हाथ आ जाये कुछ पर्वा नहीं

गाय का लवारा मर गया तो खल्लड़ा वेख पुन्हाई

गाय का बछड़ा मर जाए तो उसकी खाल में भुस भरकर उसे दिखाते हैं तो वह दूध देती है उस मौक़ा पर कहते हैं जब असल चीज़ ख़राब हो जाए, या कोई मर जाए तो उसकी निशानी देख कर याद करें

गाऊँ न गाऊँ बिरहा गाऊँ

अव़्वल तो गांवगा नहीं अगर गांवगा तो हिजर का गीत, अव़्वल तो कोई काम नहीं करता और अगर करता है तो नुक़्सानदेह, इस से जब होगी बेवक़ूफ़ी होगी

गाऊँ ना गाऊँ बिरहा गाऊँ

अव़्वल तो गांवगा नहीं अगर गांवगा तो हिजर का गीत, अव़्वल तो कोई काम नहीं करता और अगर करता है तो नुक़्सानदेह, इस से जब होगी बेवक़ूफ़ी होगी

अल गई, बल गई, जलवे के वक़्त टल गई

प्यार और आवभगत की बातें करती है लेकिन समय पर ग़ायब हो जाती है

गाय का लवारा मर गया तो खलड़ा देख पन्हाई

अगर गाय का बच्चा मर जाता है तो इस की खाल में भुस भर कर गाय के पास खड़ा कर देते हैं और वो अपने थनों में दूध उतार देती है , असल ना हो तो नक़ल से काम लिया जाता है

मुक़द्दस-गाय

(अर्थात) कोई व्यक्ति, संगठन या दल जिसे आलोचना से परे समझा जाता हो

दरवाज़ा-गाह

फाटक, बड़ा दरवाज़ा

गाय का भैंस तले और भैंस का गाय तले

उधर की चीज़ इधर, उधर की चीज़ उधर, हिकमत-ए-अमली या तदबीर के साथ कोई काम चलाना

शफ़क़-गूँ

शफ़क़ जैसे रंग का, उषा वर्ण

गाय न बच्छी नींद वे अच्छी

जिस के पास कुछ नहीं उसे कुछ फ़िक्र नहीं होती

यक-दाना मोहब्बत अस्त व बाक़ी हमा गाह

एक दाना प्यार है और शेष सब घास है, विश्व में प्रेम ही एक वास्तविक चीज़ है शेष सब व्यर्थ है

तेरी ऐड़ी में गुह

औरतें टोटके के तौर पर नज़र बद बच्चे के लिए बोलती हैं जब कोई नज़र लगाता है

गाय क़स्सा बीच कूँ पतयावे

گائے قصّاب ہی پر اعتماد کرتی ہے ، اچھے آدمی کا کہیں ٹھکانا نہیں ، بُرا آدمی جس پر چاہے قبضہ کرلے.

ग़ूँ ग़ाँ करना

(of an infant) make this sound

गाँड़ में गूह भी नहीं

(फ़हश , बाज़ारी) कोड़ी पास नहीं, निहायत मुफ़लिस है

वा'दा-गाह

वादों को पूरा करने के लिए जगह, कर्बला

वा'ज़-गाह

प्रवचन करने का स्थान, वह स्थान जहाँ हिंदू धर्मोपदेश की बातें की जाएँ अथवा धार्मिक भाषण का स्थान

गौं निकल गई आँख बदल गई

۔مثل۔ خود غرض دوست کی نسبت بولتے ہیں جو مطلب حاصل ہوجانے کے بعد بے مروّتی کرے۔

गूह में ढेला डालें न छींटें पड़ें

रुक : गाह में ढीला फेंको ना छींटें उड़ीं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ना गूह में ढेला डालो, न छींटें पड़ें के अर्थदेखिए

ना गूह में ढेला डालो, न छींटें पड़ें

na guuh me.n Dhelaa Daalo, na chhii.nTe.n pa.De.nنَہ گُوہ میں ڈھیلا ڈالو، نَہ چِھینْٹیں پَڑیں

कहावत

ना गूह में ढेला डालो, न छींटें पड़ें के हिंदी अर्थ

  • ना बुरुँ से मेल जोल रखू ना तुम पर हर्फ़ आए, ना बुरुँ के मुँह लगू ना बरी बातें सुनो

نَہ گُوہ میں ڈھیلا ڈالو، نَہ چِھینْٹیں پَڑیں کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • نہ بروں سے میل جول رکھو نہ تم پر حرف آئے ، نہ بروں کے منھ لگو نہ بری باتیں سنو

Urdu meaning of na guuh me.n Dhelaa Daalo, na chhii.nTe.n pa.De.n

  • Roman
  • Urdu

  • na buru.n se mel jol rakhuu na tum par harf aa.e, na buru.n ke mu.nh laguu na barii baate.n suno

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बोल चाल: अमरीका वफ़ाक़ी तफ़तीश जराइम का अफ़्सर [गर्वनमैंट + मैन]

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तुड़ागी

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सातवां हर्फ़ तहज्जी।

anti-g

ज़िद कशिश-ए-सिक़ल (कपड़े जो ख़ला बाज़ों के लिए तैय्यार होते हैं)

high-falutin(g)

बढ़ी चढ़ी

gay

अलबेला

गय

घर, मकान

गाँ

‘गान’ का लघु., दे. ‘गान’।।

गूँ

ढंग। प्रकार।

गाय

दूध देने वाली मादा पशु, जो हिंदूधर्म में पूज्य मानी जाती है, गऊ

गीं

‘गीन' का लघुः, दे. ‘गीन'।

ग़ीं

नशा करने वालों की वह घमंडी आवाज़ जो नशे की तरंग में निकलती है, बेहोशी की हालत में निकली हुई ग़ुनूदगी की आवाज़

गौं

प्रयोजन सिद्ध होने का स्थान या अवसर । सुयोग । मौका । घात । दाँव ।

गों का

۔۱۔ مطلب کا۔ غرض کا۔ لالچی۔

मय-गूँ

शराब के रंग का सुर्ख़, गुलाबी, लाल आदि

गाय गाय का बच्चा, गाय खाए गुड़

बच्चों से एक खेल खेला जाता है जिस में कहने वाला गाल फुलाता है और मुंदरजा बाला अलफ़ाज़ कहता है इस तरह कि जब लफ़्ज़ गुड़ पर पहुंचता है तो दोनों हाथ फूले हुए गालों पर मारता है जिस की वजह से मन॒ा से बजाय गड़ के गुप निकलता है और बच्चे हंसते हैं

जहाँ गाय वहाँ गाय का बछ्ड़ा

जहां मालिक वहीं इस के साथी, जहां फ़ायदे की चीज़ हो वहां सब जमा होते हैं

गाय गाय का बच्चा, गाय खाए गुप

बच्चों से एक खेल खेला जाता है जिस में कहने वाला गाल फुलाता है और मुंदरजा बाला अलफ़ाज़ कहता है इस तरह कि जब लफ़्ज़ गुड़ पर पहुंचता है तो दोनों हाथ फूले हुए गालों पर मारता है जिस की वजह से मन॒ा से बजाय गड़ के गुप निकलता है और बच्चे हंसते हैं

ग़ूँ ग़ाँ ग़ाँ करना

ننّھے بچّوں کا ہوں ہاں کرنا ، کچھ کچھ بولنا ، تھوڑی بہت بات کرنا.

गूह का कीड़ा गूह में रहे

जो आदमी जैसी संगत में पला होता है वैसी ही संगत उस को भली मालूम होती है

गों पड़ना

काम पड़ना, मतलब पड़ना

गाव गाह गाह , माही हर माह , बुज़ हर पगाह

तबीबों का क़ौल है कि गाय का गोश्त कभी कभी मछली महीने में एक बार और बिक्री का गोश्त हर रोज़ खाना चाहिए

गू-गढ़य्या

मैला पड़ने और इकट्ठा होने की सीमित बनी हुई जगह

कड़वी-आग

(लाक्षणिक) ख़ौफ़नाक और भयानक वातावरण

गाऊँ न गाऊँ बिरह गाऊँ

अव़्वल तो गांवगा नहीं अगर गांवगा तो हिजर का गीत, अव़्वल तो कोई काम नहीं करता और अगर करता है तो नुक़्सानदेह, इस से जब होगी बेवक़ूफ़ी होगी

नमाज़ बख़्शवाने गए, रोज़े गले पड़े

एक काम से पीछा छुड़ाने की कोशिश की दूसरा उससे मुशिकल गले पड़ जाए तो कहते हैं

क़वा'इद-गाह

परेड करने का मैदान, सैन्य-व्यायाम-क्षेत्र

हवाइयाँ उड़ गईं

ख़ौफ़ या ग़म-ओ-तरद्दुद से हाल बदल गया, रंग उड़ गया , और शहरा हो गया

बहुत गई, थोड़ी रह गई

थोड़ा सा जीवन बाक़ी है, बहुत बीत गया है

बड़े बड़े ढह गए, बढ़ई पूछे कितना पानी

जहाँ बड़े बड़े लोगों की भी किसी को परवाह नहीं वहाँ साधारण व्यक्ति को कौन पूछेगा

चूतिया मर गए, औलाद छोड़ गए

मूर्ख के मुत'अल्लिक़ कहते हैं जो काम ख़राब करे अर्थात आप जैसा मूर्ख हम ने नहीं देखा

घोड़े गए, गधों का राज आया

सुशील गए मूर्ख उन की जगह आ गए, सुशील मर गए घटिया लोग रह गए

बहुत कट गई, थोड़ी रह गई

थोड़ा सा जीवन बाक़ी है, बहुत बीत गया है

ग़ाएँ ग़ाएँ

جانوروں وغیرہ کی آواز ، بے معنی آواز.

मुक़द्दस-ज़ियारत-गाह

पवित्र तीर्थ यात्रा, पवित्र स्थान, पाकीज़ा जगह

गाँड़ में गूह नहीं और कव्वे मेहमान

मुफ़लसी में फुज़ूलखर्ची, अपनी हैसियत से बढ़ कर ख़र्च करना

गो-मगो में पड़ना

तज़बज़ब में मुबतेला होना, शक शुबा में पड़ना

चिड़िया की जान गई, लड़के का खिलौना

बच्चे किसी को दुख पहुंचने की परवाह नहीं करते

घोड़े मर गए, गधों का राज आया

सुशील गए मूर्ख उन की जगह आ गए, सुशील मर गए घटिया लोग रह गए

बाप न मारे पिदड़ी बेटा गो-अंदाज़

बाप दादा से कुछ हो नहीं सका बेटा सोरमाई दिखाता है (वो लोग जिन के बुज़ुर्गों से कुछ ना होसका, जब बढ़ चढ़ कर दावे करते हैं तो इस मौक़ा पे तंज़िया कहा जाता है)

रोटी पड़ी मुँह में ज़ात पड़ी गुह में

रोओ पिया किसी तरह हाथ आ जाये कुछ पर्वा नहीं

गाय का लवारा मर गया तो खल्लड़ा वेख पुन्हाई

गाय का बछड़ा मर जाए तो उसकी खाल में भुस भरकर उसे दिखाते हैं तो वह दूध देती है उस मौक़ा पर कहते हैं जब असल चीज़ ख़राब हो जाए, या कोई मर जाए तो उसकी निशानी देख कर याद करें

गाऊँ न गाऊँ बिरहा गाऊँ

अव़्वल तो गांवगा नहीं अगर गांवगा तो हिजर का गीत, अव़्वल तो कोई काम नहीं करता और अगर करता है तो नुक़्सानदेह, इस से जब होगी बेवक़ूफ़ी होगी

गाऊँ ना गाऊँ बिरहा गाऊँ

अव़्वल तो गांवगा नहीं अगर गांवगा तो हिजर का गीत, अव़्वल तो कोई काम नहीं करता और अगर करता है तो नुक़्सानदेह, इस से जब होगी बेवक़ूफ़ी होगी

अल गई, बल गई, जलवे के वक़्त टल गई

प्यार और आवभगत की बातें करती है लेकिन समय पर ग़ायब हो जाती है

गाय का लवारा मर गया तो खलड़ा देख पन्हाई

अगर गाय का बच्चा मर जाता है तो इस की खाल में भुस भर कर गाय के पास खड़ा कर देते हैं और वो अपने थनों में दूध उतार देती है , असल ना हो तो नक़ल से काम लिया जाता है

मुक़द्दस-गाय

(अर्थात) कोई व्यक्ति, संगठन या दल जिसे आलोचना से परे समझा जाता हो

दरवाज़ा-गाह

फाटक, बड़ा दरवाज़ा

गाय का भैंस तले और भैंस का गाय तले

उधर की चीज़ इधर, उधर की चीज़ उधर, हिकमत-ए-अमली या तदबीर के साथ कोई काम चलाना

शफ़क़-गूँ

शफ़क़ जैसे रंग का, उषा वर्ण

गाय न बच्छी नींद वे अच्छी

जिस के पास कुछ नहीं उसे कुछ फ़िक्र नहीं होती

यक-दाना मोहब्बत अस्त व बाक़ी हमा गाह

एक दाना प्यार है और शेष सब घास है, विश्व में प्रेम ही एक वास्तविक चीज़ है शेष सब व्यर्थ है

तेरी ऐड़ी में गुह

औरतें टोटके के तौर पर नज़र बद बच्चे के लिए बोलती हैं जब कोई नज़र लगाता है

गाय क़स्सा बीच कूँ पतयावे

گائے قصّاب ہی پر اعتماد کرتی ہے ، اچھے آدمی کا کہیں ٹھکانا نہیں ، بُرا آدمی جس پر چاہے قبضہ کرلے.

ग़ूँ ग़ाँ करना

(of an infant) make this sound

गाँड़ में गूह भी नहीं

(फ़हश , बाज़ारी) कोड़ी पास नहीं, निहायत मुफ़लिस है

वा'दा-गाह

वादों को पूरा करने के लिए जगह, कर्बला

वा'ज़-गाह

प्रवचन करने का स्थान, वह स्थान जहाँ हिंदू धर्मोपदेश की बातें की जाएँ अथवा धार्मिक भाषण का स्थान

गौं निकल गई आँख बदल गई

۔مثل۔ خود غرض دوست کی نسبت بولتے ہیں جو مطلب حاصل ہوجانے کے بعد بے مروّتی کرے۔

गूह में ढेला डालें न छींटें पड़ें

रुक : गाह में ढीला फेंको ना छींटें उड़ीं

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