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लोई

गुंधे हुए आटे का उतना अंश the जो एक रोटी बनाने के लिए निकालकर गोली के आकार का बनाया जाता है और जिसे बेलकर रोटी बनाते हैं

लोई उतरना

लोई उतारना (रुक) का लाज़िम , बेइज़्ज़त होना

लोई उतारना

निर्लज्ज हो जाना, बेशर्म बन जाना

डाँडी-चंद-लोई

چولائی ؛ اِسکا نام ڈانڈی چند لوئی بھی ہے

मैदे की लोई

(शाब्दिक) गुँधे हुए मैदे का छोटा पीड़ा

मुँह पे लोई फेरना

बेग़ैरती लादना, बे-हयाई पर आमादा होना, बे-हया होजाना

मुँह पर लोई फेरना

बेग़ैरती लादना, बे-हयाई पर आमादा होना, बे-हया होजाना

मुँह की लोई उतर जाना

बेशर्म हो जाना, निर्लज्जता छा जाना, लाज शर्म का जाता रहना

अंडोई बंडोई शकर पारे की लोई

رک : انڈوئی۔

जब उनारी मुँह की लोई क्या करेगा कोई

बेहया बिन जाते पर किसी का डर या परवाह नहीं रहती

ओढ़ ली लोई तो क्या करेगा कोई

जब निर्लज्जता अपना ली तो फिर किस का डर

मुँह की उतरी लोई, तो क्या करेगा कोई

निर्लज्ज को किसी की परवाह नहीं होती

मुँह की उतरी लोई, तो क्या करेगा कोई

कोई जानबूझ कर निर्लज्जता दिखाए तो कहते हैं

मुँह पर डाली लोई, तो क्या करेगा कोई

यदि व्यक्ति ढीठ या बेशर्म हो जाए, तो उसे किसी की चिंता नहीं होती

उतर गई मुँह से लोई क्या करेगा कोई

मनुष्य निर्लज्जता चुन ले या निर्लज्ज हो जाए तो किसी का डर नहीं रहता, जब इज़्ज़त उतर जाती है या अपमानित हो जाता है तो मनुष्य निडर हो जाता है, धृष्ट या निर्लज्ज आदमी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, लज्जाहीन व्यक्ति को किसी की परवाह नहीं होती

मुँह की गई लोई, तो क्या करेगा कोई

मनुष्य निर्लज्जता चुन ले या निर्लज्ज हो जाए तो किसी का डर नहीं रहता, जब इज़्ज़त उतर जाती है या अपमानित हो जाता है तो मनुष्य निडर हो जाता है, धृष्ट या निर्लज्ज आदमी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, लज्जाहीन व्यक्ति को किसी की परवाह नहीं होती

जब ओढ़ ली लोई तो क्या करेगा कोई

۔مثل۔ بے حیاج کو کسی کا خیال نہیں ہوتا۔

जिस की उतरी लोई उस का किया करेगा कोई

जिस में श्रम-ओ-हया बाक़ी ना रहे उस को कोई क्या कह सकता है, बेशरम की बला दूर

उतर गई लोई, तो क्या करेगा कोई

निर्लज्ज को किसी की परवाह नहीं होती

उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई

मनुष्य निर्लज्जता चुन ले या निर्लज्ज हो जाए तो किसी का डर नहीं रहता, जब इज़्ज़त उतर जाती है या अपमानित हो जाता है तो मनुष्य निडर हो जाता है, धृष्ट या निर्लज्ज आदमी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, लज्जाहीन व्यक्ति को किसी की परवाह नहीं होती

उतार ली मुँह को लोई तो क्या करेगा कोई

बेशर्म सब कुछ कर सकता है, लज्जाहीन से कोई बात दूर नहीं

मुँह की गई लोई, तो क्या करेगा कोई

निर्लज्ज को किसी की परवाह नहीं होती

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मुँह की उतरी लोई, तो क्या करेगा कोई के अर्थदेखिए

मुँह की उतरी लोई, तो क्या करेगा कोई

mu.nh kii utrii lo.ii, to kyaa karegaa ko.iiمُنہ کی اُتری لوئی، تو کیا کَرے گا کوئی

कहावत

मुँह की उतरी लोई, तो क्या करेगा कोई के हिंदी अर्थ

  • कोई जानबूझ कर निर्लज्जता दिखाए तो कहते हैं

مُنہ کی اُتری لوئی، تو کیا کَرے گا کوئی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • کوئی جان بوجھ کر بے شرمی اختیار کرے تو کہتے ہیں ۔

Urdu meaning of mu.nh kii utrii lo.ii, to kyaa karegaa ko.ii

  • Roman
  • Urdu

  • ko.ii jaanbuujh kar besharmii iKhatiyaar kare to kahte hai.n

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लोई

गुंधे हुए आटे का उतना अंश the जो एक रोटी बनाने के लिए निकालकर गोली के आकार का बनाया जाता है और जिसे बेलकर रोटी बनाते हैं

लोई उतरना

लोई उतारना (रुक) का लाज़िम , बेइज़्ज़त होना

लोई उतारना

निर्लज्ज हो जाना, बेशर्म बन जाना

डाँडी-चंद-लोई

چولائی ؛ اِسکا نام ڈانڈی چند لوئی بھی ہے

मैदे की लोई

(शाब्दिक) गुँधे हुए मैदे का छोटा पीड़ा

मुँह पे लोई फेरना

बेग़ैरती लादना, बे-हयाई पर आमादा होना, बे-हया होजाना

मुँह पर लोई फेरना

बेग़ैरती लादना, बे-हयाई पर आमादा होना, बे-हया होजाना

मुँह की लोई उतर जाना

बेशर्म हो जाना, निर्लज्जता छा जाना, लाज शर्म का जाता रहना

अंडोई बंडोई शकर पारे की लोई

رک : انڈوئی۔

जब उनारी मुँह की लोई क्या करेगा कोई

बेहया बिन जाते पर किसी का डर या परवाह नहीं रहती

ओढ़ ली लोई तो क्या करेगा कोई

जब निर्लज्जता अपना ली तो फिर किस का डर

मुँह की उतरी लोई, तो क्या करेगा कोई

निर्लज्ज को किसी की परवाह नहीं होती

मुँह की उतरी लोई, तो क्या करेगा कोई

कोई जानबूझ कर निर्लज्जता दिखाए तो कहते हैं

मुँह पर डाली लोई, तो क्या करेगा कोई

यदि व्यक्ति ढीठ या बेशर्म हो जाए, तो उसे किसी की चिंता नहीं होती

उतर गई मुँह से लोई क्या करेगा कोई

मनुष्य निर्लज्जता चुन ले या निर्लज्ज हो जाए तो किसी का डर नहीं रहता, जब इज़्ज़त उतर जाती है या अपमानित हो जाता है तो मनुष्य निडर हो जाता है, धृष्ट या निर्लज्ज आदमी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, लज्जाहीन व्यक्ति को किसी की परवाह नहीं होती

मुँह की गई लोई, तो क्या करेगा कोई

मनुष्य निर्लज्जता चुन ले या निर्लज्ज हो जाए तो किसी का डर नहीं रहता, जब इज़्ज़त उतर जाती है या अपमानित हो जाता है तो मनुष्य निडर हो जाता है, धृष्ट या निर्लज्ज आदमी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, लज्जाहीन व्यक्ति को किसी की परवाह नहीं होती

जब ओढ़ ली लोई तो क्या करेगा कोई

۔مثل۔ بے حیاج کو کسی کا خیال نہیں ہوتا۔

जिस की उतरी लोई उस का किया करेगा कोई

जिस में श्रम-ओ-हया बाक़ी ना रहे उस को कोई क्या कह सकता है, बेशरम की बला दूर

उतर गई लोई, तो क्या करेगा कोई

निर्लज्ज को किसी की परवाह नहीं होती

उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई

मनुष्य निर्लज्जता चुन ले या निर्लज्ज हो जाए तो किसी का डर नहीं रहता, जब इज़्ज़त उतर जाती है या अपमानित हो जाता है तो मनुष्य निडर हो जाता है, धृष्ट या निर्लज्ज आदमी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, लज्जाहीन व्यक्ति को किसी की परवाह नहीं होती

उतार ली मुँह को लोई तो क्या करेगा कोई

बेशर्म सब कुछ कर सकता है, लज्जाहीन से कोई बात दूर नहीं

मुँह की गई लोई, तो क्या करेगा कोई

निर्लज्ज को किसी की परवाह नहीं होती

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