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मिले

associated, attached, gained, met, meet

मिले हुए ज़ोर

बलों की एक श्रृंखला, क़ुव्वतों का एक सिलसिला

मिले-जुले रहना

live together in harmony

मिलेशिया-पोश

ملیشیا کے کپڑے پہننے والا ، ملیشیا پہننے والا ۔

मिलेनियम

ایک ہزار سال کا مجموعہ یا زمانہ، ایک ہزار سال کی مدت، الف، ہزارہ ۔

ख़िज़र मिले

काम बन गया, लक्ष्य हासिल हो गया, मनोकामना हो गई, उम्मीद पूरी हो गई, रहनुमा मिल गया

आठ मिले काठ, तुलसी मिले जात

आठ लकड़ियाँ मिलने से जाति बन जाती है अर्थात जाति आसानी से बन जाती है

दोस्त मिले खाते, दुश्मन मिले रोते

एक प्रकार की प्रार्थना है कि मित्र ख़ुश रहें एवं शत्रु दुखी हों

मन-मिले

वो जो संयुक्त और संघटित हों

दोनों वक़्त मिले

شام کے وقت ، جھٹہٹے میں ، مغرب کے وقت ، (مجازاً) صبح کا وہ لمحہ جب رات ختم ہو کر دن شروع ہو ، یا شام کا وقت جب دن ختم ہو کر رات شروع ہونے والی ہو

सब कोई मिले पर लंगोटिया न मिले

निकट संबंधी मित्र बहुत नि:संकोच हो कर बात करता है इस लिए न मिले तो बेहतर है क्यूँकि वो सब पोल खोल देगा

माया से माया मिले , मिले नीच से नीच , पानी से पानी मिले , मिले कीच से कीच

मुँह माँगी मुराद मिले

फ़क़ीरों की दुआ, इच्छा अनुसार काम हो जाए

घर बैठे ख़िज़्र मिले

दिल की कामना पूरी हुई, जिसकी खोज थी मिल गया

अन माँगे मोती मिले, माँगे मिले न भीक

अक्सर बिना मेहनत और तलाश के बड़ा काम बन जाता है और कभी कभी मामूली सा काम भी मेहनत के बावजूद नहीं बनता

खाते-पीते जग मिले, अवसर मिले न कोए

ख़ुशी की हालत में सब साथी या दोस्त होते हैं और परेशानी में कोई नहीं

पानी से पाने मिले , मिले कीच से कीच

जिन्स बजानिब जिन्स राग़िब होती है, जैसा ख़ुद होता है वेसों ही से मिलता है, शरीफ़ शरीफ़ से और कमीन कमीन से मेल जोल रखता है

मन मिले का मेला, चित मिले का चेला

अंदर की सफ़ाई से काम चलता है केवल बाहर की सफ़ाई से कुछ नहीं होता

पेट में घुसे तो भेद मिले

किसी के मन की बात जानना बहुत कठिन है, किसी के मन की बात उसके घनिष्ठ संपर्क में आने से ही जानी जा सकती है अर्थात जब किसी से बहुत दोस्ती हो जाए तब भेद पता चलता है

कमबख़्त गए हाट न मिले तराज़ू न मिले बाट

दुर्भाग्य आदमी का हर तरह नुक़्सान होता है सौदा लेने जाए तो दुकानदार के पास तराज़ू या बाट नहीं होते, जितना चाहे दे

बिन माँगे मिले सो दूध और माँगे मिले सो पानी

बिना सवाल के आवश्यकता पूरी हो तो क्या कहना और माँगने की आवश्यकता पड़े तो आनंद नहीं आता

गुर बिन मिले न ज्ञान, भाग बिन मिले न सम्पत

बगै़र उस्ताद के इलम हासिल नहीं होता और बगै़र क़िस्मत के दौलत नहीं मिलती

गुरू बिन मिले न ज्ञान, भाग बिन मिले न सम्पत्ति

बिन गुरू के ज्ञान नहीं मिलता और न बिना भाग्य के धन ही मिलता है

मर्ज़ी मिले का सौदा

رضامندی کا معاملہ، باہم راضی ہوجانے کی ہدایت

उत्तम से उत्तम मिले, मिले नीच से नीच, पानी से पानी मिले और कीच से कीच

हर वस्तु अपने वर्ग अथवा लिंग की तरफ़ प्रवृत्ति होती है, बड़ा बड़े की तरफ़ और छोटा छोटे की तरफ़

जमना मिले तो जमना दास , गंगा मिले तो गंगा राम

एक बात पर क़ायम ना रहना, मस्लिहत के मुताबिक़ रवैय्या बदलना, मौकापरस्ती से काम लेना

खाने को न मिले, ख़ैर, पर नशे को मिले

मादक द्रव्यों का व्यसनी व्यक्ति भोजन की अधिक परवाह नहीं करता परंतु मादक द्रव्यों के बिना नहीं रह सकता

वहाँ मारिए जहाँ पानी न मिले

रुक : वहां गर्दन मारीए अलख

सरकार से मिले तेल, पल्ले ही में मेल

सरकार से जो मिले ले लेना चाहिये

वहाँ गर्दन मारिये जहाँ पानी न मिले

बहुत ही कठोर दंड देना चाहिए, किसी व्यक्ति के अपराध को सुनकर लोग सुझाव के रूप में कहते हैं

गर्दन वहाँ मारे जहाँ पानी न मिले

थोड़ा भी दया के क़ाबिल, योग्य नहीं है, अत्याचारी दुष्ट और भ्रष्ट आदमी के संबंध में कहते हैं

कम्बख़्त गए हाट, तराज़ू मिले न बाट

बदक़िस्मत की नाकामी की हालत में बोलते हैं

भूक गए भोजन मिले जाड़ा जात गए क़बाई जोबन गए तुरया मिले तीनों देव बहाए

वक़्त गुज़रने पर जब ज़रूरत पूरी हो तो कहते हैं

ला वारिस बच्चा जो पड़ा हुआ मिले

foundling

पत्थर पूजे हर मिले तो मैं पूजूँ पहाड़

अगर ख़ुशामद से कार बरारी होसके तो में निहायत ख़ुशामदी बिन जाऊं

आँख फड़के दहनी माँ मिले या बहनी, आँख फड़के बाईं बीर मिले या साईं

बाएँ आँख फड़के तो पति या पत्नि से भेंट होती है और दाएँ आँख फड़कने पर माँ या बहन से

जिसे खाने को मिले यूँ, वो कमाने को जाए क्यूँ

जिसे परिश्रम के बिना सब कुछ कुछ मिले उसे परिश्रम करने की क्या आवश्यकता है

वहाँ लटका के मारे जहाँ पानी न मिले

रुक : वहां गर्दन मारीए अलख

भूक गए भोजन मिले जाड़ा जात गए क़बाई जोबन गए तुरया मिले तीनों देव बहाई

वक़्त गुज़रने पर जब ज़रूरत पूरी हो तो कहते हैं

बिन माँगे मोती मिलें और माँगे मिले न भीक

जो कुछ भाग्य में होता है बह बिना किसी रणनीति के मिल जाता है

रोगी से रोगी मिले कहे कि नीम खा नीम

जब रोगी आदमी इकट्ठे होते हैं तो एक दूसरे को दवाईयाँ बताते हैं

खाने को न मिले खली, नाम को बख़्त बली

नाम बड़ा दर्शन छोटे, नाम हालात के बिल्कुल उल्टा

भैंसा भैंसों में मिले या क़साई के बंधे गले

रुक : भैंसा भैंसों में या कसाई के खूंटे

बाप को आटा न मिले जो ईंधन को भेजे

कोई स्थिति न बन जाए कि काम करना पड़े, सुस्त और आलसी के बारे में उपयोग किया जाता है

घर में जो शहद मिले तो काहे बन को जाएँ

अगर बगै़र मेहनत मशक्कत के रोज़ी मिले तो दौड़ धूप की ज़रूरत क्यों पड़े

रले मिले पंचों रहे, जान जाए पर सच न कहे

पंचायत के साथ मेल-जोल रखना चाहिए चाहे झूठ ही बोलना पड़े

तुलसी ऐसे मित्र के कोट फाँद के जाए, आवत ही तो हंस मिले और चलत रहे मुरझाए

पहले मित्र को बड़ी रूचि से मिलना चाहिए जो हंसता हुआ मिले और जाता हुआ दुखी हो

अरे मिले करना

ऊपर के दिल से हाँ में हाँ मिला कर टालना

तेवर मिले होना

اندازِ نگاہ سے آثارِ کدورت وناگواری ظاہر ہونا

वैसा ही तो को फल मिले जैसा बीज बोवाए, नीम बोय के निकले गाँडा कोई न खाए

जैसा करोगे वैसा भरोगे

पीपल पूजन मैं चली गलम बोध के घाट, पीपल पूजत पी मिले एक पंथ दो काज

अच्छे काम करने में लाभ ही होता है पीपल को पूजने गई तो प्रीतम भी मिल गया

माया को माया मिले कर कर लम्बे हाथ, तुलसी दास गरीब की कोई न पूछे बात

झाँसी गले की फाँसी , दत्या गले का हार , ललत पूर न छोड़िये जब तक मिले उधार

इन शहरों के मुताल्लिक़ लोगों के ख़्यालात ये हैं कि शहर झांसी गले की फांसी की मानिंद है यानी पीछा छुड़ाना मुश्किल है और दतिया बहुत मुहब्बत करने वाला है और ललित पर को इस वक़्त तक नहीं छोड़ना चाहिए जब तक वहां उधार मिलता रहे

माया को माया मिले कर के लम्बे हात, तुलसी दास ग़रीब की कोई न पूछे बात

धन को धन खींचता है

प्रीतम प्रीतम सब कहें प्रीतम जाने न कोय, एक बार जो प्रीतम मिले सदा आनंद फिर होय

हर एक प्रेम करता है परंतु प्रेम की समझ किसी को नहीं

गुरू, बैद और ज्योतिषी, देव मंत्री और राज, उन्हें भेन्ट बिन जो मिले, होए न पूरन काज

गुरू, वैद्य، ज्योतिषी, देवता, वज़ीर और राजा से उस वक़्त तक काम नहीं निकलता जब तक उन को भेंट न दी जाए, अर्थात इनके पास ख़ाली हाथ नहीं जाना चाहिए

जैसे को तैसा मिले सुन ले राजा भील , लोहे को चूहा खा गया लौंडे को ले गई चील

जैसा तू ने मेरे साथ किया वैसा ही में तेरे साथ पेश आया , हर शरीर को सुधारने वाला मिल जाता है

प्रीत न टूटे अन-मिले उत्तम मन की लाग, सौ जुग पानी में रहे चकमक तजे न आग

सच्चा प्रेम अनुपस्थिति में नहीं जाती जिस तरह चक़माक़ पानी में रहने से आग नहीं खोता

जो आधी को छोड़ सारी को जावे तो फिर सारी मिले न आधी पावे

a bird in hand is worth two in the bush, it is better to accept something small than to reject it and hope to get more later on

जो आधी को छोड़ कर सारी को जावे तो फिर सारी मिले न आधी पावे

रुक : आधी को छोड़कर सारी को जावे सारी मए ना आधी पावे

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मिले के अर्थदेखिए

मिले

mileمِلے

वज़्न : 12

English meaning of mile

  • associated, attached, gained, met, meet

Urdu meaning of mile

  • Roman
  • Urdu

खोजे गए शब्द से संबंधित

मिले

associated, attached, gained, met, meet

मिले हुए ज़ोर

बलों की एक श्रृंखला, क़ुव्वतों का एक सिलसिला

मिले-जुले रहना

live together in harmony

मिलेशिया-पोश

ملیشیا کے کپڑے پہننے والا ، ملیشیا پہننے والا ۔

मिलेनियम

ایک ہزار سال کا مجموعہ یا زمانہ، ایک ہزار سال کی مدت، الف، ہزارہ ۔

ख़िज़र मिले

काम बन गया, लक्ष्य हासिल हो गया, मनोकामना हो गई, उम्मीद पूरी हो गई, रहनुमा मिल गया

आठ मिले काठ, तुलसी मिले जात

आठ लकड़ियाँ मिलने से जाति बन जाती है अर्थात जाति आसानी से बन जाती है

दोस्त मिले खाते, दुश्मन मिले रोते

एक प्रकार की प्रार्थना है कि मित्र ख़ुश रहें एवं शत्रु दुखी हों

मन-मिले

वो जो संयुक्त और संघटित हों

दोनों वक़्त मिले

شام کے وقت ، جھٹہٹے میں ، مغرب کے وقت ، (مجازاً) صبح کا وہ لمحہ جب رات ختم ہو کر دن شروع ہو ، یا شام کا وقت جب دن ختم ہو کر رات شروع ہونے والی ہو

सब कोई मिले पर लंगोटिया न मिले

निकट संबंधी मित्र बहुत नि:संकोच हो कर बात करता है इस लिए न मिले तो बेहतर है क्यूँकि वो सब पोल खोल देगा

माया से माया मिले , मिले नीच से नीच , पानी से पानी मिले , मिले कीच से कीच

मुँह माँगी मुराद मिले

फ़क़ीरों की दुआ, इच्छा अनुसार काम हो जाए

घर बैठे ख़िज़्र मिले

दिल की कामना पूरी हुई, जिसकी खोज थी मिल गया

अन माँगे मोती मिले, माँगे मिले न भीक

अक्सर बिना मेहनत और तलाश के बड़ा काम बन जाता है और कभी कभी मामूली सा काम भी मेहनत के बावजूद नहीं बनता

खाते-पीते जग मिले, अवसर मिले न कोए

ख़ुशी की हालत में सब साथी या दोस्त होते हैं और परेशानी में कोई नहीं

पानी से पाने मिले , मिले कीच से कीच

जिन्स बजानिब जिन्स राग़िब होती है, जैसा ख़ुद होता है वेसों ही से मिलता है, शरीफ़ शरीफ़ से और कमीन कमीन से मेल जोल रखता है

मन मिले का मेला, चित मिले का चेला

अंदर की सफ़ाई से काम चलता है केवल बाहर की सफ़ाई से कुछ नहीं होता

पेट में घुसे तो भेद मिले

किसी के मन की बात जानना बहुत कठिन है, किसी के मन की बात उसके घनिष्ठ संपर्क में आने से ही जानी जा सकती है अर्थात जब किसी से बहुत दोस्ती हो जाए तब भेद पता चलता है

कमबख़्त गए हाट न मिले तराज़ू न मिले बाट

दुर्भाग्य आदमी का हर तरह नुक़्सान होता है सौदा लेने जाए तो दुकानदार के पास तराज़ू या बाट नहीं होते, जितना चाहे दे

बिन माँगे मिले सो दूध और माँगे मिले सो पानी

बिना सवाल के आवश्यकता पूरी हो तो क्या कहना और माँगने की आवश्यकता पड़े तो आनंद नहीं आता

गुर बिन मिले न ज्ञान, भाग बिन मिले न सम्पत

बगै़र उस्ताद के इलम हासिल नहीं होता और बगै़र क़िस्मत के दौलत नहीं मिलती

गुरू बिन मिले न ज्ञान, भाग बिन मिले न सम्पत्ति

बिन गुरू के ज्ञान नहीं मिलता और न बिना भाग्य के धन ही मिलता है

मर्ज़ी मिले का सौदा

رضامندی کا معاملہ، باہم راضی ہوجانے کی ہدایت

उत्तम से उत्तम मिले, मिले नीच से नीच, पानी से पानी मिले और कीच से कीच

हर वस्तु अपने वर्ग अथवा लिंग की तरफ़ प्रवृत्ति होती है, बड़ा बड़े की तरफ़ और छोटा छोटे की तरफ़

जमना मिले तो जमना दास , गंगा मिले तो गंगा राम

एक बात पर क़ायम ना रहना, मस्लिहत के मुताबिक़ रवैय्या बदलना, मौकापरस्ती से काम लेना

खाने को न मिले, ख़ैर, पर नशे को मिले

मादक द्रव्यों का व्यसनी व्यक्ति भोजन की अधिक परवाह नहीं करता परंतु मादक द्रव्यों के बिना नहीं रह सकता

वहाँ मारिए जहाँ पानी न मिले

रुक : वहां गर्दन मारीए अलख

सरकार से मिले तेल, पल्ले ही में मेल

सरकार से जो मिले ले लेना चाहिये

वहाँ गर्दन मारिये जहाँ पानी न मिले

बहुत ही कठोर दंड देना चाहिए, किसी व्यक्ति के अपराध को सुनकर लोग सुझाव के रूप में कहते हैं

गर्दन वहाँ मारे जहाँ पानी न मिले

थोड़ा भी दया के क़ाबिल, योग्य नहीं है, अत्याचारी दुष्ट और भ्रष्ट आदमी के संबंध में कहते हैं

कम्बख़्त गए हाट, तराज़ू मिले न बाट

बदक़िस्मत की नाकामी की हालत में बोलते हैं

भूक गए भोजन मिले जाड़ा जात गए क़बाई जोबन गए तुरया मिले तीनों देव बहाए

वक़्त गुज़रने पर जब ज़रूरत पूरी हो तो कहते हैं

ला वारिस बच्चा जो पड़ा हुआ मिले

foundling

पत्थर पूजे हर मिले तो मैं पूजूँ पहाड़

अगर ख़ुशामद से कार बरारी होसके तो में निहायत ख़ुशामदी बिन जाऊं

आँख फड़के दहनी माँ मिले या बहनी, आँख फड़के बाईं बीर मिले या साईं

बाएँ आँख फड़के तो पति या पत्नि से भेंट होती है और दाएँ आँख फड़कने पर माँ या बहन से

जिसे खाने को मिले यूँ, वो कमाने को जाए क्यूँ

जिसे परिश्रम के बिना सब कुछ कुछ मिले उसे परिश्रम करने की क्या आवश्यकता है

वहाँ लटका के मारे जहाँ पानी न मिले

रुक : वहां गर्दन मारीए अलख

भूक गए भोजन मिले जाड़ा जात गए क़बाई जोबन गए तुरया मिले तीनों देव बहाई

वक़्त गुज़रने पर जब ज़रूरत पूरी हो तो कहते हैं

बिन माँगे मोती मिलें और माँगे मिले न भीक

जो कुछ भाग्य में होता है बह बिना किसी रणनीति के मिल जाता है

रोगी से रोगी मिले कहे कि नीम खा नीम

जब रोगी आदमी इकट्ठे होते हैं तो एक दूसरे को दवाईयाँ बताते हैं

खाने को न मिले खली, नाम को बख़्त बली

नाम बड़ा दर्शन छोटे, नाम हालात के बिल्कुल उल्टा

भैंसा भैंसों में मिले या क़साई के बंधे गले

रुक : भैंसा भैंसों में या कसाई के खूंटे

बाप को आटा न मिले जो ईंधन को भेजे

कोई स्थिति न बन जाए कि काम करना पड़े, सुस्त और आलसी के बारे में उपयोग किया जाता है

घर में जो शहद मिले तो काहे बन को जाएँ

अगर बगै़र मेहनत मशक्कत के रोज़ी मिले तो दौड़ धूप की ज़रूरत क्यों पड़े

रले मिले पंचों रहे, जान जाए पर सच न कहे

पंचायत के साथ मेल-जोल रखना चाहिए चाहे झूठ ही बोलना पड़े

तुलसी ऐसे मित्र के कोट फाँद के जाए, आवत ही तो हंस मिले और चलत रहे मुरझाए

पहले मित्र को बड़ी रूचि से मिलना चाहिए जो हंसता हुआ मिले और जाता हुआ दुखी हो

अरे मिले करना

ऊपर के दिल से हाँ में हाँ मिला कर टालना

तेवर मिले होना

اندازِ نگاہ سے آثارِ کدورت وناگواری ظاہر ہونا

वैसा ही तो को फल मिले जैसा बीज बोवाए, नीम बोय के निकले गाँडा कोई न खाए

जैसा करोगे वैसा भरोगे

पीपल पूजन मैं चली गलम बोध के घाट, पीपल पूजत पी मिले एक पंथ दो काज

अच्छे काम करने में लाभ ही होता है पीपल को पूजने गई तो प्रीतम भी मिल गया

माया को माया मिले कर कर लम्बे हाथ, तुलसी दास गरीब की कोई न पूछे बात

झाँसी गले की फाँसी , दत्या गले का हार , ललत पूर न छोड़िये जब तक मिले उधार

इन शहरों के मुताल्लिक़ लोगों के ख़्यालात ये हैं कि शहर झांसी गले की फांसी की मानिंद है यानी पीछा छुड़ाना मुश्किल है और दतिया बहुत मुहब्बत करने वाला है और ललित पर को इस वक़्त तक नहीं छोड़ना चाहिए जब तक वहां उधार मिलता रहे

माया को माया मिले कर के लम्बे हात, तुलसी दास ग़रीब की कोई न पूछे बात

धन को धन खींचता है

प्रीतम प्रीतम सब कहें प्रीतम जाने न कोय, एक बार जो प्रीतम मिले सदा आनंद फिर होय

हर एक प्रेम करता है परंतु प्रेम की समझ किसी को नहीं

गुरू, बैद और ज्योतिषी, देव मंत्री और राज, उन्हें भेन्ट बिन जो मिले, होए न पूरन काज

गुरू, वैद्य، ज्योतिषी, देवता, वज़ीर और राजा से उस वक़्त तक काम नहीं निकलता जब तक उन को भेंट न दी जाए, अर्थात इनके पास ख़ाली हाथ नहीं जाना चाहिए

जैसे को तैसा मिले सुन ले राजा भील , लोहे को चूहा खा गया लौंडे को ले गई चील

जैसा तू ने मेरे साथ किया वैसा ही में तेरे साथ पेश आया , हर शरीर को सुधारने वाला मिल जाता है

प्रीत न टूटे अन-मिले उत्तम मन की लाग, सौ जुग पानी में रहे चकमक तजे न आग

सच्चा प्रेम अनुपस्थिति में नहीं जाती जिस तरह चक़माक़ पानी में रहने से आग नहीं खोता

जो आधी को छोड़ सारी को जावे तो फिर सारी मिले न आधी पावे

a bird in hand is worth two in the bush, it is better to accept something small than to reject it and hope to get more later on

जो आधी को छोड़ कर सारी को जावे तो फिर सारी मिले न आधी पावे

रुक : आधी को छोड़कर सारी को जावे सारी मए ना आधी पावे

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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