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बावला

जिसे वायु का प्रकोप हो, पागल, विक्षिप्त, सनकी

बावला-पन

पागलपन, पागल होने की अवस्था या भाव, सिर्रीपना, झक ,सनक

बावला कुत्ता

वह व्यक्ति जो अनावश्यक ही दूसरे को दुःख पहुँचाए

बावला होना

पागल होना, बौराना

बावला कुत्ता हिरन खदेड़े

जब आदमी को दीवाने की तरह किसी काम की धन होजईए तो वो अपनी ताक़त से ज़्यादा हौसला करता है

बावला बनाना

बेवक़ूफ़ बनाना, परेशान करदेना, उल्लू बनाना

ग़रज़-बावला

मतलबी, इच्छुक, आवश्यकता के हाथों असहाय

लड़-बावला

احمق ، ابلہ ، بے وقوف ، کم عقل

जनम-बावला

پیدائشی دیوانہ ، ہمیشہ کا پگلا .

ग़रज़ का बावला

slave of one's passions

ग़रज़-मंद बावला होता है

ज़रूरतमंद आदमी पागल होता है, वह अपनी बात पूरी करने के लिए किसी बात से नहीं हिचकिचाता

तावला सो बावला

जल्दी का काम ख़राब होता है

ग़रज़ का बावला अपनी गावे

आकांक्षी व्यक्ति अपनी ही बात की धुन रखता है, हर समय अपनी आवश्यकता एवं ज़रूरत बयान करता रहता है

उतावला सो बावला, धीरा सो गंभीरा

जल्दी करने वाला मूर्ख होता है एवं धीरे काम करने वाला बुद्धिमान, जल्दबाज़ी अच्छी नहीं है

उतावला सो बावला

जल्दी करने वाला मूर्ख होता है एवं धीरे काम करने वाला बुद्धिमान, जल्दबाज़ी अच्छी नहीं है

ग़ुस्से में इंसान बावला हो जाता है

ग़ुस्से में आदमी पागलों की तरह काम करता है

ग़रज़ पड़े से आदमी बावला हो जाता है

ज़रूरत के वक़्त आदमी दीवानों की तरह काम करता है

अकेला सो बावला, दुकेला सो संग, तिकेला सो खट पट, चौकेला सो जंग

आदमी तन्हा हो तो उसे वहशत होती है दो हूँ तो दिल मज़बूत होता है ेहन हूँ तो बाहम खटपट शुरू होजाती है और चार (या ज़्यादा) हूँ तो लड़ बैठते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में माह-ए-तमाम के अर्थदेखिए

माह-ए-तमाम

maah-e-tamaamماہِ تَمام

वज़्न : 22121

माह-ए-तमाम के हिंदी अर्थ

फ़ारसी, अरबी - संज्ञा, पुल्लिंग

  • पूरा चाँद, चौधवीं रात का चाँद

शे'र

English meaning of maah-e-tamaam

Persian, Arabic - Noun, Masculine

  • full moon

ماہِ تَمام کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فارسی، عربی - اسم، مذکر

  • پورا چاند، چودھویں رات کا چاند، بدر

Urdu meaning of maah-e-tamaam

  • Roman
  • Urdu

  • puura chaand, chaudhvii.n raat ka chaand, badar

माह-ए-तमाम से संबंधित रोचक जानकारी

महीने की पहली तारीख़ से लेकर सातवीं तारीख़ तक के चांद को 'हलाल' कहते हैं और उसके बाद का चांद 'क़मर' कहलाता है,पूरे चांद को 'बदर' कहते हैं। चांद के लिए और भी कई शब्द हैं जैसे मह, माह, महताब, माह ताब जो उर्दू शायरी में तरह तरह से अपनी चांदनी बिखेरते हैं। परवीन शाकिर की कुल्लियात (समग्र) का नाम 'माह-ए-तमाम' है। इसमें 'माह' फ़ारसी शब्द है और 'तमाम' अरबी शब्द जिसका अर्थ है पूरा हो जाना। वक़्त का क्या सितम है कि परवीन ने 34 वर्ष की आयु में 1994 में अपनी कुल्लियात प्रकाशित कर दी थी और उसी साल कार की दुर्घटना में वह ख़त्म हो गईं। इस दुर्घटना के दूसरे साल 'कफ़-ए-आईना' के नाम से उनका अंतिम काव्य संग्रह उनकी बड़ी बहन की देखरेख में प्रकाशित हुआ जिसे परवीन मृत्यु पूर्व संकलित कर रही थीं और यह नाम उन ही का सुझाया हुआ था।

लेखक: अज़रा नक़वी

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बावला

जिसे वायु का प्रकोप हो, पागल, विक्षिप्त, सनकी

बावला-पन

पागलपन, पागल होने की अवस्था या भाव, सिर्रीपना, झक ,सनक

बावला कुत्ता

वह व्यक्ति जो अनावश्यक ही दूसरे को दुःख पहुँचाए

बावला होना

पागल होना, बौराना

बावला कुत्ता हिरन खदेड़े

जब आदमी को दीवाने की तरह किसी काम की धन होजईए तो वो अपनी ताक़त से ज़्यादा हौसला करता है

बावला बनाना

बेवक़ूफ़ बनाना, परेशान करदेना, उल्लू बनाना

ग़रज़-बावला

मतलबी, इच्छुक, आवश्यकता के हाथों असहाय

लड़-बावला

احمق ، ابلہ ، بے وقوف ، کم عقل

जनम-बावला

پیدائشی دیوانہ ، ہمیشہ کا پگلا .

ग़रज़ का बावला

slave of one's passions

ग़रज़-मंद बावला होता है

ज़रूरतमंद आदमी पागल होता है, वह अपनी बात पूरी करने के लिए किसी बात से नहीं हिचकिचाता

तावला सो बावला

जल्दी का काम ख़राब होता है

ग़रज़ का बावला अपनी गावे

आकांक्षी व्यक्ति अपनी ही बात की धुन रखता है, हर समय अपनी आवश्यकता एवं ज़रूरत बयान करता रहता है

उतावला सो बावला, धीरा सो गंभीरा

जल्दी करने वाला मूर्ख होता है एवं धीरे काम करने वाला बुद्धिमान, जल्दबाज़ी अच्छी नहीं है

उतावला सो बावला

जल्दी करने वाला मूर्ख होता है एवं धीरे काम करने वाला बुद्धिमान, जल्दबाज़ी अच्छी नहीं है

ग़ुस्से में इंसान बावला हो जाता है

ग़ुस्से में आदमी पागलों की तरह काम करता है

ग़रज़ पड़े से आदमी बावला हो जाता है

ज़रूरत के वक़्त आदमी दीवानों की तरह काम करता है

अकेला सो बावला, दुकेला सो संग, तिकेला सो खट पट, चौकेला सो जंग

आदमी तन्हा हो तो उसे वहशत होती है दो हूँ तो दिल मज़बूत होता है ेहन हूँ तो बाहम खटपट शुरू होजाती है और चार (या ज़्यादा) हूँ तो लड़ बैठते हैं

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