खोजे गए परिणाम

सहेजे गए शब्द

"कोई नहीं" शब्द से संबंधित परिणाम

कोई नहीं

none, nobody, not any

कोई नहीं पूछता कि तुम्हारे मुँह में कितने दाँत हैं

nobody asks about anything

कोई नहीं पूछ्ता कि तेरे मुँह में कै दाँत हैं

बहुत शांति का ज़माना है, किसी तरह की पूछताछ नहीं

कोई बात नहीं

कोई हर्ज नहीं, किया मज़ाइक़ा है

कोई इतना नहीं

किसी को ईश्वर ने इतनी हिम्मत या करुणा आदि नहीं दी

कोई पूछता नहीं

۔कोई पुरसां नहीं

कोई ठीक नहीं

कुछ मालूम नहीं, कुछ भरोसा नहीं, कुछ नहीं कह सकते

कोई मुज़ाइक़ा नहीं

it is of no consequence, no matter, there is no harm in it, never mind

कोई बात पूछ्ता नहीं

(अपमान के अवसर पर) कोई हाल नहीं पूछता, कोई परवाह नहीं करता, कोई ध्यान नहीं देता

कोई कल सीधी नहीं

हर बात में घुमाव है, कोई पहलू ठीक नहीं

आगे पीछे कोई नहीं

कोई वारिस नहीं, कोई सरपस्त या अभिभावक नहीं, कोई उत्तराधिकारी नहीं

मूर्ख़ जून में दुखी कोई नहीं

स्वंय को कोई मूर्ख नहीं समझता है और न कोई जान से तंग आता है

आप का कोई मर्द मुक़ाबिल नहीं

आपके मुक़ाबले या जोड़ का कोई नहीं

अपनी हाई-मराई कोई नहीं भूलता

अपना दुख कोई नहीं भूलता, अपनी हानि सब को याद रहती है, अपना भुगता सबको याद रहता है

अपनी हराई-मराई कोई नहीं भूलता

अपना दुख कोई नहीं भूलता, अपनी हानि सब को याद रहती है, अपना भुगता सबको याद रहता है

कोई किसी का नहीं होता

किसी के दुख में कोई साझेदार नहीं होता

छाती पर कोई नहीं धर देगा

क़ब्र में धन-दौलत कोई साथ नहीं ले जाता, धन-दौलत साथ नहीं जाते यहीं रह जाते हैं

क़ज़ा कोई रोक नहीं सकता

मौत ज़रूर आएगी, मौत का कोई ईलाज नहीं

हारे का कोई साथी नहीं

रुक : हारे वक़्त का कोई साथी नहीं

मेरे से बुरा कोई नहीं

डराने, धमकाने आदि के अवसर पर कहते हैं

बिपता में कोई साथी नहीं

मुसीबत के वक़्त कोई साथ नहीं देता

कोई मरते पीछे नहीं मरता

किसी दूसरे की ख़ातिर मुसीबत मूल नहीं ली जाती

मुझ से बुरा कोई नहीं

में बहुत नाराज़ हूँगा, बहुत बुरा मानोंगा, जो सज़ा या आज़ार दे सकता हूँ दूंगा

बुरे का कोई साथी नहीं

मुसीबत की घड़ी में कोई दोस्त नहीं होता, परेशानी के वक़्त कोई साथी नहीं होता

पुरुख सा पखेरू कोई नहीं

मनुष्य एक जगह नहीं रह सकता, जगह-जगह फिरता या जाता रहता है

मौत की दारू कोई नहीं

मृत्यु का कोई 'इलाज नहीं है, हर व्यक्ति को मरना है

आदमी सा पखेरू कोई नहीं

आदमी बहुत भाग-दौड़ करता है, मनुष्य सभी जीवों में अद्भुत है

ज़रूरत का कोई क़ानून नहीं

मनुष्य जैसा अवसर देखता है आवश्यकता पड़ने पर वैसा ही करता है, किसी नियम का प्रतिबंध नहीं होता

मौत की दवा कोई नहीं

मृत्यु का कोई 'इलाज नहीं है, हर व्यक्ति को मरना है

कम रिज़्क़े बहुत हैं बेरिज़्क़ा कोई नहीं

ईश्वर सबको खाने को देता है

मूए का कोई नहीं, जीते का सब कोई

जीवित की सभी चापलूसी करते हैं, मृत का कोई नाम नहीं लेता, धनी के सभी मित्र होते हैं, निर्धन की मिट्टी अपवित्र है, शक्तिशाली के सभी साथी हैं, कमज़ोर का कोई साथ नहीं देता

ऊँट की कोई कल सीधी नहीं

शुरू शुरू मक़ासिद तक अपने क़लम से लिखे लेकिन ऊंट की कोई कल सीधी नहीं

बुड्ढे का कोई लागू नहीं

बुढ़ापे में कोई छल नहीं आता

वक़्त पर कोई काम नहीं आता

संकट और परेशानी के समय कोई मदद नहीं करता

हारे वक़्त का कोई साथी नहीं

मुसीबत में कोई साथ नहीं देता, बुरे दिनों में कोई दोस्त नहीं रहता

गृहस्त धर्म बराबर कोई धर्म नहीं

लोगों को उनके हक़ प्रदान करना 'इबादत से बढ़ कर है, अपने बाल-बच्चों के पालन-पोषण से बेहतर कोई धर्म या पुण्य नहीं है

नन्नहे से बुरा कोई नहीं

نہایت بھولے ، معصوم ، ناسمجھ

पकाए सो खाए नहीं खाए कोई और, दौड़े सो पाए नहीं पाए कोई और

जो परिश्रम करेगा लाभ उठाएगा जो जी चुराएगा रह जाएगा

छाती पर रख के कोई नहीं ले जाता

क़ब्र में धन-दौलत कोई साथ नहीं ले जाता, धन-दौलत साथ नहीं जाते यहीं रह जाते हैं

कोई तक़दीर के लिखे को नहीं मिटा सकता

किसी को ये क़ुदरत नहीं कि नविश्ता-ए-तक़दीर को बदल दे, क़िस्मत को कोई नहीं बदल सकता

मन में मूर्ख़ जून में दुखी कोई नहीं

स्वंय को कोई मूर्ख नहीं समझता है और न कोई जान से तंग आता है

मास सब कोई खाता है हाड़ गले में कोई नहीं बाँधता

लायक़ से सब मुहब्बत करते हैं नालायक़ को कोई नहीं पूछता

मूए का कोई नाम नहीं जीते का सब कोई

۔ مثل۔ زندہ کی سبھی خوشامد کرتے ہیں۔ مُردہ کا کوئی نام نہیں لیتا۔ روپیہ کے سب یار ہوتے ہےیں۔ کنگال کی مٹّی کو قبر میں اور زندہ کو اپنے گھر میں آرام ہے یعنی ہر شخص اپنے ہی مسکن میں خوش ہے۔

कोई किसी की आग में नहीं गिरता

जिस का कोई नहीं उस का ख़ुदा

ग़ैरबों का मददगार ख़ुदा है

कोई किसी की क़ब्र में नहीं सोता

किसी अज़ीज़ या दोस्त की ख़ातिर से झूट ना बोलने और ईमान ना खोने के महल पर बोलते हैं, यानी हर एक अपने आमाल का नतीजा भुगतेगा, किसी के वास्ते बेईमानी नहीं की जा सकती

कोई किसी का कुछ नहीं कर सकता

कोई किसी का कुछ नहीं बिगाड़ सकता

कोई किसी की आग में नहीं गिरता

कोई शख़्स दूसरे की बला और मुसीबत अपने सर नहीं लेता

मौत और गाहक का कोई ए'तिबार नहीं

मरने के लिए हर वक़्त तैयार रहना चाहिए मालूम नहीं किस वक़्त मौत आ जाए यही हाल गाहक का है इस लिए दुकानदार को भी हर वक़्त दुकान पर मौजूद रहना चाहिए

कोई किसी की क़ब्र में नहीं जाता

सदैव कोई किसी के साथ नहीं रहता, कोई किसी के बदले नहीं मरेगा, हर एक अपना ही उत्तरदायी है

कहे से कोई कुँवें में नहीं गिरता

दूसरे के कहने से कोई हानिकारक क्रिया नहीं करता, सभी अपना अच्छा और बुरा अच्छे से समझते हैं

कोई किसी की आग में नहीं जलता

कोई शख़्स दूसरे की बला और मुसीबत अपने सर नहीं लेता

कोई किसी की क़ब्र पर नहीं मूतता

कोई किसी को याद नहीं करता

कोई किसी की आग में नहीं पड़ता

कोई शख़्स दूसरे की बला और मुसीबत अपने सर नहीं लेता

कोई किसी की आँच में नहीं गिरता

कोई शख़्स दूसरे की बला और मुसीबत अपने से नहीं लेता

कोई किसी का दर्द बांट नहीं लेता

अपना दुख और अपनी पीड़ा खुद ही झेलनी पड़ती है, अपना दुख और दर्द अपने ही उठाने से उठता है

कहे से कोई कुएँ में नहीं गिरता

दूसरे के कहने से कोई हानिकारक क्रिया नहीं करता, सभी अपना अच्छा और बुरा अच्छे से समझते हैं

जीते के सब हैं मरे का कोई नहीं

जीवित का साथ दिया जाता है, मरने के बाद कोई किसी को नहीं पूछता

सोने की कटारी कोई पेट में नहीं मारता

फ़ायदे के लालच से जान जोखों में नहीं डाला जाता, या अच्छों से बुराई कोई नहीं होती

दीन-ओ-दुनिया दोनों से कोई सरोकार नहीं

हर चीज़ से अलग, किसी बात की फ़िक्र नहीं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में कोई नहीं के अर्थदेखिए

कोई नहीं

ko.ii nahii.nکوئی نَہیں

English meaning of ko.ii nahii.n

  • none, nobody, not any

Urdu meaning of ko.ii nahii.n

  • Roman
  • Urdu

खोजे गए शब्द से संबंधित

कोई नहीं

none, nobody, not any

कोई नहीं पूछता कि तुम्हारे मुँह में कितने दाँत हैं

nobody asks about anything

कोई नहीं पूछ्ता कि तेरे मुँह में कै दाँत हैं

बहुत शांति का ज़माना है, किसी तरह की पूछताछ नहीं

कोई बात नहीं

कोई हर्ज नहीं, किया मज़ाइक़ा है

कोई इतना नहीं

किसी को ईश्वर ने इतनी हिम्मत या करुणा आदि नहीं दी

कोई पूछता नहीं

۔कोई पुरसां नहीं

कोई ठीक नहीं

कुछ मालूम नहीं, कुछ भरोसा नहीं, कुछ नहीं कह सकते

कोई मुज़ाइक़ा नहीं

it is of no consequence, no matter, there is no harm in it, never mind

कोई बात पूछ्ता नहीं

(अपमान के अवसर पर) कोई हाल नहीं पूछता, कोई परवाह नहीं करता, कोई ध्यान नहीं देता

कोई कल सीधी नहीं

हर बात में घुमाव है, कोई पहलू ठीक नहीं

आगे पीछे कोई नहीं

कोई वारिस नहीं, कोई सरपस्त या अभिभावक नहीं, कोई उत्तराधिकारी नहीं

मूर्ख़ जून में दुखी कोई नहीं

स्वंय को कोई मूर्ख नहीं समझता है और न कोई जान से तंग आता है

आप का कोई मर्द मुक़ाबिल नहीं

आपके मुक़ाबले या जोड़ का कोई नहीं

अपनी हाई-मराई कोई नहीं भूलता

अपना दुख कोई नहीं भूलता, अपनी हानि सब को याद रहती है, अपना भुगता सबको याद रहता है

अपनी हराई-मराई कोई नहीं भूलता

अपना दुख कोई नहीं भूलता, अपनी हानि सब को याद रहती है, अपना भुगता सबको याद रहता है

कोई किसी का नहीं होता

किसी के दुख में कोई साझेदार नहीं होता

छाती पर कोई नहीं धर देगा

क़ब्र में धन-दौलत कोई साथ नहीं ले जाता, धन-दौलत साथ नहीं जाते यहीं रह जाते हैं

क़ज़ा कोई रोक नहीं सकता

मौत ज़रूर आएगी, मौत का कोई ईलाज नहीं

हारे का कोई साथी नहीं

रुक : हारे वक़्त का कोई साथी नहीं

मेरे से बुरा कोई नहीं

डराने, धमकाने आदि के अवसर पर कहते हैं

बिपता में कोई साथी नहीं

मुसीबत के वक़्त कोई साथ नहीं देता

कोई मरते पीछे नहीं मरता

किसी दूसरे की ख़ातिर मुसीबत मूल नहीं ली जाती

मुझ से बुरा कोई नहीं

में बहुत नाराज़ हूँगा, बहुत बुरा मानोंगा, जो सज़ा या आज़ार दे सकता हूँ दूंगा

बुरे का कोई साथी नहीं

मुसीबत की घड़ी में कोई दोस्त नहीं होता, परेशानी के वक़्त कोई साथी नहीं होता

पुरुख सा पखेरू कोई नहीं

मनुष्य एक जगह नहीं रह सकता, जगह-जगह फिरता या जाता रहता है

मौत की दारू कोई नहीं

मृत्यु का कोई 'इलाज नहीं है, हर व्यक्ति को मरना है

आदमी सा पखेरू कोई नहीं

आदमी बहुत भाग-दौड़ करता है, मनुष्य सभी जीवों में अद्भुत है

ज़रूरत का कोई क़ानून नहीं

मनुष्य जैसा अवसर देखता है आवश्यकता पड़ने पर वैसा ही करता है, किसी नियम का प्रतिबंध नहीं होता

मौत की दवा कोई नहीं

मृत्यु का कोई 'इलाज नहीं है, हर व्यक्ति को मरना है

कम रिज़्क़े बहुत हैं बेरिज़्क़ा कोई नहीं

ईश्वर सबको खाने को देता है

मूए का कोई नहीं, जीते का सब कोई

जीवित की सभी चापलूसी करते हैं, मृत का कोई नाम नहीं लेता, धनी के सभी मित्र होते हैं, निर्धन की मिट्टी अपवित्र है, शक्तिशाली के सभी साथी हैं, कमज़ोर का कोई साथ नहीं देता

ऊँट की कोई कल सीधी नहीं

शुरू शुरू मक़ासिद तक अपने क़लम से लिखे लेकिन ऊंट की कोई कल सीधी नहीं

बुड्ढे का कोई लागू नहीं

बुढ़ापे में कोई छल नहीं आता

वक़्त पर कोई काम नहीं आता

संकट और परेशानी के समय कोई मदद नहीं करता

हारे वक़्त का कोई साथी नहीं

मुसीबत में कोई साथ नहीं देता, बुरे दिनों में कोई दोस्त नहीं रहता

गृहस्त धर्म बराबर कोई धर्म नहीं

लोगों को उनके हक़ प्रदान करना 'इबादत से बढ़ कर है, अपने बाल-बच्चों के पालन-पोषण से बेहतर कोई धर्म या पुण्य नहीं है

नन्नहे से बुरा कोई नहीं

نہایت بھولے ، معصوم ، ناسمجھ

पकाए सो खाए नहीं खाए कोई और, दौड़े सो पाए नहीं पाए कोई और

जो परिश्रम करेगा लाभ उठाएगा जो जी चुराएगा रह जाएगा

छाती पर रख के कोई नहीं ले जाता

क़ब्र में धन-दौलत कोई साथ नहीं ले जाता, धन-दौलत साथ नहीं जाते यहीं रह जाते हैं

कोई तक़दीर के लिखे को नहीं मिटा सकता

किसी को ये क़ुदरत नहीं कि नविश्ता-ए-तक़दीर को बदल दे, क़िस्मत को कोई नहीं बदल सकता

मन में मूर्ख़ जून में दुखी कोई नहीं

स्वंय को कोई मूर्ख नहीं समझता है और न कोई जान से तंग आता है

मास सब कोई खाता है हाड़ गले में कोई नहीं बाँधता

लायक़ से सब मुहब्बत करते हैं नालायक़ को कोई नहीं पूछता

मूए का कोई नाम नहीं जीते का सब कोई

۔ مثل۔ زندہ کی سبھی خوشامد کرتے ہیں۔ مُردہ کا کوئی نام نہیں لیتا۔ روپیہ کے سب یار ہوتے ہےیں۔ کنگال کی مٹّی کو قبر میں اور زندہ کو اپنے گھر میں آرام ہے یعنی ہر شخص اپنے ہی مسکن میں خوش ہے۔

कोई किसी की आग में नहीं गिरता

जिस का कोई नहीं उस का ख़ुदा

ग़ैरबों का मददगार ख़ुदा है

कोई किसी की क़ब्र में नहीं सोता

किसी अज़ीज़ या दोस्त की ख़ातिर से झूट ना बोलने और ईमान ना खोने के महल पर बोलते हैं, यानी हर एक अपने आमाल का नतीजा भुगतेगा, किसी के वास्ते बेईमानी नहीं की जा सकती

कोई किसी का कुछ नहीं कर सकता

कोई किसी का कुछ नहीं बिगाड़ सकता

कोई किसी की आग में नहीं गिरता

कोई शख़्स दूसरे की बला और मुसीबत अपने सर नहीं लेता

मौत और गाहक का कोई ए'तिबार नहीं

मरने के लिए हर वक़्त तैयार रहना चाहिए मालूम नहीं किस वक़्त मौत आ जाए यही हाल गाहक का है इस लिए दुकानदार को भी हर वक़्त दुकान पर मौजूद रहना चाहिए

कोई किसी की क़ब्र में नहीं जाता

सदैव कोई किसी के साथ नहीं रहता, कोई किसी के बदले नहीं मरेगा, हर एक अपना ही उत्तरदायी है

कहे से कोई कुँवें में नहीं गिरता

दूसरे के कहने से कोई हानिकारक क्रिया नहीं करता, सभी अपना अच्छा और बुरा अच्छे से समझते हैं

कोई किसी की आग में नहीं जलता

कोई शख़्स दूसरे की बला और मुसीबत अपने सर नहीं लेता

कोई किसी की क़ब्र पर नहीं मूतता

कोई किसी को याद नहीं करता

कोई किसी की आग में नहीं पड़ता

कोई शख़्स दूसरे की बला और मुसीबत अपने सर नहीं लेता

कोई किसी की आँच में नहीं गिरता

कोई शख़्स दूसरे की बला और मुसीबत अपने से नहीं लेता

कोई किसी का दर्द बांट नहीं लेता

अपना दुख और अपनी पीड़ा खुद ही झेलनी पड़ती है, अपना दुख और दर्द अपने ही उठाने से उठता है

कहे से कोई कुएँ में नहीं गिरता

दूसरे के कहने से कोई हानिकारक क्रिया नहीं करता, सभी अपना अच्छा और बुरा अच्छे से समझते हैं

जीते के सब हैं मरे का कोई नहीं

जीवित का साथ दिया जाता है, मरने के बाद कोई किसी को नहीं पूछता

सोने की कटारी कोई पेट में नहीं मारता

फ़ायदे के लालच से जान जोखों में नहीं डाला जाता, या अच्छों से बुराई कोई नहीं होती

दीन-ओ-दुनिया दोनों से कोई सरोकार नहीं

हर चीज़ से अलग, किसी बात की फ़िक्र नहीं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

सुझाव दीजिए (कोई नहीं)

नाम

ई-मेल

प्रतिक्रिया

कोई नहीं

चित्र अपलोड कीजिएअधिक जानिए

नाम

ई-मेल

प्रदर्शित नाम

चित्र संलग्न कीजिए

चित्र चुनिए
(format .png, .jpg, .jpeg & max size 4MB and upto 4 images)

सूचनाएँ और जानकारी प्राप्त करने के लिए सदस्यता लें

सदस्य बनिए
बोलिए

Delete 44 saved words?

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा

Want to show word meaning

Do you really want to Show these meaning? This process cannot be undone