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ख़ुज़ मा सफ़ा व दा' मा कदिर

(ع) پکڑ وہ شے جو ہر شے کی قسم کی کدورت سے پاک ہو اور چھوڑے دے اس چیز کو جو مکدّر ہو)مقولہ۔ معقول بات اختیار کرو، اور بری بات ترک کرو

ख़ुज़ मा सफ़ा दि' मा कदिर

take what is clean and leave what is turbid

ख़ुज़ मा सफ़ा दि' मा कदिर

take what is clean and leave what is turbid

दा' मा कदिर ख़ुज़ मा सफ़ा

अरबी जुमला उर्दू में मुस्तामल यानी छोड़ दो जो कुछ कि नामुनासिब है और पकड़ लो यानी इख़तियार करो वो जो अच्छा है

ख़ुज़ मा सफ़ा दि' मा कदिर

इख़तियार करो कुजू कुछ कि पाक (सच्च है) और छोड़ दो वो जो नापाक या गदला है (माक़ूल बात इख़तियार करने और बुरी बात तर्क करने के मौक़ा पर मुस्तामल

ख़ुज़ मा सफ़ा दि' मा कदिर

इख़तियार करो कुजू कुछ कि पाक (सच्च है) और छोड़ दो वो जो नापाक या गदला है (माक़ूल बात इख़तियार करने और बुरी बात तर्क करने के मौक़ा पर मुस्तामल

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ख़ुज़ मा सफ़ा व दा' मा कदिर के अर्थदेखिए

ख़ुज़ मा सफ़ा व दा' मा कदिर

KHuz maa safaa va da' maa kadirخُذْ ما صَفا ودَعْ ما کَدِر

خُذْ ما صَفا ودَعْ ما کَدِر کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • (ع) پکڑ وہ شے جو ہر شے کی قسم کی کدورت سے پاک ہو اور چھوڑے دے اس چیز کو جو مکدّر ہو)مقولہ۔ معقول بات اختیار کرو، اور بری بات ترک کرو

Urdu meaning of KHuz maa safaa va da' maa kadir

  • Roman
  • Urdu

  • (e) paka.D vo shaiy jo har shaiy kii kism kii kuduurat se paak ho aur chho.De de us chiiz ko jo muqaddar ho)maquula। maaquul baat iKhatiyaar karo, aur barii baat tark karo

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ख़ुज़ मा सफ़ा व दा' मा कदिर

(ع) پکڑ وہ شے جو ہر شے کی قسم کی کدورت سے پاک ہو اور چھوڑے دے اس چیز کو جو مکدّر ہو)مقولہ۔ معقول بات اختیار کرو، اور بری بات ترک کرو

ख़ुज़ मा सफ़ा दि' मा कदिर

take what is clean and leave what is turbid

ख़ुज़ मा सफ़ा दि' मा कदिर

take what is clean and leave what is turbid

दा' मा कदिर ख़ुज़ मा सफ़ा

अरबी जुमला उर्दू में मुस्तामल यानी छोड़ दो जो कुछ कि नामुनासिब है और पकड़ लो यानी इख़तियार करो वो जो अच्छा है

ख़ुज़ मा सफ़ा दि' मा कदिर

इख़तियार करो कुजू कुछ कि पाक (सच्च है) और छोड़ दो वो जो नापाक या गदला है (माक़ूल बात इख़तियार करने और बुरी बात तर्क करने के मौक़ा पर मुस्तामल

ख़ुज़ मा सफ़ा दि' मा कदिर

इख़तियार करो कुजू कुछ कि पाक (सच्च है) और छोड़ दो वो जो नापाक या गदला है (माक़ूल बात इख़तियार करने और बुरी बात तर्क करने के मौक़ा पर मुस्तामल

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