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'असीब

पक्षपाती, तरफ़दार, स्वजन, आत्मीय जन, रिश्तेदार

सब'

सप्त, सात की संख्या

सब

पानी फैलना, पानी वहना, आशिक़, आसक्त । सब (ब्ब ] (سب) अ. स्त्री.-गाली-गलौज, अपशब्द।

सब

कुल, तमाम, हर एक, पूरा

शब

सूर्यास्त से सूर्योदय तक का समय, रात, रात्रि, रैन

सबाँ

सुबह, आने वाला कल

सबों

رک : سبھوں ، سب ، تمام.

सब'आ

सात, सप्त, एक संख्या ।

अड़ी धड़ी सब क़ाज़ी के सर पड़ी

पराई बला अपने सर पड़ी, दूसरे की परेशानी उठानी पड़ी, किसी काम की भलाई एवं बुराई मुख्य आदमी के सिर आ कर पड़ती है

अड़ी दड़ी सब क़ाज़ी के सर पड़ी

कठिनाई में किसकी किसको उठाना पड़ी

ज़बरदस्त सब का जँवाई

शक्तिशाली का आदेश सब मानते हैं, शक्तिशाली को हर प्रकार का प्रभुत्व होता है, शक्तिशाली जो चाहे सो करे

क़ाइम मिज़ाजी सब वस्फ़ों की बादशाह है

मुस्तक़िल मिज़ाजी बेहतरीन ख़ूबी है

चाँद आसमान चढ़ा सब ने देखा

जो व्यक्ति तरक़्क़ी करता है उसे सब सराहते हैं

जो दिल में कड़ा वो सब से बड़ा

बहादुर आदमी ही सबसे अच्छा होता है

साबित क़दम को सब धावें

बात के पक्के आदमी का हर कोई भरोसा कर लेता है

लंका में सब बड़े

लंका में जो है बावन गज़ का

सब ठाट पड़ा रह जाएगा

everything is left behind with death

नाई सब के पाँव धोए आपने धोत लजाए

जो काम औरों के लिए करता है अपने लिए नहीं करता

सब तोड़ें पर मेरा एक रब न तोड़े

सारी दुनिया नाराज़ हो मगर ख़ुदा नाराज़ ना हो

धर्म बाप सब मनुख के धोवत है इस तौर जल साबुन जों धोवत हैं सब कपड़न घोर

पुन गुनाहों को इस तरह साफ़ करता है जिस तरह साबुन और पानी कपड़ों को साफ़ कर देता है, नेकी से गुनाह ज़ाइल होजाते हैं

यहाँ सब कान पकड़ते हैं

यहाँ सब का सर झुका हुआ है, इस जगह किसी की उस्तादी नहीं चलती, यहाँ कोई दावा नहीं कर सकता, इस जगह सब मजबूर हैं

करे एक पकड़े जाएँ सब

एक व्यक्ति की बुराई से पूरी जाति या समुदाय पर आरोप लगाया जाता है, थोड़े से दुष्कर्म और सभी के लिए मुसीबत

क़ायम मिज़ाजी सब वस्फ़ों की बादशाह है

मुस्तक़िल मिज़ाजी बेहतरीन ख़ूबी है

वक़्त पर सब कुछ करना पड़ता है

जब मौक़ा आ जाए और ज़रूरत पड़ जाए तो जो कुछ हो सकता हो करना चाहिए, मजबूरी में हर काम करना ही पड़ता है

दौलत की डेवढ़ी को सब सजदा करते हैं

धनवान व्यक्ति की सब चापलूसी करते हैं

दवाँ-'असब

(حیوانیات) دماغ کی ایک چھوٹی اور پتلی رگ جو دماغ کے ظہری جانب ، بصری فص اور دمیغ کے درمیان سے نکلتی ہے ، اسے ٹراکلیر (چرخی نما) بھی کہتے ہیں .

चेरी सब के पाँव धोवे, अपने धोती लजावे

दूसरों की सहायता करता है अपने स्वजनों की नहीं करता

गोर में छोटे बड़े सब बराबर हैं

मरने के बाद अमीर और ग़रीब सब यकसाँ होते हैं

सेब में थूहड़ की क़लम

एनिमल बेजोड़ बात

अपने बछड़े के दाँत सब को मा'लूम होते हैं

अपने आदमियों के लच्छनों या गुणों से सब सूचित होते हैं

अपने-अपने घर सब बादशाह हैं

अपने घर के सब मालिक हैं चाहे जो करें, अपने घर में सब बड़े हैं

दिन को दिन शब को शब न जानना

हरवक़त मेहनत करना, ख़िदमत या मेहनत में अपने आराम या तकलीफ़ की पर्वा ना करना, दिन रात काम करना

साहिब-क़िराँ-अव्वल

(भारत में मुग़ल शासनकाल में सर्वोच्च अधिकारी की उपाधि), अमीर-ए-तैमूर

मास सब कोई खाता है हाड़ गले में कोई नहीं बाँधता

लायक़ से सब मुहब्बत करते हैं नालायक़ को कोई नहीं पूछता

दर-आवर-आ'साब

(प्राणीविज्ञान) वह नसें जो भावनाओं को मस्तिष्क तक ले जाती हैं

लकड़ी सब को हाँकना

رک : ایک لاٹھی (سے) سب کو ہانکنا.

काजल सब कोई दे पर चितवन भाँत भाँत

काजल सब आँखों में लगाते हैं मगर किसी किसी को भला मालूम देता है

बुड़बक की जोरू, सब की भौजाई

मूर्ख की 'औरत से सब छोड़-छाड़ करते हैं

'असब-ए-मुजव्वफ़

खोखली तंत्रिकाएँ, ऑप्टिक तंत्रिका

'असब-ए-मुजव्वफ़ा

खोखली तंत्रिकाएँ, ऑप्टिक तंत्रिका

वाह साहिब वाह

तान की जगह और गाहे तारीफ़ में मुस्तामल, वाह भई, वाह जी

नीची बेरी सब कोई झौड़े

बेरी जो बुलंद ना हो इस पर हर किसी का हाथ पहुंच जाता है और वो बीर तोड़ लेता है , जब किसी चीज़ से हर कोई फ़ायदा उठाए तो ये मिसल कहते हैं

ज़ो'फ़-ए-आ'साब

शरीर के पट्ठो की कमज़ोरी

गाँव में पड़ी मरी , अपनी अपनी सब को पड़ी

मुसीबत के वक़्त कोई किसी की मदद नहीं करता, सब को अपनी अपनी पड़ी होती है

अपनी दाढ़ी सब बुझाते हैं

अपनी मूर्खता को सब छुपाते हैं

हर रोज़ रोज़-ए-'ईद हर शब शब-ए-बरात

رک : ہر شب شب برات الخ ۔

सब'आ-मु'अल्लक़ात

رک : سبعہ معلقہ .

उधार सब से बड़ी साख है

उधार लेना एक आपदा है

सब गुड़ मिट्टी हुआ

सारा गुड़ बेकार हो गया, सारी मेहनत अकारत गई

अपने-अपने क़दह की सब ख़ैर मनाते हैं

हर कोई अपनी भलाई चाहता है, सब अपना प्याला भरा रखना चाहते हैं, सब अपना स्वार्थ तकते हैं

शादी-ग़मी सब के साथ है

हर व्यक्ति को ख़ुशी या ग़म होता है कोई इनसे बचा हुआ नहीं है

हर शब शब-ए-बरात हे हर रोज़ रोज़-ए-'ईद

ज़िंदगी मज़े से गुज़रती है, हर वक़्त ऐश ही ऐश है

सब उस्तरे बाँधो , कोई तलवार न बाँधो , कर दो ये मनादी कोई दस्तार न बाँधो

ज़ालिम के ज़ुलम के मुताल्लिक़ कहते हैं

सब को एक लकड़ी हाँकना

किसी के रुतबे और हैसियत का ख़्याल ना रखना, अहल और ना-अहल सबसे एक जैसा सुलूक करना

तक़दीर सीधी है तो सब कुछ

अगर भाग्य अच्छे हैं तो जो चाहोगे वह हो जाएगा

मुक़व्वी-ए-आ'साब

रगों और पट्ठों को शक्ति देनेवाली दवा।।

वली सब का अल्लाह है हम तो रखवाले हैं

सब का मालिक ईश्वर है हम तो मात्र रखवाले हैं

हाथी के पाँव में सब के पाँव

۔ مثل۔ بڑے آقا کے سب مطیع وفرمانبردار ہوتے ہیں۲۔ سخی کی کمال میں سب کا حصہ۳۔ امیروں سے غریبوں کو بھی فائدہ پہونچ رہتا ہے۔

हाथी के पाँव में सब का पाँव

everybody follows a big man, a generous man's bounty is for all

भंगियाँ दर बाग़ रफ़्तन्द बेर व गुठ्ली सब रवा

नशे की अवस्था में हर चीज़ खा ली जाती है, नशे की दशा में हर काम तर्कसंगत या अतर्कसंगत हो सकता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ख़ानदान-ए-शाही के अर्थदेखिए

ख़ानदान-ए-शाही

KHaandaan-e-shaahiiخانْدانِ شاہی

वज़्न : 212222

ख़ानदान-ए-शाही के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • बादशाह का कुंबा

English meaning of KHaandaan-e-shaahii

Noun, Masculine

  • royal family or house

خانْدانِ شاہی کے اردو معانی

Roman

اسم، مذکر

  • بادشاہ کا کن٘بہ .

Urdu meaning of KHaandaan-e-shaahii

Roman

  • baadashaah ka kumbaa

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'असीब

पक्षपाती, तरफ़दार, स्वजन, आत्मीय जन, रिश्तेदार

सब'

सप्त, सात की संख्या

सब

पानी फैलना, पानी वहना, आशिक़, आसक्त । सब (ब्ब ] (سب) अ. स्त्री.-गाली-गलौज, अपशब्द।

सब

कुल, तमाम, हर एक, पूरा

शब

सूर्यास्त से सूर्योदय तक का समय, रात, रात्रि, रैन

सबाँ

सुबह, आने वाला कल

सबों

رک : سبھوں ، سب ، تمام.

सब'आ

सात, सप्त, एक संख्या ।

अड़ी धड़ी सब क़ाज़ी के सर पड़ी

पराई बला अपने सर पड़ी, दूसरे की परेशानी उठानी पड़ी, किसी काम की भलाई एवं बुराई मुख्य आदमी के सिर आ कर पड़ती है

अड़ी दड़ी सब क़ाज़ी के सर पड़ी

कठिनाई में किसकी किसको उठाना पड़ी

ज़बरदस्त सब का जँवाई

शक्तिशाली का आदेश सब मानते हैं, शक्तिशाली को हर प्रकार का प्रभुत्व होता है, शक्तिशाली जो चाहे सो करे

क़ाइम मिज़ाजी सब वस्फ़ों की बादशाह है

मुस्तक़िल मिज़ाजी बेहतरीन ख़ूबी है

चाँद आसमान चढ़ा सब ने देखा

जो व्यक्ति तरक़्क़ी करता है उसे सब सराहते हैं

जो दिल में कड़ा वो सब से बड़ा

बहादुर आदमी ही सबसे अच्छा होता है

साबित क़दम को सब धावें

बात के पक्के आदमी का हर कोई भरोसा कर लेता है

लंका में सब बड़े

लंका में जो है बावन गज़ का

सब ठाट पड़ा रह जाएगा

everything is left behind with death

नाई सब के पाँव धोए आपने धोत लजाए

जो काम औरों के लिए करता है अपने लिए नहीं करता

सब तोड़ें पर मेरा एक रब न तोड़े

सारी दुनिया नाराज़ हो मगर ख़ुदा नाराज़ ना हो

धर्म बाप सब मनुख के धोवत है इस तौर जल साबुन जों धोवत हैं सब कपड़न घोर

पुन गुनाहों को इस तरह साफ़ करता है जिस तरह साबुन और पानी कपड़ों को साफ़ कर देता है, नेकी से गुनाह ज़ाइल होजाते हैं

यहाँ सब कान पकड़ते हैं

यहाँ सब का सर झुका हुआ है, इस जगह किसी की उस्तादी नहीं चलती, यहाँ कोई दावा नहीं कर सकता, इस जगह सब मजबूर हैं

करे एक पकड़े जाएँ सब

एक व्यक्ति की बुराई से पूरी जाति या समुदाय पर आरोप लगाया जाता है, थोड़े से दुष्कर्म और सभी के लिए मुसीबत

क़ायम मिज़ाजी सब वस्फ़ों की बादशाह है

मुस्तक़िल मिज़ाजी बेहतरीन ख़ूबी है

वक़्त पर सब कुछ करना पड़ता है

जब मौक़ा आ जाए और ज़रूरत पड़ जाए तो जो कुछ हो सकता हो करना चाहिए, मजबूरी में हर काम करना ही पड़ता है

दौलत की डेवढ़ी को सब सजदा करते हैं

धनवान व्यक्ति की सब चापलूसी करते हैं

दवाँ-'असब

(حیوانیات) دماغ کی ایک چھوٹی اور پتلی رگ جو دماغ کے ظہری جانب ، بصری فص اور دمیغ کے درمیان سے نکلتی ہے ، اسے ٹراکلیر (چرخی نما) بھی کہتے ہیں .

चेरी सब के पाँव धोवे, अपने धोती लजावे

दूसरों की सहायता करता है अपने स्वजनों की नहीं करता

गोर में छोटे बड़े सब बराबर हैं

मरने के बाद अमीर और ग़रीब सब यकसाँ होते हैं

सेब में थूहड़ की क़लम

एनिमल बेजोड़ बात

अपने बछड़े के दाँत सब को मा'लूम होते हैं

अपने आदमियों के लच्छनों या गुणों से सब सूचित होते हैं

अपने-अपने घर सब बादशाह हैं

अपने घर के सब मालिक हैं चाहे जो करें, अपने घर में सब बड़े हैं

दिन को दिन शब को शब न जानना

हरवक़त मेहनत करना, ख़िदमत या मेहनत में अपने आराम या तकलीफ़ की पर्वा ना करना, दिन रात काम करना

साहिब-क़िराँ-अव्वल

(भारत में मुग़ल शासनकाल में सर्वोच्च अधिकारी की उपाधि), अमीर-ए-तैमूर

मास सब कोई खाता है हाड़ गले में कोई नहीं बाँधता

लायक़ से सब मुहब्बत करते हैं नालायक़ को कोई नहीं पूछता

दर-आवर-आ'साब

(प्राणीविज्ञान) वह नसें जो भावनाओं को मस्तिष्क तक ले जाती हैं

लकड़ी सब को हाँकना

رک : ایک لاٹھی (سے) سب کو ہانکنا.

काजल सब कोई दे पर चितवन भाँत भाँत

काजल सब आँखों में लगाते हैं मगर किसी किसी को भला मालूम देता है

बुड़बक की जोरू, सब की भौजाई

मूर्ख की 'औरत से सब छोड़-छाड़ करते हैं

'असब-ए-मुजव्वफ़

खोखली तंत्रिकाएँ, ऑप्टिक तंत्रिका

'असब-ए-मुजव्वफ़ा

खोखली तंत्रिकाएँ, ऑप्टिक तंत्रिका

वाह साहिब वाह

तान की जगह और गाहे तारीफ़ में मुस्तामल, वाह भई, वाह जी

नीची बेरी सब कोई झौड़े

बेरी जो बुलंद ना हो इस पर हर किसी का हाथ पहुंच जाता है और वो बीर तोड़ लेता है , जब किसी चीज़ से हर कोई फ़ायदा उठाए तो ये मिसल कहते हैं

ज़ो'फ़-ए-आ'साब

शरीर के पट्ठो की कमज़ोरी

गाँव में पड़ी मरी , अपनी अपनी सब को पड़ी

मुसीबत के वक़्त कोई किसी की मदद नहीं करता, सब को अपनी अपनी पड़ी होती है

अपनी दाढ़ी सब बुझाते हैं

अपनी मूर्खता को सब छुपाते हैं

हर रोज़ रोज़-ए-'ईद हर शब शब-ए-बरात

رک : ہر شب شب برات الخ ۔

सब'आ-मु'अल्लक़ात

رک : سبعہ معلقہ .

उधार सब से बड़ी साख है

उधार लेना एक आपदा है

सब गुड़ मिट्टी हुआ

सारा गुड़ बेकार हो गया, सारी मेहनत अकारत गई

अपने-अपने क़दह की सब ख़ैर मनाते हैं

हर कोई अपनी भलाई चाहता है, सब अपना प्याला भरा रखना चाहते हैं, सब अपना स्वार्थ तकते हैं

शादी-ग़मी सब के साथ है

हर व्यक्ति को ख़ुशी या ग़म होता है कोई इनसे बचा हुआ नहीं है

हर शब शब-ए-बरात हे हर रोज़ रोज़-ए-'ईद

ज़िंदगी मज़े से गुज़रती है, हर वक़्त ऐश ही ऐश है

सब उस्तरे बाँधो , कोई तलवार न बाँधो , कर दो ये मनादी कोई दस्तार न बाँधो

ज़ालिम के ज़ुलम के मुताल्लिक़ कहते हैं

सब को एक लकड़ी हाँकना

किसी के रुतबे और हैसियत का ख़्याल ना रखना, अहल और ना-अहल सबसे एक जैसा सुलूक करना

तक़दीर सीधी है तो सब कुछ

अगर भाग्य अच्छे हैं तो जो चाहोगे वह हो जाएगा

मुक़व्वी-ए-आ'साब

रगों और पट्ठों को शक्ति देनेवाली दवा।।

वली सब का अल्लाह है हम तो रखवाले हैं

सब का मालिक ईश्वर है हम तो मात्र रखवाले हैं

हाथी के पाँव में सब के पाँव

۔ مثل۔ بڑے آقا کے سب مطیع وفرمانبردار ہوتے ہیں۲۔ سخی کی کمال میں سب کا حصہ۳۔ امیروں سے غریبوں کو بھی فائدہ پہونچ رہتا ہے۔

हाथी के पाँव में सब का पाँव

everybody follows a big man, a generous man's bounty is for all

भंगियाँ दर बाग़ रफ़्तन्द बेर व गुठ्ली सब रवा

नशे की अवस्था में हर चीज़ खा ली जाती है, नशे की दशा में हर काम तर्कसंगत या अतर्कसंगत हो सकता है

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