खोजे गए परिणाम

सहेजे गए शब्द

"कटाई गड़ा था" शब्द से संबंधित परिणाम

कटाई गड़ा था

ज़ाद बूम था, मस्कन था, जाये पैदाइश थी

कटाई गड़ा होना

कटाई गड़ा है

नाल ज़मीन में दबा हुआ है

जंगल-कटाई

रंग-कटाई

रंग को साफ़ या रंगहीन करने की क्रिया

घिसाई-कटाई

कटाई-ख़ुर्द

छोटी कटाई, इसे भट कुटिया या भट कुटाई भी कहते हैं

बड़ी-कटाई

गठ-कटाई

भट-कटाई

बन-कटाई

किसी जंगल या वन को काटना ताकि वह साफ़ होकर खेती-बाड़ी या बस्ती के लिए उपयुक्त हो जाए

नाक-कटाई

बदनामी, नाम को बट्टा लगाना, अपमान

छोटी-कटाई

ताईदी-कटाई

कटाई गड़ना

नाल ज़मीन में दबाया जाना

एक तो मुआ अन-भाया था, दूसरे सही साँझ आता था

पहले तो वह मुझे पसंद नहीं था और फिर शाम से ही आकर अड्डा जमाता था

ये पास था

इस बात का लिहाज़ था, इस बात का ख़्याल था, ये बात ज़हन में थी

लुत्फ़ ये था

ख़ूबी ये थी / है, (तंज़न) तरह पे था / है, ताज्जुब ये था / है, अजीब बात ये थी / है

ग़ालिब था

अग़्लब था, यक़ीन था, गुमान था, जैसे : ग़ालिब था कि वो बढ़ जाता

मैं न कहता था

में जो कहता था वही हुआ, मेरी बात दुरसत थी

सुब्ह किस का मुँह देखा था

मेरा बाप सख़ी था पराए बर्दे आज़ाद करता था

तंज़न शेखी ख़ौर की निसबत बोलते हैं जो आप तो किसी काबिल हो नहीं बुज़ुर्गों की बातों पर घमंड करे

बग़ल था सियारा, तो पूत था हमारा, जब कमर हुवा कटारा, तो कंथ हुआ तुम्हारा

खाने पीने को हमारा था कमाने को तुम्हारा हो गया बेटे बहू की तरफ़ इशारा है

सुब्ह किस का मुँह देखा था

जब कोई काम बिगड़ जाये या खिलाफ-ए-मर्ज़ी हो या कोई नागहानी सदमा पहुंचे तो ये फ़िक़रा कहते हैं, मतलब ये होता है कि सुबह जागने के बाद सब से पहले किस मनहूस के चेहरे पर नज़र पड़ी थी जिस की नहूसत का ये असर हुआ है

जो नसीब में होना था सो हुआ

क़िस्मत का लिखा पूरा हुआ, होने वाली बात हो कररही

आज सुब्ह किस कंजूस का मुँह देखा था

सुबह को पहली बार किस अभागे का नाम मुंह से निकला था कि दिन भर भूखा रहना पड़ा

आज सुब्ह किस कंजूस का नाम लिया था

सुबह को पहली बार किस अभागे का नाम मुंह से निकला था कि दिन भर भूखा रहना पड़ा

'अजब वक़्त था

सुखद काल था, मज़ेदार ज़माना था, अद्भुत समय था

आज सुब्ह किस का मुँह देखा था

कटाई गड़ी होना

रुक : नाल गढ़ना

मैं ने क्या भुस मिला दिया था

मैंने किया ुबरा किया था जो इतने नाराज़ हुए, मेरे वाजिबी कहने को क्यों ुबरा जाना था, मेरे कहने का क्यों ुबरा माना था

मैं ने क्या बस मिला दिया था

मैंने किया ुबरा किया था जो इतने नाराज़ हुए, मेरे वाजिबी कहने को क्यों ुबरा जाना था, मेरे कहने का क्यों ुबरा माना था

मेरा माथा उसी वक़्त ही ठंका था

मुझे उसी वक़्त शुबा हो गया था, में पहले ही ताड़ गया था

क्या समझा था

शायद कुछ और समझा था, जैसा तजुर्बे और मुशाहिदे में आया वैसा नहीं समझा था

ये वक़्त आना था

किसी ख़ास वक़्त के लिए कहते हैं, मिलने या विदा होने पर

आज सूरज किधर से निकला था

गंगा को आना था भागीरत के सर जस हुआ

एक बात होने वाली थी मगर नामवरी क़िस्मत ने मुफ़्त में और को दे दी, मुफ़्त की नामवरी के मौक़ा पर बोलते हैं

न कोई आता था , न कोई जाता था , न कोई गोद में ले कर मुझे सुलाता था

ऐसी बात कहना जिस से हर कोई अपनी मर्ज़ी का मतलब निकाल सके , कहते हैं कि एक शख़्स सफ़र को गया, उस की गैरहाज़िरी में इस की औरत का एक आश्ना इस के पास आता रहा, इस के छोटे बच्चे ने पूछा ये कौन है तो औरत ने इस का नाम '' ना कोई '' बताया, सौ बाप ने सफ़र से वापिस आकर बच्चे से पूछा कि कौन घर पर आता रहा तो बच्चे ने ये जवाब दिया और इस की तसल्ली होगई

क़ुर्बान किया था

मलियामेट किया था

लुत्फ़ तब था

जो कभी न सुना था सुना

बदज़ुबानी सुनी, गालियां सुनी, बदज़बानी की बर्दाश्त की

वाजिब था 'अर्ज़ किया

सही और दुरसत , उमूमन लिखने वाला दरख़ास्त या अर्ज़दाशत के इख़तताम पर लिखता है कि मैंने जो बात कही है या जिस की तरफ़ इशारा किया है वो दरुस्त है

जोबन था जब रूप था , गाहक था सब कोई , जोबन रतन गँवाए के बात न पूछे कोई

जब ख़ूबसूरती और जवानी थी हर एक चाहने वाला था जब ये जाती रहें तो कोई पूछता भी नहीं

तू तो वहीं मरा हुआ था

(अर्थात) तू तो वहाँ मौजूद था

क्या बिगाड़ा था

क्या नुक़्सान पहुँचाया था (जब बिना किसी कारण के नुक़्सान पहुँचे तब कहते हैं)

वो शाख़ ही न रही जिस पे आशियाना था

वो चीज़ ही बाक़ी ना रही जिस के लिए सब वलवले थे, मायूसी की हालत का इज़हार

क्या ख़ूब आदमी था

किसी अच्छे आद॒मी का इस के मर जाने के बाद ज़ख़र करते हैं तो ये कलिमा उस की तारीफ़ में कहते हैं (बाअज़ ज़ौक़ का पूरा मिसरा पढ़ते हैं)

क्या ख़ूब आदमी था

जोगी था सो उठ गया, आसन रही भभूत

वक़्त निकल गया अब तदबीर ला हासिल है, मकीन का यादगार मकान रहजाता है

किस ने कहा था

ज़रूरी नहीं, मत कीजिए, किस ने सलाह दी थी

एक ग़रीब को मारा था तो सौ मन चर्बी निकली

कोई धनवान होने के बावजूद अपने आप को निर्धन दर्शाए तो कहते हैं

वाजिब था सो अर्ज़ किया

किस काम को निकला था

जब ग़फ़लत या भूल या बीख़ोदी के सबब अपने असल मक़सूद को भूल कर आदमी दूसरा काम कर बैठता है तो अफ़सोस के साथ ये कलिमा ज़बान पर लाता है

मेरे उस के जो होना था सो हो गया

मुजामअत का इत्तिफ़ाक़ होगया

इसी दिन को पाला था

अपनी औलाद ख़ुर्द या परवर्दा के ख़िलाफ़-ए-उम्मीद काम करने पर मुस्तामल, मुतरादिफ़ : ऐसा करने के लिए, इस किस्म के करतूत के लिए

दुश्मन की गली क्यों गए थे, अपना दोस्त गिरवी था

ज़रूरत के तहत किसी ऐसे मुक़ाम पर जाने के मौक़ा पर मुस्तामल जहां जाना मुनासिब ना हो

तक़दीर का बदा यूँ ही था

इसी तरह क़िस्मत में लिखा था, नविश्ता अज़ली यूं ही था, करम रेख यही था, ये काम यूं ही होना था

काैवा हँत के चाल सीखता था अपनी चाल भी भूल गया

रुक : को्वा चला हंस की चाल अलख

तक़दीर का लिक्खा यूँ ही था

भाग्य का लिखा यही था, यही होना था, इसी तरह होना था, भाग्य में इसी तरह होना था

कभी धोई तिल्ली का तेल भी सर में डाला था

(शेखी ख़ोरे पर तंज़) दाया बहुत कुछ, हक़ीक़त कुछ नहीं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में कटाई गड़ा था के अर्थदेखिए

कटाई गड़ा था

kaTaa.ii ga.Daa thaaکَٹائی گَڑا تھا

वाक्य

कटाई गड़ा था के हिंदी अर्थ

  • ज़ाद बूम था, मस्कन था, जाये पैदाइश थी
rd-app-promo-desktop rd-app-promo-mobile

کَٹائی گَڑا تھا کے اردو معانی

  • زاد بوم تھا ، مسکن تھا ، جائے پیدائش تھی ۔

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

सुझाव दीजिए (कटाई गड़ा था)

नाम

ई-मेल

प्रतिक्रिया

कटाई गड़ा था

चित्र अपलोड कीजिएअधिक जानिए

नाम

ई-मेल

प्रदर्शित नाम

चित्र संलग्न कीजिए

चित्र चुनिए
(format .png, .jpg, .jpeg & max size 4MB and upto 4 images)
बोलिए

Delete 44 saved words?

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा

Want to show word meaning

Do you really want to Show these meaning? This process cannot be undone

Recent Words