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"जो माँ से सिवा चाहे वो फाफा कुटनी" शब्द से संबंधित परिणाम

मगर

परंतु, लेकिन, पर

मग़ार

गोह, गुफा, कंदरा, पहाड़ की खोह

मगर-गोई

(माहीगीरी) मगरमच्छ की स्त्रीलिंगी

मगर-दहाँ

جس پر مگرمچھ کے منَھ کی شکل بنی ہوئی ہو (کڑا وغیرہ) ۔

मगर-मुर्की

کانوں میں پہننے کی ایک وضع کی مُرکی، جس کا منھ مگرمچھ کی شکل کا ہوتا ہے

मगर-चौदानी

मगर अर्थात् घड़ियाल के समान चौदानियाँ

मगर का चेहरा

۔مگر کے چہرےکی صورت۔جو عورتوں کے کڑوں اور مردوں کی چھڑی کی شام میں بناتے ہیں۔؎

मगर वो बात कहाँ मौलवी मदन की सी

अगरचे बहुत मेहनत और कोशिश से नक़ल उतारी है लेकिन फिर भी नक़ल में असल की सी ख़ूबी नहीं, नक़ल तो उतारी मगर असल जैसी नहीं

मगद

(हिंदू धर्म) बेसन को घी में भून कर खांड की लाग से बनाए हुए लड्डू, पंजीरी के लड्डू

मंगर

(गाड़ीवान) गाड़ी के पहिए की पट्ठी के ओर की दिशा जिस पर हाल अर्थात् लौह पट्टा चढ़ाया जाता है

मगरमच्छ

मगर या घड़ियाल नामक एक विशालकाय मांसाहारी जलचर प्राणी जो आमतौर पर पानी या दलदल में रहता है और ज़मीन पर भी आ जाता है, घड़ियाल

मगरमच्छ से बैर बाँधना

अपने से बड़े या बड़ी हैसियत वाले से दुशमनी मोल लेना

मगरमच्छ के आँसू

बनावटी रोना, दिखावे के आँसू जो दिल से ना हों

मगरमच्छ के आँसू रोना

दिखावटी रोना, ऊपरी मन से आँसू बहाना, छल करना

मगरमच्छ के आँसू बहाना

मकर से काम लेना, दिखावे का रोना रोना

मग़ारा

पहाड़ की खोह, गुफा, कंदरा, लूट-मार का स्थान, प्रतिकात्मक: कब्रिस्तान, शमशान

मग़ारिब-ओ-मशारिक़

all directions, i.e. the world

मग़ारिबा

مغربی (رک) کی جمع ؛ مراکش یا مغربی افریقہ کے باشندے .

मग़ारिब

‘मग्रिब' का बहु., सूरज डूबने की जगहें, पश्चिम दिशा

मगद के लड्डू

رک : مگد ۔

मगध-भाषा

मगही या मागधी भाषा भारत के मध्य पूर्व में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। इसका निकट का संबंध अवधी भोजपुरी और मैथिली भाषा से है और अक्सर ये भाषाएँ एक ही साथ बिहारी भाषा के रूप में रख दी जाती हैं। इसे देवनागरी अथवा कयथी लिपि में लिखा जाता है

मगध-देश

मगध का देश, बिहार का दक्षिणी भाग

mugger

लुटेरा

megger

बरक़यात: तिजारती नाम: बर्क़ी महजोज़ीत (ग़ैर मूसिल कारी) की मुदाफ़अत को जांचने का आला या पैमाना , महजोज़ीत का पैमाना।

émigré

तारिक-ए-वतन, ख़ुसूसन सियासी मुल्क-बदर आदमी

मगध-पुरी

मगधों का शहर

मुग़ैर

लूटने वाला, ग़रत करनेवाला, | दस्यु, डाकू।

मुग़ाइर

प्रतिकूल, मुख़ालिफ़, बेगाना, अनजान, अजनबी, अनजान व्यक्ति या बात या चीज़, विषम, असामान्य

मगाधी

बिहार के इलाक़े में बोली जाने वाली प्राकृति भाषा का नाम

हम-गिरोह

एक दलवाले, यौथिक ।

megaron

मुक़ाम माई सैंया (यूनान) की महल सराय का मर्कज़ी बड़ा कमरा।

मगध

दक्षिणी बिहार का प्राचीन नाम, उक्त देश का निवासी

megadeath

एक मुलैय्यन अफ़राद की हलाकत (ख़ुसूसन जंग में तुख़मीने के तौर पर )

मागध

भारत की एक मिश्रित जाती जो वैश्य बाप और छत्तरी माँ की संतान है और भाट कहलाती है, एक प्राचीन जाति जिसका काम राजाओं आदि का कीर्तिगायन और विरुदावली का वर्णन करना था, भाट,

मंगे- दिल

حسب ِخواہش ۔

माँगीधार

वह सिपाही जो दूसरे का नौकर हो

अगर-मगर करना

टालमटोल करना, आनाकानी करना, बचना, बहाना करना

डगर-मगर होना

भंवर में फंसना, डगमगाना, हिलना जुलना

अगर-मगर मिलाना

इसे संक्षेप में समझाओ, मुलानों की तरह अगर मगर न मिलाओ

अगर-मगर

टाल-मटोल, ना-नुकर, दुविधा, असमंजस

जगर-मगर

जगमग

बूक-ओ-मगर

शायद, मुम्किन है, होसकता है, काश ऐसा होता, अगर मगर

चंगा है मगर नंगा नहीं

सक्षम है लेकिन फ़िज़ूलख़र्च नहीं

चमड़ी जाए मगर दमड़ी न जाए

ऐसे अवसर पर बोलते हैं जब कोई रूपया पैसा ख़र्च करने में बहुत कृपणता अर्थात कंजूसी दिखाए यहाँ तक कि शारीरिक तकलीफ़ पर उसको वरीयता दे

अगर चे गंदा मगर ईजाद-ए-बंदा

रुक ' ईजाद बंदा, अगरचे गंदा ' जो ज़्यादा मुस्तामल है

गाँड़ फट जाए मगर चूतड़ ना हटे

(फ़हश) कुछ भी हो ज़िद और आन में फ़र्क़ ना आए, कुछ भी हो मुस्तक़िल मिज़ाजी में फ़र्क़ ना आए

अगर चे मगर चे

क्यों क्या, किसी कार्य को लेकर पीछे एवं आगे होना, उलझन में पड़ना, धैर्य दिखाना, हिचर-मिचर

है तो सिड़ी मगर बात पते की कहता है

है तो बेग़ैरत या पागल मगर बात सही कर रहा है, तजरबाकार तो है मगर बेग़ैरत है

सैफ़ तो पट पड़ी थी मगर नीमचा काट कर गया

जिस पर भरोसा था इस से तो काम ना निकला बल्कि एक अदना वसीले से निकल आया , जिस से उम््ीद ना थी इस से मतलब बरारी हुई

हम तो डूबे हैं मगर यार को ले डूबेंगे

दूसरों को मुसीबत में अपने साथ फंसाना

जी बहुत चलता है मगर टट्टू नहीं चलता

इच्छाएँ तो बहुत बड़ी हैं मगर उन को पूरा करने के लिए प्रयाप्त आमदनी नहीं

जी बहुत चलना है मगर टट्टू नहीं चलता

इच्छाएँ बहुत बड़ी हैं लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए पर्याप्त आय नहीं है, ख़्वाहिशात तो बहुत बड़ी हैं मगर उन को पूरा करने के लिए काफ़ी आमदनी नहीं, ग़रीब होकर इरादे बड़े रखे तो कहते हैं

जी बहुत चलता है मगर नट्टू नहीं चलता

इच्छाएँ तो बहुत बड़ी हैं मगर उन को पूरा करने के लिए प्रयाप्त आमदनी नहीं

मैं तो डूबा मगर तुझ को भी ले डूबूँगा

मुझ पर तो आफ़त आई है तुझ को भी सलामत न छोड़ूँगा

पंचों का कहना सर आँखों पर मगर परनाला यहीं रहेगा

ज़िद्दी आदमी अपनी मर्ज़ी करता है

ख़ुदा जुलाहा बनाए मगर सूरत जुलाहे की न करे

चेहरा मनुष्य की परिस्थिती का प्रतिबिंब होता है

गाड़ी भर आश्नाई काम की नहीं मगर रत्ती भर नाता काम आता है

ज़रा सी क़राबत बहुत सी दोस्ती पर ग़ालिब होती है, वक़्त पड़ने पर रिश्तेदार ही काम आते हैं, बुरे वक़्त पर अपने ही साथ देते हैं

मगरा-पन

' मगरा ' होने की अवस्था या भाव, अभिमानी, घमंडी, अहंकार होना

कोठी कोठार सब तुम्हारा मगर किसी चीज़ को हाथ न लगाना

रुक : कोठी कठले को हाथ ना लगाओ, अलख

मगरा-पना

چُپ سادھ لینا، جواب نہ دینا ؛ بن کے پڑ جانا ۔

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जो माँ से सिवा चाहे वो फाफा कुटनी के अर्थदेखिए

जो माँ से सिवा चाहे वो फाफा कुटनी

jo maa.n se sivaa chaahe vo phaaphaa kuTniiجو ماں سے سِوا چاہے وہ پھاپھا کُٹْنی

कहावत

जो माँ से सिवा चाहे वो फाफा कुटनी के हिंदी अर्थ

  • (ओ) माँ से ज़्यादा मुहब्बत करना सरासर धोका और बनावट है
  • ۔मिसल। माँ से ज़्यादा मुहब्बत सरासर धोका और बनावट है

جو ماں سے سِوا چاہے وہ پھاپھا کُٹْنی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • (عو) ماں سے زیادہ محبت کرنا سراسر دھوکا اور بناوٹ ہے
  • ۔مثل۔ ماں سے زیادہ محبّت سراسر دھوکا اور بناوٹ ہے۔

Urdu meaning of jo maa.n se sivaa chaahe vo phaaphaa kuTnii

  • Roman
  • Urdu

  • (o) maa.n se zyaadaa muhabbat karnaa saraasar dhoka aur banaavaT hai
  • ۔misal। maa.n se zyaadaa muhabbat saraasar dhoka aur banaavaT hai

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मगर

परंतु, लेकिन, पर

मग़ार

गोह, गुफा, कंदरा, पहाड़ की खोह

मगर-गोई

(माहीगीरी) मगरमच्छ की स्त्रीलिंगी

मगर-दहाँ

جس پر مگرمچھ کے منَھ کی شکل بنی ہوئی ہو (کڑا وغیرہ) ۔

मगर-मुर्की

کانوں میں پہننے کی ایک وضع کی مُرکی، جس کا منھ مگرمچھ کی شکل کا ہوتا ہے

मगर-चौदानी

मगर अर्थात् घड़ियाल के समान चौदानियाँ

मगर का चेहरा

۔مگر کے چہرےکی صورت۔جو عورتوں کے کڑوں اور مردوں کی چھڑی کی شام میں بناتے ہیں۔؎

मगर वो बात कहाँ मौलवी मदन की सी

अगरचे बहुत मेहनत और कोशिश से नक़ल उतारी है लेकिन फिर भी नक़ल में असल की सी ख़ूबी नहीं, नक़ल तो उतारी मगर असल जैसी नहीं

मगद

(हिंदू धर्म) बेसन को घी में भून कर खांड की लाग से बनाए हुए लड्डू, पंजीरी के लड्डू

मंगर

(गाड़ीवान) गाड़ी के पहिए की पट्ठी के ओर की दिशा जिस पर हाल अर्थात् लौह पट्टा चढ़ाया जाता है

मगरमच्छ

मगर या घड़ियाल नामक एक विशालकाय मांसाहारी जलचर प्राणी जो आमतौर पर पानी या दलदल में रहता है और ज़मीन पर भी आ जाता है, घड़ियाल

मगरमच्छ से बैर बाँधना

अपने से बड़े या बड़ी हैसियत वाले से दुशमनी मोल लेना

मगरमच्छ के आँसू

बनावटी रोना, दिखावे के आँसू जो दिल से ना हों

मगरमच्छ के आँसू रोना

दिखावटी रोना, ऊपरी मन से आँसू बहाना, छल करना

मगरमच्छ के आँसू बहाना

मकर से काम लेना, दिखावे का रोना रोना

मग़ारा

पहाड़ की खोह, गुफा, कंदरा, लूट-मार का स्थान, प्रतिकात्मक: कब्रिस्तान, शमशान

मग़ारिब-ओ-मशारिक़

all directions, i.e. the world

मग़ारिबा

مغربی (رک) کی جمع ؛ مراکش یا مغربی افریقہ کے باشندے .

मग़ारिब

‘मग्रिब' का बहु., सूरज डूबने की जगहें, पश्चिम दिशा

मगद के लड्डू

رک : مگد ۔

मगध-भाषा

मगही या मागधी भाषा भारत के मध्य पूर्व में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। इसका निकट का संबंध अवधी भोजपुरी और मैथिली भाषा से है और अक्सर ये भाषाएँ एक ही साथ बिहारी भाषा के रूप में रख दी जाती हैं। इसे देवनागरी अथवा कयथी लिपि में लिखा जाता है

मगध-देश

मगध का देश, बिहार का दक्षिणी भाग

mugger

लुटेरा

megger

बरक़यात: तिजारती नाम: बर्क़ी महजोज़ीत (ग़ैर मूसिल कारी) की मुदाफ़अत को जांचने का आला या पैमाना , महजोज़ीत का पैमाना।

émigré

तारिक-ए-वतन, ख़ुसूसन सियासी मुल्क-बदर आदमी

मगध-पुरी

मगधों का शहर

मुग़ैर

लूटने वाला, ग़रत करनेवाला, | दस्यु, डाकू।

मुग़ाइर

प्रतिकूल, मुख़ालिफ़, बेगाना, अनजान, अजनबी, अनजान व्यक्ति या बात या चीज़, विषम, असामान्य

मगाधी

बिहार के इलाक़े में बोली जाने वाली प्राकृति भाषा का नाम

हम-गिरोह

एक दलवाले, यौथिक ।

megaron

मुक़ाम माई सैंया (यूनान) की महल सराय का मर्कज़ी बड़ा कमरा।

मगध

दक्षिणी बिहार का प्राचीन नाम, उक्त देश का निवासी

megadeath

एक मुलैय्यन अफ़राद की हलाकत (ख़ुसूसन जंग में तुख़मीने के तौर पर )

मागध

भारत की एक मिश्रित जाती जो वैश्य बाप और छत्तरी माँ की संतान है और भाट कहलाती है, एक प्राचीन जाति जिसका काम राजाओं आदि का कीर्तिगायन और विरुदावली का वर्णन करना था, भाट,

मंगे- दिल

حسب ِخواہش ۔

माँगीधार

वह सिपाही जो दूसरे का नौकर हो

अगर-मगर करना

टालमटोल करना, आनाकानी करना, बचना, बहाना करना

डगर-मगर होना

भंवर में फंसना, डगमगाना, हिलना जुलना

अगर-मगर मिलाना

इसे संक्षेप में समझाओ, मुलानों की तरह अगर मगर न मिलाओ

अगर-मगर

टाल-मटोल, ना-नुकर, दुविधा, असमंजस

जगर-मगर

जगमग

बूक-ओ-मगर

शायद, मुम्किन है, होसकता है, काश ऐसा होता, अगर मगर

चंगा है मगर नंगा नहीं

सक्षम है लेकिन फ़िज़ूलख़र्च नहीं

चमड़ी जाए मगर दमड़ी न जाए

ऐसे अवसर पर बोलते हैं जब कोई रूपया पैसा ख़र्च करने में बहुत कृपणता अर्थात कंजूसी दिखाए यहाँ तक कि शारीरिक तकलीफ़ पर उसको वरीयता दे

अगर चे गंदा मगर ईजाद-ए-बंदा

रुक ' ईजाद बंदा, अगरचे गंदा ' जो ज़्यादा मुस्तामल है

गाँड़ फट जाए मगर चूतड़ ना हटे

(फ़हश) कुछ भी हो ज़िद और आन में फ़र्क़ ना आए, कुछ भी हो मुस्तक़िल मिज़ाजी में फ़र्क़ ना आए

अगर चे मगर चे

क्यों क्या, किसी कार्य को लेकर पीछे एवं आगे होना, उलझन में पड़ना, धैर्य दिखाना, हिचर-मिचर

है तो सिड़ी मगर बात पते की कहता है

है तो बेग़ैरत या पागल मगर बात सही कर रहा है, तजरबाकार तो है मगर बेग़ैरत है

सैफ़ तो पट पड़ी थी मगर नीमचा काट कर गया

जिस पर भरोसा था इस से तो काम ना निकला बल्कि एक अदना वसीले से निकल आया , जिस से उम््ीद ना थी इस से मतलब बरारी हुई

हम तो डूबे हैं मगर यार को ले डूबेंगे

दूसरों को मुसीबत में अपने साथ फंसाना

जी बहुत चलता है मगर टट्टू नहीं चलता

इच्छाएँ तो बहुत बड़ी हैं मगर उन को पूरा करने के लिए प्रयाप्त आमदनी नहीं

जी बहुत चलना है मगर टट्टू नहीं चलता

इच्छाएँ बहुत बड़ी हैं लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए पर्याप्त आय नहीं है, ख़्वाहिशात तो बहुत बड़ी हैं मगर उन को पूरा करने के लिए काफ़ी आमदनी नहीं, ग़रीब होकर इरादे बड़े रखे तो कहते हैं

जी बहुत चलता है मगर नट्टू नहीं चलता

इच्छाएँ तो बहुत बड़ी हैं मगर उन को पूरा करने के लिए प्रयाप्त आमदनी नहीं

मैं तो डूबा मगर तुझ को भी ले डूबूँगा

मुझ पर तो आफ़त आई है तुझ को भी सलामत न छोड़ूँगा

पंचों का कहना सर आँखों पर मगर परनाला यहीं रहेगा

ज़िद्दी आदमी अपनी मर्ज़ी करता है

ख़ुदा जुलाहा बनाए मगर सूरत जुलाहे की न करे

चेहरा मनुष्य की परिस्थिती का प्रतिबिंब होता है

गाड़ी भर आश्नाई काम की नहीं मगर रत्ती भर नाता काम आता है

ज़रा सी क़राबत बहुत सी दोस्ती पर ग़ालिब होती है, वक़्त पड़ने पर रिश्तेदार ही काम आते हैं, बुरे वक़्त पर अपने ही साथ देते हैं

मगरा-पन

' मगरा ' होने की अवस्था या भाव, अभिमानी, घमंडी, अहंकार होना

कोठी कोठार सब तुम्हारा मगर किसी चीज़ को हाथ न लगाना

रुक : कोठी कठले को हाथ ना लगाओ, अलख

मगरा-पना

چُپ سادھ لینا، جواب نہ دینا ؛ بن کے پڑ جانا ۔

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