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चले

go, proceed, conduct, walk, move

चिल्ले

string of the bow

चले चलना

बराबर चले जाना, कहीं न ठहरना, चलते रहना, सफ़र करते रहना, यात्रा करते रहना

चले वहाँ से

किसी की हैसियत को कम करने पर बोलते हैं आए वहाँ से

चले राँड का चर्ख़ा और चले बुरे का पेट

अभागी रांड को हर समय परिश्रम कर के भोजन करना पड़ता है और दुष्ट मनुष्य को असंयम होने की वजह से दस्त लगे रहते हैं

चले न जाने आँगन टेढ़ा

काम में कुशल न होने पर दूसरे पर आरोप मढ़ना

चले न जाए आँगन टेढ़ा

काम में कुशल न होने पर दूसरे पर आरोप मढ़ना

चले राँड का चर्ख़ा और बुरे का पेट

अभागी रांड को हर समय परिश्रम कर के भोजन करना पड़ता है और दुष्ट मनुष्य को असंयम होने की वजह से दस्त लगे रहते हैं

चिल्ले का नहान

ज़च्चा का बच्चा की जन्म के चालीस दिन बाद का स्नान

चिल्ले का बीत

वह गर्भ जो औरत को बच्चा जनने के चालीस रोज़ बाद रह जाए

चिल्ले का बच्चा

چمڑے یا لکڑی کا چھوٹا چھلّا جا کمان کی تان٘ت کے سرے پر لگا ہوتا ہے

चिल्ले का जाड़ा

very cold winter

क्या चलेगा

रणनीति प्रभावी नहीं हो सकती, सामना नहीं कर सकता

हम चले

विदा होते समय का वाक्य

कहा चले

۔ جب کوئی شخص مُدّت کے بعد یا بے وقت آتا ہے اس سے کہتے ہیں۔ کس غرض سے آئے کس کام سے تکلیف کی۔ بے وقت کہاں آئے۔

कहाँ चले

जब कोई व्यक्ति लंबे समय के बाद या अनुचित समय पर आता है तो उस से कहते हैं, किस उद्देश्य से आए, किस कार्य से परेशानी की, अनुचित समय पर कहाँ आए

मुँह उठाए चले आना

बेधड़क चले आना, निडर चले आना, देखे-भाले बिना आ जाना

मुँह उठाए चले जाना

बेइरादा रवाना होना, लापरवाई से जाना, बेधड़क चल पड़ना

किसी का हाथ चले किसी की ज़बान चले

ज़बरदस्त मारता है, कमज़ोर गालियां देता है

मुँह चले सत्तर बला टले

सारी ताक़त खाने पीने से होती है

औघट चले न चौपट गिरे

हर कार्य सोच विचार कर करना चाहिए, न टेढ़ी चाल चलोगे न कष्ट में पड़ोगे

औघट चले न चौपट गिरे

यह कहावत उस समय बोलते हैं जब कोई आदमी संतुलन से निकल कर काम करे और असफल हो जाए

किसी का हाथ चले किसी की मुँह चले

ज़बरदस्त मारता है, कमज़ोर गालियां देता है

कहाँ चले आते हो

۔ تمہارے آنے کا موقع نہیں ہے۔

कहाँ चले आते हो

तुम्हारे आने का काम नहीं है, पर्दा है, पर्दे वाले बैठे हैं

दौड़ चले न चौपट गिरे

यह कहावत उस समय बोलते हैं जब कोई आदमी संतुलन से निकल कर काम करे और असफल हो जाए

गहना पहन कर ढक चले, पूत जन कर नयो चले

अल्लाह ताला दौलत दे तो उसे छुपा कर रखे और औलाद दे तो इन्किसार से काम ले, इतराना किसी हाल में अच्छा नहीं

ये अंदाम न चलेगा

यहां तुम्हारी दाल नहीं गलेगी, दम ना चलेगा, फ़रेब नहीं चलेगा

मुँह कल्ला चले, सत्तर बला टले

खाने-पीने से आदमी स्वस्थ रहता है, मनुष्य के लिए भोजन बड़ी चीज़ है

हारे तो चले नान पारे

बेहस में आजिज़ हो कर कोई बहाना करके टल जाना (अवध में एक रियासत का नाम है नानपारा)

दौड़ चले न गिर पड़े

यह कहावत उस समय बोलते हैं जब कोई आदमी संतुलन से निकल कर काम करे और असफल हो जाए

झुक चले तो टूटे काहे

मुनक्सर मिज़ाज आदमी नुक़्सान नहीं उठाता

न दौड़ के चले, न गिरे

रुक : ना दौड़ चलो ना गिर पढ़ो

दौड़ चले न अखट पड़े

यह कहावत उस समय बोलते हैं जब कोई आदमी संतुलन से निकल कर काम करे और असफल हो जाए

आप कहाँ चले आते हैं

किसी निःसंकोच मित्र या साथी के बहुत दिन में सूरत दिखाने के अवसर पर उलाहना देने के लिए प्रयुक्त

फूहड़ चले तो घर हिले

रुक : फूहड़ चाले नौ घर हाले

क्या आए क्या चले

जब कोई दोस्त आते ही जाने लगे उस अवसर पर कहते हैं

मुँह उठाए चले जाना

move ahead carelessly or fearlessly

पीछा दबाए चले जाना

pursue, follow, chase

दस आए दस चले

ऐसी जगह बोलते हैं जहां आने जाने का सिलसिला बराबर जारी रहे

आज आए कल चले

ठहराव अस्थायी है, स्थिरता नहीं

हाथ का दिया साथ चलेगा

(फ़क़ीरों की बोली) अर्थात : दान क़यामत में सज़ा से बचाएगी

सीधे चले आना

बिलाताम्मुल चले आना बगै़र किसी बस वपीश के आना

हाथ चले न पैयाँ , बैठा दे गुसियाँ

ख़ुदा ताला अपाहजों को घर बैठे रोज़ी पहुंचाता है, काम काज हो या ना हो मगर रज़्ज़ाक़ भूका नहीं रखता और घर बैठे देता है

हथिया चले न पय्या , बैठे दे गुसिय्याँ

काम करता नहीं और चाहता है कि बैठे को ख़ुदा खाने को दे, निकम्मे, काम चोर आदमी के मुताल्लिक़ कहते हैं

पास रहे जानिये या बाट चले

किसी की अच्छाई या बुराई उसी सूरत में मालूम होती है जब वो या तो पास रहे या सफ़र में शरीक हो

डाढ़ चले सत्तर बलाटले

भुखमरी से दुर्बलता और दूसरी अन्य बीमारियां पैदा हो जाती हैं

क्या बैल चलेगा

क्या काम आवेगा

घर से लड़कर तो नहीं चले

कोई ज़बरदस्ती बिगड़ता और जघड़ता है और ख़्वाहमख़्वाह किसी के सर होता है तो ये जुमला कहते हैं

लाला का घोड़ा खाए बहुत चले थोड़ा

पेटू और काम न करने वाला, नर्म मिज़ाज व्यक्ति के नौकर बहुत खाते हैं और काम कम करते हैं

राह छोड़ कर चले तुरत धोका खाए

राह-ए-रास्त छोड़कर बुरे ढंग इख़तियार करने के नतीजे में हमेशा धोका खाना पड़ता है

न अपनी ख़ुशी आए , न ख़ुशी चले

۔ دوسروں کی پابندی ہے۔؎

भीक माँगने चले और मश'अलची साथ

नीच काम कर के शेखी बघारने के अवसर पर प्रयुक्त

लाला का घोड़ा खाए बहुत , चले थोड़ा

पेटू और काम ना करने वाले की निसबत बोलते हैं, नरम मिज़ाज आदमी के नौकर खाते बहुत हैं और काम कम करते हैं

कल्ला चले सत्तर बला टले

खाने-पीने से आदमी स्वस्थ रहता है, मनुष्य के लिए भोजन बड़ी चीज़ है

जीभ चले सत्तर बला टले

बहुत बातें करने वाले से लोग डरते हैं और दूर रहते हैं

जबड़ा चले सत्तर बला टले

खाने-पीने से आदमी स्वस्थ रहता है, मनुष्य के लिए भोजन बड़ी चीज़ है

जीभ चले सत्तर बला टले

खाने-पीने से आदमी स्वस्थ रहता है, मनुष्य के लिए भोजन बड़ी चीज़ है

ग़ोते में चले जाना

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सोना उछालते चले जाओ

अच्छी राज्य के बारे में कहते हैं जब बहुत शांति हो, अच्छी सल्तनत के मुताल्लिक़ कहते हैं जब बहुत अम्न हो

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जिसकी ज़बान चले उस के सत्तर हल चलें के अर्थदेखिए

जिसकी ज़बान चले उस के सत्तर हल चलें

jis kii zabaan chale us ke sattar hal chale.nجِس کی زَبان چلے اُس کے سَتَّر ہَل چَلیں

कहावत

जिसकी ज़बान चले उस के सत्तर हल चलें के हिंदी अर्थ

  • ज़बान चलाने वाला सबको दबा लेता है

English meaning of jis kii zabaan chale us ke sattar hal chale.n

  • the one who is dominant who does exploitation

جِس کی زَبان چلے اُس کے سَتَّر ہَل چَلیں کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • زبان دراز سب کو دبا لیتا ہے

Urdu meaning of jis kii zabaan chale us ke sattar hal chale.n

  • Roman
  • Urdu

  • zabaan daraaz sab ko dabaa letaa hai

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चले

go, proceed, conduct, walk, move

चिल्ले

string of the bow

चले चलना

बराबर चले जाना, कहीं न ठहरना, चलते रहना, सफ़र करते रहना, यात्रा करते रहना

चले वहाँ से

किसी की हैसियत को कम करने पर बोलते हैं आए वहाँ से

चले राँड का चर्ख़ा और चले बुरे का पेट

अभागी रांड को हर समय परिश्रम कर के भोजन करना पड़ता है और दुष्ट मनुष्य को असंयम होने की वजह से दस्त लगे रहते हैं

चले न जाने आँगन टेढ़ा

काम में कुशल न होने पर दूसरे पर आरोप मढ़ना

चले न जाए आँगन टेढ़ा

काम में कुशल न होने पर दूसरे पर आरोप मढ़ना

चले राँड का चर्ख़ा और बुरे का पेट

अभागी रांड को हर समय परिश्रम कर के भोजन करना पड़ता है और दुष्ट मनुष्य को असंयम होने की वजह से दस्त लगे रहते हैं

चिल्ले का नहान

ज़च्चा का बच्चा की जन्म के चालीस दिन बाद का स्नान

चिल्ले का बीत

वह गर्भ जो औरत को बच्चा जनने के चालीस रोज़ बाद रह जाए

चिल्ले का बच्चा

چمڑے یا لکڑی کا چھوٹا چھلّا جا کمان کی تان٘ت کے سرے پر لگا ہوتا ہے

चिल्ले का जाड़ा

very cold winter

क्या चलेगा

रणनीति प्रभावी नहीं हो सकती, सामना नहीं कर सकता

हम चले

विदा होते समय का वाक्य

कहा चले

۔ جب کوئی شخص مُدّت کے بعد یا بے وقت آتا ہے اس سے کہتے ہیں۔ کس غرض سے آئے کس کام سے تکلیف کی۔ بے وقت کہاں آئے۔

कहाँ चले

जब कोई व्यक्ति लंबे समय के बाद या अनुचित समय पर आता है तो उस से कहते हैं, किस उद्देश्य से आए, किस कार्य से परेशानी की, अनुचित समय पर कहाँ आए

मुँह उठाए चले आना

बेधड़क चले आना, निडर चले आना, देखे-भाले बिना आ जाना

मुँह उठाए चले जाना

बेइरादा रवाना होना, लापरवाई से जाना, बेधड़क चल पड़ना

किसी का हाथ चले किसी की ज़बान चले

ज़बरदस्त मारता है, कमज़ोर गालियां देता है

मुँह चले सत्तर बला टले

सारी ताक़त खाने पीने से होती है

औघट चले न चौपट गिरे

हर कार्य सोच विचार कर करना चाहिए, न टेढ़ी चाल चलोगे न कष्ट में पड़ोगे

औघट चले न चौपट गिरे

यह कहावत उस समय बोलते हैं जब कोई आदमी संतुलन से निकल कर काम करे और असफल हो जाए

किसी का हाथ चले किसी की मुँह चले

ज़बरदस्त मारता है, कमज़ोर गालियां देता है

कहाँ चले आते हो

۔ تمہارے آنے کا موقع نہیں ہے۔

कहाँ चले आते हो

तुम्हारे आने का काम नहीं है, पर्दा है, पर्दे वाले बैठे हैं

दौड़ चले न चौपट गिरे

यह कहावत उस समय बोलते हैं जब कोई आदमी संतुलन से निकल कर काम करे और असफल हो जाए

गहना पहन कर ढक चले, पूत जन कर नयो चले

अल्लाह ताला दौलत दे तो उसे छुपा कर रखे और औलाद दे तो इन्किसार से काम ले, इतराना किसी हाल में अच्छा नहीं

ये अंदाम न चलेगा

यहां तुम्हारी दाल नहीं गलेगी, दम ना चलेगा, फ़रेब नहीं चलेगा

मुँह कल्ला चले, सत्तर बला टले

खाने-पीने से आदमी स्वस्थ रहता है, मनुष्य के लिए भोजन बड़ी चीज़ है

हारे तो चले नान पारे

बेहस में आजिज़ हो कर कोई बहाना करके टल जाना (अवध में एक रियासत का नाम है नानपारा)

दौड़ चले न गिर पड़े

यह कहावत उस समय बोलते हैं जब कोई आदमी संतुलन से निकल कर काम करे और असफल हो जाए

झुक चले तो टूटे काहे

मुनक्सर मिज़ाज आदमी नुक़्सान नहीं उठाता

न दौड़ के चले, न गिरे

रुक : ना दौड़ चलो ना गिर पढ़ो

दौड़ चले न अखट पड़े

यह कहावत उस समय बोलते हैं जब कोई आदमी संतुलन से निकल कर काम करे और असफल हो जाए

आप कहाँ चले आते हैं

किसी निःसंकोच मित्र या साथी के बहुत दिन में सूरत दिखाने के अवसर पर उलाहना देने के लिए प्रयुक्त

फूहड़ चले तो घर हिले

रुक : फूहड़ चाले नौ घर हाले

क्या आए क्या चले

जब कोई दोस्त आते ही जाने लगे उस अवसर पर कहते हैं

मुँह उठाए चले जाना

move ahead carelessly or fearlessly

पीछा दबाए चले जाना

pursue, follow, chase

दस आए दस चले

ऐसी जगह बोलते हैं जहां आने जाने का सिलसिला बराबर जारी रहे

आज आए कल चले

ठहराव अस्थायी है, स्थिरता नहीं

हाथ का दिया साथ चलेगा

(फ़क़ीरों की बोली) अर्थात : दान क़यामत में सज़ा से बचाएगी

सीधे चले आना

बिलाताम्मुल चले आना बगै़र किसी बस वपीश के आना

हाथ चले न पैयाँ , बैठा दे गुसियाँ

ख़ुदा ताला अपाहजों को घर बैठे रोज़ी पहुंचाता है, काम काज हो या ना हो मगर रज़्ज़ाक़ भूका नहीं रखता और घर बैठे देता है

हथिया चले न पय्या , बैठे दे गुसिय्याँ

काम करता नहीं और चाहता है कि बैठे को ख़ुदा खाने को दे, निकम्मे, काम चोर आदमी के मुताल्लिक़ कहते हैं

पास रहे जानिये या बाट चले

किसी की अच्छाई या बुराई उसी सूरत में मालूम होती है जब वो या तो पास रहे या सफ़र में शरीक हो

डाढ़ चले सत्तर बलाटले

भुखमरी से दुर्बलता और दूसरी अन्य बीमारियां पैदा हो जाती हैं

क्या बैल चलेगा

क्या काम आवेगा

घर से लड़कर तो नहीं चले

कोई ज़बरदस्ती बिगड़ता और जघड़ता है और ख़्वाहमख़्वाह किसी के सर होता है तो ये जुमला कहते हैं

लाला का घोड़ा खाए बहुत चले थोड़ा

पेटू और काम न करने वाला, नर्म मिज़ाज व्यक्ति के नौकर बहुत खाते हैं और काम कम करते हैं

राह छोड़ कर चले तुरत धोका खाए

राह-ए-रास्त छोड़कर बुरे ढंग इख़तियार करने के नतीजे में हमेशा धोका खाना पड़ता है

न अपनी ख़ुशी आए , न ख़ुशी चले

۔ دوسروں کی پابندی ہے۔؎

भीक माँगने चले और मश'अलची साथ

नीच काम कर के शेखी बघारने के अवसर पर प्रयुक्त

लाला का घोड़ा खाए बहुत , चले थोड़ा

पेटू और काम ना करने वाले की निसबत बोलते हैं, नरम मिज़ाज आदमी के नौकर खाते बहुत हैं और काम कम करते हैं

कल्ला चले सत्तर बला टले

खाने-पीने से आदमी स्वस्थ रहता है, मनुष्य के लिए भोजन बड़ी चीज़ है

जीभ चले सत्तर बला टले

बहुत बातें करने वाले से लोग डरते हैं और दूर रहते हैं

जबड़ा चले सत्तर बला टले

खाने-पीने से आदमी स्वस्थ रहता है, मनुष्य के लिए भोजन बड़ी चीज़ है

जीभ चले सत्तर बला टले

खाने-पीने से आदमी स्वस्थ रहता है, मनुष्य के लिए भोजन बड़ी चीज़ है

ग़ोते में चले जाना

Sorry! Please Check your Input Text and try again OR The requested Service is not available.

सोना उछालते चले जाओ

अच्छी राज्य के बारे में कहते हैं जब बहुत शांति हो, अच्छी सल्तनत के मुताल्लिक़ कहते हैं जब बहुत अम्न हो

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