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मिरे

मेरे का संक्षिप्त (सामान्यतः ज़रूरत-ए-शे'री के कारणवश शायरी में प्रयुक्त)

मरे

die

मरे होते

۔میری موجودگی میں۔؎

मरे सो हम

मुसीबत सिर्फ़ हमारे लिए है

मरे पे बेद

वक़्त गुज़र जाने पर कोशिश करने के मौके़ पर कहते हैं

मरे पर

मरने पर, मरने के बाद

मरे हुए होना

फ़िदा होना, मोहित होना, आशिक़ होना

मरे न जिए बकर बकर करे

रुक : मरे ना पीछा छोड़े, जो आदमी हरवक़त तंग करे उसे भी कहते हैं, जब तक ज़िंदा है तंग करेगा

मरे न जिए हकर हकर करे

रुक : मरे ना पीछा छोड़े, जो आदमी हरवक़त तंग करे इस के मुताल्लिक़ कहते हैं, जब तक ज़िंदा है तंग करेगा

मरे पटे

एक अभिशाप वाक्यांश, एक कोसना, गाली

मरे के बा'द

मरने के बाद, मौत के बाद

मरे दिल से

unwillingly

मरे जाना

۱۔ मुज़्तरिब होना, फ़िक्रमंद होना नीज़ जल्दी करना

मरे न माँझा ले

वृद्ध व्यक्ति के संबंध में कहते हैं जो बीमार हो और मरे नहीं

मरे न माँझा ले

वृद्ध व्यक्ति के संबंध में कहते हैं जो बीमार हो और मरे नहीं

मरे न माँझा दे

वृद्ध व्यक्ति के संबंध में कहते हैं जो बीमार हो और मरे नहीं

मरे न माँझा दे

वृद्ध व्यक्ति के संबंध में कहते हैं जो बीमार हो और मरे नहीं

मरे पीछे

मरने के बाद

मरे को मारे शाह मदार

निर्धन का सब बुरा चाहने वाले होते हैं या दुखी एवं पीड़ित पर एक और मुसीबत

मरे न पीछा छोड़े

वृद्ध व्यक्ति के संबंध में कहते हैं जो बीमार हो और मरे नहीं

मरे को मारें शाह मदार

۔مثل غریب کے سب بدخواہ ہوتے ہیں۔(فقرہ)چکروں نے پہلے ہی جان پر بنارکھی تھی بچے کی ضد اور مرے کو مارے شاہ مدار ہوگئی۔

मरे बैठना

(किसी बात के लिए) तैयार और राज़ी होना

मरे जाएँ मलहार गाएँ

पेट से फ़ाक़ा मगर कोई पर्वा नहीं

मरे को मारे शामत-ज़दा

रुक : मरे को मारें शाह मदार जो ज़्यादा मुस्तामल है

मरे हुए बैल के बड़े बड़े दीदे

रुक : मरे बावा की बड़ी बड़ी आँखें

मरे को मारें शाह मँदार

ग़रीब के सब बदख़वाह होते हैं या मुसीबतज़दा पर एक और मुसीबत

मरे तो शहीद, मारे तो ग़ाज़ी

हर हालत में अच्छाई है

मरे पर सौ दुर्रे

मरे को सब मारते हैं

मरे को मारना

दुखी को और कष्ट देना

मरे घोड़े का ना'ल नफ़ा'

जाती चीज़ में से जो हासिल हो जाये वही सही

मरे जाएँ मलहारें गाएँ

पेट से फ़ाक़ा मगर कोई पर्वा नहीं

मरे चोर पराए धन

जो दूसरों की संपत्ति निहारता है वह चोर है

मरे चोर पराए धन पर

पराए माल की ख़ातिर जान देना हमाक़त है, बेगाना माल मारना आसान नहीं, चोर पराए माल पर अपनी जान खो देता है

मरे का कोई नहीं, जीते के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

मरे मुर्दे उखेड़ना

۔اگلی پچھلی باتوں کی بکھاں کرنا۔

मरे मुर्दे उखाड़ना

अगली पिछली बातों को छेड़ना

मरे की ख़बर लाना

मृत्यु का संदेश लाना, मौत का पैग़ाम लाना, मरने की ख़बर देना

मरे का कोई नहीं, जीते जी के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

मरे माँ , जीवे मासी

अगर माँ मर जाये और ख़ाला जीती रहे तो बच्चे पुल जाते हैं क्योंकि उस की मुहब्बत भी माँ के बराबर होती है

मरे पार या भरे पार

जो चाहे करे

मरे बावा की बड़ी बड़ी आँखें

बाद इवफ़ात बुज़ुर्ग की बज़रगदाशत ज़्यादा करना

मरे हुओं पर मत रोओ बल्कि बेवक़ूफ़ों पर गिर्या करो

(तुर्की कहावत उर्दू में मुस्तामल) । मुरदे को रोने से बेहतर है बेवक़ूफ़ की बेवक़ूफ़ी का मातम करें

मरे को मर जाने दे, हल्वा पूड़ी खाने दे

स्वार्थी अपना ही लाभ चाहता है

मरे को मर जाने दे, हल्वा पूरी खाने दे

स्वार्थी अपना ही लाभ चाहता है

मिरे अल्लाह

ऐसे वक़्त मुस्तामल जब कोई मुसीबत आ पड़ी हो

पड़ न मरे लड़ मरे

अज्ञानी झगड़ालू के बारे में कहते हैं, निठल्लेपन से बेरोज़गारी बेहतर है

ढोर-मरे

कोसना, बद्दुआ, श्राप, बदगोई

माँ मरे

सौगंध के रूप में प्रयोग किया जाता है, अर्थात मेरी सलामती नहीं, मेरी बख़्शिश नहीं

तुम्हारे मरे देस पाक , हमारे मरे देस ख़ाक

शेखी भगारने के मौक़ा पर कहते हैं

तुम्हारे मरे देस ख़ाक , हमारे मरे देस पाक

फ़िरोतनी और आजिज़ी ज़ाहिर करने को कहते हैं

ढोर मरे न कव्वा खाए

फ़ुज़ूल उम्मीद के मौक़ा पर कहते हैं

साँप मरे न लाठी टूटे

न काम हो पाए और न कोई हानि हो

कोई मरे, कोई मल्हार गाए

एक को दुख हो और दूसरा ख़ुशी मनाए

राँड मरे , न खंडर ढए

रांड और खन्डर की उम्र बहुत तवील होती है

लेता मरे कि देता

न देने वाला व्यक्ति क़र्ज़ लेकर वापस नहीं करता, लेने या देने वाले में से एक मर जाता है तो क़र्ज़ डूब जाता है

क्यों मरे जाते हो

۔ کیوں گھبرائے جاتے ہو۔ جلدی کیا ہے۔ ؎

घर में दवा, हाए हम मरे

किसी के पास कोई वस्तु हो और वह उस का प्रयोग करना न जानता हो

बुड्ढे की न मरे जोरू, बाले की न मरे माँ

बुड्ढे की बीवी और बच्चे की माँ मर जाए तो दोनों का सहारा ख़त्म हो जाता है अथवा दोनों पर बड़ी विपदा आ जाती है

बुड्ढे की न मरे जोरू, बारे की न मरे माँ

बुड्ढे की बीवी और बच्चे की माँ मर जाए तो दोनों का सहारा ख़त्म हो जाता है अथवा दोनों पर बड़ी विपदा आ जाती है

मारे मरे न काटे कटे

मुश्किल काम जो ख़त्म होने ही को ना आए, ऐसा शख़्स जिस से पीछा छुड़ाना मुश्किल हो

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में झूटे के आगे सच्चा रो मरे के अर्थदेखिए

झूटे के आगे सच्चा रो मरे

jhuuTe ke aage sachchaa ro mareجُھوٹے کے آگے سَچّا رو مَرے

कहावत

झूटे के आगे सच्चा रो मरे के हिंदी अर्थ

  • झूटे के सामने सच्चे की बात नहीं चलती, झूटा आदमी कभी क़ायल नहीं होता

English meaning of jhuuTe ke aage sachchaa ro mare

  • a liar is never convinced

جُھوٹے کے آگے سَچّا رو مَرے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • جھوٹے کے سامنے سچے کی بات نہیں چلتی، جھوٹا آدمی کبھی قایل نہیں ہوتا

Urdu meaning of jhuuTe ke aage sachchaa ro mare

  • Roman
  • Urdu

  • jhuuTe ke saamne sachche kii baat nahii.n chaltii, jhuuTaa aadamii kabhii qaa.el nahii.n hotaa

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मिरे

मेरे का संक्षिप्त (सामान्यतः ज़रूरत-ए-शे'री के कारणवश शायरी में प्रयुक्त)

मरे

die

मरे होते

۔میری موجودگی میں۔؎

मरे सो हम

मुसीबत सिर्फ़ हमारे लिए है

मरे पे बेद

वक़्त गुज़र जाने पर कोशिश करने के मौके़ पर कहते हैं

मरे पर

मरने पर, मरने के बाद

मरे हुए होना

फ़िदा होना, मोहित होना, आशिक़ होना

मरे न जिए बकर बकर करे

रुक : मरे ना पीछा छोड़े, जो आदमी हरवक़त तंग करे उसे भी कहते हैं, जब तक ज़िंदा है तंग करेगा

मरे न जिए हकर हकर करे

रुक : मरे ना पीछा छोड़े, जो आदमी हरवक़त तंग करे इस के मुताल्लिक़ कहते हैं, जब तक ज़िंदा है तंग करेगा

मरे पटे

एक अभिशाप वाक्यांश, एक कोसना, गाली

मरे के बा'द

मरने के बाद, मौत के बाद

मरे दिल से

unwillingly

मरे जाना

۱۔ मुज़्तरिब होना, फ़िक्रमंद होना नीज़ जल्दी करना

मरे न माँझा ले

वृद्ध व्यक्ति के संबंध में कहते हैं जो बीमार हो और मरे नहीं

मरे न माँझा ले

वृद्ध व्यक्ति के संबंध में कहते हैं जो बीमार हो और मरे नहीं

मरे न माँझा दे

वृद्ध व्यक्ति के संबंध में कहते हैं जो बीमार हो और मरे नहीं

मरे न माँझा दे

वृद्ध व्यक्ति के संबंध में कहते हैं जो बीमार हो और मरे नहीं

मरे पीछे

मरने के बाद

मरे को मारे शाह मदार

निर्धन का सब बुरा चाहने वाले होते हैं या दुखी एवं पीड़ित पर एक और मुसीबत

मरे न पीछा छोड़े

वृद्ध व्यक्ति के संबंध में कहते हैं जो बीमार हो और मरे नहीं

मरे को मारें शाह मदार

۔مثل غریب کے سب بدخواہ ہوتے ہیں۔(فقرہ)چکروں نے پہلے ہی جان پر بنارکھی تھی بچے کی ضد اور مرے کو مارے شاہ مدار ہوگئی۔

मरे बैठना

(किसी बात के लिए) तैयार और राज़ी होना

मरे जाएँ मलहार गाएँ

पेट से फ़ाक़ा मगर कोई पर्वा नहीं

मरे को मारे शामत-ज़दा

रुक : मरे को मारें शाह मदार जो ज़्यादा मुस्तामल है

मरे हुए बैल के बड़े बड़े दीदे

रुक : मरे बावा की बड़ी बड़ी आँखें

मरे को मारें शाह मँदार

ग़रीब के सब बदख़वाह होते हैं या मुसीबतज़दा पर एक और मुसीबत

मरे तो शहीद, मारे तो ग़ाज़ी

हर हालत में अच्छाई है

मरे पर सौ दुर्रे

मरे को सब मारते हैं

मरे को मारना

दुखी को और कष्ट देना

मरे घोड़े का ना'ल नफ़ा'

जाती चीज़ में से जो हासिल हो जाये वही सही

मरे जाएँ मलहारें गाएँ

पेट से फ़ाक़ा मगर कोई पर्वा नहीं

मरे चोर पराए धन

जो दूसरों की संपत्ति निहारता है वह चोर है

मरे चोर पराए धन पर

पराए माल की ख़ातिर जान देना हमाक़त है, बेगाना माल मारना आसान नहीं, चोर पराए माल पर अपनी जान खो देता है

मरे का कोई नहीं, जीते के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

मरे मुर्दे उखेड़ना

۔اگلی پچھلی باتوں کی بکھاں کرنا۔

मरे मुर्दे उखाड़ना

अगली पिछली बातों को छेड़ना

मरे की ख़बर लाना

मृत्यु का संदेश लाना, मौत का पैग़ाम लाना, मरने की ख़बर देना

मरे का कोई नहीं, जीते जी के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

मरे माँ , जीवे मासी

अगर माँ मर जाये और ख़ाला जीती रहे तो बच्चे पुल जाते हैं क्योंकि उस की मुहब्बत भी माँ के बराबर होती है

मरे पार या भरे पार

जो चाहे करे

मरे बावा की बड़ी बड़ी आँखें

बाद इवफ़ात बुज़ुर्ग की बज़रगदाशत ज़्यादा करना

मरे हुओं पर मत रोओ बल्कि बेवक़ूफ़ों पर गिर्या करो

(तुर्की कहावत उर्दू में मुस्तामल) । मुरदे को रोने से बेहतर है बेवक़ूफ़ की बेवक़ूफ़ी का मातम करें

मरे को मर जाने दे, हल्वा पूड़ी खाने दे

स्वार्थी अपना ही लाभ चाहता है

मरे को मर जाने दे, हल्वा पूरी खाने दे

स्वार्थी अपना ही लाभ चाहता है

मिरे अल्लाह

ऐसे वक़्त मुस्तामल जब कोई मुसीबत आ पड़ी हो

पड़ न मरे लड़ मरे

अज्ञानी झगड़ालू के बारे में कहते हैं, निठल्लेपन से बेरोज़गारी बेहतर है

ढोर-मरे

कोसना, बद्दुआ, श्राप, बदगोई

माँ मरे

सौगंध के रूप में प्रयोग किया जाता है, अर्थात मेरी सलामती नहीं, मेरी बख़्शिश नहीं

तुम्हारे मरे देस पाक , हमारे मरे देस ख़ाक

शेखी भगारने के मौक़ा पर कहते हैं

तुम्हारे मरे देस ख़ाक , हमारे मरे देस पाक

फ़िरोतनी और आजिज़ी ज़ाहिर करने को कहते हैं

ढोर मरे न कव्वा खाए

फ़ुज़ूल उम्मीद के मौक़ा पर कहते हैं

साँप मरे न लाठी टूटे

न काम हो पाए और न कोई हानि हो

कोई मरे, कोई मल्हार गाए

एक को दुख हो और दूसरा ख़ुशी मनाए

राँड मरे , न खंडर ढए

रांड और खन्डर की उम्र बहुत तवील होती है

लेता मरे कि देता

न देने वाला व्यक्ति क़र्ज़ लेकर वापस नहीं करता, लेने या देने वाले में से एक मर जाता है तो क़र्ज़ डूब जाता है

क्यों मरे जाते हो

۔ کیوں گھبرائے جاتے ہو۔ جلدی کیا ہے۔ ؎

घर में दवा, हाए हम मरे

किसी के पास कोई वस्तु हो और वह उस का प्रयोग करना न जानता हो

बुड्ढे की न मरे जोरू, बाले की न मरे माँ

बुड्ढे की बीवी और बच्चे की माँ मर जाए तो दोनों का सहारा ख़त्म हो जाता है अथवा दोनों पर बड़ी विपदा आ जाती है

बुड्ढे की न मरे जोरू, बारे की न मरे माँ

बुड्ढे की बीवी और बच्चे की माँ मर जाए तो दोनों का सहारा ख़त्म हो जाता है अथवा दोनों पर बड़ी विपदा आ जाती है

मारे मरे न काटे कटे

मुश्किल काम जो ख़त्म होने ही को ना आए, ऐसा शख़्स जिस से पीछा छुड़ाना मुश्किल हो

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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