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जैसे

उदाहरणार्थ। यथा।

जैसे ही

जैसा ही, जूँ ही, इसी तरीक़े से, जितना ही

जैसे-जैसे

जिस क्रम से

जैसे-तैसे

किसी भी तरह, मुश्किल से या कठिनाई के साथ, किसी न किसी तरह से

जैसे सूँ तैसा

हर शख़्स से इस के मरतबे के मुनासिब सुलूक करना चाहिए, आदमी जैसा हो वैसा ही इस के मुताबिक़ इसे मिलता है

जैसे सूँ वैसा

हर शख़्स से इस के मरतबे के मुनासिब सुलूक करना चाहिए, आदमी जैसा हो वैसा ही इस के मुताबिक़ इसे मिलता है

जैसे करनी वैसी भरनी

रुक: जैसी करनी वैसी भरनी

जैसे हसन वैसे हुसैन

रुक: जैसे हुस्न तैसे बिसन

जैसे ये वैसे वो

हमारे नज़दीक दोनों एक जैसे हैं

जैसे साजन आए, तैसे बिछौना बिछाए

जिस तरह का अतिथि आए उस का वैसा ही सत्कार भी होता है

जैसे पीठ दिखाए जाते हो, ख़ुदा तुम्हारा मुँह दिखाए

दुआइया फ़िक़रा, रुख़स्त होते वक़्त जाने वाले से कहते हैं, ख़ुदा तुम्हें फिर यहां लाए

जैसे दूध में से मक्खी निकाल कर फेंक देते हैं

किसी को मुआमले से ना काम या अलग कर देने के मौक़ा पर कहते हैं

जैसे रूह वैसे फ़रिश्ते

रुक: जैसी रूह वैसे फ़रिश्ते

जैसे को तैसा, बाबू को भैंसा

जो जैसा हो, उसका वैसा ही सम्मान करना चाहिए

जैसे मियाँ काठ , वैसी सन की दाढ़ी

(तंज़न) अहमक़ के मुताल्लिक़ कहते हैं

जैसे हर गुन गाए तैसे गाल बजाए

दोनों हालतों में यकसाँ रहे

जैसे को तैसा मिले सुन ले राजा भील , लोहे को चूहा खा गया लौंडे को ले गई चील

जैसा तू ने मेरे साथ किया वैसा ही में तेरे साथ पेश आया , हर शरीर को सुधारने वाला मिल जाता है

जैसे हर गुन गाए वैसे फल पाए

जैसा किया था वैसा पाया

जैसे कंथा घर रहे वैसे रहे बिदेस

निकम्मा आदमी घर रहे या बाहर बराबर ही है , औरतें अपने शौहर के लिए भी बीवी से बेरुख़ी बरतता है बोला करती हैं , जो शख़्स देस में अपनी कमाई उड़ा लुटा कर घर ख़ाली हाथ आए उस की निसबत भी बोलते हैं

जैसे नाग नाथ तैसे साँप नाथ

जैसे ख़ुद वैसे ही साथी

जैसे उन का मकान जैसे ये

आपसी संबंध को व्यक्त करने को कहते हैं

जैसे बाँधो वैसे पाओ

सावधानी बरतने से वस्तु सुरक्षित रहती है, एहतियात से चीज़ महफ़ूज़ रहती है

जैसे थे घर के वैसे आए डोली चढ़ के

जैसे अपने थे वैसे ही बेगाने निकले

जैसे कंथा घर रहे वैसे रहे परदेस

निकम्मा आदमी घर रहे या बाहर बराबर ही है , औरतें अपने शौहर के लिए भी बीवी से बेरुख़ी बरतता है बोला करती हैं , जो शख़्स देस में अपनी कमाई उड़ा लुटा कर घर ख़ाली हाथ आए उस की निसबत भी बोलते हैं

जैसे काग जहाज़ को सूझत और न ठौर

मुझ को और कोई ठिकाना नहीं है जैसे समुंद्र में कव्वे को सिवाए जहाज़ के साथ उड़ने के और जगह नहीं होती है

जैसे एक बार, वैसे हज़ार बार

बुरा काम एक बार करना भी ऐसा ही है, जैसे हज़ार बार करना, कोई अंतर नहीं होता

जैसे आक़ा वैसा नौकर

रुक: जैसा राजा वैसी प्रजा

जैसे ओढ़ी कम्बली , वैसा ओढ़ा खेस

दुनिया की वासरत-ओ-इशरत क्या दोनों नापायदार हैं, मुसीबत और आराम को एक जैसा समझो, जिस शख़्स के मिज़ाज में मुसावात हो वो ये कहा करता है

जैसे बने

जिस तरह भी संभव हो, जिस तरह भी मुम्किन हो, जैसे हो सके

जैसे ऊधो वैसे ख़ान, न उन के चोटी न उन के कान

दोनों एक से हैं

जैसे नीम नाथ वैसे बकाइन नाथ

दोनों एक जैसे नटखट

जैसे बने तैसे

जैसे भी हो इसी तरह, जिस तरह बिन पड़े

जैसे वारी दिवाली , तैसा भड़वा दसहरा

रुक: जैसी धाड़ी दिवाली अलख

जैसे हसन तैसे बसन

दोनों एक जैसे हैं, दोनों में कोई अंतर नहीं है

जैसे का वैसा

رک: جیسے کا تیسا

जैसे को तैसा

जैसा आदमी होता है वैसे ही व्यक्ति से उसका वास्ता भी पड़ता है

जैसे का तैसा

as it was, as before

जैसे का तैसा करना

असली हालत पर ले आना, पहले जैसा बना देना,जूं का तूं कर देना, दरुस्त कर देना

जैसे को तैसा, परखने को पैसा

जैसा व्यक्ति ख़द हो उस के साथ वैसा ही आचार-व्यवहार रखना चाहिए

मोतियों जैसे

موتی کی طرح کے ، چمکدار ، صاف

मुझ जैसे को

मेरे जैसा

खाए जैसे बकरी , सूखे जैसे लकड़ी

खाना-पीना अलग नहीं लगता

खावे जैसे बकरी, सूखे जैसे लकड़ी

रुक : खाए बिक्री की तरह सूखे लक्कड़ी की तरह

बहुत हू जैसे

यहां से जाओ

पानी बीच बतासा जैसे

बहुत नापायदार

उकसाना जैसे जुर्म पर

abet

खेत बारानी , जैसे नियम राजानी

बारानी खेत इस तरह नाक़ाबिल-ए-एतबार है जैसे राजा की मेहरबानी दोनों का एतबार नहीं

आसा जैसे निरासा मरे

आशावान आशा के आधार पर जीता है और निराश मरता है

बारू जैसी भुरभुरी धौली जैसे धूप मीठी ऐसी कुछ नहीं जैसे मीठी चूप

शुक्र जो रीत की तरह भर भरी और धूप की तरह सफ़ैद होती है, चुप से ज़्यादा मीठी नहीं होती, ख़मोशी की तारीफ़ के मौक़ा पर मुस्तामल

दुनिया में ऐसे रहिये जैसे साबुन में तार

दुनिया के धंधों में नहीं फँसना चाहिए, अलग-थलग रहना चाहिए, दुनिया की गंदगी से बच कर रहना चाहिए

कल्लर का खेत जैसे कपटी का हैत

शोर वाला खेत बेवफ़ा की दोस्ती की तरह है जिससे कोई फ़ायदा नहीं होता

ऐसा गया जैसे महफ़िल से जूता

तुरंत छुप गया और ग़ायब हो गया

नन्हे हो कर रहिए जैसे नन्ही दूब

इन्किसार अच्छा होता है

ज़ामिन न हो जैसे गिरह से दीजिये

किसी का जिम्मेदार बनने से अच्छा है कि गिरह से दे दे, पक्का आश्वासन देने से रोकड़ देना अच्छा है

ऐसा जैसे रुपे के टके भुना लिये

just and fair

पतुरिया का डेरा जैसे ठगों का घेरा

पतुरिया के घर जा कर आदमी लुट जाता है

नन्हे हो कर रहे जैसे नन्ही दूब

इन्किसार अच्छा होता है

तेरे जौ तेरी दरांती चाहे जैसे काट

जो इच्छा हो कर तेरी बात में हस्तक्षेप नहीं करता, जब कोई व्यक्ति कहना न माने एवं अपनी इच्छा से सारे काम करे तो कहते हैं

ऐसा कहना जैसे रूपे के टके भुना लिये

सच्चा और मामले का बिलकुल साफ़

पाप छुपाए ना छुपे जैसे लह्सन की बास

बुरा काम कभी छिपा नहीं रहता

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जैसे-तैसे के अर्थदेखिए

जैसे-तैसे

jaise-taiseجَیسے تَیسے

वज़्न : 2222

जैसे-तैसे के हिंदी अर्थ

क्रिया-विशेषण, अव्यय

  • किसी भी तरह, मुश्किल से या कठिनाई के साथ, किसी न किसी तरह से
  • बहुत साधारण रूप में

शे'र

English meaning of jaise-taise

Adverb, Inexhaustible

  • somehow or the other, by hook or by crook

جَیسے تَیسے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فعل متعلق

  • بدقت تمام، جوں توں کر کے، مشکل سے، تکلیف سے
  • کسی بھی شکل سے، کسی نہ کسی طرح سے

Urdu meaning of jaise-taise

  • Roman
  • Urdu

  • badiqqat tamaam, juu.n tuu.n kar ke, mushkil se, takliif se
  • kisii bhii shakl se, kisii na kisii tarah se

खोजे गए शब्द से संबंधित

जैसे

उदाहरणार्थ। यथा।

जैसे ही

जैसा ही, जूँ ही, इसी तरीक़े से, जितना ही

जैसे-जैसे

जिस क्रम से

जैसे-तैसे

किसी भी तरह, मुश्किल से या कठिनाई के साथ, किसी न किसी तरह से

जैसे सूँ तैसा

हर शख़्स से इस के मरतबे के मुनासिब सुलूक करना चाहिए, आदमी जैसा हो वैसा ही इस के मुताबिक़ इसे मिलता है

जैसे सूँ वैसा

हर शख़्स से इस के मरतबे के मुनासिब सुलूक करना चाहिए, आदमी जैसा हो वैसा ही इस के मुताबिक़ इसे मिलता है

जैसे करनी वैसी भरनी

रुक: जैसी करनी वैसी भरनी

जैसे हसन वैसे हुसैन

रुक: जैसे हुस्न तैसे बिसन

जैसे ये वैसे वो

हमारे नज़दीक दोनों एक जैसे हैं

जैसे साजन आए, तैसे बिछौना बिछाए

जिस तरह का अतिथि आए उस का वैसा ही सत्कार भी होता है

जैसे पीठ दिखाए जाते हो, ख़ुदा तुम्हारा मुँह दिखाए

दुआइया फ़िक़रा, रुख़स्त होते वक़्त जाने वाले से कहते हैं, ख़ुदा तुम्हें फिर यहां लाए

जैसे दूध में से मक्खी निकाल कर फेंक देते हैं

किसी को मुआमले से ना काम या अलग कर देने के मौक़ा पर कहते हैं

जैसे रूह वैसे फ़रिश्ते

रुक: जैसी रूह वैसे फ़रिश्ते

जैसे को तैसा, बाबू को भैंसा

जो जैसा हो, उसका वैसा ही सम्मान करना चाहिए

जैसे मियाँ काठ , वैसी सन की दाढ़ी

(तंज़न) अहमक़ के मुताल्लिक़ कहते हैं

जैसे हर गुन गाए तैसे गाल बजाए

दोनों हालतों में यकसाँ रहे

जैसे को तैसा मिले सुन ले राजा भील , लोहे को चूहा खा गया लौंडे को ले गई चील

जैसा तू ने मेरे साथ किया वैसा ही में तेरे साथ पेश आया , हर शरीर को सुधारने वाला मिल जाता है

जैसे हर गुन गाए वैसे फल पाए

जैसा किया था वैसा पाया

जैसे कंथा घर रहे वैसे रहे बिदेस

निकम्मा आदमी घर रहे या बाहर बराबर ही है , औरतें अपने शौहर के लिए भी बीवी से बेरुख़ी बरतता है बोला करती हैं , जो शख़्स देस में अपनी कमाई उड़ा लुटा कर घर ख़ाली हाथ आए उस की निसबत भी बोलते हैं

जैसे नाग नाथ तैसे साँप नाथ

जैसे ख़ुद वैसे ही साथी

जैसे उन का मकान जैसे ये

आपसी संबंध को व्यक्त करने को कहते हैं

जैसे बाँधो वैसे पाओ

सावधानी बरतने से वस्तु सुरक्षित रहती है, एहतियात से चीज़ महफ़ूज़ रहती है

जैसे थे घर के वैसे आए डोली चढ़ के

जैसे अपने थे वैसे ही बेगाने निकले

जैसे कंथा घर रहे वैसे रहे परदेस

निकम्मा आदमी घर रहे या बाहर बराबर ही है , औरतें अपने शौहर के लिए भी बीवी से बेरुख़ी बरतता है बोला करती हैं , जो शख़्स देस में अपनी कमाई उड़ा लुटा कर घर ख़ाली हाथ आए उस की निसबत भी बोलते हैं

जैसे काग जहाज़ को सूझत और न ठौर

मुझ को और कोई ठिकाना नहीं है जैसे समुंद्र में कव्वे को सिवाए जहाज़ के साथ उड़ने के और जगह नहीं होती है

जैसे एक बार, वैसे हज़ार बार

बुरा काम एक बार करना भी ऐसा ही है, जैसे हज़ार बार करना, कोई अंतर नहीं होता

जैसे आक़ा वैसा नौकर

रुक: जैसा राजा वैसी प्रजा

जैसे ओढ़ी कम्बली , वैसा ओढ़ा खेस

दुनिया की वासरत-ओ-इशरत क्या दोनों नापायदार हैं, मुसीबत और आराम को एक जैसा समझो, जिस शख़्स के मिज़ाज में मुसावात हो वो ये कहा करता है

जैसे बने

जिस तरह भी संभव हो, जिस तरह भी मुम्किन हो, जैसे हो सके

जैसे ऊधो वैसे ख़ान, न उन के चोटी न उन के कान

दोनों एक से हैं

जैसे नीम नाथ वैसे बकाइन नाथ

दोनों एक जैसे नटखट

जैसे बने तैसे

जैसे भी हो इसी तरह, जिस तरह बिन पड़े

जैसे वारी दिवाली , तैसा भड़वा दसहरा

रुक: जैसी धाड़ी दिवाली अलख

जैसे हसन तैसे बसन

दोनों एक जैसे हैं, दोनों में कोई अंतर नहीं है

जैसे का वैसा

رک: جیسے کا تیسا

जैसे को तैसा

जैसा आदमी होता है वैसे ही व्यक्ति से उसका वास्ता भी पड़ता है

जैसे का तैसा

as it was, as before

जैसे का तैसा करना

असली हालत पर ले आना, पहले जैसा बना देना,जूं का तूं कर देना, दरुस्त कर देना

जैसे को तैसा, परखने को पैसा

जैसा व्यक्ति ख़द हो उस के साथ वैसा ही आचार-व्यवहार रखना चाहिए

मोतियों जैसे

موتی کی طرح کے ، چمکدار ، صاف

मुझ जैसे को

मेरे जैसा

खाए जैसे बकरी , सूखे जैसे लकड़ी

खाना-पीना अलग नहीं लगता

खावे जैसे बकरी, सूखे जैसे लकड़ी

रुक : खाए बिक्री की तरह सूखे लक्कड़ी की तरह

बहुत हू जैसे

यहां से जाओ

पानी बीच बतासा जैसे

बहुत नापायदार

उकसाना जैसे जुर्म पर

abet

खेत बारानी , जैसे नियम राजानी

बारानी खेत इस तरह नाक़ाबिल-ए-एतबार है जैसे राजा की मेहरबानी दोनों का एतबार नहीं

आसा जैसे निरासा मरे

आशावान आशा के आधार पर जीता है और निराश मरता है

बारू जैसी भुरभुरी धौली जैसे धूप मीठी ऐसी कुछ नहीं जैसे मीठी चूप

शुक्र जो रीत की तरह भर भरी और धूप की तरह सफ़ैद होती है, चुप से ज़्यादा मीठी नहीं होती, ख़मोशी की तारीफ़ के मौक़ा पर मुस्तामल

दुनिया में ऐसे रहिये जैसे साबुन में तार

दुनिया के धंधों में नहीं फँसना चाहिए, अलग-थलग रहना चाहिए, दुनिया की गंदगी से बच कर रहना चाहिए

कल्लर का खेत जैसे कपटी का हैत

शोर वाला खेत बेवफ़ा की दोस्ती की तरह है जिससे कोई फ़ायदा नहीं होता

ऐसा गया जैसे महफ़िल से जूता

तुरंत छुप गया और ग़ायब हो गया

नन्हे हो कर रहिए जैसे नन्ही दूब

इन्किसार अच्छा होता है

ज़ामिन न हो जैसे गिरह से दीजिये

किसी का जिम्मेदार बनने से अच्छा है कि गिरह से दे दे, पक्का आश्वासन देने से रोकड़ देना अच्छा है

ऐसा जैसे रुपे के टके भुना लिये

just and fair

पतुरिया का डेरा जैसे ठगों का घेरा

पतुरिया के घर जा कर आदमी लुट जाता है

नन्हे हो कर रहे जैसे नन्ही दूब

इन्किसार अच्छा होता है

तेरे जौ तेरी दरांती चाहे जैसे काट

जो इच्छा हो कर तेरी बात में हस्तक्षेप नहीं करता, जब कोई व्यक्ति कहना न माने एवं अपनी इच्छा से सारे काम करे तो कहते हैं

ऐसा कहना जैसे रूपे के टके भुना लिये

सच्चा और मामले का बिलकुल साफ़

पाप छुपाए ना छुपे जैसे लह्सन की बास

बुरा काम कभी छिपा नहीं रहता

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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