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साइर-दार

चुंगी का रक्षक

सरा-दार

सराय का मालिक, सराय का रखवाला, यात्रीगृह, विश्रामालय, धर्मशाला का प्रबंधक एवं निरिक्षक; मकानदार, मकान का स्वामी; ज़मींदार, जागीरदार

सीर-दार

स्थायी वंश परंपरा में अधिकार प्राप्त वह ज़मींदार जो अपनी ज़मीन किसी आसामी के साझे में जोतता-बोता हो।

सर-ए-दार

फांसी पर, क़ब्र पर, सूली पर चढ़ाया हुआ

शेर-दर

ورزش کی ایک قسم .

सहरा-दार

सुनसान जगह या जंगल में रहने वाला, जंगल का निवासी

साइर-ओ-दाइर

رائج ، جاری ، موجود.

शीर-दार

दूध वाली, अर्थात: दूध देने वाली औरत या किसी जानवर की मादा, दुधेल, जिस के थनों में दूध ज़्यादा उतरे

सराए-दार

सराय का मालिक

शु'ऊर-दार

कुशल, शिष्ट, अच्छी नसल का

सर-दर-ए-हवा

अहंकारी, अभिमानी, घमंडी

सर-दर-गरेबाँ

सोच में पड़ा हुआ, चिंतित

सर-दर-ए-गिरेबान

चिंतक, विचारक; लज्जित, शर्मिंदा

शेर-दरवाज़ा

-पुं०] ० फ] = सिंह-द्वार

सर-दरकनार

خاموش ، چُپ.

सर-दर्द

सिर की पीड़ा, माथे की पीड़ा, बिप्ता, मुसीबत, झंझट, जंजाल, बखेड़ा

शोर-ए-दार-ओ-गीर बुलंद होना

लेना पकड़ने का शोर होना, पकड़ धकड़ का शोर होना

शीर-दारी

दूध देना,दूध पिलाना, जानवर का दूध देना

सर-दर्दी

ज़हमत, बेजा तकलीफ़, झंझट, बखेड़ा, मुसीबत

सर दरख़्ती करना

उफ़्तादा और ख़ाली ज़मीन में दरख़्त लगाना, शजरकारी करना

सर-ए-दारू

upon the crucifix

सर-दरख़्ती

ख़ाली बंजर ज़मीन में लगाए हुए पेड़

शर'ई-दाढ़ी

ایسی داڑھی جو شریعت کے مطابق ہو یعنی اس کی لمبائی کم از کم ایک مٹھی ہو، مٹھی بھر لمبی ڈاڑھی.

शु'ऊर-दारी

तमीज़दारी, सलीक़ामन्दी, शिष्टता

दह दर दुनिया सद दर आख़िरत

दुनिया में यदि किसी से दस दर्जा भलाई करोगे तो आख़िरत मैं उस का सत्तर दर्जा पुण्य मिलेगा

डरें लोमड़ी से नाम शेर ख़ाँ

किसी शख़्स की बुज़दली ज़ाहिर करने के लिए मुस्तामल

ओखल सर दिया तो धमकों से क्या डर

जब ख़ुद को ख़तरे में डाल दिया फिर नताइज की क्या फ़िक्र, जब दानिस्ता ख़तरा मूल लिया तो पेश आने वाले मसाइब की क्या पर्वा ('दिया' और 'डर' की जगह इस मफ़हूम के दीगर अलफ़ाज़ भी मुस्तामल हैं)

हमाँ आश-दर-कासा शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) एक मुआमले का दूसरी बार पेश आना , मुआमला जूं का तूं रहे तो कहते हैं

शराब का दौर शुरू होना

सभा में उपस्थित लोगों का शराब पीना शुरू करना

सदा-ए-दुहुल अज़ दूर ख़ुश आयद

ढोल की आवाज़ दूर से अच्छी मालूम होती है

दिल में नहीं डर तो सब की पगड़ी अपने सर

यदि दिल में किसी बात का डर नहीं तो आदमी किसी की परवाह नहीं करता, दिल में भय या सम्मान न हो तो मनुष्य निर्भय एवं धृष्ट हो जाता है

डालते देर नहीं सर पर कोतवाल

कोई बुरा काम करते ही पकड़े जाने के अवसर पर बोलते हैं

दौर-दौरा शुरू' होना

बरतरी क़ायम होना, मुसाबक़त पाना

हर चीज़ कि दर कान नमक रफ़्त नमक शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) रुक : हर चह दर कान-ए-नमक अलख

हर कि दर कान-ए-नमक रफ़्त नमक शुद

का दर कान-ए-नमक रफत नमक शुद

हर च दर कान नमक रफ़्त नमक शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो चीज़ नमक की कान में गई नमक होगई, सोहबत का असर हो ही जाता है, नेकों की सोहबत का नेक और बदों की महफ़िल का बद असर होता है (जब कोई आदमी किसी दूसरे आदमी या जमात के रंग में रंग जाता है या किसी मुक़ाम की ख़ुसूसीयात इख़तियार कर लेता है तो कहते हैं

दूर-अज़-असर

निष्प्रभावी, प्रभावहीन, असर से बाहर, बेअसर

सर-चश्मा-दार

धोखे बाज़, मक्कार, दग़ाबाज़

ओखली में सर दिया तो धमकों से क्या डर

जब स्वयं को ख़तरे में डाल दिया फिर परिणाम की क्या चिंता, जब जान-बूझ कर ख़तरा मोल लिया तो आने वाली समस्याओं की क्या परवाह

सर-रिश्ता-दार

मुख्य क्लर्क, हैडक्लर्क, देसी ज़बान के दफ़्तर का सपरंटंडनट मसल ख़वाँ

जब अओखली में सर दिया तो धमकों से क्या डर

जब कोई अपने आपको ख़तरे में डाल दिया हो, तो उसे परिणाम से डरना नहीं चाहिए, चाहे परिणाम कुछ भी हो, यदि कठिन कार्य हाथ में ले लिया है तो कठिनाइयों से नहीं डरना चाहिए, कठिन कार्य शुरू करने पर कठिनाई तो सहन करनी ही पड़ती है

यके सत जान-ओ-दर सद हज़ार नैरंगी अस्त

انسان کے اندر ہر طرح کی کیفیات پیدا ہوتی ہیں ، ایک جان کے لیے ہزاروں مصیبتیں ہیں

अश'आर-दर-अश'आर

couplets after couplets

मोरचगान रा चू बुवद इत्तिफ़ाक़ शेर-ए-ज़ियाँ रा बदर आरंद पोस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) चियूंटियों अगर यकमत हो जाएं तो खूँखार शेर की खाल उतार लेती हैं, बहुत से निर्बल एकमत होकर बलवान को भी प्रास्त कर सकते हैं, आपस के एकमत्ता से काम बनता है

दार-उल-आसार

संग्रहालय, अजायबघर, म्यूज़ियम

दो-सर-दार

दो सिर रखने वाला, दो सिर वाला

सर-पेच-दार

एक ख़ास किस्म का फ़क़ीर

सद-दर-सद

ایک قسم کا نقش جو خاص طریقہ سے بھرا جاتا ہے ، وہ حاصل ضرب جو سو کے سو میں ضرب دینے سے نکلے.

दाइर-साइर

دخیل، حاوی، کارفرما.

दाइर-ओ-साइर

absolute

सूद-दर-सूद

(गणित) वह नियम जिस में ब्याज पर ब्याज लगाने का क़ायदा और उसकी क़ीमत व क़ानून बनाया जाए

दाैरा-ए-असर

حلقۂ اثر.

सदी-दर-सदी

صدیوں تک ، عرصۂ دراز تک ؛ (مجازاً)ہمیشہ، دائم.

ओखली में सर दिया तो मूसल का क्या डर

जब स्वयं को ख़तरे में डाल दिया फिर परिणाम की क्या चिंता, जब जान-बूझ कर ख़तरा मोल लिया तो आने वाली समस्याओं की क्या परवाह

ओखली में सर दिया तो मूसलों से क्या डर

जब स्वयं को ख़तरे में डाल दिया फिर परिणाम की क्या चिंता, जब जान-बूझ कर ख़तरा मोल लिया तो आने वाली समस्याओं की क्या परवाह

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में हर च दर कान नमक रफ़्त नमक शुद के अर्थदेखिए

हर च दर कान नमक रफ़्त नमक शुद

har cha dar kaan namak raft namak shudہَر چَہ دَر کان نَمَک رَفت نَمَک شُد

कहावत

हर च दर कान नमक रफ़्त नमक शुद के हिंदी अर्थ

  • (फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो चीज़ नमक की कान में गई नमक होगई, सोहबत का असर हो ही जाता है, नेकों की सोहबत का नेक और बदों की महफ़िल का बद असर होता है (जब कोई आदमी किसी दूसरे आदमी या जमात के रंग में रंग जाता है या किसी मुक़ाम की ख़ुसूसीयात इख़तियार कर लेता है तो कहते हैं

ہَر چَہ دَر کان نَمَک رَفت نَمَک شُد کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • (فارسی کہاوت اُردو میں مستعمل) جو چیز نمک کی کان میں گئی نمک ہوگئی ، صحبت کا اثر ہو ہی جاتا ہے ، نیکوں کی صحبت کا نیک اور بدوں کی محفل کا بد اثر ہوتا ہے (جب کوئی آدمی کسی دوسرے آدمی یا جماعت کے رنگ میں رنگ جاتا ہے یا کسی مقام کی خصوصیات اختیار کر لیتا ہے تو کہتے ہیں)
  • ۔(ف) مثل۔یہ مثل تاثیرصحبت کے اظہار میں بولی جاتی ہے؎

Urdu meaning of har cha dar kaan namak raft namak shud

  • Roman
  • Urdu

  • (faarsii kahaavat urduu me.n mustaamal) jo chiiz namak kii kaan me.n ga.ii namak hogi.i, sohbat ka asar ho hii jaataa hai, neko.n kii sohbat ka nek aur bado.n kii mahfil ka bad asar hotaa hai (jab ko.ii aadamii kisii duusre aadamii ya jamaat ke rang me.n rang jaataa hai ya kisii muqaam kii Khusuusiiyaat iKhatiyaar kar letaa hai to kahte hai.n
  • ۔(pha) misal।ye misal taasiir sohbat ke izhaar me.n bolii jaatii hai

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साइर-दार

चुंगी का रक्षक

सरा-दार

सराय का मालिक, सराय का रखवाला, यात्रीगृह, विश्रामालय, धर्मशाला का प्रबंधक एवं निरिक्षक; मकानदार, मकान का स्वामी; ज़मींदार, जागीरदार

सीर-दार

स्थायी वंश परंपरा में अधिकार प्राप्त वह ज़मींदार जो अपनी ज़मीन किसी आसामी के साझे में जोतता-बोता हो।

सर-ए-दार

फांसी पर, क़ब्र पर, सूली पर चढ़ाया हुआ

शेर-दर

ورزش کی ایک قسم .

सहरा-दार

सुनसान जगह या जंगल में रहने वाला, जंगल का निवासी

साइर-ओ-दाइर

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दूध वाली, अर्थात: दूध देने वाली औरत या किसी जानवर की मादा, दुधेल, जिस के थनों में दूध ज़्यादा उतरे

सराए-दार

सराय का मालिक

शु'ऊर-दार

कुशल, शिष्ट, अच्छी नसल का

सर-दर-ए-हवा

अहंकारी, अभिमानी, घमंडी

सर-दर-गरेबाँ

सोच में पड़ा हुआ, चिंतित

सर-दर-ए-गिरेबान

चिंतक, विचारक; लज्जित, शर्मिंदा

शेर-दरवाज़ा

-पुं०] ० फ] = सिंह-द्वार

सर-दरकनार

خاموش ، چُپ.

सर-दर्द

सिर की पीड़ा, माथे की पीड़ा, बिप्ता, मुसीबत, झंझट, जंजाल, बखेड़ा

शोर-ए-दार-ओ-गीर बुलंद होना

लेना पकड़ने का शोर होना, पकड़ धकड़ का शोर होना

शीर-दारी

दूध देना,दूध पिलाना, जानवर का दूध देना

सर-दर्दी

ज़हमत, बेजा तकलीफ़, झंझट, बखेड़ा, मुसीबत

सर दरख़्ती करना

उफ़्तादा और ख़ाली ज़मीन में दरख़्त लगाना, शजरकारी करना

सर-ए-दारू

upon the crucifix

सर-दरख़्ती

ख़ाली बंजर ज़मीन में लगाए हुए पेड़

शर'ई-दाढ़ी

ایسی داڑھی جو شریعت کے مطابق ہو یعنی اس کی لمبائی کم از کم ایک مٹھی ہو، مٹھی بھر لمبی ڈاڑھی.

शु'ऊर-दारी

तमीज़दारी, सलीक़ामन्दी, शिष्टता

दह दर दुनिया सद दर आख़िरत

दुनिया में यदि किसी से दस दर्जा भलाई करोगे तो आख़िरत मैं उस का सत्तर दर्जा पुण्य मिलेगा

डरें लोमड़ी से नाम शेर ख़ाँ

किसी शख़्स की बुज़दली ज़ाहिर करने के लिए मुस्तामल

ओखल सर दिया तो धमकों से क्या डर

जब ख़ुद को ख़तरे में डाल दिया फिर नताइज की क्या फ़िक्र, जब दानिस्ता ख़तरा मूल लिया तो पेश आने वाले मसाइब की क्या पर्वा ('दिया' और 'डर' की जगह इस मफ़हूम के दीगर अलफ़ाज़ भी मुस्तामल हैं)

हमाँ आश-दर-कासा शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) एक मुआमले का दूसरी बार पेश आना , मुआमला जूं का तूं रहे तो कहते हैं

शराब का दौर शुरू होना

सभा में उपस्थित लोगों का शराब पीना शुरू करना

सदा-ए-दुहुल अज़ दूर ख़ुश आयद

ढोल की आवाज़ दूर से अच्छी मालूम होती है

दिल में नहीं डर तो सब की पगड़ी अपने सर

यदि दिल में किसी बात का डर नहीं तो आदमी किसी की परवाह नहीं करता, दिल में भय या सम्मान न हो तो मनुष्य निर्भय एवं धृष्ट हो जाता है

डालते देर नहीं सर पर कोतवाल

कोई बुरा काम करते ही पकड़े जाने के अवसर पर बोलते हैं

दौर-दौरा शुरू' होना

बरतरी क़ायम होना, मुसाबक़त पाना

हर चीज़ कि दर कान नमक रफ़्त नमक शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) रुक : हर चह दर कान-ए-नमक अलख

हर कि दर कान-ए-नमक रफ़्त नमक शुद

का दर कान-ए-नमक रफत नमक शुद

हर च दर कान नमक रफ़्त नमक शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो चीज़ नमक की कान में गई नमक होगई, सोहबत का असर हो ही जाता है, नेकों की सोहबत का नेक और बदों की महफ़िल का बद असर होता है (जब कोई आदमी किसी दूसरे आदमी या जमात के रंग में रंग जाता है या किसी मुक़ाम की ख़ुसूसीयात इख़तियार कर लेता है तो कहते हैं

दूर-अज़-असर

निष्प्रभावी, प्रभावहीन, असर से बाहर, बेअसर

सर-चश्मा-दार

धोखे बाज़, मक्कार, दग़ाबाज़

ओखली में सर दिया तो धमकों से क्या डर

जब स्वयं को ख़तरे में डाल दिया फिर परिणाम की क्या चिंता, जब जान-बूझ कर ख़तरा मोल लिया तो आने वाली समस्याओं की क्या परवाह

सर-रिश्ता-दार

मुख्य क्लर्क, हैडक्लर्क, देसी ज़बान के दफ़्तर का सपरंटंडनट मसल ख़वाँ

जब अओखली में सर दिया तो धमकों से क्या डर

जब कोई अपने आपको ख़तरे में डाल दिया हो, तो उसे परिणाम से डरना नहीं चाहिए, चाहे परिणाम कुछ भी हो, यदि कठिन कार्य हाथ में ले लिया है तो कठिनाइयों से नहीं डरना चाहिए, कठिन कार्य शुरू करने पर कठिनाई तो सहन करनी ही पड़ती है

यके सत जान-ओ-दर सद हज़ार नैरंगी अस्त

انسان کے اندر ہر طرح کی کیفیات پیدا ہوتی ہیں ، ایک جان کے لیے ہزاروں مصیبتیں ہیں

अश'आर-दर-अश'आर

couplets after couplets

मोरचगान रा चू बुवद इत्तिफ़ाक़ शेर-ए-ज़ियाँ रा बदर आरंद पोस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) चियूंटियों अगर यकमत हो जाएं तो खूँखार शेर की खाल उतार लेती हैं, बहुत से निर्बल एकमत होकर बलवान को भी प्रास्त कर सकते हैं, आपस के एकमत्ता से काम बनता है

दार-उल-आसार

संग्रहालय, अजायबघर, म्यूज़ियम

दो-सर-दार

दो सिर रखने वाला, दो सिर वाला

सर-पेच-दार

एक ख़ास किस्म का फ़क़ीर

सद-दर-सद

ایک قسم کا نقش جو خاص طریقہ سے بھرا جاتا ہے ، وہ حاصل ضرب جو سو کے سو میں ضرب دینے سے نکلے.

दाइर-साइर

دخیل، حاوی، کارفرما.

दाइर-ओ-साइर

absolute

सूद-दर-सूद

(गणित) वह नियम जिस में ब्याज पर ब्याज लगाने का क़ायदा और उसकी क़ीमत व क़ानून बनाया जाए

दाैरा-ए-असर

حلقۂ اثر.

सदी-दर-सदी

صدیوں تک ، عرصۂ دراز تک ؛ (مجازاً)ہمیشہ، دائم.

ओखली में सर दिया तो मूसल का क्या डर

जब स्वयं को ख़तरे में डाल दिया फिर परिणाम की क्या चिंता, जब जान-बूझ कर ख़तरा मोल लिया तो आने वाली समस्याओं की क्या परवाह

ओखली में सर दिया तो मूसलों से क्या डर

जब स्वयं को ख़तरे में डाल दिया फिर परिणाम की क्या चिंता, जब जान-बूझ कर ख़तरा मोल लिया तो आने वाली समस्याओं की क्या परवाह

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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