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है सो है

है तो यही है, जो मौजूद है वह तो है ही, बाक़ी है

देखता है सो कहता नहीं कहता है सो देखता नहीं

कोई सच्ची गवाही नहीं देता है, जिस ने देखा है वो गवाही नहीं देता और जो गवाही देता है उस ने देखा कुछ नहीं

जो ढूँडना है सो पाना है

जो कोशिश करता है वही कामयाब होता है

क़रीब है सो रक़ीब

रिश्तेदार या क़िराबती को हसद ज़्यादा होता है मशहूर अरबी क़ौल इलाक़ा रब का (इलाक़ा रब का) उर्दू तर्जुमा

जो बात है सो ख़ूब है क्या बात है आप की

आप ख़ुद बेमिसल अवार आप की हर बात बेमिसाल है, तनज़्ज़ा कहते हैं

आज है सो कल नहीं

दिन प्रतिदिन बरबादी है, बुरा समय आता जाता है, संसार परिवर्तनशील है, जो स्थिति आज है वह कल नहीं होगी

जितना रुला है सो चुग लो

जितना क़िस्मत या भाग्य में है लेलो

हाँडी में जो होता है सो वही चमची में निकलता है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

हाँडी में जो होता है सो वही डोई में निकलता है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

जो गरजना है सो बरसता नहीं

बढ़-बढ़कर बातें बनाने वाला निकम्मा और बेकार होता है, शेख़ी बघारने वाला बे-मतलब और टालमटोल करने वाला होता है (बहुवचन के रूप में भी प्रयुक्त)

हाँडी में जो होता है सो वही डोई में आता है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

तू कहे सो सच है बूढ़ी तू कहे सो सच

किसी की सच बात को भी अनसुनी करना, जब कोई किसी की दुहाई सुनना न चाहे

जो कुछ कहो सो फबती है

जो कहा जाए सुंदर है

जो मेरे है सो राजा के नहीं

जो कुछ मुझे प्राप्त है वो किसी को भी प्राप्त नहीं

जो मेरे है सो राजा के नहीं

۔مثل۔ (عو) کم ظرفی سے اپنے آپ کو بڑا جاننے والے کی نسبت بولتی ہیں۔

जो पारस से कंचन उपजे सो पारस है काँच, जो पारस से पारस उपजे सो पारस है साँच

अच्छा काम वही है जिस का परिणाम अच्छा हो जिस का परिणाम बुरा हो वो काम भी बुरा है

राह ही राह, सो राह ही रा, राह ही राह, सो यही है अपना

जो सब की शैली है वही अच्छी है, जो दूसरों की शैली है वही अपनी है

वक़्त पर जो हो जाए सो ठीक है

समय पर जो कुछ हो जाए बेहतर है क्यूँकि ऐसे समय पर मनुष्य घबरा जाता है

हाँडी में जो होगा है सो वही डोई में निकलेगा

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

हाँडी में जो हो सो वही चमची में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

सोता है सो खोता है

one who sleeps loses

हाँडी में जो हो सो वही डोई में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

न लड़, लड़ना शैतान का काम है, बनी पे जो चूके सो तुख़्म हराम है

बिना नियन्त्रण के लड़ना नहीं चाहिए और जब नियन्त्रण मिले तो चूक जाना बड़ी मूर्खता है

अन-होती को होत को ताकत है सब को, अन-होनी होनी नहीं होनी, होवे सो होए

जो होना है या जो भाग्य में है वह होकर रहता है, जो नहीं होना या जो भाग्य में नहीं है वह कभी नहीं होगा, यद्यपि बहुत से लोग असंभव बात की आशा रखते हैं, परंतु असंभव बात होती नहीं

मुँह मोतियों से भरा जा सकता है , सो मुँह ख़ाक से भी नहीं भरे जाते

थोड़ा सा ख़र्च मज़ा यक्का नहीं बहुत सा कहाँ से आए

प्रीत डगर जब पग रखा होनी होय सो हो, नेह नगर की रीत है तन मन दीनो खो

प्रेम में भू-लोक एवं परलोक कहीं का होश नहीं रहता, मनुष्य बे-परवाह हो जाता है

बारह बरस की कन्या और छटी रात का बर वो तो पीवे दूध है तेरा मन माने सो कर

जब वास्तविकता में पति बुरा है तो स्त्री को अधिकार है जो चाहे सो करे

पार कहें सो वार है वार कहें सो पार, पकड़ किनारा बैठ रह यही वार और पार

पार और वार रिश्ला एवं संबंधी शब्द हैं उधर वालों के लिए दूसरी तरफ़ पार है और इधर वालों के लिए यह पार है सो बेकार में झगड़े नहीं करने चाहियें

गरजते हैं सो बरस्ते नहीं

शोर करने वाला कोई काम नहीं करसकता, शेखी बाज़ों की बातें ही बातें हुआ करती हैं, लाफ ज़न कुछ नहीं कर सकता, जो डींगें मारते हैं वो करते कुछ नहीं

खुर्री चारपाई पर सो कर आए हैं

ख़्वाहमख़्वाह सुबह सुबह बदमिज़ाजी करे या कोई आते ही झगड़ने लगे तो कहते हैं

ऐसे ही तुम ने सोंठ भेजी है

तुम से मैंने क्या कोई क़र्ज़ ले रखा है जो तुम से दब जाऊँ

सोंठी सर्राफ़ है

बे सरमाया दूकानदार है

सोंठिया सर्राफ़ है

बे सरमाया दूकानदार है

दिन के तीन सो साठ दिन हैं

आज बदला न ले सके तो उम्र पड़ी है कभी न कभी बदला लेने का अवसर मिल ही जाएगा

भैंस सब भैंसों को भर देती है

एक बुराई से सब बदनाम हो जाते हैं

सोंटे को सोना लगाता है

बुरी शक्ल वाले को अच्छा कपड़ा पहनाने के अवसर पर बोलते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में है सो है के अर्थदेखिए

है सो है

hai so haiہَے سو ہَے

वाक्य

है सो है के हिंदी अर्थ

  • है तो यही है, जो मौजूद है वह तो है ही, बाक़ी है

ہَے سو ہَے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ہے تو یہی ہے ، جو موجود ہے وہ تو ہے ہی ، باقی ہے ۔

Urdu meaning of hai so hai

  • Roman
  • Urdu

  • hai to yahii hai, jo maujuud hai vo to hai hii, baaqii hai

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है सो है

है तो यही है, जो मौजूद है वह तो है ही, बाक़ी है

देखता है सो कहता नहीं कहता है सो देखता नहीं

कोई सच्ची गवाही नहीं देता है, जिस ने देखा है वो गवाही नहीं देता और जो गवाही देता है उस ने देखा कुछ नहीं

जो ढूँडना है सो पाना है

जो कोशिश करता है वही कामयाब होता है

क़रीब है सो रक़ीब

रिश्तेदार या क़िराबती को हसद ज़्यादा होता है मशहूर अरबी क़ौल इलाक़ा रब का (इलाक़ा रब का) उर्दू तर्जुमा

जो बात है सो ख़ूब है क्या बात है आप की

आप ख़ुद बेमिसल अवार आप की हर बात बेमिसाल है, तनज़्ज़ा कहते हैं

आज है सो कल नहीं

दिन प्रतिदिन बरबादी है, बुरा समय आता जाता है, संसार परिवर्तनशील है, जो स्थिति आज है वह कल नहीं होगी

जितना रुला है सो चुग लो

जितना क़िस्मत या भाग्य में है लेलो

हाँडी में जो होता है सो वही चमची में निकलता है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

हाँडी में जो होता है सो वही डोई में निकलता है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

जो गरजना है सो बरसता नहीं

बढ़-बढ़कर बातें बनाने वाला निकम्मा और बेकार होता है, शेख़ी बघारने वाला बे-मतलब और टालमटोल करने वाला होता है (बहुवचन के रूप में भी प्रयुक्त)

हाँडी में जो होता है सो वही डोई में आता है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

तू कहे सो सच है बूढ़ी तू कहे सो सच

किसी की सच बात को भी अनसुनी करना, जब कोई किसी की दुहाई सुनना न चाहे

जो कुछ कहो सो फबती है

जो कहा जाए सुंदर है

जो मेरे है सो राजा के नहीं

जो कुछ मुझे प्राप्त है वो किसी को भी प्राप्त नहीं

जो मेरे है सो राजा के नहीं

۔مثل۔ (عو) کم ظرفی سے اپنے آپ کو بڑا جاننے والے کی نسبت بولتی ہیں۔

जो पारस से कंचन उपजे सो पारस है काँच, जो पारस से पारस उपजे सो पारस है साँच

अच्छा काम वही है जिस का परिणाम अच्छा हो जिस का परिणाम बुरा हो वो काम भी बुरा है

राह ही राह, सो राह ही रा, राह ही राह, सो यही है अपना

जो सब की शैली है वही अच्छी है, जो दूसरों की शैली है वही अपनी है

वक़्त पर जो हो जाए सो ठीक है

समय पर जो कुछ हो जाए बेहतर है क्यूँकि ऐसे समय पर मनुष्य घबरा जाता है

हाँडी में जो होगा है सो वही डोई में निकलेगा

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

हाँडी में जो हो सो वही चमची में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

सोता है सो खोता है

one who sleeps loses

हाँडी में जो हो सो वही डोई में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

न लड़, लड़ना शैतान का काम है, बनी पे जो चूके सो तुख़्म हराम है

बिना नियन्त्रण के लड़ना नहीं चाहिए और जब नियन्त्रण मिले तो चूक जाना बड़ी मूर्खता है

अन-होती को होत को ताकत है सब को, अन-होनी होनी नहीं होनी, होवे सो होए

जो होना है या जो भाग्य में है वह होकर रहता है, जो नहीं होना या जो भाग्य में नहीं है वह कभी नहीं होगा, यद्यपि बहुत से लोग असंभव बात की आशा रखते हैं, परंतु असंभव बात होती नहीं

मुँह मोतियों से भरा जा सकता है , सो मुँह ख़ाक से भी नहीं भरे जाते

थोड़ा सा ख़र्च मज़ा यक्का नहीं बहुत सा कहाँ से आए

प्रीत डगर जब पग रखा होनी होय सो हो, नेह नगर की रीत है तन मन दीनो खो

प्रेम में भू-लोक एवं परलोक कहीं का होश नहीं रहता, मनुष्य बे-परवाह हो जाता है

बारह बरस की कन्या और छटी रात का बर वो तो पीवे दूध है तेरा मन माने सो कर

जब वास्तविकता में पति बुरा है तो स्त्री को अधिकार है जो चाहे सो करे

पार कहें सो वार है वार कहें सो पार, पकड़ किनारा बैठ रह यही वार और पार

पार और वार रिश्ला एवं संबंधी शब्द हैं उधर वालों के लिए दूसरी तरफ़ पार है और इधर वालों के लिए यह पार है सो बेकार में झगड़े नहीं करने चाहियें

गरजते हैं सो बरस्ते नहीं

शोर करने वाला कोई काम नहीं करसकता, शेखी बाज़ों की बातें ही बातें हुआ करती हैं, लाफ ज़न कुछ नहीं कर सकता, जो डींगें मारते हैं वो करते कुछ नहीं

खुर्री चारपाई पर सो कर आए हैं

ख़्वाहमख़्वाह सुबह सुबह बदमिज़ाजी करे या कोई आते ही झगड़ने लगे तो कहते हैं

ऐसे ही तुम ने सोंठ भेजी है

तुम से मैंने क्या कोई क़र्ज़ ले रखा है जो तुम से दब जाऊँ

सोंठी सर्राफ़ है

बे सरमाया दूकानदार है

सोंठिया सर्राफ़ है

बे सरमाया दूकानदार है

दिन के तीन सो साठ दिन हैं

आज बदला न ले सके तो उम्र पड़ी है कभी न कभी बदला लेने का अवसर मिल ही जाएगा

भैंस सब भैंसों को भर देती है

एक बुराई से सब बदनाम हो जाते हैं

सोंटे को सोना लगाता है

बुरी शक्ल वाले को अच्छा कपड़ा पहनाने के अवसर पर बोलते हैं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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