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मंज़ूम

काव्य, पद्य, पद्यात्मक, छंदोबद्ध, नज़्म की सूरत में लाया हुआ, छंद के रूप में परिवर्तित किया हुआ

मंज़ूमात

नज्मों का संग्रह, वह संग्रह जिसमें ग़ज़लें’ न हों, केवल नज्में हों

मंज़ूमियत

पद / कविता की शक्ल में होना अथवा छंदोबद्ध होने की हालत, नज़्म होना

मंज़ूम करना

कविता लिखना, नज़्म करना, शेर में ढालना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ग़ज़ल के अर्थदेखिए

ग़ज़ल

Gazalغَزَل

स्रोत: अरबी

वज़्न : 12

शब्द व्युत्पत्ति: ग़-ज़-ल

ग़ज़ल के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • (शब्दकोशीय अर्थ) स्त्रियों के साथ बातचीत और प्रेमालाप
  • (शायरी) कविता की वह विधा जिसमें सामान्यतः हुस्न और इश्क़, मिलन और विरह, शराब और शबाब अर्थात सुरा-सुंदरी, निराशा और हताशा और सूफ़ीवाद और अध्यात्म आदि की बातें कही जाएँ लेकिन ग़ज़ल किसी सीमारेखा से बँधी नहीं रही, अब उसमें हर प्रकार के विषय और समस्याएँ रचे जाते हैं ग़ज़ल हर बहर में कही जाती है, उसका हर शेर सामान्यतः अलग प्रकार के विषय का रखने वाला होता है, उसका पहला शेर मतला कहलाता है जिसके दोनों मिसरे हम-रदीफ़ और हम-क़ाफ़िया होते हैं, बाक़ी शेरों के मिसरा-ए-सानी अर्थात दूसरे मिसरे में क़ाफ़िया होता है, अंतिम शेर में जिसमें शायर का तख़ल्लुस अर्थात उपनाम हो मक़ता कहलाता है, सबसे उत्तम शेर को शाह बैत कहते हैं

    उदाहरण 'मीर' ने अपनी ग़ज़ल में अपने माशूक़ का मुजस्सम ज़िक्र किया है

  • अमीर ख़ुसरो के द्वारा अविष्कृत एक राग

शे'र

English meaning of Gazal

Noun, Feminine

  • (Lexical) amatory conversation with a woman, to talk, &c. in an amatory and enticing manner
  • a genre of poetry dealing largely with topics of both worldly and spiritual love, comprising of couplets, the second part of which are in rhyme, an amatory poem, an ode

    Example 'Meer' ne apni ghazal mein apne mashuq ka mujassam zikr kia hai

  • a melody invented by Amir Khosrow

غَزَل کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مؤنث

  • (لغوی معنی) عورتوں کے ساتھ بات چیت اور عشق بازی
  • (شاعری) وہ صنف سخن جس میں عموماً حُسن و عشق، وصال و فراق، شراب و شباب، یاس و حرماں اور تصوّف و معرفت وغیرہ کی باتیں کہی جائیں لیکن غزل کسی حد بندی کی پابند نہیں رہی، اب اس میں ہر قسم کے موضوعات و مسائل نظم کیے جاتے ہیں غزل ہر بحر میں کہی جاتی ہے، اس کا ہر شعر عموماً جداگانہ مضمون کا حامل ہوتا ہے، اس کا پہلا شعر مطلع کہلاتا ہے جس کے دونوں مصرعے ہم ردیف اور ہم قافیہ ہوتے ہیں، باقی اشعار کے مصرع ثانی میں قافیہ ہوتا ہے، آخری شعر میں جس میں شاعر کا تخلّص ہو مقطع کہلاتا ہے، سب سے عمدہ شعر کو شاہ بیت کہتے ہیں

    مثال میرؔ نے اپنی غزل میں اپنے معشوق کا مجسم ذکر کیا ہے

  • امیر خسرو کا ایجاد کردہ ایک راگ

Urdu meaning of Gazal

  • Roman
  • Urdu

  • (lugvii maanii) aurto.n ke saath baatachiit aur ishaqzii
  • (shaayarii) vo sinaf suKhan jis me.n umuuman husan-o-ishaq, visaal-o-firaaq, sharaab-o-shabaab, yaas-o-hirmaa.n aur tasavvuph-o-maarfat vaGaira kii baate.n kahii jaa.e.n lekin Gazal kisii hadbandii kii paaband nahii.n rahii, ab is me.n har kism ke mauzuu.aat-o-masaa.il nazam ki.e jaate hai.n Gazal har bahr me.n kahii jaatii hai, is ka har shear umuuman judaagaana mazmuun ka haamil hotaa hai, is ka pahlaa shear matlaa kahlaataa hai jis ke dono.n misre ham radiif aur ham qaafiyaa hote hain, baaqii ashaar ke misraa saanii me.n qaafiyaa hotaa hai, aaKhirii shear me.n jis me.n shaayar ka taKhallus ho maqtaa kahlaataa hai, sab se umdaa shear ko shaah bait kahte hai.n
  • amiir Khusro ka i.ijaad karda ek raag

ग़ज़ल से संबंधित रोचक जानकारी

ग़ज़ल उर्दू शायरी की सबसे लोकप्रिय विधा है। ग़ज़ल अरबी शब्द है जिसके शाब्दिक अर्थ हैं औरतों से बातें करना या औरतों के बारे में बातें करना। हिरन के बच्चे के मुंह से निकलने वाली दर्द भरी आवाज़ को ग़ज़ल का नाम दिया जाता है। ग़ज़ल की शुरुआत अरब से हुई, वहां से ईरान पहुंची और फ़ारसी साहित्य के रास्ते उर्दू साहित्य में लोकप्रिय हो गई और रशीद अहमद सिद्दीकी के अनुसार यह उर्दू शायरी की आबरू है। इसका सुर और संगीत से भी गहरा संबंध है। ग़ज़ल समान क़ाफ़िया व छंद और समान रदीफ़ पंक्तियों से बने अश्आर का संग्रह होती है। रदीफ़ वह शब्द या शब्दों का संग्रह है जो हर शे'र के आख़िर में दोहराया जाये। क़ाफ़िया वह समान ध्वनि वाले शब्द होते हैं जो रदीफ़ से पहले आते हैं: बस्ती अपनी हुबाब की सी है ये नुमाइश सराब की सी है इसमें "हुबाब" और "सराब" क़ाफ़िया हैं और "सी है" रदीफ़ है। मतला ग़ज़ल का पहला शे'र होता है जिसमें शे'र के दोनों मिस्रे (पंक्तियां) समान क़ाफ़िया और समान रदीफ़ के होते हैं। बाद के शे'रों में पहले मिस्रे में यह पाबंदी नहीं होती। आख़िरी शे'र जिसमें शायर का तख़ल्लुस इस्तेमाल होता है मक़ता कहलाता है। ग़ज़ल का हर शे'र अपनी जगह एक पूर्ण इकाई होता है जिसमें अलग अलग पूरा मज़्मून बांधा जाता है। कभी कभी एक पूरी ग़ज़ल भी किसी एक विषय पर आधारित हो सकती है। ग़ज़ल का विषय वस्तु बहुत व्यापक है, उसमें भावनाओं की अभिव्यक्ति,विरह और मिलन की स्थिति, ज़माने की शिकायत, तसव्वुफ़ और यथार्थ व ज्ञान शामिल हैं।

लेखक: अज़रा नक़वी

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काव्य, पद्य, पद्यात्मक, छंदोबद्ध, नज़्म की सूरत में लाया हुआ, छंद के रूप में परिवर्तित किया हुआ

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नज्मों का संग्रह, वह संग्रह जिसमें ग़ज़लें’ न हों, केवल नज्में हों

मंज़ूमियत

पद / कविता की शक्ल में होना अथवा छंदोबद्ध होने की हालत, नज़्म होना

मंज़ूम करना

कविता लिखना, नज़्म करना, शेर में ढालना

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