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मुर्ग़ी

मादा मुर्ग, क प्रकार का पालतू पक्षी

मुर्ग़ी-वाला

मुर्ग़ी का, मुर्ग़ी का जना

मुर्ग़ी-ख़ाना

henhouse, coop, poultry-farm

मुर्ग़ी का गू

۔(کنایۃً) ناکاڑ چیزاور نکما آدمی ۔

मुर्ग़ी बिठाना

मुर्ग़ी को अंडों पर बिठाना, अंडे सेने के लिए बिठाना

मुर्ग़ी का जना

رک : مرغی کا ۔

मुर्ग़ी की अज़ान कौन सुनता है

औरत की बात का कोई एतबार नहीं, अगर मुर्ग़ी की बजाय मुर्गे कहा जाए तो बकवासी डींग का क्या भरोसा

मुर्ग़ी की बाँग का क्या ए'तिबार

'औरत की बात का क्या भरोसा, 'औरत की डींग का क्या भरोसा

मुर्ग़ी हलाल होना

मुर्ग़ी हलाल करना (रुक) का लाज़िम, मुर्ग़ी से हलाल गोश्त हासिल होना

मुर्ग़ी को तकले का घाओ बहुत है

۔मिसल ग़रीब को थोड़ा नुक़्सान भी बहुत है।कमज़ोर को थोड़ा सदमा भी बहुत है।(मुहसिनात)बढ़िया हरियाली और कोठरी की दीवार में आकर बच गई मगर वही मिसल है मुर्ग़ी को तकले ही का घाओ बहुत होताहै दोतीन दोहतड़ जो इस पर जमे सिसकियां लियेने लगी

मुर्ग़ी की एक टाँग

रुक : मुर्ग़ी की एक टांग, वहां बोलते हैं जहां कोई अपनी ग़लत बात पर उड़ा रहे

मुर्ग़ी अंडे की बहस

बेकार की बहस

मुर्ग़ी जान से गई खाने वाले को मज़ा न आया

जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं

मुर्ग़ी अपनी जान से गई खाने वाले को स्वाद न आया

जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं

मुर्ग़ी अपनी जां से गई खाने वाले को स्वाद न आया

जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं

मुर्ग़ी अपनी जान से गई खाने वाले को मज़ा न आया

जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं

मुर्ग़ी की बाँग रवा नहीं

पुरुषों में महिलाओं का कोई मोल नहीं होना, महिलाओं की बातें मायने नहीं रखतीं, कमज़ोर की बात कोई मायने नहीं रखती

मुर्ग़ी की बाँग कौन सुनता है

'औरत की बात का क्या भरोसा, 'औरत की डींग का क्या भरोसा

मुर्ग़ी नौ जगह हलाल नहीं होती

थोड़ी चीज़ में हर शख़्स को अलग अलग हिस्सा नहीं दिया जा सकता

मुर्ग़ी के ख़्वाब में दाना ही दाना

मनुष्य हर समय अपने ही मतलब की बात सोचता है

मुर्ग़ी को तकले का दाग़ बहुत काफ़ी है

ग़रीब और मुफ़लिस आदमी के लिए थोड़ा नुक़्सान ही बहुत है

मुर्ग़ी की बाँग को कौन सहीह कहता है

स्त्री की बात का कोई भरोसा नहीं

मुर्ग़ी के लिये तकले का ज़ख़्म भी बहुत होता है

रुक : मुर्ग़ी को तकले का घाओ बस अलख

मुर्ग़ी की अज़ान और 'औरत की गवाही का ए'तिबार नहीं

मुर्ग़ी का अज़ान देना प्रकृति के ख़िलाफ़ है और महिला की गवाही मान्य नहीं है

मुर्ग़ी तो जान से गई, खाने वालों को मज़ा न आया

रुक : मुर्ग़ी अपनी जान से गई खाने वालों को मज़ा ना आया

मुर्ग़-फ़िरदौस

جنت کا پرند ؛ (مراداً) نیوگنی کا پرند جس کے پر بہت خوبصورت ہوتے ہیں (Bird of Paradise)

भीगी-मुर्ग़ी

अत्यधिक निर्धन रूपी, बड़ा ग़रीब, मुसीबत का मारा, बेबस, मजबूर, लाचार

चीना-मुर्ग़ी

तीतरी मुर्ग़ी, तीतर से मिलती-जुलती मुर्ग़ी जो धब्बेदार और सफ़ेद भी होती है

पन-मुर्ग़ी

water fowl

कड़क-मुर्ग़ी

hen which does not lay eggs

घर की मुर्ग़ी

वह बहुमूल्य वस्तु जिसका कोई मूल्य नहीं

असील मुर्ग़ी टके-टके

भले लोगों का अपमान है

बच्चे वाली मुर्ग़ी

(کنایۃً) خوشۂ پرویں ، عقد ثریا ، سات ستاروں والا جھمکا

गगन के बच्चे वाली मुर्ग़ी

वृष तारामंडल में तारों का समूह, कृत्तिका

असील की मुर्ग़ी टके-टके

भले लोगों का अपमान है

आधी मुर्ग़ी आधा बटेर

दो धर्म रखने वाला

जोड़ी मुर्ग़ी विलायती चाल

(तंज़न) उस शख़्स के मुताल्लिक़ कहते हैं जो दूसरों की नक़ल करे

दमड़ी की मुर्ग़ी, नौ टके नकिया

टके की मुर्ग़ी, छे टके महसूल

लाभ कम ख़र्च अधिक, जितने की वस्तु नहीं उतने से अधिक उस पर ख़र्च करना एवं दमड़ी की बुढ़िया टका सर-मुँडाई

मेरी मुर्ग़ी की तीन टाँग

अपनी चीज़ की बेजा तारीफ़

घर की मुर्ग़ी साग बरोबर

घर की सब से अच्छी वस्तु का घर में ही मूल्य नहीं, आसानी से मिलने वाली वस्तु का कोई मूल्य नहीं, जो कुछ अपने पास है उस का महत्व नहीं होता

घर की मुर्ग़ी दाल बराबर

घर की सब से अच्छी वस्तु का घर में ही मूल्य नहीं, आसानी से मिलने वाली वस्तु का कोई मूल्य नहीं, जो कुछ अपने पास है उस का महत्व नहीं होता

दो मुल्लाओं में मुर्ग़ी हराम

दो या कई आदमी एक काम करने लगें तो काम ख़राब होता है, विवाद से काम बिगड़ जाता है

भले आदमी की मुर्ग़ी टके-टके

भले आदमी की चीज़ें लोग वैसे ही ले जाते हैं

गू दर गू, मुर्ग़ी का गू

बहुत ही ख़राब वस्तु के हेतु प्रयुक्त

दमड़ी की मुर्ग़ी, नौ टके निकियाई

लाभ कम ख़र्च अधिक, जितने की वस्तु नहीं उतने से अधिक उस पर ख़र्च करना एवं दमड़ी की बुढ़िया टका सर-मुँडाई

एक मुर्ग़ी नौ जगह हलाल नहीं होती

थोड़ी सी वस्तु बहुत से लोगों के काम नहीं आ सकती

घर की मुर्ग़ी का दाल बन जाना

रुक: घर की मुर्ग़ी दाल बराबर

खेल न जाने मुर्ग़ी का उड़ाने लगा बाज़

साधारण काम को कर नहीं सकता बड़े कामों में हाथ डालता है, छोटे काम कर नहीं सकता, बड़े काम का ज़िम्मा लेता है

गधा गिरे पहाड़ से, मुर्ग़ी के टूटे कान

एक असंबद्ध बात, असंभव बात, न गधा पहाड़ से गिरता है न मुर्ग़ी के कान टूट सकते हैं

जूँ जूँ मुर्ग़ी मोटी हो तूँ तूँ दुम सिकुड़े

कंजूस व्यक्ति जितना धनवान हो उतना ही कंजूसी करता है

क़ाज़ी जी के घर की मुर्ग़ी भी पढ़ी हुई होती है

रुक : क़ाज़ी के घर के चूहे भी सयाने

अपनी मुर्ग़ी बुरी न हो तो हमसाए में अंडा क्यों दे

नुक़्सान अपने ही हाथों होता है

पारस नाथ से चक्की भली जो आटा देवे पीस, कोढ़ नर से मुर्ग़ी भली जो अंडे देवे बीस

जिस व्यक्ति से लोगों को लाभ पहुंचे वो अनुपकारी एवं कंजूस व्यक्ति से बहुत अच्छा है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में एक मुर्ग़ी नौ जगह हलाल नहीं होती के अर्थदेखिए

एक मुर्ग़ी नौ जगह हलाल नहीं होती

ek murgii nau jagah halaal nahii.n hotiiایک مُرْغی نَو جَگہ حَلال نہیں ہوتی

कहावत

एक मुर्ग़ी नौ जगह हलाल नहीं होती के हिंदी अर्थ

  • थोड़ी सी वस्तु बहुत से लोगों के काम नहीं आ सकती
  • एक आदमी अपने को एक साथ कई कामों में नहीं खपा सकता अथवा एक साथ कई स्थानों पर काम नहीं कर सकता

ایک مُرْغی نَو جَگہ حَلال نہیں ہوتی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • تھوڑی سی چیز بہت سے لوگوں کے کام نہیں آ سکتی
  • ایک آدمی اپنے کو ایک ساتھ کئی کاموں میں نہیں کھپا سکتا یا ایک ساتھ کئی جگہوں پر کام نہیں کر سکتا

Urdu meaning of ek murgii nau jagah halaal nahii.n hotii

  • Roman
  • Urdu

  • tho.Dii sii chiiz bahut se logo.n ke kaam nahii.n aa saktii
  • ek aadamii apne ko ek saath ka.ii kaamo.n me.n nahii.n khapaa saktaa ya ek saath ka.ii jagho.n par kaam nahii.n kar saktaa

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मुर्ग़ी

मादा मुर्ग, क प्रकार का पालतू पक्षी

मुर्ग़ी-वाला

मुर्ग़ी का, मुर्ग़ी का जना

मुर्ग़ी-ख़ाना

henhouse, coop, poultry-farm

मुर्ग़ी का गू

۔(کنایۃً) ناکاڑ چیزاور نکما آدمی ۔

मुर्ग़ी बिठाना

मुर्ग़ी को अंडों पर बिठाना, अंडे सेने के लिए बिठाना

मुर्ग़ी का जना

رک : مرغی کا ۔

मुर्ग़ी की अज़ान कौन सुनता है

औरत की बात का कोई एतबार नहीं, अगर मुर्ग़ी की बजाय मुर्गे कहा जाए तो बकवासी डींग का क्या भरोसा

मुर्ग़ी की बाँग का क्या ए'तिबार

'औरत की बात का क्या भरोसा, 'औरत की डींग का क्या भरोसा

मुर्ग़ी हलाल होना

मुर्ग़ी हलाल करना (रुक) का लाज़िम, मुर्ग़ी से हलाल गोश्त हासिल होना

मुर्ग़ी को तकले का घाओ बहुत है

۔मिसल ग़रीब को थोड़ा नुक़्सान भी बहुत है।कमज़ोर को थोड़ा सदमा भी बहुत है।(मुहसिनात)बढ़िया हरियाली और कोठरी की दीवार में आकर बच गई मगर वही मिसल है मुर्ग़ी को तकले ही का घाओ बहुत होताहै दोतीन दोहतड़ जो इस पर जमे सिसकियां लियेने लगी

मुर्ग़ी की एक टाँग

रुक : मुर्ग़ी की एक टांग, वहां बोलते हैं जहां कोई अपनी ग़लत बात पर उड़ा रहे

मुर्ग़ी अंडे की बहस

बेकार की बहस

मुर्ग़ी जान से गई खाने वाले को मज़ा न आया

जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं

मुर्ग़ी अपनी जान से गई खाने वाले को स्वाद न आया

जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं

मुर्ग़ी अपनी जां से गई खाने वाले को स्वाद न आया

जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं

मुर्ग़ी अपनी जान से गई खाने वाले को मज़ा न आया

जब कोई किसी की तन-मन से सेवा करे और वो उसकी सेवा से संतुष्ट न हो तो कहते हैं

मुर्ग़ी की बाँग रवा नहीं

पुरुषों में महिलाओं का कोई मोल नहीं होना, महिलाओं की बातें मायने नहीं रखतीं, कमज़ोर की बात कोई मायने नहीं रखती

मुर्ग़ी की बाँग कौन सुनता है

'औरत की बात का क्या भरोसा, 'औरत की डींग का क्या भरोसा

मुर्ग़ी नौ जगह हलाल नहीं होती

थोड़ी चीज़ में हर शख़्स को अलग अलग हिस्सा नहीं दिया जा सकता

मुर्ग़ी के ख़्वाब में दाना ही दाना

मनुष्य हर समय अपने ही मतलब की बात सोचता है

मुर्ग़ी को तकले का दाग़ बहुत काफ़ी है

ग़रीब और मुफ़लिस आदमी के लिए थोड़ा नुक़्सान ही बहुत है

मुर्ग़ी की बाँग को कौन सहीह कहता है

स्त्री की बात का कोई भरोसा नहीं

मुर्ग़ी के लिये तकले का ज़ख़्म भी बहुत होता है

रुक : मुर्ग़ी को तकले का घाओ बस अलख

मुर्ग़ी की अज़ान और 'औरत की गवाही का ए'तिबार नहीं

मुर्ग़ी का अज़ान देना प्रकृति के ख़िलाफ़ है और महिला की गवाही मान्य नहीं है

मुर्ग़ी तो जान से गई, खाने वालों को मज़ा न आया

रुक : मुर्ग़ी अपनी जान से गई खाने वालों को मज़ा ना आया

मुर्ग़-फ़िरदौस

جنت کا پرند ؛ (مراداً) نیوگنی کا پرند جس کے پر بہت خوبصورت ہوتے ہیں (Bird of Paradise)

भीगी-मुर्ग़ी

अत्यधिक निर्धन रूपी, बड़ा ग़रीब, मुसीबत का मारा, बेबस, मजबूर, लाचार

चीना-मुर्ग़ी

तीतरी मुर्ग़ी, तीतर से मिलती-जुलती मुर्ग़ी जो धब्बेदार और सफ़ेद भी होती है

पन-मुर्ग़ी

water fowl

कड़क-मुर्ग़ी

hen which does not lay eggs

घर की मुर्ग़ी

वह बहुमूल्य वस्तु जिसका कोई मूल्य नहीं

असील मुर्ग़ी टके-टके

भले लोगों का अपमान है

बच्चे वाली मुर्ग़ी

(کنایۃً) خوشۂ پرویں ، عقد ثریا ، سات ستاروں والا جھمکا

गगन के बच्चे वाली मुर्ग़ी

वृष तारामंडल में तारों का समूह, कृत्तिका

असील की मुर्ग़ी टके-टके

भले लोगों का अपमान है

आधी मुर्ग़ी आधा बटेर

दो धर्म रखने वाला

जोड़ी मुर्ग़ी विलायती चाल

(तंज़न) उस शख़्स के मुताल्लिक़ कहते हैं जो दूसरों की नक़ल करे

दमड़ी की मुर्ग़ी, नौ टके नकिया

टके की मुर्ग़ी, छे टके महसूल

लाभ कम ख़र्च अधिक, जितने की वस्तु नहीं उतने से अधिक उस पर ख़र्च करना एवं दमड़ी की बुढ़िया टका सर-मुँडाई

मेरी मुर्ग़ी की तीन टाँग

अपनी चीज़ की बेजा तारीफ़

घर की मुर्ग़ी साग बरोबर

घर की सब से अच्छी वस्तु का घर में ही मूल्य नहीं, आसानी से मिलने वाली वस्तु का कोई मूल्य नहीं, जो कुछ अपने पास है उस का महत्व नहीं होता

घर की मुर्ग़ी दाल बराबर

घर की सब से अच्छी वस्तु का घर में ही मूल्य नहीं, आसानी से मिलने वाली वस्तु का कोई मूल्य नहीं, जो कुछ अपने पास है उस का महत्व नहीं होता

दो मुल्लाओं में मुर्ग़ी हराम

दो या कई आदमी एक काम करने लगें तो काम ख़राब होता है, विवाद से काम बिगड़ जाता है

भले आदमी की मुर्ग़ी टके-टके

भले आदमी की चीज़ें लोग वैसे ही ले जाते हैं

गू दर गू, मुर्ग़ी का गू

बहुत ही ख़राब वस्तु के हेतु प्रयुक्त

दमड़ी की मुर्ग़ी, नौ टके निकियाई

लाभ कम ख़र्च अधिक, जितने की वस्तु नहीं उतने से अधिक उस पर ख़र्च करना एवं दमड़ी की बुढ़िया टका सर-मुँडाई

एक मुर्ग़ी नौ जगह हलाल नहीं होती

थोड़ी सी वस्तु बहुत से लोगों के काम नहीं आ सकती

घर की मुर्ग़ी का दाल बन जाना

रुक: घर की मुर्ग़ी दाल बराबर

खेल न जाने मुर्ग़ी का उड़ाने लगा बाज़

साधारण काम को कर नहीं सकता बड़े कामों में हाथ डालता है, छोटे काम कर नहीं सकता, बड़े काम का ज़िम्मा लेता है

गधा गिरे पहाड़ से, मुर्ग़ी के टूटे कान

एक असंबद्ध बात, असंभव बात, न गधा पहाड़ से गिरता है न मुर्ग़ी के कान टूट सकते हैं

जूँ जूँ मुर्ग़ी मोटी हो तूँ तूँ दुम सिकुड़े

कंजूस व्यक्ति जितना धनवान हो उतना ही कंजूसी करता है

क़ाज़ी जी के घर की मुर्ग़ी भी पढ़ी हुई होती है

रुक : क़ाज़ी के घर के चूहे भी सयाने

अपनी मुर्ग़ी बुरी न हो तो हमसाए में अंडा क्यों दे

नुक़्सान अपने ही हाथों होता है

पारस नाथ से चक्की भली जो आटा देवे पीस, कोढ़ नर से मुर्ग़ी भली जो अंडे देवे बीस

जिस व्यक्ति से लोगों को लाभ पहुंचे वो अनुपकारी एवं कंजूस व्यक्ति से बहुत अच्छा है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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